सप्ताह का सबसे लोकप्रिय सेगमेंट “अपने सहकर्मियों की कलम से” लेकर हम अपने समर्पित सहकर्मियों के बीच आ चुके हैं, इसे लोकप्रिय बनाने में सहयोग देने के लिए आपका जितना भी धन्यवाद् करें कम है। अपने सहकर्मियों द्वारा पोस्ट की गयीं सभी contributions ही हैं जिन्होंने इस स्पेशल सेगमेंट को “सबसे लोकप्रिय” की संज्ञा देने में योगदान दिया है। हमारा तो सदैव यही उद्देश्य रहा है कि इस छोटे से समर्पित परिवार के समस्त योगदान एक dialogue की भांति हों, एक वार्तालाप की भांति हों ताकि एक “संपर्क साधना”, communication process, के द्वारा इसे lively बनाया जाए। थोड़े से प्रयास से ही हमें इतना बड़ी सफलता प्राप्त हुई है कि इसका श्रेय अपने गुरु को देते हैं जिन्होंने आप जैसी दिव्य आत्माओं को, हीरों को चुन-चुन कर हम जैसे निर्धन की झोली में डाल दिया और हम इन हीरों को एक समर्पण की माला में पिरोने में सदैव प्रयासरत रहते हैं। हमें तो बार-बार सन्देश मिलते रहे कि आपका काम पोस्ट करना है, कोई पढ़े या न पढ़े ,कोई देखे या न देखे , कोई सुने या न सुने, यह track करना असम्भव है, लेकिन हमारे गुरु ने इस असम्भव को संभव कर दिखाया। आज की परिस्थिति ऐसी है कि छोटे से छोटा कमेंट, छोटे से छोटा योगदान भी हमारी दृष्टि से, अंतःकरण से ओझल नहीं हो सकता।
सबसे पहले एक निवेदन:
आज का सेगमेंट आरम्भ करने से पूर्व एक निवेदन( आग्रह ) करना चाहते हैं। हमें विश्वास है कि इस वर्ष की भांति 2023 में भी सहकर्मी अपने गुरु के चरणों में श्रद्धा सुमन भेंट करके अनंत अनुदान प्राप्त करने का सौभाग्य प्राप्त करेंगें। 2023 की वसंत पंचमी 26 जनवरी को आ रही है। हमारे सहकर्मी जानते हैं कि वसंत पंचमी को ही परम पूज्य गुरुदेव का आध्यात्मिक जन्म दिवस होता है जिस दिन उनके मार्गदर्शक दादा गुरु ने 1926 को आंवलखेड़ा की कोठरी में दर्शन दिए थे।
2022 में लगभग 20 सहकर्मियों ने अपनी अनुभूतियाँ प्रस्तुत कीं जिन्हे हमने 8 लेखों में प्रकाशित किया। यह अनुभूतियाँ युगतीर्थ शांतिकुंज, आंवलखेड़ा ,मथुरा, मस्तीचक, अखंड दीप, अखंड ज्योति पत्रिका,ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार आदि पर आधारित थीं। अधिकतर अनुभूतियाँ ऐसे परिजनों से थीन जिन्हें गुरुदेव-माताजी के साक्षात् दर्शन का सौभाग्य प्राप्त नहीं हुआ था, यह परिजन मात्र सूक्ष्म से ही जुड़े थे लेकिन सभी ने ऐसा मार्गदर्शन प्रदान किया कि हम निशब्द रह गए।
एक बार फिर यह स्वर्ण अवसर आया है, बहती गंगा में हाथ धोने का दुर्लभ अवसर आया है। आज से ही संकल्पित होकर इस कार्य में जुट जाएँ और समय से पहले अपनी contributions भेजना आरम्भ कर दें। विश्वास कीजिये समय का पता ही नहीं चलेगा कि कब 26 जनवरी आ गयी ।
अब कुछ अपडेट:
1. शिकागो USA से पंकज पटेल जी ने ज्ञानप्रसाद के pdf फॉर्मेट को, red color से highlight करने को सराहा है जिसके लिए हम धन्यवाद् करते हैं। बता रहे थे कि हर कोई लेख एक पुस्तक की भांति आकर्षक लग रहा है। जनवरी में भाई साहिब चित्रकूट, प्रयागराज आदि के टूर पर जा रहे हैं, ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार उनकी सुखद यात्रा की कामना करता है।
2. पूनम जी,अशोक जी, अरुण वर्मा जी एवं प्रेरणा बिटिया ने पटना में 10 दिसंबर को आयोजित Youth Empowerment समरोह में में उपस्थित होकर आदरणीय चिन्मय भइया जी के उद्बोधन का अमृतपान किया, तीर्थसेवन अपनेआप में ही बहुत दिव्यता प्रदान करता है। प्रेरणा बिटिया ने फ़ोन करके सारी जानकारी दी थी और अब लिख कर भी भेजी है जो नीचे प्रस्तुत है, यह जानकारी अभी अभी प्राप्त हुई है।
ओम् श्री गुरूसत्तायै नमः।परम आदरणीय चाचाजी आपके श्री चरणों में कोटि कोटि नमन और सभी आत्मीय पाठकों को हमारा भाव भरा सादर प्रणाम।
गुरूसत्ता और गायत्री माता की कृपा से हमें 10 दिसंबर 2022 को पटना में हुए youth empowerment समारोह में जाने का परम सौभाग्य प्राप्त हुआ। जब से मैंने youth empowerment के बारे में सुना था तब से ही मेरे मन में था कि मैं वहां जाऊं परंतु जब मैं अपने पापा से पूछने गई तो उन्होंने मना कर दिया और मैं बहुत दुःखी हुई। तब मैंने मन ही मन गुरुदेव से कहा कि हमको इस प्रोग्राम में जाना है और अब आप ही इसकी व्यवस्था बनाएं। बस मेरे कहने की ही देर थी कि गुरुदेव ने मुझे वहां पहुंचा दिया। सचमुच गुरुदेव की लीला अपरम्पार है।
हम सभी युवाओं का मार्गदर्शन करने के लिए परम आदरणीय चिन्मय भैया जी का यहां शुभ आगमन हुआ।उनका उद्बोधन हम सब युवाओं के जीवन में नया प्राण ऊर्जा लेकर आया।
अब मैं आप सभी को पटना के youth motivator परम आदरणीय मनीष भैया जी के बारे में कुछ संक्षिप्त जानकारी देती हूं।परम आदरणीय मनीष भैया जी जो की 22 दिसंबर 1995 से पटना के कंकड़बाग में स्थित गायत्री शक्तिपीठ में Personality Development Course चला रहे हैं। उन्होंने इसे केवल चार बच्चों से आरंभ किया था और आज ये बहुत ही व्यापक रूप ले लिया है। सचमुच ये गुरुदेव की शक्ति ही है।
पटना में अधिकांश युवा Government Exam की तैयारी के लिए आते हैं, और यहां की चमक दमक में फंसकर अपने लक्ष्य से विमुख हो जाते हैं। उन युवाओं का सही मार्गदर्शन करने के लिए परम आदरणीय मनीष भैया जी प्रत्येक रविवार को पटना के गायत्री शक्तिपीठ में सेमिनार का आयोजन करते हैं।उस सेमिनार में लड़की व लड़कों को आमंत्रित कर उनका मार्गदर्शन करते हैं।
मैं कुछ महीनों से ही उनसे जुड़ी हूं और उनसे इतनी प्रभावित हुई कि मैं बता नहीं सकती। परम पूज्य गुरुदेव ने उन्हें ही ये काम सौंपा है कि वो बिहार के सोएं हुए शेरों को जगाएं और इसका शुभारंभ पटना के गांधी मैदान से हुआ है। उन्होंने कई हज़ार युवाओं को पूरे चार घंटे इस प्रोग्राम में बैठाए रखा। यह अद्भुत, आश्चर्यजनक किन्तु सत्य है क्योंकि आज के युवाओं को किसी अच्छे काम के लिए इतनी देर तक कोई नहीं बैठा सकता परंतु गुरुदेव ने वो शक्ति मनीष भैया को दी और उन्होंने उन युवाओं को पूरे चार घंटे तक बैठाएं रखा। यहां पर एक साथ पच्चास हजार घरों में देव स्थापना का कार्यक्रम भी हुआ । इस अद्भुत दृश्य को मैंने अपने आंखों से देखा। सचमुच मैं बहुत भाग्यशाली हूं।अभी प्रोग्राम चल ही रहा था तो मैंने गुरुदेव से मन ही मन प्रार्थना किया कि मुझे मनीष भैया से एक बार जरुर मिलवा दे और गुरुदेव ने मेरी सुन ली।
प्रोग्राम समाप्त होने के बाद स्टेज पर अनाउंस हुआ कि जिसको भी मनीष भैया से मिलना है वो स्टेज पर आ जाएं और मैं जल्दी से गई । वहां जाकर मैंने देखा कि वहां तो बहुत भीड़ है और मन ही मन मैं गुरुदेव से प्रार्थना कर रही थी कि मुझे मनीष भैया जी से एक बार मिलवा दे और तब वहां एक अंकल आए और बोले कि इन लड़कियों को जाने दो ।तब मैं भागकर गई और उनसे मिली। उनको साक्षात अपने सामने देखकर मैं बता नहीं सकती की मैं कितनी खुश हुई। उनके चेहरे पर ऐसा तेज़ था की मैं देखती रह गई।वो बहुत जल्दी में थे।उनको कहीं जाना था तो वो बस इतना बोले कि आप ही लोगों का तो जमाना है।आप सभी अपनी शक्ति को पहचानें और आगे बढ़ें। उनके साथ मैंने और कुछ और लड़कियां भी थी जो साथ में फोटो लिए। सचमुच मुझे अब भी विश्वास नहीं होता है कि मैं उनसे मिली।इसी के साथ मैं अपनी बात को समाप्त करती हूं। मेरे लिखने में यदि कोई त्रुटी रह गई हो तो उसके लिए हम क्षमा प्रार्थी है। जय महाकाल।
3. आदरणीय निशा बहिन जी ने निम्नलिखित कमेंट करके परिवार भावना व्यक्त की है। राजकुमारी जी तो हमें पहले से ही बड़ा भाई कह कर सम्बोधन करती है। अपनत्व से ओतप्रोत इस स्नेह को देख कर गुरुदेव कितने प्रसन्न हो रहे होंगें।
आदरणीय डॉक्टर अरुण त्रिखा जी सादर प्रणाम आदरणीय डॉक्टर अरुण त्रिखा जी आपके सानिध्य में रहकर गुरु से जुड़ी हूं आपको गुरुभाई के रूप में पाकर मैं धन्य हो गई हूँ। कितने संयोग की बात है ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार का सदस्य बनना, वैसे तो मेरा कोई भाई नहीं है मेरे भईया जी 2010 में इस दुनिया से हम सबको छोड़ कर छोटी उम्र में ही चल बसे थे, अभी उनकी शादी भी नही हुई थी मम्मी जी के जाने के बाद मायके में कोई भी नही है लेकिन ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार ने हर वक्त मुझे सहारा दिया। सभी का अपनत्व और प्यार मिला। आदरणीय अरुण कुमार वर्मा जी और आदरणीय सरविंद भईया जी की सिर्फ प्रोफाईल पिक्चर ही देखी है लेकिन ऐसा लगता है कि सदियों से भाई- बहन का रिश्ता है अपने इस परिवार के एक-एक सदस्य के साथ, उनके कॉमेंट के जरिए ही जानते हैं लेकिन सभी अपने लगते हैं पूज्य गुरुदेव की कृपा सभी पर निरंतर बनी रहे आदरणीय डॉक्टर अरुण त्रिखा जी पूज्य गुरुदेव की कृपा आप व आपके परिवार पर सदैव बनी रहे जय गुरुदेव जय माता दी
4. हमारे साथियों को स्मरण होगा कि एक बार संकल्प सूची सिकुड़कर केवल 2 सहकर्मियों, (अरुण वर्मा जी एवं सरविन्द जी) तक ही सीमित रह गयी थी, उस समय हमने करबद्ध निवेदन किया, आप सबने हमारे निवेदन का सम्मान किया, एक बार फिर यह सूची अपने शिखर पर पहुँच गयी और 20 अक्टूबर को 12 गोल्ड मैडल विजेता होना एक रिकॉर्ड था। संकल्प सूची के जन्मदाता सरविन्द जी की इस शोध को हम सब नमन करते हैं। आइये इस सूची को तनिक अगली पायदान पर ले जाने का प्रयास करें। हमें विश्वास है कि इस प्रयास में भी हम सफलता प्राप्त करेंगें क्योंकि इसका संचालन हमारे गुरूजी-माताजी ही तो कर रहे हैं।
क्या है अगली पायदान ?
हमारे बहुत सारे सहकर्मी अपने अमूल्य समय का सदुपयोग करके, ज्ञानप्रसाद के एक-एक point/क्षण का चिंतन-मनन करके, अत्यंत विस्तृत कमैंट्स लिखते हैं जो बहुत ही ज्ञान से भरपूर होने के साथ मार्गदर्शन भी प्रदान करते हैं।अगली पायदान हेतु निवेदन है कि इन कमैंट्स का सम्मान करते हुए अगर आपके काउंटर कमैंट्स इस दिशा में (और लेख पर) केंद्रित हों तो बहुत धन्यवाद् होगा। जब हम ऐसा लिख रहे हैं तो इसका अर्थ कतई यह न समझा जाये कि जनरल कमेंट ( जय गुरुदेव इत्यादि) से हमें कोई प्रेम नहीं है। हर कमेंट गुरुसत्ता के चरणों में समर्पित है लेकिन कहीं हमारी गुरुसत्ता यह न समझ रही हो( डांट रही हो) कि यह तो केवल गिनती बढ़ाने की दिशा में ही प्रयास है। सरविन्द जी की अनुपम शोध को हम कितनी ही बार polish कर चुके हैं, यह प्रयास भी उसी दिशा में है जिससे हमारे सहकर्मियों का सम्मान और अधिक बढ़ेगा जो हमारे लिए सर्वोपरि है। आदर-सम्मान की दिशा में कोई भी compromise करना हमारे लिए असहनीय होगा।
5. यूट्यूब हर वर्ष चैनल की performance के numbers सार्वजानिक करता है, इस वर्ष के numbers का श्रेय हमारे सहकर्मियों को जाता है जिसके लिए हम धन्यवाद् करते हैं। कृपया 18 सेकंड्स का यह short link अवश्य देखिये।
आज भी इस स्पेशल सेगेमेंट को शब्द सीमा के प्रतिबंध के कारण यहीं पर close करना होगा और आप देखिये आज की संकल्प सूची।
आज की 24 आहुति संकल्प सूची में 6 सहकर्मियों ने संकल्प पूरा किया है।संध्या बहिन जी एवं अरुण भाई साहिब को गोल्ड मैडल प्राप्त करने के लिए बधाई और उन सभी का धन्यवाद् जिन्होंने गोल्ड मैडल दिलवाने में सहायता की।
(1)संध्या कुमार-44 ,(2)अरुण वर्मा-45,(3)वंदना कुमार-32,(4) सरविन्द कुमार-27,(5) सुजाता उपाध्याय-38,(6) रेणु श्रीवास्तव-25
सभी को हमारी व्यक्तिगत एवं परिवार की सामूहिक बधाई। सभी सहकर्मी अपनी-अपनी समर्था और समय के अनुसार expectation से ऊपर ही कार्य कर रहे हैं जिन्हें हम हृदय से नमन करते हैं। जय गुरुदेव