22 जनवरी 2022 का ज्ञानप्रसाद यह वीडियो : 10 मिंट की इस संक्षिप्त वीडियो में युगतीर्थ शांतिकुंज हरिद्वार के वर्तमान (2022)व्यवस्थापक आदरणीय महेंद्र शर्मा जी परमपूज्य गुरुदेव की 1984 की एक सप्ताह की हिमालय यात्रा का विवरण दे रहे हैं। हमारे दर्शक इस यात्रा का विवरण अखंड ज्योति 1985 के जनवरी अंक में भी पढ़ सकते हैं। बहुत ही आश्र्चर्यजनक एवं अविश्वसनीय लगता है परन्तु हैं सत्य कि तालाबंद कमरे के अंदर से ,जिसके बाहिर 24 घंटे पहरेदार रहता था, गुरुदेव कैसे निकल कर हिमालय की ऋषि सत्ताओं से मिल कर आ गए थे। यह सूक्ष्म की शक्ति है जो स्थूल से कई गुना अधिक होती है। महेंद्र भाई साहिब उन वरिष्ठ कार्यकर्ताओं में से एक हैं जिन्होंने परमपूज्य गुरुदेव के साथ कंधे से कंधा मिलाते हुए युग निर्माण योजना में योगदान दिया। ऐसे महापुरषों को हमारा अत्यंत श्रद्धा से नमन है जिनके मार्गदर्शन में हमारा बहुत ही छोटा सा ऑनलाइन ज्ञानरथ परिवार गुरुकार्य में अपना योगदान देने में कार्यरत है।इस वीडियो से सम्बंधित और भी कई वीडियोस हमारे यूट्यूब चैनल पर अपलोड की हुई हैं आप उन्हें देख कर और शेयर करके गुरुदेव के अनुदान प्राप्त करें। आप को हमारी वेबसाइट https://life2health.org/ पर full-length लेख पढ़ने के लिए भी सादर आमंत्रण है। जय गुरुदेव
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24 आहुति संकल्प सूची : इस संकल्प सूची और गोल्ड मैडल की जानकारी के लिए ऑनलाइन ज्ञानरथ परिवार से जुड़ें।
21 जनवरी 2022 के ज्ञानप्रसाद का अमृतपान करने के उपरांत इस बार आनलाइन ज्ञानरथ परिवार के 5 समर्पित साधकों ने 24 आहुतियों का संकल्प पूर्ण कर हम सबका उत्साहवर्धन व मार्गदर्शन कर मनोबल बढ़ाने का परमार्थ परायण कार्य किया है। इस पुनीत कार्य के लिए सभी युगसैनिक बहुत-बहुत बधाई के पात्र हैं और हम कामना करते हैं और परमपूज्य गुरुदेव की कृपा दृष्टि आप और आप सबके परिवार पर सदैव बनी रहे। वह देवतुल्य सप्तऋषि निम्नलिखित हैं : (1)अरुण कुमार वर्मा-35,(2) प्रेरणा कुमारी-27,(3)संध्या कुमार जी-24,(4)रेनू श्रीवास्तव जी-26,(5) सरविन्द कुमार पाल जी-26 उक्त सभी सूझवान व समर्पित युगसैनिकों को आनलाइन ज्ञान रथ परिवार की तरफ से बहुत बहुत साधुवाद व हार्दिक शुभकामनाएँ व हार्दिक बधाई हो जिन्होंने आनलाइन ज्ञान रथ परिवार में 24 आहुति संकल्प पूर्ण कर आनलाइन ज्ञान रथ परिवार में विजय हासिल की है। इस युगसेना के Commander-in- Chief अरुण कुमार वर्मा जी को एक बार फिर 35 अंक प्राप्त कर स्वर्ण पदक जीतने पर हमारी व्यक्तिगत और परिवार की सामूहिक बधाई। आज के ज्ञानप्रसाद में लेख न होने के कारण के गोल्ड मैडल सर्टिफिकेट प्रकाशित नहीं कर रहे हैं और आशा करते हैं सभी सहकर्मी वीडियो में अपना योगदान देंगें। जय गुरुदेव हमारी दृष्टि में सभी सहकर्मी विजेता ही हैं जो अपना अमूल्य योगदान दे रहे हैं,धन्यवाद् जय गुरुदेव