3 नवम्बर 2020
ऑनलाइन ज्ञानरथ के सहकर्मियों को सुप्रभात एवं शुभ दिन की कामना
पिछले कई दिनों से इस वीडियो को आपके समक्ष लाने का प्रयास था ,इसको बार -बार देखा ,बार- बार इसके कंटेंट पर मनन किया। प्रयास था कि हमारे गायत्री परिवार के मुखिया पर आजकल के गतिरोध को किस प्रकार इस वीडियो से relate किया जाये। हमने कुछ समय पूर्व दो वीडियो भी बनाकर अपलोड की थीं और आजकल के परिपेक्ष में अपनी वेदना अंकित की थी। शांतिकुंज में भी अपना दुःख लिखित भेजा था। अब जब कुछ सेटल हो चुका है और आप सबको नई से नई जानकारी ( फोटोज ,वीडियोस ,समाचार ) प्राप्त हो रही है तो आप भी सोचने पर विवश हो गए होंगें की इस संसार में कितनी निर्दयता है। वह संसार जिसने हमारी माता जी के ,गुरुदेव तक के आंसू निकाल दिए। समझ नहीं आता कि कैसे पत्थर- दिल होते हैं यह लोग। मर्यादा पुरषोतम भगवान श्री राम ने सीता माता का त्याग एक धोबी के कहने पर कर तो दिया था लेकिन उस समय भी किसी ने उनके आंसू नहीं देखे थे। इसी तरह हमारे श्रीराम, हमारे गुरुदेव के आंसू भी —-। हमारे सहकर्मियों ने जब माता जी और गुरुदेव की वोह वाली वीडियो देखी थी तो कमेंट करके बताया था कि आंसू रुकते नहीं रुक रहे थे। इसी तरह श्रद्धेय डॉक्टर साहिब और आदरणीय जीजी के आंसू भी रुके नहीं होंगें – सब जानते हैं। गायत्री परिवार ,एक विशाल अंतरराष्ट्रीय परिवार जिस स्थान पर, जिन ऊंचाइयों पर आज पहुंचा है उसके पीछे महाकाल का हाथ तो है ही लेकिन मार्गदर्शक की निष्ठां और समर्पण का योगदान भी कम नहीं है। इस वीडियो में आप खुद देखिये कि किस प्रकार इतने विशाल शताब्दी समारोह का आयोजन हो रहा है। आप पूछेंगें कि 9 वर्ष पुरानी 2011 के शताब्दी समारोह कि वीडियो अब 2020 में अपलोड करने का क्या औचित्य है, क्या उदेश्य है। उदेश्य है ,अवश्य है। आप को ,बहुतों को गायत्री परिवार के प्रत्येक सदस्य की श्रद्धा पर गर्व है। इस वीडियो में आप देख सकते है की ठीक उसी प्रकार गंगा के ऊपर सेतुबंद की रचना हो रही है जिस प्रकार कभी भगवान श्री राम के रीछ वानरों ने लंका में की थी।
गंगातट की फिज़ा बदलने जुटे गुरु के मतवाले
श्रीराम का सेतु बनाने भले पांव में हों छाले
निकल पड़ें हैं मतवाले ,निकल पड़े हैं मतवाले
15 मिनट की इस वीडियो में 10वें मिंट पर आप यह प्रेरणादायक मधुर संगीत से ओतप्रोत गीत सुन सकते हैं। और इस वीडियो का बैकग्राउंड संगीत भी कुछ कम नहीं है। 1969 की बॉलीवुड फिल्म आखरी खत का बहुचर्चित गीत ” बहारो मेरा जीवन भी सवांरों ” शांतिकुंज के संगीत विभाग की सराहनीय कलाकृति है। आप इसको सुन कर अवश्य ही मंत्र मुग्ध हो जायेंगें ।
हम यह तो नहीं कहेंगें – इस वीडियो को अंत तक देखें , bell icon को दबा दें इत्यादि इत्यादि। यह इसलिए कि आप हमारे कहने के बिना ही हमारी वीडियोस और लेखों को सराहते हैं ,आपके कमैंट्स बताते हैं आपको इन सभी की कितनी भूख प्यास रहती है। लेकिन इतना निवेदन अवश्य करेंगें कि इस छोटे से लेख के साथ वीडियो को अवश्य देखें और आगे से आगे शेयर करें ताकि सभी को ,अधिक से अधिक लोगों को पता चले कि हमारे परमपूज्य गुरुदेव एवं वंदनीय माताजी का परिवार कैसा है।
तो आइये अब वीडियो देखें।
परमपूज्य गुरुदेव एवं वंदनीय माता जी के श्री चरणों में समर्पित