वेदमाता,देवमाता,विश्वमाता माँ गायत्री से सम्बंधित साहित्य को समर्पित ज्ञानकोष

Artificial intelligence (बनावटी बुद्धिमत्ता) विनाश यां विकास 

हम अक्सर कहते आये हैं कि ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार के मंच से प्रस्तुत होने वाला प्रत्येक कंटेंट परम पूज्य गुरुदेव के आदेश के अधीन ही हो रहा है। इसका एक और प्रमाण आज प्रस्तुत है। 

1958 के सहस्र कुंडीय यज्ञ को लगभग एक माह समर्पित करने एवं इस पर आधारित लेख श्रृंखला को “24” के  दिव्य अंक से सुशोभित करने का निर्देश भी गुरुदेव का ही था। उससे भी बढ़कर लेख श्रृंखला का बुधवार को समापन होना, गुरुवार का अकेला दिन बच जाना, एक दिन पूर्व ही आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस (AI) के प्रति आदरणीय चिन्मय जी के मुखारविंद से निकले चेतावनी देते शब्दों से संजोई वीडियो का हमारे हाथों लगना, सीमित समय में Future of Life Institute की विशाल  वेबसाइट का अध्यन करना, मात्र संयोग तो नहीं हो सकता। 

अवश्य ही यह मार्गदर्शन कोई दिव्य सन्देश लेकर आया है क्योंकि AI के सब्जेक्ट पर आज हमारे आस-पास जो कुछ घटित हो रहा है उसे शीघ्र अति शीघ्र न समझा गया तो बहुत देर हो जाएगी। 

आदरणीय चिन्मय जी की भांति जबसे AI नामक चिड़िया का नाम सुना था,ह्रदय में अनवरत चेतवानी भरे विचार उठ रहे थे, जल्द से जल्द इस विषय को समझकर साथिओं के समक्ष लाने की उत्सुकता थी। किसी भी विषय को समझने के लिए समय तो चाहिए ही, जल्दबाज़ी वाला काम तो है नहीं। स्वयं समझकर,शंकारहित होकर परिवार के समक्ष प्रस्तुत करना कोई सरल कार्य नहीं है, सही अर्थों में ज्ञानप्रसाद तभी होगा जब इसका अमृतपान आत्मा की तृप्ति करा पायेगा। 

चिन्मय जी की AI आधरित 73 सेकंड्स की शार्ट वीडियो का शुभारम्भ बहुत ही सुन्दर चेतावनी-भरे शब्दों (एक ही उल्लू काफी था बर्बाद गुलिस्तां करने को,हर शाख पे उल्लू बैठा है अंजामे गुलिस्तां क्या होगा ) से होता है। “गुलिस्तां” का अर्थ फूलों का बगीचा, उद्यान होता है। 1884 में अयोध्या में जन्में “शौक़ बहराइची” के प्रसिद्ध शेर से ईश्वर द्वारा रचे इस बगीचे के बारे में बहुत बड़ी चेतावनी है। इस बाग़ के बागबान ने, ईश्वर ने अपने पुत्र, राजकुमार को इसकी रक्षा का कार्य सौंपा था, उसे सभी उत्कृष्ट साधन उपलब्ध कराए, लेकिन मुर्ख माली, राजकुमार ने अपने ही वृक्ष की शाख को काटना आरम्भ कर दिया। 

टेक्नोलॉजी किसे अच्छी नहीं लगती ? मानव द्वारा किये गए Technological developments का ही परिणाम है कि आज मानव आकाश में, अंतरिक्ष में छलांग लगाने योग्य हो गया है। 

5 अगस्त 1945 की परमाणु बम से हिरोशिमा/नागासाकी नगरों की तबाही को कौन भूल पायेगा। 8 दशक बाद भी जापान में जीवन नार्मल नहीं हो पाया है। लैबोरेट्रीज में इंजीनियर्ड किये गए “कोरोना वायरस” से हुई विश्व्यापी तबाही को कौन भूल पायेगा। Automation किसे अच्छी नहीं भाति? बिजनेसमैन को तो प्रॉफिट ही चाहिए, Robot से ऑटोमेशन हुई, जिस स्पीड से उसने काम किया, मनुष्य की क्षमता को पीछे छोड़ दिया, विकास बहुत हुआ लेकिन Job-Loss से जिन परिवारों से दो वक्त की रोटी छिन  गयी उसका किसी ने नहीं सोचा। बाबा रामदेव अमेरिका की सड़कों पर Driverless कार में सफर करते बहुत खुश दिखते  हैं, हमारे एक सम्बन्धी AI से प्रतिदिन एक वीडियो बनाकर फेसबुक पर अपलोड करने में, शेयर करने में  बहुत गर्व महसूस करते हैं, प्रशंसा से भरे कमैंट्स की भी आशा करते हैं लेकिन क्या उन्हें इस बात का ज़रा सा भी अनुमान है कि यह “AI नामक चिड़िया” कैसे उनकी प्राइवेट लाइफ में प्रवेश कर चुकी है, कैसे उनकी Sensitive  Information (Passwords, email account आदि ) चुरा लेती है। नवीन टेक्नोलॉजी ने सब कुछ इतना ओपन कर दिया है कि जिस वेबसाइट को एक बार विजिट कर लिया, जिस कॉफ़ी शॉप से एक बार कॉफ़ी खरीद ली, वहां से आपको नोटिफिकेशन, reminders, updates आने शुरू हो जायेंगें, अर्थात आप उनके सिस्टम में आ चुके हैं और वोह कुछ भी कर सकते हैं। 

Robots और ऑटोमेशन ने केवल Driverless कारें ही नहीं बनायीं, Production में अनेकों गुना बढ़ावा ही नहीं हुआ बल्कि मनुष्य को ही पीछे छोड़ दिया। आज का युग मशीनों का युग है। जिस फ़ोन पर आप इस समय यह पंक्तियाँ पढ़ रहे हैं, कुछ समय पूर्व ही हज़ारों किलोमीटर दूर से किसी ने अपने लैपटॉप से पोस्ट की  थीं। बहुत प्रगति है, सब कुछ  Speed up हुआ है लेकिन Speed up का ही परिणाम है कि अमेरिका की किसी यूनिवर्सिटी में  एक स्टूडेंट ने टीचर से अपनी ट्यूशन fee वापिस करने को कह दिया क्योंकि उसने अपना लेक्चर ChartGPT पर बनाया था। यह है “चरित्र-हनन” का उदाहरण। बच्चों को कह रहे हैं कि  क्लास में फ़ोन के  प्रयोग पर प्रतिबंध है लेकिन टीचर स्वयं ही Plagarism (नकलबाज़ी) कर रहा है।

साउथ के प्रसिद्ध नायक रजनीकांत,ऋतिक रोशन, ऐश्वर्या राय  की फिल्म Robot 3.00 का ट्रेलर रिलीज़ हो चुका, हमारे जैसे दर्शकों के लिए यह फिल्म ऑटोमेशन की चेतावनी भरी मिसाल होगी। 

चिन्मय जी की वीडियो में Future of Life Institute की बात की गयी है। इस Institute के नाम से ही पता चल जाता है कि यह लोग “मानव जीवन के भविष्य” की बात कर रहे हैं। हमने इस Institute की गतिविधिओं  को समझने के लिए कुछ समय व्यतीत किया तो यही समझ  आया कि यदि  शीघ्र अति शीघ्र AI पर प्रतिबंध न लगाया गया तो होने वाला विनाश 80 वर्ष पूर्व हुए परमाणु विनाश से कहीं बढ़कर होगा। 

मानव और मशीन की रेस ने दोनों के बीच एक ऐसा युद्ध खड़ा कर दिया है कि मानव का तो अस्तित्व ही समाप्त हुए जा रहा है। यदि “मानव का अस्तित्व” ही समाप्त हो जायेगा तो फिर से Stone-age हमारे द्वार पर आती दिखेगी। अपने आसपास ज़रा दृष्टि दौड़ा कर देखें तो स्वयं ही समझ आएगी कि मानव अस्तित्व का कहाँ-कहाँ पर विनाश हुआ है। सब्ज़ी खरीदने तक के लिए तो किसी मानव की ज़रुरत नहीं, आप शेल्फ से सब्ज़ी का पैकेट खरीदते हैं, Self checkout में स्वयं पेमेंट करते हैं, गाड़ी में बैठते हैं, वापिस घर आ जाते हैं। किसी के साथ कोई बात तक नहीं होती। कोरोना ने तो Work from home को प्रचलित करके मानवी संबंधों को बिलकुल ही ख़तम ही कर दिया है। 

यदि मानवता ही नहीं बची तो यह सभी “तकनीकी खिलोने” खिलोने ही बन कर रह जायेंगें। नुक्लिअर हथियार एक दूसरे को  डराते, धमकाते ही रह जायेंगें उस से पहले परम पूज्य गुरुदेव, हिमालय की दिव्य सत्ताएं अवश्य ही कुछ कर लेंगीं। 

आइये अब ज़रा Future of Life Institute (FLI) के बारे में जानकारी प्राप्त कर लें :   

Future of Life Institute (FLI) ने बनावटी बुद्धिमत्ता (AI) के विकास और उपयोग से जुड़ी गंभीर चिंताओं को उठाया है और इसके सुरक्षित और नैतिक विकास के लिए कई पहलें शुरू की हैं जिनमें से कुछ निम्नलिखित हैं : 

मार्च 2023 में, FLI ने “Pause Giant AI Experiments: An Open Letter” शीर्षक शक्तिशाली AI प्रणालियों के प्रशिक्षण पर कम से कम छह महीने के लिए अस्थायी विराम की मांग की गई थी। इस पत्र पर एलन मस्क (आयु 53 वर्ष, टेस्ला, X और SpaceX के मालिक, स्टीव वोज़नियाक( आयु 74 वर्ष, Apple कंपनी के Cofounder),योशुआ बेन्जियो (आयु,61 वर्ष मोंट्रियल यूनिवर्सिटी कनाडा के प्रोफेसर) और युवल नोहा हरारी (आयु 50 वर्ष, जेरुसलम यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर ) जैसी  प्रमुख हस्तियों ने हस्ताक्षर किए थे। पत्र में AI से जुड़े Risks जैसे कि नौकरी की हानि (Job  loss) ,मानव अप्रचलन( Human uselessness) और समाज-व्यापी नियंत्रण (Society-wide control)  की हानि पर चिंता व्यक्त की गई थी। 

FLI का मानना है कि वर्तमान में फ्रंटियर AI का विकास असुरक्षित और गैर-जवाबदेह तरीके से हो रहा है। वे ऐसे AI के विकास का विरोध करते हैं जो मानवता के लिए बड़े पैमाने पर Risk  पैदा कर सकते हैं, और ऐसे AI का समर्थन करते हैं जो वास्तविक मानव समस्याओं को हल करने के लिए बनाए गए हों। 

FLI के सह-संस्थापक मैक्स टेगमार्क ने AI और परमाणु युद्ध जैसे बड़े पैमाने पर Risks  पर ध्यान केंद्रित किया है। उन्होंने “Artificial Escalation” नामक एक काल्पनिक फिल्म जारी की, जो परमाणु कमांड सिस्टम में AI के खतरों को दर्शाती है।  Escalate का अर्थ  वृद्धि होता है, यह वृद्धि कहाँ  जाकर रुकेगी? क्या इसकी कोई सीमा है ?  

AI टेक्नोलॉजी पर आधारित आज के ज्ञानप्रसाद लेख का समापन निम्नलिखित चार  वीडियोस से किया जा रहा है जिनकी कुल अवधि लगभग 15  मिंट है। साथिओं के समय का ध्यान रखते हुए आज प्रज्ञा गीत अटैच नहीं किया है।   

https://youtu.be/hk9WUROhSPQ?si=ubURnGBo_gwQFwgj ( आद चिन्मय पंड्या )

https://youtu.be/4Rl7LeU7r70?si=oncQnPT-6Qsmh9W- (बाबा रामदेव, 5 मिंट )

https://youtu.be/qe7HLm0OFjg?si=Pu0HAqKHrH5Pq1oS (Robot 3.00, 1 मिंट )

https://youtu.be/w9npWiTOHX0?si=YDoUt4Qzn2kLoTy9 ( बनावटी वृद्धि, 8 मिंट )

समापन ,जय गुरुदेव 

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कल वाले लेख को 442 कमैंट्स मिले,10 साथिओं ने 24 आहुति संकल्प पूरा किया है। सभी को सहयोग के लिए धन्यवाद् एवं बधाई। 


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