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8 फ़रवरी 2025 ,शनिवार का “अपने सहकर्मियों की कलम से” का साप्ताहिक विशेषांक
ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार में शनिवार का दिन एक उत्सव की भांति होता है। यह एक ऐसा दिन होता है जब हम सब सप्ताह भर की कठिन पढाई के बाद थोड़ा Relaxed अनुभव करते हैं और अपने साथिओं के साथ रूबरू होते हैं, उनकी गतिविधिओं को जानते हैं। हर कोई उत्साहित होकर अपना योगदान देकर
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परम पूज्य गुरुदेव के आध्यात्मिक जन्म दिवस को समर्पित “विशेष श्रृंखला” का चौथा लेख -प्रस्तुतकर्ता OGGP की दो समर्पित बेटियां- अनुराधा पाल, पिंकी पाल
6 फ़रवरी 2025, बृहस्पति वार, (गुरुवार) को लिखी जा रही यह पंक्तियाँ ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार के किसी भी साथी को ऊर्जावान किये बिना नहीं रह सकतीं क्योंकि आज हमारी दो बेटियों की अनुभूति तो प्रस्तुत की ही जा रही है, साथ में हमारी आद. बहिन सुमनलता जी द्वारा भेजा गया प्रज्ञागीत भी गुरुचरणों में
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परम पूज्य गुरुदेव के आध्यात्मिक जन्म दिवस को समर्पित “विशेष श्रृंखला” का तीसरा लेख लेख -प्रस्तुतकर्ता आद. सरविन्द पाल
आज के लेख में प्रज्ञागीत के स्थान पर 49 मिंट की वीडियो अटैच है। परम पूज्य गुरुदेव के आध्यात्मिक जन्म दिवस को समर्पित “विशेष श्रृंखला” का तीसरा लेख लेख -प्रस्तुतकर्ता आद. सरविन्द पाल 5 फ़रवरी 2025, बुधवार को लिखी जा रही यह पंक्तियाँ ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार के किसी भी साथी को ऊर्जावान किये बिना
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परम पूज्य गुरुदेव के आध्यात्मिक जन्म दिवस को समर्पित “विशेष श्रृंखला” का दूसरा लेख लेख -प्रस्तुतकर्ता आद अरुण वर्मा
आज का प्रज्ञागीत युगतीर्थ शांतिकुंज में किये गए साधना सत्र को ही समर्पित है। 4 फ़रवरी 2025, मंगलवार को लिखी जा रही यह पंक्तियाँ ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार के किसी भी साथी को ऊर्जावान किये बिना नहीं रह सकतीं क्योंकि वसंत पंचमी का दिन गायत्री परिजनों के जीवन में एक विशेष स्थान बनाये बैठा है।
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परम पूज्य गुरुदेव के आध्यात्मिक जन्म दिवस को समर्पित “विशेष श्रृंखला” का प्रथम लेख -प्रस्तुतकर्ता आद सरविन्द पाल
3 फ़रवरी 2025, सोमवार को लिखी जा रही यह पंक्तियाँ ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार के किसी भी साथी को ऊर्जावान किये बिना नहीं रह सकतीं क्योंकि पिछले कल (वसंत पंचमी) वाला दिन हम सभी के जीवन में एक विशेष स्थान बनाये बैठा है। वर्ष 1926 की वसंत पंचमी का दिन परम पूज्य गुरुदेव के जीवन
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1 फ़रवरी 2025 ,शनिवार का “अपने सहकर्मियों की कलम से” का साप्ताहिक विशेषांक
https://youtu.be/kLsTGj_BrzA?si=agxg5FbIVesR7lP3 https://youtu.be/LZ1OAEnimuY?si=IYb3APwCvf2ihPF1 ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार में शनिवार का दिन एक उत्सव की भांति होता है। यह एक ऐसा दिन होता है जब हम सब सप्ताह भर की कठिन पढाई के बाद थोड़ा Relaxed अनुभव करते हैं और अपने साथिओं के साथ रूबरू होते हैं, उनकी गतिविधिओं को जानते हैं। हर कोई उत्साहित होकर अपना
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प्राणाग्नि के जखीरे पर आधरित लेख श्रृंखला का तीसरा लेख- गायत्री साधना से प्राणशक्ति का संग्रह हो सकता है।
30 जनवरी 2025 का ज्ञानप्रसाद- सोर्स: काया में समाया प्राणाग्नि का जखीरा परम पूज्य गुरुदेव की दिव्य रचना “काया में समाया प्राणाग्नि का जखीरा” मात्र 43 पन्नों की कोई साधारण सी पुस्तक नहीं है। 2010 में प्रकाशित हुए रिवाइज्ड एडिशन के अध्ययन से जो ज्ञानप्राप्ति होती है, उसे शब्दों में वर्णन कर पाना लेखक
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प्राणाग्नि के जखीरे पर आधरित लेख श्रृंखला का दूसरा लेख- क्या हर कोई मनुष्य प्राणवान बन सकता है ?
29 जनवरी 2025 का ज्ञानप्रसाद-सोर्स, काया में समाया प्राणग्नि का जखीरा परम पूज्य गुरुदेव की दिव्य रचना “काया में समाया प्राणाग्नि का जखीरा” मात्र 43 पन्नों की कोई साधारण सी पुस्तक नहीं है। किसी भी युग में मनुष्य को उत्कृष्ट मार्गदर्शन प्रदान करने वाली इस पुस्तक को “सुखद जीवन का रामबाण” कहना कोई अतिश्योक्ति न
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प्राणाग्नि के जखीरे पर आधरित लेख श्रृंखला का प्रथम लेख- नन्हा सा बीज प्राणतत्व लिए हुए है।
28 जनवरी 2025 का ज्ञानप्रसाद –सोर्स- काया में समाया है प्राणाग्नि का जखीरा परम पूज्य गुरुदेव की दिव्य रचना “काया में समाया प्राणाग्नि का जखीरा” मात्र 43 पन्नों की कोई साधारण सी पुस्तक नहीं है। किसी भी युग में मनुष्य को उत्कृष्ट मार्गदर्शन प्रदान करने वाली इस पुस्तक को “सुखद जीवन का रामबाण” कहना कोई
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कल से आरम्भ होने वाली लेख श्रृंखला की रोचक सी भूमिका।
27 जनवरी 2025 का ज्ञानप्रसाद 47 मिलियन व्यूज वाले महामृत्युंजय मंत्र के साथ आज के ज्ञानप्रसाद का शुभारम्भ होता है। भूमिका क्या, यह तो “अपनों से अपनी बात” जैसा लेख प्रतीत हो रहा है, जी हाँ कुछ ऐसा ही है। ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार के समर्पित साथी इसकी कार्यप्रणाली से भलीभांति परिचित हैं। इस कार्यप्रणाली
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जनवरी माह के अंतिम शनिवार का विशेषांक- क्या हम अपनेआप को साथिओं से ऋण मुक्त कर पायेंगें ?
25 जनवरी 2025 हमारे समर्पित साथिओं ने माह का अंतिम शनिवार हमारे लिए फिक्स किया हुआ है जिसके लिए हम आभार व्यक्त करते हैं। आज प्रस्तुत किए गए स्पेशल सेगमेंट में हम चार “सैंपल कॉमेंट” के बारे में चर्चा कर रहे हैं। ऐसे अनेकों कॉमेंट्स जिन्हें हमारे साथी समयदान, श्रमदान,ज्ञानदान करके हमारे ऊपर ऋण का
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गुरुदेव से हमारे सम्बन्ध कैसे हों ? चतुर्थ एवं समापन भाग। अनिश्चित नहीं, सुनिश्चित परिजनों की आवश्यकता है।
23 जनवरी 2025 गुरुवार का ज्ञानप्रसाद-सोर्स- अखंड ज्योति जुलाई 1966 पृष्ठ 26 चार भागों में पूर्ण हुई वर्तमान लेख श्रृंखला का आज चतुर्थ एवं समापन भाग प्रस्तुत किया गया है। परम पूज्य गुरुदेव की इच्छा है कि कुछ ऐसे परिजन शिक्षित कर दिए जाएँ जिन्हें हम अपने उत्तराधिकारी कह सकें। उनकी योग्यता ऐसी हो कि
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गुरुदेव से हमारे सम्बन्ध कैसे हों ? भाग 3 -हमारे गुरुदेव एक पारिवारिक शिक्षक
22 जनवरी 2025 का ज्ञानप्रसाद -सोर्स अखंड ज्योति जुलाई 1966 पृष्ठ 26 परम पूज्य गुरुदेव स्वयं को परिजनों के ऋण से मुक्त करना चाहते हैं। आज के लेख में गुरुवर कह रहे हैं कि यदि हमारा “भावना शरीर” यानि हमारा साहित्य, हर प्रेमी परिजन के समीप एक मूर्तिमान कलेवर की तरह विद्यमान रह सके तो हमारे
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ऋतंबरा-प्रज्ञा की सरलतम चर्चा
12 अक्टूबर का ज्ञानप्रसाद – हो सकता है आज के लेख का हर कोई वाक्य आपको बार-बार पढ़ना पढ़े , बहुत गूढ़ है। शब्दसीमा के कारण भूमिका ले लिए कोई स्थान नहीं बचा। _________________ ज्ञान अनंत है -इसका कोई अंत नहीं कभी भी किसी ज्ञान को अंत नहीं कहना चाहिए क्योंकि अगर भगवान ही अनंत
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गुरुदेव के जीवन पर लेखों की श्रृंखला
गुरुदेव के जीवन पर लेखों की श्रृंखला – लेख 1 आत्मीय परिजनों -एक निवेदन : आज से हम लेखों की श्रृंखला आरम्भ कर रहे हैं जो केवल परमपूज्य गुरुदेव पर ही आधारित होंगें। पिछले कई दिनों से हम कुछ एक पुस्तकों का अध्यन कर रहे थे और ऐसे कुछ लेख हमारे अंतकरण में दर्शित हुए
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कर्म और भाग्य में कौन सर्वश्रेष्ठ है और क्यों?-पार्ट 2
15 अक्टूबर 2021 का ज्ञानप्रसाद विजयदशमी की सुबह में आप सबको शुभकामनायें देते हुए हमें अत्यंत प्रसन्नता हो रही है। कामना करते हैं कि असत्य की हार के साथ सत्य की जीत हो और विश्व के हर प्राणी का जीवन सुखमय हो। आज और पिछले कल के दोनों ही ज्ञानप्रसाद पूर्णतया व्यक्तिगत हैं।
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मन क्या है ?
21 अक्टूबर 2021 का ज्ञानप्रसाद – हमको मन की शक्ति देना मन विजय करे आज का ज्ञानप्रसाद गुड्डी फिल्म की बहुचर्चित प्रार्थना “हमको मन की शक्ति देना मन विजय करे” से आरम्भ कर रहे हैं। इस लेख में व्यक्त किये गए विचार केवल हमारी अल्पबुद्धि और अल्प-अनुभव पर आधारित हैं। इन विचारों से सहमत य
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सत्संग मनोनिग्रह में बड़ा सहायक है
27 नवम्बर 2021 का ज्ञानप्रसाद आज का ज्ञानप्रसाद स्वामी आत्मानंद जी द्वारा लिखित पुस्तक “मन और उसका निग्रह” के अध्याय12 और 13 हैं । मनोनिग्रह की यह अद्भुत श्रृंखला आदरणीय अनिल कुमार मिश्रा जी के स्वाध्याय पर आधारित प्रस्तुति है।ऑनलाइन ज्ञानरथ परिवार रामकृष्ण मिशन मायावती,अल्मोड़ा के वरिष्ठ सन्यासी पूज्य स्वामी बुद्धानन्द जी महाराज और छत्तीसगढ़
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अरणि मंथन
आज का लेख आरम्भ करने से पूर्व हम अपने सहकर्मियों का ह्रदय से आभार व्यक्त करते हैं जो इतनी सक्रियता, नियमितता,श्रद्धा और अनुशासन के साथ ऑनलाइन ज्ञानरथ को सफल करने में कोई भी कसर नहीं छोड़ रहे हैं। अनुशासन की बात करें तो एक दिन सरविन्द भाई साहिब व्यस्तता के कारण कुछ असक्रिय रहे और
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गायत्री नगर प्रयोगशाला की कार्यशैली
7 जून 2022 का ज्ञानप्रसाद गायत्री नगर शांतिकुंज हरिद्वार पर आधारित लेख श्रृंखला का यह छटा लेख है। सभी लेखों में यही प्रयास किया गया है कि इस युगतीर्थ में आने वाले प्रत्येक साधक को इसका वास्तविक रूप और उदेश्य से जानकार करवाया जाये। शांतिकुंज में लाखों-करोड़ों की संख्या में साधक जा चुके होंगें, आज
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ईश्वर से मिलने और वार्तालाप करने का स्थान।
4 जुलाई 2022 का ज्ञानप्रसाद- ईश्वरीय सत्ता पर आधारित लेख माला का यह अंतिम पार्ट है। यह टॉपिक इतना गहन चिंतन योग्य है कि इस ज्ञानप्रसाद का अमृतपान करते समय पाठकों के अंतःकरण में अवश्य ही कई प्रकार के प्रश्न उठेंगें। सबसे बड़ा प्रश्न तो हमारे शरीर में अंतःकरण के स्थान का है। कहाँ पर
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अपने सहकर्मियों की कलम से -6 अगस्त 2022
हर शुक्रवार को जब हम यह वीकेंड विशेष सेगमेंट लिखना आरम्भ करते हैं तो एक अद्भुत सी सुखद अनुभूति होती है। यह अनुभूति इसलिए होती है कि हमारे समर्पित सहकर्मियों की contributions को पढ़ते समय ऐसा अनुभव होता है जैसे कि कई वर्षों का सम्बन्ध हो, हालाँकि बहुतों को तो हमने देखा तक नहीं है,
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गुरुदेव से हमारे सम्बन्ध कैसे हों ? भाग 2
21 जनवरी 2025 का ज्ञानप्रसाद- सोर्स अखंड ज्योति जुलाई 1966 कल आरम्भ हुई ज्ञानप्रसाद लेख श्रृंखला का आज मंगलवार को सभी साथियों के मंगल की कामना के साथ दूसरा लेख प्रस्तुत है। कल वाले लेख का समापन भावनाशील परिजनों को एड्रेस करते किया गया था। इस लेख में संकेत दिया गया था कि “भावना का
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गुरुदेव से हमारे सम्बन्ध कैसे हों ? भाग 1
20 जनवरी 2025 का ज्ञानप्रसाद -अखण्ड-ज्योति जुलाई 1966 ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार के प्रथा के अनुसार सोमवार को एक नवीन आध्यात्मिक लेख शृंखला का शुभारम्भ किया जाता है। आज भी सोमवार है, सप्ताह का प्रथम दिन है, नवीन ऊर्जा से ओतप्रोत गुरुकक्षा के सभी सहपाठिओं का अभिवादन है। आज प्रारम्भ हो रही लेख शृंखला ,जिसका सारांश
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18 जनवरी 2025, शनिवार का “अपने सहकर्मियों की कलम से” का साप्ताहिक विशेषांक
ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार में शनिवार का दिन एक उत्सव की भांति होता है। यह एक ऐसा दिन होता है जब हम सब सप्ताह भर की कठिन पढाई के बाद थोड़ा Relaxed अनुभव करते हैं और अपने साथिओं के साथ रूबरू होते हैं, उनकी गतिविधिओं को जानते हैं। हर कोई उत्साहित होकर अपना योगदान देकर
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युग निर्माण के लिए उत्तराधिकारिओं की तलाश-भाग 2
16 जनवरी 2025 का ज्ञानप्रसाद:सोर्स अखंड ज्योति दिसंबर 1964 “अखंड ज्योति” की रजत जयंती पर दिसंबर 1964 में इसी पत्रिका में प्रकाशित लेख में परम पूज्य गुरुदेव “प्राणवान उत्तराधिकारिओं की तलाश” की चर्चा कर रहे हैं। इस तलाश को 1965 की बसंत पंचमी पर और भी सक्रीय बनाने की बात कर रहे हैं। संयोग से
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अखंड ज्योति में 1964 और 1966 में प्रकाशित हुए दो लेखों पर आधारित लेख श्रृंखला की पृष्ठभूमि एवं उत्तरधिकारिओं की तलाश भाग 1
15 जनवरी 2025 का ज्ञानप्रसाद, सोर्स अखंड ज्योति दिसंबर 1964 ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार का प्रत्येक संकल्पित सहकर्मी इस प्रक्रिया से भलीभांति परिचित है कि जब भी किसी नवीन लेख श्रृंखला का शुभारम्भ होता है,उससे पहले उसकी पृष्ठभूमि की चर्चा अवश्य की जाती है। फ़िल्म की रिलीज़ से पहले, कुछ मिंटों के ट्रेलर सार्वजानिक करने
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हमारे शरीर में “मन” की जगह कहाँ है ?
14 जनवरी 2025 का ज्ञानप्रसाद –सोर्स Quora की अनेकों posts हमारे समर्पित साथिओं को स्मरण होगा कि 2021 में आदरणीय अनिल मिश्रा जी की प्रेरणा से ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार के मंच से “मनोनिग्रह” विषय पर 30 लेखों की भारी भरकम लेख श्रृंखला प्रस्तुत की गयी थी, साथिओं के कमैंट्स ने इसे सच में भारी
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मनुष्य शरीर में नाभि का महत्व-पार्ट 4
13 जनवरी 2025 सोमवार का ज्ञानप्रसाद आज सप्ताह का प्रथम दिन सोमवार है और लोहड़ी के पावन पर्व के कारण हम सभी सहकर्मी अति ऊर्जावान हैं। सभी को लोहड़ी और मकर सक्रांति की हार्दिक शुभकामना। 27 नवंबर 2024 को हमारी सर्जरी थी और उसी दिन नाभि ज्ञान की लेख श्रृंखला का तीसरा ज्ञानप्रसाद लेख प्रस्तुत
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2024 की सर्जरी के बाद ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार के मंच से प्रकाशित होने वाला आठवां Full length लेख- सजल श्रद्धा-प्रखर प्रज्ञा स्मारकों की उत्पति
8 जनवरी 2025 का ज्ञानप्रसाद, स्रोत- चेतना की शिखर यात्रा आज का ज्ञानप्रसाद लेख भी पिछले सात लेखों की भांति ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार के मंच पर प्रकाशित हुए लेख का पुनः प्रकाशन है। 28 दिसंबर 2020 को इसी शीर्षक से प्रकाशित हुए लेख को एडिट करके गुरुकुल की आध्यात्मिक गुरुकक्षा में प्रस्तुत करना हमारे
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2024 की सर्जरी के बाद ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार के मंच से प्रकाशित होने वाला सातवां Full length लेख- रामानंद सागर एवं गुरुदेव के मिलन के पल
आज सप्ताह का प्रथम दिन सोमवार है और आज प्रस्तुत किया गया ज्ञानप्रसाद लेख हमारी रिसर्च के आधार पर,एक फेसबुक पोस्ट पर आधारित है जिसमें प्रसिद्ध बॉलीवुड डायरेक्टर स्वर्गीय रामानंद सागर और परमपूज्य गुरुदेव के मिलन के अविस्मरणीय पल वर्णित किये गए हैं। श्री चिन्मय देशपांडे,पंडित देवेन्द्र भारद्वाज और श्यामाक्ष गोस्वामी जी की यह रचना
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2024 की सर्जरी के बाद ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार के मंच से प्रकाशित होने वाला छठा Full length लेख
29 दिसंबर 2024 Aristotle (अरस्तु) का एक महान कथन है, “Everything happens for a reason”, पूर्वप्रकाशित लेखों का पुनः प्रकाशन इस कथन को सार्थक करता दिख रहा है। न हमारी सर्जरी होती, न हम अपने साथिओं के सुझाव का पालन कर पाते और न हम अपने ही द्वारा लिखे गुरूसाहित्य का संशोधन कर पाते। हमारे
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2024 की सर्जरी के बाद ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार के मंच से प्रकाशित होने वाला पांचवां Full length लेख-श्री रामप्रकाश जेसलानी जी एवं उनकी पत्नी श्रीमती शालिनी जेसलानी की कथा
हमारी सर्जरी के कारण वर्ष 2024 के अंतिम पल ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार निर्धारित टाइम टेबल की अवहेलना करते बीत रहे हैं जिसके लिए हम अपने समर्पित साथिओं से करबद्ध क्षमाप्रार्थी हैं। कल वाला शनिवार दिसंबर माह का अंतिम शनिवार है, हमारे साथिओं ने हर माह का अंतिम शनिवार हमारे लिए फिक्स किया हुआ है
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2024 की सर्जरी के बाद ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार के मंच से प्रकाशित होने वाला तीसरा Full length लेख
आज सप्ताह का प्रथम दिन सोमवार है, पिछले सोमवार को सर्जरी की भयावह स्थिति के वशीभूत प्रथम लेख प्रस्तुत किया गया था, सभी साथिओं का ह्रदय से धन्यवाद् करते हैं कि इस स्थिति में, सर्वसम्मति से दिए गए सुझाव का सम्मान किया जा रहा है, हमारा प्रयोग सफल हुए जा रहा है। मालूम नहीं कि
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2024 की सर्जरी के बाद ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार के मंच से प्रकाशित होने वाला चौथा Full length लेख
आधुनिक युग के हनुमान – शिवदास साधु और शुक्ला बाबा आदरणीय नीरा जी के सुझाव का पालन करके हमने शिष्य शिरोमणि आदरणीय लीलापत शर्मा जी की गुरुभक्ति को दर्शाते अपने साथिओं के समक्ष कुछ पूर्वप्रकाशित लेख प्रस्तुत किए, अवश्य ही इन लेखों से हम सबको प्रेरणा मिली होगी। हम सबको पंडित जी की भांति परम
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2024 की सर्जरी के बाद ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार के मंच से प्रकाशित होने वाला प्रथम Full length लेख
मात्र 500 शब्दों के शनिवार प्रकाशित हुए संक्षिप्त सन्देश के रिस्पांस में 105 कमेंट प्राप्त होना अपनेआप में एक उदाहरण है, यह उदाहरण है अपनत्व और श्रद्धा का, समर्पण और गुरुभक्ति का एवं ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार के प्रति अटूट विश्वास का। साथिओं के सुझावों एवं निर्देशों से एकमात्र सन्देश प्राप्त हो रहा है कि
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2024 की सर्जरी के बाद ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार के मंच से प्रकाशित होने वाला दूसरा Full length लेख
12 दिसंबर 2024- स्रोत पत्र पाथेय वर्तमान शृंखला में सोमवार को जब पहला अंक प्रकाशित किया गया था तो आदरणीय वंदना बहिन जी ने आशीर्वाद एवं शुभकामना दी थी कि कमैंट्स के प्रति किया जाने वाला यह “प्रयोग” भी सफल होगा। 808 कमैंट्स और 24 से अधिक आहुतियां प्रदान करने वाले 14 संकल्पधारिओं को देखकर
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मनुष्य शरीर में नाभि का महत्व-पार्ट 3
27 नवंबर 2024 बुधवार का ज्ञानप्रसाद नाभि और नाभिचक्र की महत्ता का वर्णन करते आज के ज्ञानप्रसाद का शुभारम्भ करने से पहले परम पूज्य गुरुदेव एवं अनेकों समर्पित बच्चों का धन्यवाद् करना चाहेंगें जो हमारी सर्जरी को लेकर अनवरत भांति-भांति के शुभकामना सन्देश पोस्ट कर रहे हैं। सभी के प्रति यही कह सकते हैं कि
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मनुष्य शरीर में नाभि का महत्व-पार्ट 2
26 नवंबर 2024, मंगलवार का ज्ञानप्रसाद आज का ज्ञानप्रसाद लेख माह के अंतिम शनिवार को प्रकाशित होने वाले विशेषांक का कुछ अंश लिए हुए है। ह्रदय में उठ रही भावनाओं को दिसंबर माह के अंतिम शनिवार तक पोस्टपोन करना कुछ अनुचित लग रहा है, वैसे भी नाभि पर आधारित चल रही लेख श्रृंखला कल तक
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मनुष्य शरीर में नाभि का महत्व -पार्ट 1
25 नवंबर 2024 सोमवार का ज्ञानप्रसाद ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार के संकल्पित साथी इस तथ्य से भलीभांति अवगत हैं कि इस परिवार में सोमवार का दिन एक अद्भुत सौभाग्य लेकर आता है। सप्ताह का प्रथम दिन होने के कारण और रविवार की छुट्टी होने के कारण, इस दिन सभी साथी, परम पूज्य गुरुदेव के बच्चे
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23 नवंबर 2024, शनिवार का “अपने सहकर्मियों की कलम से” का साप्ताहिक विशेषांक
ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार में शनिवार का दिन एक उत्सव की भांति होता है। यह एक ऐसा दिन होता है जब हम सब सप्ताह भर की कठिन पढाई के बाद थोड़ा Relaxed अनुभव करते हैं और अपने साथिओं के साथ रूबरू होते हैं, उनकी गतिविधिओं को जानते हैं। हर कोई उत्साहित होकर अपना योगदान देकर
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अखंड ज्योति के प्रथम वर्ष की यात्रा का उत्कृष्ट लेख-पार्ट 3 (समापन पार्ट)
21 नवंबर 2024 का ज्ञानप्रसाद “हमारा धन्यवाद् स्वीकार कीजिये” शीर्षक से दिसंबर 1940 की अखंड ज्योति में प्रकाशित एक छोटे से, केवल 4 पन्नों के लेख को समझने के लिए भांति-भांति के उदाहरण देते हुए, वीडियोस का सहारा लेते हुए, क्रॉस रेफरेन्स को शामिल करते हुए आज इस समापन लेख को प्रस्तुत करते हुए हमारी
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अखंड ज्योति के प्रथम वर्ष की यात्रा का उत्कृष्ट लेख-पार्ट 2
20 नवंबर 2024 का ज्ञानप्रसाद “हमारा धन्यवाद् स्वीकार कीजिये” शीर्षक से दिसंबर 1940 की अखंड ज्योति में प्रकाशित एक छोटे से, केवल 4 पन्नों के लेख को समझने के लिए भांति-भांति के उदाहरण देते हुए, वीडियोस का सहारा लेते हुए, क्रॉस रेफरेन्स को शामिल करते हुए हमने चार दिन एक ऐसा प्रयास किया कि प्यासी
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अखंड ज्योति के प्रथम वर्ष की यात्रा का उत्कृष्ट लेख-पार्ट 1
19 नवंबर 2024 का ज्ञानप्रसाद “जब तक मेरे भीतर रक्त की अंतिम बूँद, प्राण का अंतिम भाग और जीवन का अंतिम क्षण है तब तक मैं भारत और भारतीय संस्कृति की सेवा करता रहूँगा और आध्यात्मिक पत्रकारिता मेरे माध्यम से नए आयाम प्राप्त करेगी।”, परम पूज्य गुरुदेव का यह दिव्य सन्देश आदरणीय हनुमान प्रसाद पोद्दार
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अखंड ज्योति के “प्रथम वर्ष की यात्रा” लेख श्रृंखला की पृष्ठभूमि।
18 नवंबर 2024 का ज्ञानप्रसाद आज सप्ताह का प्रथम दिन सोमवार है, भगवान शिव को समर्पित “जय शिव ओंकारा” से गुरुकुल की आज की आध्यात्मिक गुरुकक्षा का शुभारम्भ होना एक पावन सौभाग्य है। आज के लेख का शुभारम्भ करने से पहले साथिओं के साथ शेयर करना चाहेंगें कि यूट्यूब की टेक्निकल टीम से “शुक्रवार को
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16 नवंबर 2024, शनिवार का “अपने सहकर्मियों की कलम से” का साप्ताहिक विशेषांक
ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार में शनिवार का दिन एक उत्सव की भांति होता है। यह एक ऐसा दिन होता है जब हम सब सप्ताह भर की कठिन पढाई के बाद थोड़ा Relaxed अनुभव करते हैं और अपने साथिओं के साथ रूबरू होते हैं, उनकी गतिविधिओं को जानते हैं। हर कोई उत्साहित होकर अपना योगदान देकर
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सच्ची साधना से माँ गायत्री से वार्तालाप भी संभव है।
14 नवंबर 2024 गुरुवार का ज्ञानप्रसाद- गायत्री की परम कल्याणकारी सर्वांगपूर्ण सुगम उपासना विधि” इस सप्ताह का चौथा एवं अंतिम ज्ञानप्रसाद माँ गायत्री से वार्तालाप करवा रहा है। आज का ज्ञानप्रसाद लेख परम पूज्य गुरुदेव की दिव्य रचना “गायत्री की परम कल्याणकारी सर्वांगपूर्ण सुगम उपासना विधि” पर आधारित है। सच्ची साधना द्वारा माँ गायत्री से
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गायत्री मंत्र लेखन-एक महान साधना -पार्ट 2
13 नवंबर 2024 बुधवार का ज्ञानप्रसाद – गायत्री की परम कल्याणकारी सर्वांगपूर्ण सुगम उपासना विधि” परम पूज्य गुरुदेव की अद्भुत रचना “गायत्री की परम कल्याणकारी सर्वांगपूर्ण सुगम उपासना विधि” पर आधारित दो भागों की लेख श्रृंखला का यह दूसरा एवं अंतिम भाग है। हमारे अथक प्रयास के बावजूद ओरिजिनल कंटेंट में Repetition को टालना असंभव ही
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गायत्री मंत्र लेखन-एक महान साधना -पार्ट 1
12 नवंबर 2024 मंगलवार का ज्ञानप्रसाद- गायत्री की परम कल्याणकारी सर्वांगपूर्ण सुगम उपासना विधि” आज का दिव्य ज्ञानप्रसाद परम पूज्य गुरुदेव की अद्भुत रचना “गायत्री की परम कल्याणकारी सर्वांगपूर्ण सुगम उपासना विधि” एवं ऑनलाइन रिसर्च पर आधारित है। लेख को सरल बनाने के लिए ओरिजिनल रचना में दिए गए दिव्य संस्कृत श्लोकों को डिलीट किया
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“अपने सहकर्मियों की कलम से” विशेषांक का एक दिन के लिए एक्सटेंशन
11 नवंबर 2024 आज सप्ताह का प्रथम दिन सोमवार है और इस दिन ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार के मंच से अधिकतर गुरुदेव द्वारा रचित दिव्य साहित्य की लेख शृंखला का शुभारम्भ होता है। अपने समर्पित, श्रद्धावान एवं अति सम्मानीय साथिओं से करबद्ध क्षमाप्रार्थी हैं कि आज केवल एक दिन के लिए शनिवार वाले विशेषांक को
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9 नवंबर 2024, शनिवार का “अपने सहकर्मियों की कलम से” का साप्ताहिक विशेषांक
9 नवंबर, शनिवार का “अपने सहकर्मियों की कलम से” का साप्ताहिक विशेषांक ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार में शनिवार का दिन एक उत्सव की भांति होता है। यह एक ऐसा दिन होता है जब हम सब सप्ताह भर की कठिन पढाई के बाद थोड़ा Relaxed अनुभव करते हैं और अपने साथिओं के साथ रूबरू होते हैं,
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आत्मबोध के लिए बहुत आवश्यक है एकान्त सेवन
7 नवंबर 2024 का ज्ञानप्रसाद- एकान्त सेवन आज का ज्ञानप्रसाद लेख अखंड ज्योति जून 1940 के उस लेख पर आधारित है जो न जाने कितनों को आत्मबोध, आत्मज्ञान एवं जाग्रति का पाठ पढ़ा चुका है और कितने ही पदार्थवाद, भौतिकवाद,मोहमाया के बंधनों से मुक्ति पाकर जीवन की वास्तविकता को स्वीकार कर चुके हैं। गुरुदेव इस
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ईश्वर हमारे सबसे घनिष्ट मित्र हैं
6 नवंबर 2024,बुधवार का ज्ञानप्रसाद आज का ज्ञानप्रसाद भी शृंखला न होकर आज ही समापन होने वाला लेख है। प्रस्तुत लेख इतना सरल है कि इसके लिए कोई भी भूमिका आदि की आवश्यकता भी नहीं दिख रही, सब कुछ क्लियर/स्पष्ट दिख रहा है, लेकिन फिर भी हमारे अंतःकरण में उठ रही दो बातें शेयर कर
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आइये मस्तिष्करूपी रेडियो से विचारक्रांति को गति दें
5 नवंबर 2024 मंगलवार का ज्ञानप्रसाद- जीता जागता रेडियो अपने कथन के अनुसार आजकल के ज्ञानप्रसाद लेख किसी लेख-श्रृंखला के न होकर छोटे-छोटे एक ही दिन में समापन होने वाली प्रस्तुतियां हैं। यह वोह लेख हैं जिन्हें हमारी लाइब्रेरी में सेव किया हुआ है एवं जिन्होंने हमें बहुत ही प्रभावित किया है। आज प्रस्तुत गए
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आदरणीय सुजाता बहिन जी की जिज्ञासा का आंशिक समाधान
4 नवंबर 2024, सोमवार का ज्ञानप्रसाद- अखंड ज्योति जनवरी 1976 30 अक्टूबर वाले ज्ञानप्रसाद के सन्दर्भ में हमारी आद सुजाता बहिन जी ने “कारण शरीर के केंद्र” के प्रति जिज्ञासा व्यक्त की थी। उन्होंने दो वीडियोस भी भेजी थीं, एक में कारण शरीर का स्थान “ह्रदय चक्” और दूसरी में “मस्तिष्क चक्र” बताया गया
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2 नवंबर 2024,शनिवार का “अपने सहकर्मियों की कलम से” का साप्ताहिक विशेषांक
आज नवंबर माह का पहला शनिवार है, ऐसा प्रतीत हो रहा है कि हमारे अधिकतर साथी दिवाली एवं उससे सम्बंधित पर्वों में व्यस्त हैं, यही कारण है कि इस बार साथिओं की तरफ से कुछ भी योगदान प्राप्त नहीं हुआ है। कोई बात नहीं हमारे पास साथिओं के प्रेमपूरित अनेकों कमैंट्स सेव किये हुए हैं
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“उपासना-साधना-आराधना” लेख श्रृंखला का सारांश एवं आगे की रण नीति
31 अक्टूबर 2024 का ज्ञानप्रसाद विश्वभर में फैले ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवारजनों को उनके समय के अनुसार दीपावली की हार्दिक शुभकामना। हम सबके प्रिय एवं परम पूज्य गुरुदेव के समर्पित शिष्य आदरणीय श्रद्धेय डॉ साहिब के अवतरण दिवस की, ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार की ओर से भावपूर्ण शुभकामना एवं बधाई, आज का प्रज्ञागीत उसी सन्दर्भ
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सर्वांगपूर्ण सुगम उपासना विधि, Complete and easy method of worship” पार्ट 2, समापन
30 अक्टूबर 2024 का ज्ञानप्रसाद –सर्वांगपूर्ण सुगम उपासना विधि आज के ज्ञानप्रसाद लेख से “उपासना आधरित लेख श्रृंखला” का समापन हो रहा है। कल प्रस्तुत किये गए लेख में “सर्वांगपूर्ण सुगम उपासना विधि” में किये जाने वाले पांच स्टैप्स (1.ब्रह्मसंध्या 2. देवपूजन 3. जप एवं ध्यान 4. प्रार्थना 5. सूर्यार्घ्यदान) में से प्रथम दो प्रारंभिक
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“सर्वांगपूर्ण सुगम उपासना विधि, Complete and easy method of worship” पार्ट 1
29 अक्टूबर 2024 का ज्ञानप्रसाद- सर्वांगपूर्ण सुगम उपासना विधि कुछ दिन पूर्व जब यूट्यूब ने उड़ते हुए, रंग बिरंगें गुब्बारे भेज कर जीमेल द्वारा 5 मिलियन (50 लाख) व्यूज की उपलब्धि पर हमें बधाई दी तो ह्रदय प्रसन्नता से भर गया। इस उपलब्धि से प्राप्त हुई प्रसन्नता को अपने परिवार के अनेकों साथिओं, सहकर्मियों के
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“सर्वांगपूर्ण सुगम उपासना विधि, Complete and easy method of worship”
28 अक्टूबर 2024 सोमवार का ज्ञानप्रसाद 9 सितम्बर 2024 को “ध्यान” के विषय पर आरम्भ हुए लगभग 27 लेखों का विस्तृत अमृतपान करने के बाद साथिओं के पास शायद ही कोई ऐसा प्रश्न हो जिसका उत्तर Unanswered रह गया हो। आज सोमवार को ध्यान के अंतिम चैप्टर की ओर अग्रसर होने का समय आ गया
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“सुझाव सुमनलता बहिन जी का,प्रयास हमारा” का 26 अक्टूबर , 2024 का अंक
हमारी सबकी आदरणीय एवं सर्वप्रिय बहिन सुमनलता जी द्वारा माह का अंतिम शनिवार हमारी “मन की बात” के लिए रिज़र्व करना,सच में हमारे लिए बहुत ही सम्मान की बात है जिसके लिए बहिन जी का धन्यवाद् करते हैं। माह के बाकि तीन शनिवार पूर्णतया परिवार के साथिओं के लिए रिज़र्व किये हुए हैं। लगभग 6
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गायत्री मंत्र को “ब्राह्मण की कामधेनु” क्यों कहा जाता है ?
24 अक्टूबर 2024 का ज्ञानप्रसाद-ब्राह्मण की कामधेनु ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार के मंच से अधिकतर ऐसे बहुचर्चित विषयों पर चर्चा की जाती है जिन्हें अधिकतर लोगों ने सुन तो रखा होता है लेकिन जब उनके बारे में पूछा जाता है तो कुछ Fragmented सा, ग़लत सा ज्ञान ही प्रतक्ष्य होता दिखता है। इस मंच पर
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उपासना-साधना-आराधना लेख शृंखला का चतुर्थ एवं अंतिम भाग
23 अक्टूबर 2024 बुधवार का ज्ञानप्रसाद-उपासना-साधना-आराधना 17 अक्टूबर को “उपासना-साधना-आराधना (USA)” विषय पर आरम्भ हुई ज्ञानप्रसाद लेख श्रृंखला परम पूज्य गुरुदेव द्वारा मार्च 1980 में युगतीर्थ शांतिकुंज के प्रांगण में दिए गए उद्बोधन पर आधारित है। लगभग 5000 शब्दों का यह उद्बोधन इसी शीर्षक से 32 पृष्ठों की पुस्तक फॉर्म में भी उपलब्ध है। आज
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उपासना-साधना-आराधना लेख शृंखला का तीसरा भाग
22 अक्टूबर 2024 मंगलवार का ज्ञानप्रसाद-उपासना-साधना-आराधना 17 अक्टूबर को “उपासना-साधना-आराधना (USA)” विषय पर आरम्भ हुई ज्ञानप्रसाद लेख श्रृंखला परम पूज्य गुरुदेव द्वारा मार्च 1980 में युगतीर्थ शांतिकुंज के प्रांगण में दिए गए उद्बोधन पर आधारित है। लगभग 5000 शब्दों का यह उद्बोधन इसी शीर्षक से 32 पृष्ठों की पुस्तक फॉर्म में भी उपलब्ध है। हमारे
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उपासना-साधना-आराधना लेख शृंखला का द्वितीय भाग
21 अक्टूबर 2024 सोमवार का ज्ञानप्रसाद-उपासना-साधना-आराधना पुस्तक का लिंक 17 अक्टूबर को “उपासना-साधना-आराधना” विषय पर आरम्भ हुई ज्ञानप्रसाद लेख श्रृंखला परम पूज्य गुरुदेव द्वारा मार्च 1980 में दिए गए उद्बोधन पर आधारित है। लगभग 5000 शब्दों का यह उद्बोधन इसी शीर्षक से 32 पृष्ठों की पुस्तक फॉर्म में भी उपलब्ध है। हमारे अनेकों साथिओं ने
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उपासना-साधना-आराधना लेख शृंखला का प्रथम भाग
17 अक्टूबर 2024 गुरुवार का ज्ञानप्रसाद- उपासना-साधना-आराधना पुस्तक (Click this link) उपासना-साधना-आराधना विषय पर आधारित प्रस्तुत ज्ञानप्रसाद लेख श्रृंखला परम पूज्य गुरुदेव द्वारा मार्च 1980 में दिए गए उद्बोधन पर आधारित है। लगभग 5000 शब्दों का यह उद्बोधन इसी शीर्षक से 32 पृष्ठों की पुस्तक फॉर्म में भी उपलब्ध है। हमारे अनेकों साथिओं ने इस
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हमारे अनुसार ध्यान साधना की कठिनतम प्रक्रिया (ब्रह्मवर्चस साधना)
15 अक्टूबर 2024 का ज्ञानप्रसाद -यह लेख अखंड ज्योति के जुलाई 1978 अंक पर आधारित है। आज के लेख का शीर्षक स्वयं ही बता रहा है कि इस लेख में बताई गयी “ध्यान प्रक्रिया” कठिनतम प्रक्रिया है। यह विचार पूर्णतया हमारे व्यक्तिगत हैं क्योंकि हम ध्यान की कक्षा में मात्र नर्सरी के ही विद्यार्थी है।
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आधे घंटे की सरलतम ध्यान प्रक्रिया
14 अक्टूबर 2024 सोमवार का ज्ञानप्रसाद, सोर्स- अनेकों लेख आज सोमवार के दिन, सप्ताह के प्रथम दिन, गुरुकक्षा में सभी सहपाठिओं का स्वागत, अभिवादन है। ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार का प्रत्येक सहकर्मी इस बात से भलीभांति परिचित है कि हम पिछले कई दिनों से “ध्यान लगाने का” और “ध्यान लगाकर प्राप्त होने वाले आनंद” को
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12 अक्टूबर 2024 2024,शनिवार का “अपने सहकर्मियों की कलम से” का साप्ताहिक विशेषांक
ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार में शनिवार का दिन एक उत्सव की भांति होता है। यह एक ऐसा दिन होता है जब हम सब सप्ताह भर की कठिन पढाई के बाद थोड़ा Relaxed अनुभव करते हैं और अपने साथिओं के साथ रूबरू होते हैं, उनकी गतिविधिओं को जानते हैं। हर कोई उत्साहित होकर अपना योगदान देकर
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तपश्चर्या बन्दूक है तो मंत्र कारतूस हैं।
10 अक्टूबर 2024 का ज्ञानप्रसाद, स्रोत-अनेकों पुस्तकें आज के लेख में आरंभिक साधना के अगले स्तर में प्रवेश करने का प्रयास तो किया गया है लेकिन अनेकों साधना स्तर, अनेकों साधना प्रक्रियों को देखते हुए यही उचित होगा कि जितना आसानी से समझा जा सके, वहीँ तक अपनी ट्रेनिंग को सीमित किया जाए। ऐसा कहना
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सामान्य गायत्री साधना का सरल वर्णन
9 अक्टूबर 2024 का ज्ञानप्रसाद, स्रोत-अनेकों पुस्तकें ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार के मंच पर प्रायः गायत्री साधना के बारे में प्रश्न किये जाते रहे हैं ,यह कब करनी चाहिए, कैसे करनी चाहिए एवं इसका क्या विधान है। आज के लेख में बिलकुल ही बेसिक स्तर की साधना का वर्णन है जो उन साथिओं के लिए
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समापन हुई “ध्यान लेख श्रृंखला” का सारांश और आगे की रणनिति
8 अक्टूबर 2024 का ज्ञानप्रसाद आज का ज्ञानप्रसाद लेख मात्र 1600 शब्दों (मात्र 3 ही पन्नें ) का ही है। बड़े-बड़े ज्ञानवर्धक लेख पढ़कर अगर हमारे साथी ऊब गए हैं तो आज का लेख कुछ Relief दे सकता है। आज के लेख की रचना के पीछे आदरणीय नीरा जी का उत्कृष्ट योगदान है जिसके लिए
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ध्यान क्यों करें, कैसे करें ? पार्ट 13
7 अक्टूबर 2024, सोमवार का ज्ञानप्रसाद- अखंड ज्योति नवंबर,दिसंबर 2002 एवं जनवरी, फरवरी 2003 1977 के उद्बोधन पर आधारित लेख शृंखला का समापन लेख। “ध्यान क्यों करें, कैसे करें” विषय पर जून,1977 में गायत्री तीर्थ शाँतिकुँज में परम पूज्य गुरुदेव ने अपने बच्चों की सुविधा एवं ट्रेनिंग के लिए एक विस्तृत उद्बोधन दिया। यह उद्बोधन
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ध्यान क्यों करें, कैसे करें ? पार्ट 12
3 अक्टूबर 2024, गुरुवार का ज्ञानप्रसाद -अखंड ज्योति नवंबर,दिसंबर 2002 एवं जनवरी, फरवरी 2003 “ध्यान क्यों करें, कैसे करें” विषय पर जून,1977 में गायत्री तीर्थ शाँतिकुँज में परम पूज्य गुरुदेव ने अपने बच्चों की सुविधा एवं ट्रेनिंग के लिए एक विस्तृत उद्बोधन दिया। यह उद्बोधन अखंड ज्योति नवंबर, दिसंबर 2002 के दो अंक और जनवरी, फरवरी 2003
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ध्यान क्यों करें, कैसे करें ? पार्ट 11
2 अक्टूबर 2024, बुधवार का ज्ञानप्रसाद-स्रोत- अखंड ज्योति नवंबर,दिसंबर 2002 एवं जनवरी, फरवरी 2003 https://youtu.be/L9sNLAephoQ?si=Ojc4WDnHpu5ZrpRR (गुरु ध्यान को समर्पित है आज का प्रज्ञागीत) “ध्यान क्यों करें, कैसे करें” विषय पर जून,1977 में गायत्री तीर्थ शाँतिकुँज में परम पूज्य गुरुदेव ने अपने बच्चों की सुविधा एवं ट्रेनिंग के लिए एक विस्तृत उद्बोधन दिया। यह उद्बोधन
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ध्यान क्यों करें, कैसे करें ? पार्ट 10
1 अक्टूबर 2024, मंगलवार का ज्ञानप्रसाद- स्रोत- अखंड ज्योति नवंबर,दिसंबर 2002 एवं जनवरी, फरवरी 2003 “ध्यान क्यों करें, कैसे करें” विषय पर जून,1977 में गायत्री तीर्थ शाँतिकुँज में परम पूज्य गुरुदेव ने अपने बच्चों की सुविधा एवं ट्रेनिंग के लिए एक विस्तृत उद्बोधन दिया। यह उद्बोधन अखंड ज्योति नवंबर, दिसंबर 2002 के दो अंक और
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ध्यान क्यों करें, कैसे करें ? पार्ट 9
30 सितम्बर 2024, सोमवार का ज्ञानप्रसाद – -—स्रोत- अखंड ज्योति नवंबर,दिसंबर 2002 एवं जनवरी, फरवरी 2003 “ध्यान क्यों करें, कैसे करें” विषय पर जून,1977 में गायत्री तीर्थ शाँतिकुँज में परम पूज्य गुरुदेव ने अपने बच्चों की सुविधा एवं ट्रेनिंग के लिए एक विस्तृत उद्बोधन दिया। यह उद्बोधन अखंड ज्योति नवंबर, दिसंबर 2002 के दो अंक और जनवरी,
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सुझाव सुमनलता बहिन जी का,प्रयास हमारा का 28 सितम्बर, 2024 का अंक
हमारी सबकी आदरणीय एवं सर्वप्रिय बहिन सुमनलता जी द्वारा माह का अंतिम शनिवार हमारी “मन की बात” के लिए रिज़र्व करना,सच में हमारे लिए बहुत ही सम्मान की बात है जिसके लिए बहिन जी का धन्यवाद् करते हैं। माह के बाकि तीन शनिवार परिवार के साथिओं के लिए रिज़र्व किये हुए हैं। अंतिम शुक्रवार युवा
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ध्यान क्यों करें, कैसे करें ? पार्ट 8
26 सितम्बर 2024 गुरुवार का ज्ञानप्रसाद-—स्रोत- अखंड ज्योति नवंबर,दिसंबर 2002 एवं जनवरी, फरवरी 2003 “ध्यान क्यों करें, कैसे करें” विषय पर जून,1977 में गायत्री तीर्थ शाँतिकुँज में परम पूज्य गुरुदेव ने अपने बच्चों की सुविधा एवं ट्रेनिंग के लिए एक विस्तृत उद्बोधन दिया। यह उद्बोधन अखंड ज्योति नवंबर, दिसंबर 2002 के दो अंक
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ध्यान क्यों करें, कैसे करें ? पार्ट 7
25 सितम्बर 2024 बुधवार का ज्ञानप्रसाद—स्रोत- अखंड ज्योति नवंबर,दिसंबर 2002 एवं जनवरी, फरवरी 2003 “ध्यान क्यों करें, कैसे करें” विषय पर जून,1977 में गायत्री तीर्थ शाँतिकुँज में परम पूज्य गुरुदेव ने अपने बच्चों की सुविधा एवं ट्रेनिंग के लिए एक विस्तृत उद्बोधन दिया। यह उद्बोधन अखंड ज्योति नवंबर, दिसंबर 2002 के दो अंक और
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ध्यान क्यों करें, कैसे करें ? पार्ट 6
19 सितम्बर 2024 गुरुवार का ज्ञानप्रसाद—स्रोत- अखंड ज्योति नवंबर,दिसंबर 2002 एवं जनवरी, फरवरी 2003 “ध्यान क्यों करें, कैसे करें” विषय पर जून,1977 में गायत्री तीर्थ शाँतिकुँज में परम पूज्य गुरुदेव ने अपने बच्चों की सुविधा एवं ट्रेनिंग के लिए एक विस्तृत उद्बोधन दिया। यह उद्बोधन अखंड ज्योति नवंबर, दिसंबर 2002 के दो अंक और जनवरी,
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ध्यान करने के अनेकों लाभ
24 सितम्बर 2024 का ज्ञानप्रसाद -स्वरचित अगर कोई आपसे पूछे कि “ध्यान” करने के कौन-कौन से लाभ हैं तो उसे इस स्वरचित लेख की कॉपी थमा दीजिए। आज के लेख में Medical benefits के इलावा अनेकों लाभ की चर्चा है। अखंड ज्योति के लेखों पर आधारित लेख शृंखला कल से फिर आरम्भ हो रही है।
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तोरा मन दर्पण कहलाए -मन की परिभाषा
23 सितम्बर 2024 का ज्ञानप्रसाद- हमारी स्वरचित रचना। “ध्यान क्यों करें, कैसे करें?” लेख श्रृंखला से ही सम्बंधित एक लेख, हमारी स्वरचित रचना। 1965 में रिलीज़ हुई धर्मेंद्र,मीना कुमारी स्टारर बॉलीवुड मूवी का बहुचर्चित गीत (गीत क्या, भजन कहना उचित होगा) “तोरा मन दर्पण कहलाए” आज के ज्ञानप्रसाद लेख का आधार है। लेख के आरम्भ
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21 सितम्बर 2024, शनिवार का “अपने सहकर्मियों की कलम से” का साप्ताहिक विशेषांक
आदरणीय सुमनलता जी, रेणु श्रीवास्तव जी का योगदान ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार में शनिवार का दिन एक उत्सव की भांति होता है। यह एक ऐसा दिन होता है जब हम सब सप्ताह भर की कठिन पढाई के बाद थोड़ा Relaxed अनुभव करते हैं और अपने साथिओं के साथ रूबरू होते हैं, उनकी गतिविधिओं को जानते
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ध्यान क्यों करें, कैसे करें ? पार्ट 5
18 सितम्बर 2024 बुधवार का ज्ञानप्रसाद–स्रोत- अखंड ज्योति नवंबर,दिसंबर 2002 एवं जनवरी, फरवरी 2003 “ध्यान क्यों करें, कैसे करें” विषय पर जून,1977 में गायत्री तीर्थ शाँतिकुँज में परम पूज्य गुरुदेव ने अपने बच्चों की सुविधा एवं ट्रेनिंग के लिए एक विस्तृत उद्बोधन दिया। यह उद्बोधन अखंड ज्योति नवंबर, दिसंबर 2002 के दो अंक और
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ध्यान क्यों करें, कैसे करें ? पार्ट 4
17 सितम्बर 2024 मंगलवार का ज्ञानप्रसाद –स्रोत- अखंड ज्योति नवंबर,दिसंबर 2002 एवं जनवरी, फरवरी 2003 “ध्यान क्यों करें, कैसे करें” विषय पर जून,1977 में गायत्री तीर्थ शाँतिकुँज में परम पूज्य गुरुदेव ने अपने बच्चों की सुविधा एवं ट्रेनिंग के लिए एक विस्तृत उद्बोधन दिया। यह उद्बोधन अखंड ज्योति नवंबर, दिसंबर 2002 के दो अंक और जनवरी,
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ध्यान क्यों करें, कैसे करें ? पार्ट 3
16 सितम्बर 2024 सोमवार का ज्ञानप्रसाद–स्रोत- अखंड ज्योति नवंबर,दिसंबर 2002 एवं जनवरी, फरवरी 2003 “ध्यान क्यों करें, कैसे करें” विषय पर जून,1977 में गायत्री तीर्थ शाँतिकुँज में परम पूज्य गुरुदेव ने अपने बच्चों की सुविधा एवं ट्रेनिंग के लिए एक विस्तृत उद्बोधन दिया। यह उद्बोधन अखंड ज्योति नवंबर, दिसंबर 2002 के दो अंक और
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14 सितम्बर 2024,शनिवार का “अपने सहकर्मियों की कलम से” का साप्ताहिक विशेषांक
आज का साप्ताहिक विशेषांक रफ़्तार फिल्म के बहुचर्चित गीत “संसार है इक नदिआ, दुःख सुख दो किनारे हैं” के साथ आरम्भ हो रहा है। हमारी शोकातुर, समर्पित, आदरणीय सुजाता उपाध्याय बहिन को हम सभी भाई बहिनों के सहारे की आवश्यकता है। हम संकल्प लेते हैं कि बहिन जी के इकलौते भाई के देहावसान से उत्पन
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ध्यान क्यों करें, कैसे करें ? पार्ट 2
12 सितम्बर 2024 गुरुवार का ज्ञानप्रसाद–स्रोत- अखंड ज्योति नवंबर,दिसंबर 2002 एवं जनवरी, फरवरी 2003 “ध्यान क्यों करें, कैसे करें” विषय पर जून,1977 में गायत्री तीर्थ शाँतिकुँज में परम पूज्य गुरुदेव ने अपने बच्चों की सुविधा एवं ट्रेनिंग के लिए एक विस्तृत उद्बोधन दिया। यह उद्बोधन अखंड ज्योति नवंबर, दिसंबर 2002 के दो अंक और जनवरी,
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ध्यान क्यों करें, कैसे करें ? पार्ट 1
11 सितम्बर 2024 का ज्ञानप्रसाद– स्रोत- अखंड ज्योति नवंबर,दिसंबर 2002 एवं जनवरी फरवरी 2003 “ध्यान क्यों करें, कैसे करें” विषय पर जून,1977 में गायत्री तीर्थ शाँतिकुँज में परम पूज्य गुरुदेव ने अपने बच्चों की सुविधा एवं ट्रेनिंग के लिए एक विस्तृत उद्बोधन दिया। यह उद्बोधन इतना प्रैक्टिकल, ज्ञानवर्धक और विस्तृत था कि अखंड ज्योति नवंबर,
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“ध्यान” के विषय पर आरम्भ हो रही लेख श्रृंखला की पृष्ठभूमि
10 सितम्बर 2024 का ज्ञानप्रसाद ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार के समर्पित साथी इसकी कार्यप्रणाली से भलीभांति परिचित हैं। इस कार्यप्रणाली के अंतर्गत प्रयास तो सदैव यही रहता है कि लेख शृंखला का शुभारम्भ सप्ताह के प्रथम दिन सोमवार से ही किया जाए क्योंकि उस दिन रविवार के अवकाश के कारण हमारे भीतर एक नवीन ऊर्जा,उत्सुकता
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शांतिकुंज और शांति निकेतन का क्या सम्बन्ध है ?
9 सितम्बर 2024 का ज्ञानप्रसाद –स्रोत फेसबुक पोस्ट https://youtu.be/ZxdTZ6Xmuyc?si=KIQJ58MWoT2WuRg2 आज का ज्ञानप्रसाद लेख 30 मई 2024 को फेसबुक पर प्रकाशित हुई गणेश करुले जी की पोस्ट पर आधरित है। परम पूज्य गुरुदेव पर आधारित इस जानकारी के लिए हम गणेश जी के आभारी है। ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार के प्रकाशन नियमों के अनुसार एडिटिंग के
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7 सितम्बर 2024,शनिवार का “अपने सहकर्मियों की कलम से” का साप्ताहिक विशेषांक
ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार में शनिवार का दिन एक उत्सव की भांति होता है। यह एक ऐसा दिन होता है जब हम सब सप्ताह भर की कठिन पढाई के बाद थोड़ा Relaxed अनुभव करते हैं और अपने साथिओं के साथ रूबरू होते हैं, उनकी गतिविधिओं को जानते हैं। हर कोई उत्साहित होकर अपना योगदान देकर
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समर्पित कार्यकर्ताओं की मणि मुक्तकों में पिरोई माला गुरुदेव की सबसे बहुमूल्य निधि
5 सितम्बर 2024 का ज्ञानप्रसाद-स्रोत:अखंड ज्योति अगस्त-सितम्बर 1990 संयुक्त अंक 2 जून 1990 को परम पूज्य गुरुदेव के महाप्रयाण के बाद, 201 पृष्ठों वाला अखंड ज्योति का अगस्त-सितम्बर का एक संयुक्त अंक प्रकाशित हुआ। इस श्रद्धांजलि अंक में गुरुदेव से सम्बंधित मास्टरपीस जानकारी दे रहे अनेकों लेख शामिल हैं जिन पर हम पहले भी कुछ
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पारस रुपी अखंड ज्योति पत्रिका ने अनेकों का कायाकल्प किया है।
4 सितम्बर 2024 का ज्ञानप्रसाद – स्रोत: अखंड ज्योति दिसंबर 1999 आज प्रातः आँख खुलते ही आदरणीय डॉ ओ पी शर्मा जी का कमेंट मिला तो सारे शरीर में एक इलेक्ट्रिक करंट सी दौड़ गयी, इस कमेंट को यूट्यूब पर शेयर करने में तनिक भी विलम्ब न कर पाए क्योंकि यह इनाम हमारे साथिओं के
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मेरा अंतःकरण मेरे गुरु का घर बन गया
3 सितम्बर 2024 का ज्ञानप्रसाद- स्रोत अखण्ड ज्योति, जुलाई 2002, पृष्ठ 32-33 धरती में पड़े बीज तब तक अंकुरित नहीं होते जब तक उन्हें उचित वातावरण नहीं मिलता। जब गर्मी अपने पूरे यौवन में होती है तो कुछ ही समय के बाद वाष्पीकरण से वर्षा की ठंडी फुहारें धरती माँ को शीतलता प्रदान करती है।
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कभी सोचा है जीवन का उद्देश्य क्या है ?
2 सितम्बर 2024 का ज्ञानप्रसाद –स्रोत -अखंड ज्योति मार्च 1965,पृष्ठ 10 आज का ज्ञानप्रसाद लेख लिखते समय हमें अपने बाल्यकाल के वोह अवस्मरणीय पल स्मरण हो आए जब अमावस की काली अँधेरी रात में घर के छत पर सोते समय तारों भरे आकाश को निहारा करते थे। आकाश में टिमटिमाते अनगनित सितारों की तुलना हम
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“सुझाव सुमनलता बहिन जी का प्रयास हमारा” का 31 अगस्त 2024 वाला अंक
31 अगस्त 2024 हमारी सबकी आदरणीय एवं सर्वप्रिय बहिन सुमनलता जी द्वारा माह का अंतिम शनिवार हमारी “मन की बात” के लिए रिज़र्व करना,सच में हमारे लिए बहुत ही सम्मान की बात है जिसके लिए बहिन जी का धन्यवाद् करते हैं। माह के बाकि तीन शनिवार परिवार के साथिओं के लिए रिज़र्व किये हुए हैं।
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जीवन रुपी “व्यापार-गृह” की साज- संभाल
29 अगस्त 2024 का ज्ञानप्रसाद– स्रोत:अखंड ज्योति अप्रैल 1940 आज के ज्ञानप्रसाद लेख का शुभारम्भ करने से पहले अपने सभी सहपाठिओं से करबद्ध क्षमाप्रार्थी हैं कि अपने जन्म दिवस पर प्राप्त हुए आशीर्वाद का एक-एक करके रिप्लाई न कर पाए, धन्यवाद् न कर पाए। हमने अपने ही निर्धारित किये मानवीय मूल्य का पालन न करके
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मानव मस्तिष्क एक प्रतक्ष्य कल्पवृक्ष है
28 अगस्त 2024 का ज्ञानप्रसाद अखंड ज्योति के फ़रवरी 2003 अंक में प्रकाशित “छोटी सी खोपड़ी, पर है चमत्कारी” लेख ने हमें ऐसा आकर्षित किया कि हमने यह लिंक सेव करके रख लिया था। संकल्प लिया कि विज्ञान को एक तरफ रखकर OGGP मंच पर इस लेख को सरल करके प्रस्तुत करेंगें जिससे अनेकों भटके