हमारे सहकर्मियों की कलम से – 14 मई 2022 https://drive.google.com/file/d/143Wv… https://drive.google.com/file/d/1Nbsd…
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एक बार फिर शनिवार का दिन आ गया है जब हमें अपने सहकर्मियों की सक्रियता का अनुमान लगाने का सौभाग्य प्राप्त होता है। हम देख ही रहे हैं कि प्रत्येक सहकर्मी किसी न किसी पुरषार्थ में संलग्न है और उसे जिज्ञासा रहती है जिस पुरषार्थ से उसे लाभ हो रहा है, उसके साथ जुड़े प्रत्येक मनुज को इस अमृतपान का अवसर मिले। इस अवसर का सम्पूर्ण लाभ प्राप्त करने के लिए हम सबके लिए यह बहुत ही आवश्यक हो जाता है कि हम पूरे समर्पण और सक्रियता से ऑनलाइन ज्ञानरथ के साथ जुड़े रहें। ऐसा न करने की स्थिति में कई बार महत्वपूर्ण announcements miss हो जाने का अंदेशा रहता है।
आपकी अन्य ज़िम्मेदारियों को देखते हुए हमने आपका workload बहुत ही संक्षिप्त रखा हुआ है। हमारी प्रस्तुति प्रतिदिन केवल एक शुभरात्रि सन्देश, सप्ताह में 4 ज्ञानप्रसाद लेख, एक ऑडियो/ वीडियो और एक “हमारे सहकर्मियों की कलम से” स्पेशल सेगमेंट ही है। यही कारण है कि आप सब हमारी पोस्ट्स की उत्सुकता से प्रतीक्षा करते हैं न कि annoy हो जाते हैं कि क्या बार- बार वही कुछ पोस्ट हो रहा है, आपकी सक्रियता इस तथ्य का साक्षी है।
परमपूज्य गुरुदेव ने जब गायत्री नगर शांतिकुंज में देवात्माओं को जीवनदान के लिए आमंत्रित किया था तो इस देवालय के वातावरण का विस्तृत विवरण अखंड ज्योति के कई अंकों में प्रकाशित किया था। धरती पर स्वर्ग का अवतरण और मनुष्य में देवत्व का उदय केवल कहने की बात नहीं है ,इसे अनुभव करने के लिए गुरुदेव ने स्थाई निर्णय लेने से पूर्व एक माह के लिए आने को कहा था। TB के रोगी बार-बार सैनिटोरियम में केवल वातावरण के लिए ही तो जाते हैं। महानगरों के शोरोगुल से दूर hill stations पर जाने की प्रथा, युगतीर्थ शांतिकुंज में कुछ समय व्यतीत करना, वातावरण के प्रभाव और बैटरी चार्ज करने के प्रमाण ही तो है। ऑनलाइन ज्ञानरथ परिवार इसी वातावरण के प्रभाव को दर्शाता है। अगर इस परिवार के क्रिया कलापों से किसी की मानसिक,पारिवारिक और आध्यात्मिक भूख का निवारण नहीं होता है तो कोई क्यों अपना अमूल्य समय नष्ट करेगा। अगर इस परिवार में मानवीय मूल्यों (शिष्टाचार, आदर, सम्मान, श्रद्धा, समर्पण, सहकारिता, सहानुभूति, सद्भावना, अनुशासन, निष्ठा, विश्वास, आस्था, प्रेम, स्नेह, नियमितता ) का पालन नहीं होता तो कोई क्यों अपना अमूल्य समय नष्ट करेगा। यही वह उत्कृष्ट वातावरण है जो नए परिजनों को हमारी और आकर्षित करेगा, विशाल विश्व्यापी गायत्री परिवार का उदाहरण इन पंक्तियों को सिद्ध कर रहा है। हाँ गुरुकृपा तो अवश्य ही होनी चाहिए ,पात्रता तो अवश्य ही होनी चाहिए नहीं तो अपाचन की समस्या हो सकती है। Eligibility और qualifications की पूर्ति किये बिना अगर कोई पद मिल भी जाता है तो उसकी सफलता पर प्रश्न चिन्न तो लगते ही हैं।
आज के इस स्पेशल सेगमेंट में आदरणीय निशा भारद्वाज,सुमन लता, मृतुन्जय तिवारी ,बिकाश शर्मा ,प्रेरणा बिटिया और अंजू जी का योगदान है जिसके लिए हम आभारी हैं। दो बहुत ही संक्षिप्त वीडियो लिंक भी दिए हैं जिन्हे देखकर आपको गुरुदेव की दिव्यता का आभास होना निश्चित है। 13 मई के ज्ञानप्रसाद के अमृतपान उपरांत केवल अरुण वर्मा जी ही 24 अंक प्राप्त कर सके और वही गोल्ड मैडल विजेता हैं। अरुण जी को हमारी व्यक्तिगत और परिवार की सामूहिक बधाई।
तो आइये देखें क्या कह रहे हैं हमारे contributors, मिलते हैं सोमवार को युगतीर्थ शांतिकुंज की पावन भूमि पर जहाँ परमपूज्य गुरुदेव जल उपवास की साधना कर रहे हैं। **********************
1 ) निशा भरद्वाज:स्वयं गुरूजी ने मुझे जगाया है ॐ श्री गुरु सताए नमः सभी को प्रणाम आज के बहुत ही सुन्दर महत्वपूर्ण प्रेरणादायक और ज्ञानवर्धक लेख के लिए आदरणीय डॉ अरुण त्रिखा जी आपका बहुत बहुत आभार लेख पढ़ते समय ऐसा अनुभव हो रहा था साक्षात गुरुदेव समीप बैठे हुए हैं, एक एक अक्षर से अमृत बरस रहा हो आदरणीय डॉ अरुण त्रिखा जी फोन में कुछ प्रॉब्लम होने के कारण मैं आप सभी से शांतिकुंज में नवरात्रि साधना के दौरान हुई अनुभूतियां शेयर नहीं कर सकी थी इस के लिए आप सभी से क्षमा चाहती हूं। आदरणीय डॉ जी शांतिकुंज मे सचमुच बहुत ही शांति मिलती है ओर वहां का वातावरण भी बहुत ही दिव्य है गुरुदेव, वन्दनीय माता जी और गायत्री माता की तस्वीरें मानो हमसे बाते करती हैं। मुझे आदरणीय श्याम बिहारी दुबे जी , आदरणीय नरेन ठाकुर जी और आदरणीय चिन्मय जी के प्रवचन बहुत ही अच्छे लगे लेकिन एक प्रवचन के समय मेरी आंख लग गई तभी ऐसा महसूस हुआ कि किसी ने मेरे सिर पर हाथ रखा और मेरे पूरे शरीर में जैसे करंट लग रहा है। वैसे ही अनगिनत झटके लगे और मेरी नींद तो गायब हो गई लेकिन जब मैने अपने चारों तरफ देखा तो सभी साधक पूरी निष्ठा के साथ प्रवचन सुन रहे थे ओर मैं समझ गई कि कोई और नहीं था स्वयं गुरूजी ने मुझे जगाया है क्योंकि गुरू जी तो शांतिकुंज के कण कण में विराजमान हैं और सभी पर अपनी दिव्य दृष्टि रखते हैं जय गुरुदेव जय माता दी सादर प्रणाम
2 ) सुमन लता: ब्रह्मवर्चस में 24 गायत्री मंदिरों के सामने नमाज़ पढ़ी जब हम देहरादून में थे,तब वहां से हमें अपने आवास से शांतिकुंज जाने में एक सवा घंटा लगा करता था तो हम दो बार हो आए। इस मार्च में जब हम पुनः गए तो हमारे ड्राइवर एक मुस्लिम भाई थे। हमने उन्हें शांतिकुंज अन्दर आकर देखने को बोला, तो उनके मन में कुछ संकोच था। जब हमने उन्हें थोड़ा प्रोत्साहित किया तो वह अन्दर घूमने के लिए आ गए। जब हम लौट रहे थे तो वह बहुत खुश थे,कह रहे थे कि यहां तो बहुत अच्छा लगता है, बहुत शान्ति है। ऐसा है गुरुदेव का युगतीर्थ शांतिकुंज जहाँ सभी दिव्यता का अनुभव करते हैं।धन्यवाद। जय गुरुदेव इसी सन्दर्भ में हमने अपने चैनल पर कुछ समय पूर्व केवल साढ़े चार मिंट की एक वीडियो अपलोड की थी। इस वीडियो में आप स्वयं देखिये गुरुदेव के बारे में मौलवी जी के विचार। गुरुदेव से जब मौलवी जी ने पूछा- हम आपके कमरे में नमाज़ पढ़ सकते हैं तो गुरुदेव ने यहाँ तक कह दिया कि आप चाहे गायत्री मंदिर में पढ़ लें। उन्होंने ब्रह्मवर्चस में 24 गायत्री मंदिरों के सामने नमाज़ पढ़ी। महेंद्र जी की सास के साथ हुई गुरुदेव की वार्तालाप भी बहुत ही प्रेरणादायक और शिक्षाप्रद है। कहाँ हम ऊंचनीच ,निर्धन -अमीर, वासी-आदिवासी के चक्रों में पड़े हैं और कहाँ हमारे गुरुदेव। सच में हम तो धन्य हो गए ऐसे गुरु को पाकर। शत शत नमन।
3 ) मसूरी इंटरनेशनल स्कूल : एक दिव्य वातावरण परमपूज्य गुरुदेव के संरक्षण में स्थापित हुआ मसूरी इंटरनेशनल स्कूल प्राकृतिक सौंदर्य का एक अद्भुत उदाहरण तो है ही, दिव्यता और अध्यात्म में भी कहीं पीछे नहीं है। इसी स्कूल के समर्पित कार्यकर्ता एवं ऑनलाइन ज्ञानरथ के सक्रिय सहकर्मी आदरणीय अंजू बहिन जी हमें समय-समय पर स्कूल की गतिविधिओं से अवगत कराती रहती हैं। स्कूल की वर्तमान प्रिंसिपल मैडम मीता शर्मा बहुत ही धार्मिक प्रवृति की हैं, हम उन्हें फेसबुक और यूट्यूब पर अक्सर यज्ञ करते देखते हैं। इसी दिव्यता को दर्शाते हम आपके साथ एक बहुत ही छोटी सी वीडियो शेयर कर रहे हैं जो अंजू बहिन जी ने भेजी थी। आप हमारे चैनल पर इस विषय पर और भी वीडियोस देख सकते हैं। बहिन अंजू जी का वीडियो के लिए धन्यवाद् करते हैं।
4 ) 24 अप्रैल 2022 को मस्तीचक बिहार और सारण में श्रेध्य डॉक्टर चिन्मय पंड्या भाई साहिब के संक्षिप्त प्रवास के दौरान श्रीरमेशपुरम का शिलान्यास ,300 बेड का एक और नेत्र हस्पताल का भूमिपूजन और वंदनीय माता जी के जन्म शताब्दी वर्ष 2026 तक कई प्रकार के संकल्प लिए गए , कवर फोटो में कुछ चित्र दर्शाये गए हैं। इस जानकरी को ऑनलाइन ज्ञानरथ परिवार के साथ शेयर करने के लिए चिरंजीवी बिकाश शर्मा और आदरणीय मृतुन्जय तिवारी भाई साहिब का ह्रदय से धन्यवाद् करते हैं। प्रेरणा बिटिया और मृतुन्जय भाई साहिब ने कुछ वीडियोस भी भेजी थीं
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हर बार की तरह आज भी कामना करते हैं कि प्रातः आँख खोलते ही सूर्य की पहली किरण के साथ इस ज्ञानप्रसाद का अमृतपान आपके रोम-रोम में नवीन ऊर्जा का संचार कर दे और यह ऊर्जा आपके दिन को सुखमय बना दे। धन्यवाद् जय गुरुदेव। हर लेख की भांति यह लेख भी बड़े ही ध्यानपूर्वक तैयार किया गया है, फिर भी अगर कोई त्रुटि रह गयी हो तो उसके लिए हम क्षमाप्रार्थी हैं।