वेदमाता,देवमाता,विश्वमाता माँ गायत्री से सम्बंधित साहित्य को समर्पित ज्ञानकोष

गुरुदेव के आध्यात्मिक जन्म दिवस 2024 को समर्पित चौथा  अनुभूति लेख-प्रस्तुतकर्ता  पिंकी  पाल एवं मीरा देवी  पाल 

27 फ़रवरी 2024

परमपूज्य गुरुदेव का आध्यात्मिक जन्मदिन मनाने हेतु ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवारजनों द्वारा लिए संकल्प  का दूसरा  पार्ट “अनुभूति विशेषांक” है जिसके अंतर्गत इस  परिवार के समर्पित साथिओं द्वारा रचे गए व्यक्तिगत अनुभव प्रकाशित किये जा रहे हैं। कई दिनों तक चलने वाले “अनुभूति विशेषांक” के लिए हम सभी साथिओं का धन्यवाद् करते हैं जिन्होंने हमारे आग्रह एवं सुझाव का सम्मान करते हुए, अद्भुत  योगदान किया है ।अपनी-अपनी रूचि, योग्यता एवं समर्पण के आधार पर अभी भी योगदान अनवरत आ रहे हैं, कुछ छोटे, कुछ बड़े,सभी का हम सम्मान करते हुए धन्यवाद करते हैं।  सभी साथी जानते हैं कि यह मंच “दान का मंच” है, इस परिवार में सच्ची गुरुभक्ति ईश्वर के विशाल खेत में समयदान, ज्ञानदान, विवेकदान,श्रमदान आदि को ही माना गया है। परम पूज्य गुरुदेव ने बार बार इस तथ्य पर बल दिया है कि ईश्वर के विशाल खेत में बीज बोने  से अनेकों गुना फसल हमारे हाथ लगती है, इसलिए कुछ भी “लेने”   से पहले यह देखना आवश्यक है कि हमने “दिया” क्या है। हमारे गुरुदेव ने तो अपने गुरु को अपना सर्वस्व ही अर्पित कर दिया था। हम क्या दे रहे हैं ? ज़रा विचार कीजिए !  

आज का लेख आरम्भ करने से पहले एक अपडेट दे रहे हैं जिसके अंतर्गत आज ( कुछ देर बाद) हमारी आँख की सर्जरी होने के कारण कल वाला लेख, शुभरात्रि सन्देश आदि  पोस्ट नहीं हो पायेंगें जिसके लिए हम क्षमा प्रार्थी है। हमारी अनुपस्थिति कितनी देर के लिए बनी रहेगी, परिस्थिति पर ही निर्भर करता है। साथिओं से मिल रहे शुभकामना संदेशों के लिए धन्यवाद् करते हैं।  कमैंट्स से देखा गया है कि हमारे साथिओं को दैनिक ज्ञानप्रसाद की आदत सी हो गयी है, आँख खुलते ही सबसे पहला कार्य ज्ञानप्रसाद लेख को ढूढ़ने का ही होता है, हमारी अनुपस्थिति में साथी हमारे 1000 लेखों में से पूर्वप्रकाशित लेखों का अध्ययन करके अपनी मंगलवेला को दिव्य बना सकते हैं। यह सारे लेख यूट्यूब पर ही उपलब्ध हैं, मात्र नीचे की ओर  Scroll  करने की आवश्यकता है।    

आज के लेख में  एक संस्कारवान बेटी और एक समर्पित माता  के योगदान को शामिल किया गया है, अवश्य ही सभी को प्रेरणा मिलेगी। हमारी सबकी प्यारी बेटी पिंकी की अनुभूति एवं उनकी माता जी की भावना के साथ, इस चौथे अंक में “समर्पित पाल परिवार” के योगदान का समापन होता है। तीनो बच्चों एवं उनके माता पिता को यह चार लेख प्रस्तुत करने के लिए धन्यवाद् करते हैं। 

इन्हीं शब्दों के साथ हम आज के अनुभूति अंक की ओर कदम बढ़ाते हैं, अगले अंक में किसी अन्य समर्पित साथी का योगदान होगा। 

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परम पूज्य गुरुदेव का सूक्ष्म संरक्षण व दिव्य सानिध्य किसी  सुरक्षा कवच से कम नहीं- पिंकी पाल

परम पूज्य गुरुदेव के आध्यात्मिक जन्मदिवस वसंत पंचमी 2024 के उपलक्ष्य में मैं, पिंकी पाल अपनी अनुभूति जो कि एक सत्य घटना है, प्रस्तुत कर रही हूँ।

ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार की यूनिक प्रथा के अनुसार इस छोटे से समर्पित परिवार के परिवारजनों को अपनी अनुभूतियां  लिखने के लिए प्रेरित किया जाता है जिसमें हर कोई सदस्य  बढ़ चढ़ कर  भाग लेता है। हमारा विश्वास है कि गायत्री परिवार का शायद ही कोई सदस्य हो जिसे कोई न कोई अनुभूति न हुई हो। यहाँ प्रस्तुत की जा रही अनुभूति भी उसी प्रेरणा का ही परिणाम है।  इस अनुभूति को पढ़ने के बाद अवश्य ही पाठकों का  परम पूज्य गुरुदेव के प्रति आत्मविश्वास बढ़ेगा,आत्मसंतुष्टि मिलेगी एवं प्रेरणा व ऊर्जा मिलने की प्रबल सम्भावना है l 

यहाँ प्रस्तुत की जा रही घटना 14 जुलाई 2023 की है  जब मैं नारायणपुरी कानपुर स्थित आवास में रहती थी। इसी मकान में अलग कमरे में रोशनी नाम की एक लड़की रहती थी जिसकी हर अमावस्या व पूर्णमासी को भूत-प्रेत के आक्रमण से तबियत खराब हो जाती थी और प्रेतात्माएं परेशान करती थी l रोशनी बेचारी इस तरह की समस्या का सामना लगभग 5-6 वर्ष  से कर रही थी। रोशनी को कई जगह दिखाया भी लेकिन कोई स्थायी लाभ नहीं मिल पा रहा था l 

एक दिन रात्रि की बात है, रोशनी और मैं दोनों  छत पर लेटे हुए थे कि लगभग 12:30 बजे अचानक रोशनी की तबियत पहले की तरह खराब हो गई और वह डर के कारण मेरे साथ लेट गई l जैसे ही रोशनी साथ लेटी,उसे प्रेतात्माओं ने दबोच लिया और रोशनी मेरी  तरफ मुँह करके एकटक घूरने लगी और  जोर-जोर से चिल्लाने लगी l जैसे ही वह चिल्लाई तो मेरी  आँख खुल गई, मैंने  देखा कि  उसके शरीर में प्रेतात्मा का वास हो चुका था और वह मेरी  तरफ घूर-घूर कर देख रही थी। पहले तो मैं भी विश्वास नहीं करती थी लेकिन आज शंका हुई कि रोशनी के शरीर में प्रेतात्मा सवार हो चुकी है, मैंने फिर भी हिम्मत नहीं हारी और रोशनी का हाथ पकड़ा, मैंने उसे अपनी तरफ घसीट लिया व उसके साथ चिपककर लेट गई। 

इस स्थिति में सम्पूर्ण आत्मविश्वास के साथ मैंने परम पूज्य गुरुदेव का स्मरण किया  एवं गायत्री मंत्र का जप करने लगी l मैं अनवरत गायत्री मंत्र पढ़े जा  रही थी लेकिन रोशनी  मेरे ऊपर चढ़े ही जा रही थी। मेरी आत्मा अंदर से डगमगाई और मैं डर  भी रही थी लेकिन हार नहीं मानी। गायत्री मंत्र का जप तो  लगातार चल रहा था लेकिन  फिर भी मन में तरह-तरह के नकारात्मक विचार आ रहे थे। ऐसा समझा जाता है कि सावन में भूत-प्रेत आज़ाद रहते हैं, इस तरह के नकारात्मक विचारों से मेरे  मन में और भी अधिक  घबराहट होने लगी। मैंने हिम्मत बिलकुल नहीं हारी और सोंचा कि आज जो कुछ भी होगा देखा जाएगा। मन में सकारात्मक विचार उठे  कि इन भूत-प्रेतों में मेरे परम पूज्य गुरुदेव से अधिक  शक्ति नहीं है। मेरे साथ मेरे परम पूज्य गुरुदेव हैं जो कि साक्षात महाकाल हैं और महाकाल का जिनके सिर पर हाथ होता है उनका  कभी अमंगल नहीं हो सकता है l  परम पूज्य गुरुदेव अपने बच्चों के लिए एक सुरक्षा-कवच की भाँति हैं l इस विश्वास के साथ मैं निरंतर गायत्री मंत्र का जाप करती रही और अपने मोबाइल फोन में भी गायत्री मंत्र चालू करके रख लिया। थोड़ी देर बाद रोशनी ने मुझे  छोड़ दिया और दूसरी तरफ मुँह घुमाकर चुपचाप लेट गई, मैं फिर भी उसके शरीर के ऊपर अपना हाथ रखे रही और हम दोनों सीधे होकर लेट गए।  ऐसा लेटने के लगभग 15  मिनट बाद मुझे महसूस हुआ कि सभी देवी-देवता छत पर  मेरे आस-पास घूम रहे हैं, माँ गायत्री मेरे सिराहने बैठ गई हैं ,मेरा सिर अपनी गोद में रख लिया है और  अपने हाथों से मेरे सिर पर अपना हाथ फेर  रही हैं l मुझे ऐसा सिर्फ अनुभव  ही नहीं हुआ बल्कि मैं अपनी आँखों से प्रत्यक्ष देख भी रही थी और उस समय सो नहीं, जाग रही थी l मेरे साथ मेरी माँ आद्यिशक्ति जगत् जननी माँ भगवती गायत्री माता थीं और मेरे परम पूज्य गुरुदेव ने उन्हें मेरी रक्षा के लिए भेजा था l 

सत्य साबित हुआ कि जिसके सिर पर परम पूज्य गुरुदेव का हाथ होता है तो उसका कभी अमंगल नहीं कर  सकता, वह चाहे कोई शैतानी शक्ति हो या फिर इंसानी शक्ति  l मुझे पूर्ण विश्वास है कि परम पूज्य गुरुदेव का सूक्ष्म संरक्षण व दिव्य सानिध्य हम बच्चों के साथ  अनवरत बना रहता है, इसमें तनिक भी संदेह व संशय नहीं है।  ऐसा इसलिए है कि परम पूज्य गुरुदेव की कृपा दृष्टि व ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार का  सामुहिक आशीर्वाद सदैव हमारे साथ है। जब इतना आशीर्वाद और सानिध्य प्राप्त हो  तो हमें कोई कैसे पराजित कर सकता है। 

इस घटना के बाद से अब तक रोशनी को इस तरह की कोई समस्या नहीं आयी और अब वह बिल्कुल ठीक है एवं  मैं भी ठीक हूँ l 

हमें आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि संकट की हर घड़ी में परम पूज्य गुरुदेव हम बच्चों की अंतर्वेदना को सुनते हैं और मदद भी करते हैं l हमारी ही नहीं उनकी शरण में आने वाले हर बच्चे की मदद करते हैं l अतः हम आप सबसे विनम्र निवेदन करते हैं कि परम पूज्य गुरुदेव की शरण में आकर अपने जीवन का कायाकल्प कर स्वयं को  कृतार्थ करें महान कृपा होगी, हम सदैव आप सबके आभारी रहेंगे l 

इसी आशा व विश्वास के साथ मैं अपनी वाणी को विराम देती हूँ l मेरे लिखने में अगर  कोई त्रुटि रह गयी हो तो अपनी बेटी समझकर माफ करें l 

धन्यवाद l जय गुरुदेव जय माता दी सादर प्रणाम l 

आपकी बेटी पिंकी पाल

ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार के प्रति हमारी भावना- मीरा देवी पाल 

हम मीरा देवी पाल वसंत पंचमी के उपलक्ष्य में एक छोटी सी भावना  लिख रहे हैं, जिसे आप सब स्वीकार करें, महान कृपा होगी।  

हमारे घर में प्रतिदिन गायत्री मंत्र का जप होता है जिसका सकारात्मक  प्रभाव हमारे शुद्ध परिवार पर पड़ रहा है।  हम तो एक ग्रहणी हैं, घर के  सभी कार्य, अपनी उपासना, साधना और आराधना मानकर बहुत ही श्रद्धा भाव से करते हैं। इस भावना का  हमारे शुद्ध परिवार को निरंतर लाभ मिल रहा है।  हम और हमारा  परिवार इतने में बहुत खुश रहता है और हमें तरह-तरह की अनुभूतियाँ भी होती रहती हैं जिन्हें  कुछ दिन पहले  ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार (OGGP) के मंच   में शेयर  भी किया जा चुका  है। 

यह विश्वास करने वाला तथ्य है कि परम पूज्य गुरुदेव की शरण में आने वाले  हर व्यक्ति के कष्ट स्वयं ही दूर होते जाते हैं। यहाँ पर एक महत्वपूर्ण बात कहने की आवश्यकता है कि  जिस किसी ने  भी OGGP  में अपना अपॉइंटमेंट कर लिया तो समझो उसका कायाकल्प होना निश्चित है l यह हमारा विश्वास  है और हम मीरा देवी पाल आप सबसे अपील  करती हूँ कि कितनी भी विषम परिस्थिति  आ जाए ,कभी भी सत्य का साथ मत छोड़ना l सत्य से हम कुछ भी  पा सकते हैं l जो प्राप्त है, वही पर्याप्त है  के सिद्धांत पर चलने वाला व्यक्ति  कभी दुःखी नहीं होता एवं  सुखी और समुन्नत जीवन जीता है l 

यह हमारा परम  सौभाग्य है कि ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार जैसा संस्कारित परिवार मिला I परम पूज्य गुरुदेव की कृपा हम सब पाठकगण/ सहकर्मियों  पर सदैव बनी रहे I इसी आशा और विश्वास के साथ हम अपनी वाणी को विराम देते हैं और हम अपनी हर गलती के लिए सबसे क्षमाप्रार्थी हैं l

धन्यवाद, जय गुरुदेव जय माता जी

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आज 16   युगसैनिकों ने 24 आहुति संकल्प पूर्ण किया है। आज की गोल्ड मैडल लिस्ट में नारी शक्ति की प्रतीक सुजाता जी,रेणु जी और संध्या जी को बधाई एवं सभी साथिओं का योगदान के लिए धन्यवाद्।      

(1)सरविन्द कुमार-31,(2)संध्या कुमार-48 ,(3) रेणु श्रीवास्तव-47 ,(4  )सुमनलता-25  ,(5 ) नीरा त्रिखा-30  ,(6  )सुजाता उपाध्याय-51,(7 ) मंजू मिश्रा-33 ,(8  )अरुण वर्मा-30 , (9 ) पिंकी पाल-24 , (10 )अनुराधा पाल-24,(11 )आयुष पाल-25  (12),विदुषी बंता-27,(13)निशा भारद्वाज-28,(14)साधना सिंह-25, (15)मीरा पाल-25,(16)उमा बर्मन-24        

सभी साथिओं को हमारा व्यक्तिगत एवं परिवार का सामूहिक आभार एवं बधाई।


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