अपने सहकर्मियों की कलम से -8 अक्टूबर  2022 – सात सहकर्मियों का योगदान 

परम पूज्य गुरुदेव, वंदनीय माता जी के सूक्ष्म संरक्षण और मार्गदर्शन में 8 अक्टूबर  2022  शनिवार का “अपने सहकर्मियों की कलम से” का यह लोकप्रिय सेगमेंट आपके समक्ष  प्रस्तुत करते  हुए बहुत ही हर्ष हो रहा है । 

आपकी आज्ञा से सबसे पहले हमारी कलम से,  केवल दो बातें :

1.हर्ष का कारण तो हमारे सहकर्मी भलीभांति जानते हैं कि जिस  प्रयास के लिए हम कुछ समय से आपके  सहयोग की याचना कर रहे थे   थे आज सार्थक होता दिख रहा है। अधिक से अधिक एवं नए से नए परिजन कमैंट्स की प्रक्रिया को और अधिक effective करने में जुटे हुए हैं। उसी प्रक्रिया को सार्थक करता यह  वीकेंड स्पेशल सेगमेंट जिसमें हमें अपने परिवार को  जानने का अवसर मिलता है।  परिजन अधिक से अधिक अपनी  contributions भेज रहे हैं; पिक्चर ,वीडियो ,लेख, मैसेज आदि सब प्रकार से अपनी सक्रियता का प्रमाण दे रहे हैं। मानवी मूल्यों का तो यहाँ तक पालन हो  कि हमारी साधना  बहिन जी जगन्नाथ पूरी की यात्रा पर गयी हैं और हमें सूचित कर रही हैं ,राजकुमारी जी जिन्होंने हमें सदैव बड़ा भाई कह कर  ही संबोधन किया है, बता रही हैं कि आज मैं बाहिर हूँ इसलिए ज्ञानरथ में सक्रीय नहीं हूँ। ऐसे सभी परिजनों को ह्रदय से नमन करते हैं। 

हमारे परिजन शायद सोचते हों कि  हम मानवीय मूल्यों की इतनी चिंता क्यों करते हैं।  ऐसा इसलिए है कि  आधुनिक समाज में जिस स्तर की गिरावट आ रही है/ आ गयी है उसमें हमारा  कर्तव्य बनता है कि कम  से कम हम  इन मूल्यों की  रक्षा करके अपना दाइत्व तो निभा दें । लेकिन फिर भी हमारे कहने के बावजूद कुछ एक परिजन ऐसे  हैं जिनके पास इतनी  सवेंदना,समय,शिष्टाचार  नहीं है कि हमें बता  दें कि हम इस परिवार को छोड़  कर जा रहे हैं, उस परिवार को जिसने आपको इतना स्नेह और अपनत्व प्रदान किया जिसकी  किसी अन्य परिवार से तुलना करना  कठिन है। यह अत्यंत वेदना का क्षण होता है। यह परिवार TRY AND TEST के सिद्धांत पर नहीं टिका हुआ। इसकी जड़ें समर्पण और श्रद्धा से सींची गयी हैं। Take it easy और  who cares जैसे शब्द बहुत ही  फैशनेबुल हैं लेकिन ……….. अगर इसी सिद्धांत का पालन करना होता तो हम कई दिन पहले ही,कई बार  आपको सूचित न करते कि  मंगलवार को अवकाश होगा क्योंकि हम हॉस्पिटल में सर्जरी के लिए एडमिट होंगें। हमें अपने स्नेहिल  परिजनों की चिंता रहती है।

हम करबद्ध क्षमाप्रार्थी हैं अगर भावना में बहकर हमने कुछ ग़लत लिख दिया हो, यह हमारी श्रद्धा ही है और कुछ  नहीं। 

 2. पिछले सेगमेंट में भी लिखा था कि कुछ ही दिनों में हम अपने सहकर्मियों द्वारा अनुभव की गयी गायत्री परिवार या ज्ञानरथ की अनुभूतियाँ प्रकाशित करने की योजना बना रहे हैं, सभी से निवेदन है कि लिखना आरम्भ करें और पिक्चर अवश्य भेजें। इसी वर्ष फरवरी में भी निवेदन किया था तो बहुत ही भरपूर समर्थन मिला था ,इतना भरपूर कि हम इन अनुभूतियों पर  आधारित  आठ दिन तक ज्ञानप्रसाद प्रस्तुत करते रहे थे।

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अब हमारे समर्पित और ज्ञानवान सहकर्मियों की कलम से :

सभी सहकर्मियों ने भरपूर  समर्पण दर्शाया है,सभी का योगदान बहुत ही सराहनीय है, धन्यवाद्। प्रस्तुत है एक एक करके सभी का योगदान ,आशा करते हैं आपको बहुत प्रेरणा मिलेगी। 

1.आदरणीय प्रेमशीला मिश्रा जी ने दशहरे वाले दिन ही  लखनऊ में आयोजित 108 कुंडीय गायत्री यज्ञ महायज्ञ की कुछ वीडियोस और  पिक्चर भेजी थीं। बहुत ही सुन्दर जानकारी थी लेकिन दुर्भाग्यवश इस जानकारी को वीडियो वाले दिन (शुक्रवार) को आपके समक्ष न ला सके क्योंकि इसकी योजना हम एक सप्ताह पहले बना चुके थे। इन वीडियोस के  यूट्यूब चैनल को देखने से और भी  महत्वपूर्ण जानकारी मिली तो निर्णय लिया कि आने वाले दिनों में अपनी समर्था के अनुसार एक अच्छी सी वीडियो आपके समक्ष प्रस्तुत की जाए। वीडियोस बहुत ही HD क्वालिटी की हैं, कलश यात्रा की छटा तो देखते ही बनती है लेकिन जो  सबसे महत्वपूर्ण जानकारी है वह है “कलश यात्रा में सप्तऋषियों का आगमन।” विश्वास कीजिये बहुत सुन्दर वीडियो तैयार की जा सकती है, आप प्रतीक्षा कीजिये। 

2.कुमोदिनी गौरहा जी की प्रतिभा और समर्पण से हम सब भलीभांति परिचित हैं, लेकिन उनसे भी बढ़कर हैं बहिन जी की  प्रतिभाशाली बेटी डॉक्टर सुमति पाठक। बहिन जी के ही शब्दों में बेटी के बारे में दी गयी जानकारी आपके समक्ष रखते हैं: मेरी बेटी सुमति कभी भी विपरीत परिस्थितियों में विचलित नहीं हुई और बिना पुस्तक के केवल अपने सहेलियों के सहारे और स्कूल कालेज के पुस्तकालय के सहारे आज एम एस सी,एम फिल, पीएचडी करके शबरी कन्या महाविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं। हे महाकाल की अर्धांगिनी जगत जननी मां भगवती ऐसे ही कृपा दृष्टि सदैव बनाए रखना। 

डॉक्टर सुमति बहुत ही  अच्छे लेख लिखती हैं ,उनके ब्लॉग को सपोर्ट  सबका परम कर्तव्य है। उस ब्लॉग का लिंक दे रहे हैं, आप अवश्य पढ़ें और शेयर करें। 

3.अरुण वर्मा जी ने नवरात्री अनुष्ठान की पूर्णाहुति और कन्या पूजन के वीडियोस और पिक्चर हमें भेजें जिन्हे हम शेयर कर रहे हैं। अरुण जी को हमारा धन्यवाद् 

4.नन्ही काव्या  त्रिपाठी जो केवल 7 वर्ष की है ,हमारी सहकर्मी कुसुम त्रिपाठी जी की पोती है। इस नटखट बच्ची की एक लघु वीडियो का लिंक दे रहे हैं ,हमें तो बहुत ही आनंद प्राप्त  हुआ, आप भी enjoy कीजिये और बच्ची को आशीर्वाद दीजिये। कुछ दिन पहले बच्ची ने हमारे साथ वीडियो कॉल की थी। 

5.पूनम जी की अनुभूति  :

मैं नवरात्रि अनुष्ठान में हूं । नित्य जप करने के बाद वंदनीय माता जी के आवाज में गायत्री आरती और गुरुदेव की आवाज में 24 बार वाला गायत्री मंत्र का हवन करती हूं पर कल दिनांक 01.10.2022 को जब मोबाइल उठाई आरती करने के लिए तो पता चला कि नेट खत्म है तो अपने से आरती करना पड़ा लेकिन  जब एक बार पुनः गुरुदेव का ध्यान कर हवन शुरू किया तो अखण्ड दीप का दर्शन होने के साथ ॐ शुरू हुआ, फिर बंद हो गया मैने भारी मन से सोचा कि आज गुरुदेव की आवाज में हवन नहीं हो पायेगा।  बहुत उदास हो गई लेकिन तुरंत शुरू हो गया और जब मैं पूरा हवन कर ली तब अपने आप मोबाइल में प्लान  दिखने लगा और बंद हो गया ।आज गुरुदेव साक्षात आकर मेरा हवन करवाए।  मैं बहुत फूट फूट कर रोई ।आँसू  निकलते ही जा रहे थे । मुझे याद आने लगी कि जो मैंने गुरुदेव के साहित्यों में पढ़ी थी कैसे -कैसे गुरुदेव अपने बच्चों का ख्याल रखते हैं । सबसे दर्दनाक बात  पिछले बार के अपने सहकर्मियों के कलम से में आपने जो एक कहानी लिखी थी  जो एक महिला गुरुदेव से एक बार ही मिली दूसरे बार नहीं मिल पाई । पहली बार जब गुरुदेव से मिलने गई थी तो गुरुदेव ने आर्शीवाद दिया कि बेटे को कहना रात में कंबल ओढ़ कर सोये जो बाद में उनके बेटे ने बताया कि कैसे दुश्मनों के भीड़ में भी बच गये जैसे लगा कोई उनके ऊपर कंबल डाल दिया हो । ऐसे हैं  हमारे गुरुदेव जितना भी लिखा जाय कम है।  हम तो अपनेआप को सौभाग्य शाली मानते हैं कि हमें  हमारे गुरुदेव गुरु के रूप में मिले वरना हम ढोगी पंडितो के पीछे बंबार्द हो जाते । न मेरे मैके में गायत्री परिवार है न ही ससुराल में । मैं ही हूं क्योंकि गुरुदेव को मेरे बच्चों से जरूर कुछ बड़ा काम करवाना है ऐसा मुझे लगता है । मैं दोनों बच्चों में बचपन से ही गुरुदेव को बीज रूप में डाल दी हूँ एक दिन वह जरूर वटवृक्ष होकर तैयार हो जायेगा । मेरा जीवन धन्य हुआ । ऐसे गुरु के चरणों में कोटि कोटि प्रणाम हैं । 

6.वंदना जी ने लिखा की मैने तो गुरुदेव की केवल फोटो ही देखी है तो मुझे इतनी अधिक ऊर्जा मिल रही है,मेरे ससुर जी घंटो भर गुरुदेव की आराधना करते थे उनकी क्या अनुभूति होगी।

7.विदुषी बंता जी के  कमेंट का कुछ भाग : 

स्वामी दयानन्द जी ने आगे चलकर आर्य समाज नामक संग ठन की नींव रखी स्कूल और कॉलेज बनवाये।वेदों को वे ही लाये थे तथा ऋग वेद का भाष्य किया उन्होंने सत्यार्थ प्रकाश नामक ग्रंथ की रचना की हमने ये पढ़ा है आप भी जरूर पढ़ें बहुत कुछ सीखने को मिलेगा हम तो बचपन से ही आर्य समाजी रहे हैं हमारे गुरुदेव भी पहले आर्य समाज के प्रधान रहे चुके हैं। गुरुदेव ने आर्य समाज व सनातन का समन्वय करते हुए उसे विज्ञान के साथ जोड़ते हुए गायत्री माता का अवल्मबन लेते हुए विश्व को एक नए विचारों के साथ जोड़ कर जन जाग्रति अभियान चलाया जो कि आज पूरे विश्व में अपनी विजय पताका फ़हरा रहा है। “हम बदलेंगे, युग बदलेगा “हम सुधरेंगे युग सुधरेगा ” तथा 21वीं सदी उज्ज्वल भविष्य के सपने को साकार रूप देकर एक म्हाभियान चलाया जो की पूरे विश्व में सार्थक होता दिख रहा है।

हमारी सबकी परम प्रिय संजना बेटी ने आज ही देव संस्कृति विश्वविद्यालय में अपनी अनुभूति भेजी है। शब्द सीमा और देर से आने के कारण इस अनुभूति को अगले सप्ताह  के लिए  स्थागित करना पड़ेगा।  और भी बहुत कुछ प्रकाशित न हो पाया जिसे अगले सप्ताह के लिए स्थगित किया गया है। 

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आज की संकल्प सूची में 10 सहकर्मियों ने संकल्प पूरा किया है। अरुण कुमार जी  गोल्ड मैडल से सम्मानित किये जाते हैं  ।

(1 )अरुण वर्मा-66   ,(2 )सरविन्द कुमार-29   ,(3)संध्या कुमार-40  ,(4) सुजाता उपाध्याय-56  ,(5) रेणु श्रीवास्तव-32 ,(6 ) विदुषी बंता-27 ,(7 )सुमन लता-29 ,(8)पूनम कुमारी -45, (9)राधा त्रिखा-26,(10) प्रेरणा कुमारी-25    

सभी को  हमारी व्यक्तिगत एवं परिवार की सामूहिक बधाई।  सभी सहकर्मी अपनी-अपनी समर्था और समय  के अनुसार expectation से ऊपर ही कार्य कर रहे हैं जिन्हें हम हृदय से नमन करते हैं, आभार व्यक्त करते हैं और जीवनपर्यन्त ऋणी रहेंगें। जय गुरुदेव,  धन्यवाद।

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