वेदमाता,देवमाता,विश्वमाता माँ गायत्री से सम्बंधित साहित्य को समर्पित ज्ञानकोष

अपने सहकर्मियों की कलम से -3 सितम्बर 2022 

परम पूज्य गुरुदेव, वंदनीय माता जी के सूक्ष्म संरक्षण और मार्गदर्शन में 3 सितम्बर शनिवार का “अपने सहकर्मियों की कलम से” का यह लोकप्रिय सेगमेंट आपके चरणों में प्रस्तुत है।  इस सेगमेंट की लोकप्रियता का अनुमान आपके कमैंट्स और कॉउंटर कमेंटस से हो ही जाता है।  आपके सुझाव हमारा मार्गदर्शन  करने में बहुत ही सहायक होते हैं, निवेदन करते हैं इसी प्रकार अपनी सहभागिता का प्रमाण देकर हमारा मनोबल बढ़ाने का कार्य करते  रहें।

ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार (OGGP) समर्पित सहयोगियों का एक बहुत ही छोटा सा परिवार है। सप्ताह के चार दिन -सोमवार से गुरुवार तक चार ज्ञानप्रसाद लेख,शुक्रवार को वीडियो, शनिवार को “ अपने सहकर्मियों की कलम से”, हर रात्रि एक शुभरात्रि सन्देश, आपके लिए प्रस्तुत किये जाते हैं।  रविवार को बैटरी चार्ज करने के लिए अवकाश होता है। सभी सहकर्मियों के सहयोग और सुझावों की ऊर्जा  से यह परिवार अपनी  गति से गिरते-उठते अपनी यात्रा पर चले  जा रहा है।

कमैंट्स और व्यूज के सन्दर्भ में पिछले सेगमेंट में सहकर्मियों से सुझाव मांगे थे, आज फिर मार्गदर्शन के लिए  निवेदन कर रहे  हैं ताकि इस ज्ञानरथ को गतिशील किया जा सके। कुछ सहयोगियों ने सुझाव दिए भी थे कि “ किसी से ज़बरदस्ती तो नहीं की जा सकती”, उनका धन्यवाद् करते हैं। यह बात तो बिल्कुल ही सत्य है लेकिन चाहे जो कोई  भी आंधी तूफ़ान आये, गुरुदेव के दिव्य साहित्य को पढ़ने-पढ़ाने की प्रक्रिया सुनिश्चित करना हमारा परम कर्तव्य एवं धर्म है। इससे कम में हमारा अन्तःकरण नहीं मानेगा।

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1.बेटी संजना कुमारी :

मेरी ऑनलाइन ग्यानरथ गायत्री परिवार से जुड़ी कुछ अनुभूतियां ~

“कहते हैं परेशानियों का हमारे जीवन में आना पार्ट ऑफ लाइफ है और उनसे हंसकर बाहर आना आर्ट ऑफ लाइफ है।” जब मैं अपने जीवन के उलझनों में बहुत ज्यादा फंसी थी और अपने परिवारजनों से ही मिल रहे धोखों एवं रिश्तों के खोखलेपन को सामना कर रही थी तब जिंदगी पूरी अंधकारमय हो गई थी। जिन्हें अपना समझते थे वो तो अपने कभी थे ही नहीं और जिसे जिंदगी का मायने समझते थे वो कसौटी भी ग़लत थी।अपना है कौन? अपनी सिर्फ अंतरात्मा है और उस तक पहुंचने का राजमार्ग गुरु ही है। गुरु के मार्गदर्शन में जो भी आत्मज्ञान, सद्ज्ञान मिलेगा वो ही अपना है। ज्ञान की प्रचंड शक्ति से अंधकार के बादल छंटने लगते हैं,अंदर बाहर के पीड़ा और पतन का निवारण होने लगता, आसपास प्रेममय वातावरण हो जाता है। इस तरह हमें हमारे जीवन का लक्ष्य (पीड़ा पतन का निवारण और प्रेम का फैलाव) भी मिल जाता है और लक्ष्य तक पहुंचने के पहुंचने के अस्त्र शस्त्र भी (यानी क्रांतिकारी विचार, जाग्रत विवेक बुद्धि, त्याग, तपस्या)। अस्त्र शस्त्र पता हैं लेकिन इसे ठीक तरह से चलाना सीखना  होगा वो हम सीख  सकते हैं उपासना, साधना, अराधना, स्वाध्याय,संयम और सेवा से। अंधकारमय जीवन में हम भटके हुए देवता बन जाते हैं और अपनी जगह उस अंधेरे में ही बनाने के लिए रोते रहते हैं, हमें पता ही नहीं चलता कि कहीं स्वर्णिम और उज्जवल भविष्य भी हमारा इंतजार कर रहा  है।हम उसी मोहमाया में रोते चलें जातें हैं। 

उस समय में आदरणीय डॉक्टर सर हमें धारावाहिक महाभारत के  शुरू में एक वाक्य की ओर ध्यान देने को कहते हैं – मैं समय हूं यानी समय बलवान है, जो आज है जरुरी नहीं हमेशा ऐसे ही हों। इसी तरह हमें जो निरंतर ज्ञानप्रसाद मिलता है उससे हमारा ज्ञान, ऊर्जा और रोचकता बढ़ती है। इसी तरह हम उस अंधेरे से एक-एक करके  सीढ़ी पार करते रहते हैं और हमारे जीवन में कब उल्लास, प्यार, वो खोई हुई संतुष्टि वापिस आ जाती है पता ही नहीं चलता। जिसे समाज में अपना कहा जाता है वो जब हमसे दूर हो रहें थे तब इस परिवार का दामन (हमने तो नहीं कहेंगे) गुरु सत्ता ने पकड़ा दिया। जिस प्यार, अपनत्व, आशीर्वाद और मार्गदर्शन के लिए छछनतें थे वो मुझे मेरे ऑनलाइन ग्यानरथ गायत्री परिवार के एक-एक सदस्य से मिला है जिसके लिए हम जीवन भर आभारी रहेंगे। इस अनमोल सहकार  के लिए आदरणीय डॉक्टर सर और सभी आत्मीय वरिष्ठ जनों को हमारा भाव भरा सादर प्रणाम एवं हृदय से कोटि कोटि धन्यवाद। हमें अपनी खोई दीदी का प्यार मिला, चाची जी और चाचा जी के रिश्ते प्यारे और प्रेरणादायक भी हो सकतें ये अनुभव किया और किन्हीं को भी इस प्यार का सच्चा आनंद चखना है तो इस परिवार से ले सकते हैं। यह प्यार, प्रोत्साहन और आशीर्वाद की खान है, वो झूठी और दिखावे वाली नहीं जो हम आज तक जानते थे। आदरणीय डॉक्टर सर के बारे में बस यही कहना चाहते हैं कि वह  फरिश्ता हैं हमारे लिए और जिस हीरें की मांग गुरु जी किया करते थे वो हीरा हैं।

अब हमारी विश्वविद्यालय में नयी सेशन शुरू हो रही है जिसके लिए आप सभी का आशीर्वाद चाहिए ताकि  हम समय ,धन और ऊर्जा को सार्थक कर सकें। वहां कल जाना है।जाने के बाद व्यसत शेड्यूल के कारण कमेंट के द्वारा जुड़ाव तो नहीं हो पाएगा परंतु हम आदरणीय डॉक्टर सर से समय समय पर किसी माध्यम से जुड़ने की कोशिश करते रहेंगे।

आप सभी वरिष्ठजनों की मार्गदर्शन की हमेशा स्वागत करुंगी 🙏। लिखने में या कभी भी हमसे  कोई त्रुटि  हो गई हो तो हम क्षमा मांगते हैं 🙏। जय गुरुदेव जय शिव शंभू

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2.आदरणीय प्रेमशीला मिश्रा :

27 अगस्त 2022 शनिवार को आद प्रेमशीला मिश्रा जी द्वारा शेयर की गयी 108 कुंडिय गायत्री महायज्ञ की जानकारी उन्ही के शब्दों में आपके समक्ष प्रस्तुत कर रहे हैं। इस समारोह की कुछ फोटो भी आपके समक्ष रख रहे हैं। 

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प्रखर संवेदना से भरपूर हमारे शांति कुंज हरिद्वार का ऊर्जावान प्रांगण, गोधूलि वेला लखनऊ से

108 कुंडीय गायत्री महायज्ञ की सफलता हेतु शक्ति कलश लेने आए तपोनिष्ठ वेदमूर्ति हम सबके गुरुदेव के युग शिल्पी ओजस्वी सैनिकों को, शांतिकुंज के कार्यक्रम व्यवस्थापक आदरणीय श्री श्याम बिहारी दुबे जी ने अपनी व्यंजनात्मक शैली द्वारा विश्व के सबसे बड़े व्यवस्थापक रुद्रावतार विद्यावान गुणी अति चातुर श्री राम के सेवक वीरवर श्री हनुमान जी तेजस्विता से परिपूर्ण बालि पुत्र अंगद जैसे साहसी सैनिकों का उदाहरण देते हुए,अपने व्यक्तव्यों से हम सभी की भावनाओं को भावपूर्ण, तथ्यपूर्ण, ऊर्जा प्रदान की। तत्पश्चात् शांति कुंज के सुरक्षा प्रभारी आदरणीय श्री नरेन्द्र ठाकुर जी ने, “साधना से सफलता” की ओर का सिद्ध मंत्र देते हुए, यह कहा: पूर्ण समर्पण के साथ पवित्रता, प्रखरता, प्रमाणिकता, सक्रियता, विनम्रता के साथ आप लोग तत्पर हों जायें, वंदनीया माता जी एवं परम पूज्य गुरुदेव का शुभाशीष आप सब के साथ है। 

“ऊँ श्री गुरुदेवाये नमः”

आज 2 सितम्बर 2022 की सुबह को प्रेम बहिन जी ने अपनी बहिन पुष्पा त्रिपाठी जी के बारे में सूचित करते हुए लिखा : भाई जी प्रणाम,मेरी छोटी बहन यही कोई 52,54 वर्ष की है उसकी तबियत बहुत खराब है।  उसका हीमोग्लोबिन 5  प्रतिशत हो गया है। विगत 10 अगस्त को गिरने से उसके दोनों पैर में प्लास्टर लगा था, शुगर पेशेन्ट भी है और अब यह हालत हो गई है आज उसे ब्लड चढ़ाया जा रहा है। उसके बच्चे अभी पढ़ाई ही कर रहे हैं, केवल एक बेटी की हो शादी कर पायी है। हालत बहुत ही खराब है। आप सभी से निवेदन है कि मेरी बहन के स्वास्थ्य के लिए गुरुदेव माता जी से प्रार्थना करें, बड़ी कृपा होगी।  भाई जी यह मैसेज ज्ञानरथ गायत्री परिवार के सभी सदस्यों  को भेज दीजिए धन्यवाद जय गुरुदेव जय माता जी। 

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ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार की तरफ से हम सभी से निवेदन करते हैं कि पुष्पा  जी के स्वास्थ्य लाभ के लिए प्रार्थना करें ,बहुत कृपा होगी -अरुण त्रिखा

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3.मसूरी इंटरनेशनल स्कूल की आदरणीय अंजू बहिन जी का योगदान :

31 अगस्त 2022 बुधवार को मसूरी इंटरनेशनल स्कूल में गणपति स्थापना की जानकारी    अंजू बहिन जी ने फोटोज के माध्यम से शेयर की। इन चित्रों में स्कूल की प्रिंसिपल आदरणीय मीता शर्मा जी का समर्पण देखते ही बनता है। परम पूज्य गुरुदेव के सूक्ष्म संरक्ष्ण में पनप रहे इस स्कूल के बारे में अतिरिक्त जानकारी के लिए आप हमारे यूट्यूब चैनल और  वेबसाइट विजिट कर सकते हैं। 

बहुत बहुत धन्यवाद् अंजू जी।

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4.राज कुमारी कौरव जी ने ज़ूम मीटिंग द्वारा अपनी सहभागिता की निम्नलिखित जानकारी शेयर की :

गायत्री परिजन रामलखन पाल भैया इंदौर से संचालित युग प्रवक्ता सृजन में आज नरसिंहपुर करेली एवं गाडरवारा के प्रवक्ताओं ने परम पूज्य गुरुदेव के साहित्य,”हम सुख शांति से वंचित क्यों है”,बिषय पर विचारों में सहभागिता दी । जय गुरुदेव जय माता दी प्रणाम भैयाजी

बहुत बहुत धन्यवाद् बहिन जी। 

आज की 24 आहुति संकल्प सूची :

आज की संकल्प सूची में पांच  सहकर्मी उत्तीर्ण हुए हैं। (1 )अरुण वर्मा -50,(2 ) संध्या कुमार-28, (3) रेणु श्रीवास्तव -30, (4) सरविन्द  कुमार -29, (5) प्रेरणा कुमारी-24, अरुण वर्मा जी फिर से गोल्ड मेडलिस्ट हैं। उनको हमारी व्यक्तिगत एवं परिवार की सामूहिक बधाई।  सभी सहकर्मी अपनी-अपनी समर्था और समय  के अनुसार expectation से ऊपर ही कार्य कर रहे हैं जिनको हम हृदय से नमन करते हैं, आभार व्यक्त करते हैं और जीवनपर्यन्त ऋणी रहेंगें। जय गुरुदेव,  धन्यवाद।

इस सूची में बार-बार उत्तीर्ण हो रहे सहकर्मी  अमावस की काली रात में टिमटिमाते सितारों की भांति अंधकार में भटके हुए पथिक को राह दिखा रहे हैं। हमारा व्यक्तिगत आभार।   

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