9 फ़रवरी 2022 का ज्ञानप्रसाद – गुरुदेव के अध्यात्मिक जन्म दिवस पर हमारी अनुभूतियों के श्रद्धा सुमन-4
हमारे सहकर्मियों की अनुभूतियों का अमृतपान करके अवश्य ही आपका कायाकल्प हो सकता है।
आज का ज्ञानप्रसाद परमपूज्य गुरुदेव के अध्यात्मिक जन्म दिवस पर प्रस्तुत की जा रही अनुभूतियों की श्रृंखला का चतुर्थ भाग है। हमारे दो अति समर्पित सहकर्मी – आदरणीय सरविन्द कुमार जी और स्नेहिल प्रेरणा कुमारी जिसे हम प्यार से प्रेरणा बिटिया के नाम से जानते हैं -अपनी अनुभूतियाँ का संक्षिप्त वर्णन दे रहे हैं। दोनों विवरण ऑनलाइन ज्ञानरथ के बारे में ज़्यादा है- कोई बात नहीं, ऑनलाइन ज्ञानरथ गुरुदेव का ह्रदय ही तो है। जिन्होंने गुरुदेव को देखा तक नहीं, वोह वही लिखेंगें जो उन्हें अनुभव हुआ, जहाँ से भी अनुभव हुआ।
सरविन्द कुमार जी ने पिछले वर्ष (2021) दो लेख प्रकाशित किये थे, जिसमें उन्होंने अपनी जीवन गाथा का विस्तृत वर्णन दिया था। बहुत ही प्रेरणादायक वर्णन था। आज की अनुभूति में उसी गाथा को संक्षेप में बताया गया है। हम अपने पाठकों से अनुरोध करेंगें कि अपने अमूल्य समय में से कुछ पल निकाल कर इन दोनों लेखों को अवश्य पढ़ें, बहुत प्रेरणा मिलेगी। हमने इन लेखों का लिंक नीचे दिया है ।
प्रेरणा बिटिया का क्या कहें- अपने पापा की फ़ोन ID से हमारे साथ लगभग एक वर्ष तक सम्पर्क बनाये रखने वाली इस बेटी ने जब अपना नाम घोषित किया तो हृदय में प्रसन्नता की एक लहर सी दौड़ गयी। प्रसन्नता की लहर केवल इसलिए कि आज की युवा पीढ़ी कितनी जागृत है। हमारी ऑनलाइन ज्ञानरथ परिवार की तीनों बेटियां और एक बेटा बहुत ही आज्ञाकारी हैं। हमारी बड़ी इच्छा है कि इस तरह के और भी युवा आगे आकर इस छोटे से परिवार का दिशा निर्देश करें।
आदरणीय सुमन लता बहिन जी का अनुभूति व्यक्त करता कमेंट यूट्यूब हमारे सहकर्मियों ने अवश्य देखा होगा। कमेंट पढ़कर अपने अन्तःकरण में उठी प्रसन्नता को हम रोक न पाए, एकदम अपना फ़ोन नंबर और जीमेल एड्रेस यूट्यूब पर ही शेयर कर दिया कि आप अपनी फोटो भेज दें -हम यह अनुभूति प्रकाशित करना चाहते हैं। अनुभूति तो उसी समय सेव कर ली और फोटो की प्रतीक्षा करने लग पड़े। बहिन जी का धन्यवाद करना चाहते हैं उनके साथ व्हाट्सप्प पर सम्पर्क स्थापित हो गया है।
तो इस अपडेट के साथ आरम्भ करते हैं सरविन्द कुमार जी और प्रेरणा बिटिया की अनुभूतियाँ
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1. सरविन्द कुमार :
आनलाइन ज्ञान रथ परिवार में जुड़ने के तत्पश्चात हमारी व्यक्तिगत अनुभूति –
1993 में हमें सर्वप्रथम परम पूज्य गुरुदेव द्वारा संचालित मिशन गायत्री परिवार को आदरणीय डॉ रामकुमार गुप्ता जी के माध्यम से जानने और समझने का अवसर मिला। उस समय हमारी आयु केवल 15 वर्ष की थी और डॉ गुप्ता जी के मार्गदर्शन पर हम गायत्री महामंत्र का जाप करने लगे। 1995 में परम पूज्य गुरुदेव की कृपा दृष्टि से तीन दिवसीय पंच कुंडीय गायत्री महायज्ञ का कार्यक्रम सम्पन्न कराया जो सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ l पाठक इस यज्ञ की विस्तृत विवरण हमारे पूर्व प्रकाशित लेखों में देख सकते हैं। https://life2health.org/
यज्ञ के बाद कुछ देर तक तो सब कुछ ठीक रहा, फिर गलत संगत में पड़कर बुरी आदतें उत्पन्न हो गई जिसके परिणाम स्वरूप हम धूम्रपान, मदिरा व मांस का सेवन करने लग पड़े l लगभग 22 वर्ष बाद 2017 में हमारे जीवन में अचानक परिवर्तन आया जिसने हमारे ऊपर परम पूज्य गुरुदेव की कृपा दृष्टि की वर्षा करनी आरम्भ कर दी। यह एक ऐसा परिवर्तन था जिससे हमारी गलत संगत व बुरी आदतों में आमूल-चूल परिवर्तन हुआ और धूम्रपान, मदिरा व मांस हमेशा के लिए छूट गया और हम एक बार फिर से नियमित उपासना, साधना व आराधना में लग गए।
प्रतिदिन 11 माला गायत्री महामंत्र का जाप करने लगे तथा वर्ष की दोनों नवरात्रि महापर्व पर पूरे दिन के उपवास व्रत रखकर 24000 गायत्री महामंत्र का लघु अनुष्ठान अनवरत करते आ रहे हैं। 2020 से बसंत पंचमी के पावन महापर्व पर चालीस दिवसीय अनुष्ठान शुरू कर दिया है और वह भी प्रतिवर्ष सम्पन्न हो रहा है। साधना की इसी कड़ी में कोरोना महामारी की प्रथम लहर में जब सुरक्षा की दृष्टि से घर में रहना पड़ा तो एकदम अंतःकरण हिल उठा कि क्यों न ऐसे समय का सदुपयोग किया जाए। परम पूज्य गुरुदेव ने मार्गदर्शन किया और हमारा हाथ पकड़ कर गायत्री महामंत्र का लेखन कार्य आरम्भ करा दिया। 22 मार्च 2020 से 29 सितम्बर 2020 की अवधि में गुरुदेव की कृपा दृष्टि से 41000 गायत्री महामंत्र लेखन का कार्य संपन्न हुआ।
जिज्ञासा और बढ़ी कि परम पूज्य गुरुदेव के आध्यात्मिक व क्रान्तिकारी विचारों को आत्मसात् कर जन-जन तक पहुँचाने का कार्य किया जाए। इसका भी मार्गदर्शन गुरुदेव से मिला। 2021 में परम पूज्य गुरुदेव के सद्वाक्यों को Facebook पर शेयर करने लगे l
4 मार्च 2021 से आनलाइन ज्ञानरथ परिवार के सूत्राधार व संचालक आदरणीय अरुन भइया जी के सम्पर्क में आ गए और आज भी हैं l आनलाइन ज्ञानरथ परिवार में आने के बाद हमें परम पूज्य गुरुदेव की कृपा दृष्टि व आदरणीय अरुन भइया जी का आशीर्वाद व शुभकामनाएँ पाकर अपार खुशी हुई। इस प्रकार ऊर्जा प्राप्त करके अंतःकरण प्रफुल्लित हो गया जिसका परिणाम हमारे समर्पित सहकर्मी प्रतिदिन देख रहे हैं l सचमुच में आनलाइन ज्ञानरथ परिवार “लेने का नहीं बल्कि देने का एक प्लेटफार्म है” l जब से हम आनलाइन ज्ञान रथ परिवार में जुड़े तो हमें ऐसा महसूस हो रहा है कि हमारा मिलन आदरणीय अरुन भइया जी से नहीं बल्कि साक्षात परम पूज्य गुरुदेव से हुआ है जो सदैव हमारा उत्साहवर्धन व मार्गदर्शन कर रहे हैं। ऑनलाइन ज्ञानरथ द्वारा मनोबल बढ़ाने का जो परमार्थ परायण कार्य हो रहा है वह अत्यंत सराहनीय है। इस अद्भुत प्लेटफॉर्म द्वारा चलाई जा रही सभी योजनाओं से आत्मीयजनों को बहुत बड़ी प्रेरणा मिल रही है जो हमारा दृष्टिकोण बदलने में सहायक सिद्ध हुई हैं। आनलाइन ज्ञान रथ परिवार में आकर हम तो अपनेआप को अत्यंत भाग्यशाली मान रहे हैं। हम आध्यात्मिक व भौतिक दृष्टि से निरंतर प्रगति पथ पर अग्रसर हो रहे हैं और परम पूज्य गुरुदेव की कृपा दृष्टि से विषम परिस्थितियों का सामना करते हुए सहर्ष आगे बढ़ रहे हैं। “जो प्राप्त है वही पर्याप्त है” के सिद्धांत को परम पूज्य गुरुदेव का सर्वोपरि उपहार मानते हुए बहुत खुश हैं, आत्मविश्वास बढ़ रहा है और आत्मसंतुष्टि हो रही है। आदरणीय अरुन भइया जी का आभार व्यक्त करते हैं आप हमारे वरिष्ठ गुरु भाई, शुभचिन्तक, देहधारी गुरु व पथप्रदर्शक के रूप में हमें मिले।
ऑनलाइन ज्ञानरथ परिवार ह्रदय परिवर्तन की प्रयोगशाला:
आनलाइन ज्ञानरथ परिवार हम सबके हृदय परिवर्तन की एक प्रयोगशाला है क्योंकि जो कोई भी इस परिवार के साथ श्रद्धा व विश्वास के साथ समर्पण की भावना लेकर निस्वार्थ भाव से पूर्णतया समर्पित हुआ है उसका कायाकल्प होना सुनिश्चित है। इस statement में तनिक भी संदेह नहीं है l यह हमारा व्यक्तिगत अनुभव है क्योंकि गृहस्थ होने के बावजूद हम आनलाइन ज्ञान रथ परिवार में अपनी सहभागिता सुनिश्चित कर अपनी सक्रियता, सहकारिता, सहानुभूति व सद्भावना को सर्वोपरि मानते हुए निस्वार्थ भाव से योगदान दिए जा रहे हैं। इस सक्रियता का आध्यात्मिक व भौतिक लाभ हमें निरंतर मिल रहा है और आजीवन मिलता रहे l यही है कायाकल्प।
2. प्रेरणा कुमारी :
आनलाइन ज्ञानरथ परिवार एक ऐसा परिवार है जिसमें शिष्टाचार, समर्पण,आदर, श्रद्धा, निष्ठा,व विश्वास जैसे 12 मानवीय मूल्यो की पावन धारा नित निरंतर बहती रहती है। इस ज्ञानरथ के संचालक हमारे आदरणीय अरुण चाचा जी हैं तथा इसके सारथी हमारे परम पूज्य गुरुदेव जी है। परम पूज्य गुरुदेव हमारे मार्गदर्शक हैं तथा आदरणीय अरुण चाचा जी हम सबके पथ प्रदर्शक है।
ऑनलाइन ज्ञानरथ परिवार से जुड़ने का कहानी इस प्रकार शुरू हुई : बहुत समय से मैं यूट्यूब पर वीडियो देखती थी और कमेंट भी करती थी परंतु कभी भी, किसी भी कमेंट का कोई रिप्लाई नहीं आता था। परंतु जब मैंने ऑनलाइन ज्ञानरथ परिवार में कमेंट किया और उसका रिप्लाई आया तो मेरी खुशी का ठिकाना न था। पहले तो मैं सिर्फ जय गुरुदेव ही लिखती थी। फिर चाचा जी ने सभी कमेंटस को पढ़ने तथा काउंटर कमेंट करने को कहा। मैंने वैसा ही किया। धीरे धीरे मैंने लिखना शुरू किया और रिप्लाई इतने पॉजिटिव आते कि मन प्रसन्न हो जाता। ऐसे करते-करते जब हमारी बात आदरणीय अरुण चाचा जी से हुई तो उन्होंने हमारी लेखनी को बहुत सराहा और बोला कि हमारे अंदर जो प्रतिभा छिपी हुई है उसको वह निखारना चाहते हैं जब मैंने पहली बार बात की तो ऐसा बिल्कुल नहीं लगा कि वह हमारे अपने नहीं है। ऐसा प्रतीत हुआ किहम किसी अपने से बात कर रहे हैं। इतना प्यार, इतना अपनापन पाकर मैं मंत्रमुग्ध हो गई।
कुछ समय पहले मैं गलत राह पर चली गई थी तब परम पूज्य गुरुदेव ने सही राह दिखाया और उसी बीच आदरणीय अरुण चाचा जी से हमारा संपर्क करवा दिया। हमारा उचित मार्गदर्शन किया तथा हमारी प्रतिभा को निखारा। परम पूज्य गुरुदेव से यही प्रार्थना करते हैं कि गुरुदेव उन्हें अपार शक्ति प्रदान करें और स्वस्थ रखें ताकि वह हम सभी का अनवरत मार्गदर्शन करते रहें ।
अभी थोड़े दिन पहले ही आदरणीय चाचा जी का तबीयत खराब हो गया था तो जब हमने सुना तो मन बहुत बेचैन हो गया था और गुरुदेव से निरंतर यही प्रार्थना कर रहे थे कि वह जल्दी स्वस्थ हो जाएं ।मैं इतनी बेचैन हो गई थी कि मैं सोच रही थी कि मैं कब चाचा जी से बात कर लू परंतु हमारे यहां तो उस समय दिन था और उनके यहां रात इसीलिए उनको परेशान नहीं किया। फिर रात में मैसेज किया कि आप से फ़ोन पर बात हो सकती है, परंतु उनका कोई रिप्लाई नहीं आया तब मैं और परेशान हो गई। फिर रात 10:00 बजे उनका रिप्लाई आया कि हां वो अब थोड़ा ठीक है। जब उनका रिप्लाई आया तब हमारी जान में जान आई। हमने उनसे कहा भी कि आप अपने स्वास्थ्य पर ज्यादा ध्यान दें।
गुरुदेव के प्रति आपकी श्रद्धा व भक्ति को नतमस्तक है। धन्यवाद । जय गुरुदेव।
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हर बार की तरह आज भी कामना करते हैं कि प्रातः आँख खोलते ही सूर्य की पहली किरण आपको ऊर्जा प्रदान करे और आपका आने वाला दिन सुखमय हो। धन्यवाद् जय गुरुदेव
हर बार की तरह आज का लेख भी बड़े ही ध्यानपूर्वक तैयार किया गया है, फिर भी अगर कोई त्रुटि रह गयी हो तो उसके लिए हम क्षमाप्रार्थी हैं।
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24 आहुति संकल्प सूची :
8 फ़रवरी 2022 के ज्ञानप्रसाद का अमृतपान करने के उपरांत इस बार आनलाइन ज्ञानरथ परिवार के केवल 3 समर्पित साधकों ने ही 24 आहुतियों का संकल्प पूर्ण कर हम सबका उत्साहवर्धन व मार्गदर्शन कर मनोबल बढ़ाने का परमार्थ परायण कार्य किया है। इस पुनीत कार्य के लिए सभी युगसैनिक बहुत-बहुत बधाई के पात्र हैं और हम कामना करते हैं और परमपूज्य गुरुदेव की कृपा दृष्टि आप और आप सबके परिवार पर सदैव बनी रहे। वह देवतुल्य युगसैनिक निम्नलिखित हैं :
(1 ) रेनू श्रीवास्तव-29 ,(2 )अरुण कुमार वर्मा-24 ,(3 )संध्या कुमार -25
उक्त तीनों सूझवान व समर्पित युगसैनिकों को आनलाइन ज्ञान रथ परिवार की तरफ से बहुत बहुत साधुवाद, हार्दिक शुभकामनाएँ व हार्दिक बधाई हो। रेनू बहिन जी को आज का गोल्ड मैडल प्राप्त करने के लिए हमारी व्यक्तिगत एवं परिवार की सामूहिक बधाई। हमारी दृष्टि में सभी सहकर्मी विजेता ही हैं जो अपना अमूल्य योगदान दे रहे हैं,धन्यवाद् जय गुरुदेव
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