वेदमाता,देवमाता,विश्वमाता माँ गायत्री से सम्बंधित साहित्य को समर्पित ज्ञानकोष

परम पूज्य गुरुदेव के आध्यात्मिक जन्म दिवस को समर्पित “विशेष श्रृंखला” का चौथा लेख -प्रस्तुतकर्ता OGGP की दो समर्पित बेटियां- अनुराधा पाल, पिंकी पाल  

6  फ़रवरी 2025, बृहस्पति वार, (गुरुवार) को लिखी जा रही यह पंक्तियाँ ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार के किसी भी साथी को ऊर्जावान किये बिना नहीं रह सकतीं क्योंकि आज हमारी दो बेटियों की अनुभूति तो प्रस्तुत की ही जा रही है, साथ में हमारी आद. बहिन सुमनलता जी द्वारा भेजा गया प्रज्ञागीत भी गुरुचरणों में हम सबके श्रद्धा सुमन भेंट कर रहा है।  

 वर्ष 1926 की वसंत पंचमी का दिन परम पूज्य गुरुदेव के जीवन का एक अति विशिष्ट  दिन था। यही वोह दिन था जब परम पूज्य गुरुदेव के हिमालयवासी गुरु (जिन्हें हम सब दादा गुरु के नाम से सम्बोधन करते हैं) के साथ,आंवलखेड़ा गाँव,(आगरा) स्थित हवेली की कोठरी में, दिव्य साक्षात्कार हुआ था, उनके तीन जन्मों की कथा एक फ़िल्म की भांति दिखाई गयी थी। उसी दिन से,आज लगभग 100 वर्ष (2026 में 100 वर्ष) बाद भी पूज्यवर ने इस दिन को अपना  आध्यात्मिक जन्म दिन घोषित करते हुए,अपने सभी क्रियाकलापों को वसंत पंचमी के दिन ही आरम्भ करने का संकल्प लिया और उसे पूर्ण भी किया।  

ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार के अनेकों संकल्पों में एक ही ध्वनि चरितार्थ होती है और वोह ध्वनि है, “क्या हम सही मायनों में अपनेआप को  गुरुवर के चरणों को समर्पित कर पाए हैं?”  साथिओं द्वारा हमारे सभी प्रयासों को पर्याप्त सम्मान मिलना गुरुवर के प्रति समर्पण का मूल्यांकन है, लेकिन सर्वश्रेष्ठ मूल्यांकन तो वसंत पर्व पर ही होता है जब परिजन गुरुवर के चरणों में अपनी अनुभूतियाँ समर्पित करके उनके  विशेष अनुदान प्राप्त करते हैं।

ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार  के मंच से 2021 की वसंत पंचमी से आरम्भ हुए “अनुभूति विशेषांक” का सिलसिला आज  2025 में भी अनवरत चल रहा  है।

उसी प्रथा और संकल्प का पालन करते हुए, आदरणीय सरविन्द पाल जी की दोनों बेटियां गुरुचरणों में अपनी अनुभूतियाँ प्रस्तुत करके दिव्य गुरु-अनुदान प्राप्त कर रही हैं।

आइए देखें वोह क्या कह रही हैं।

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अनुराधा पाल:

हम अनुराधा पाल परम पूज्य गुरुदेव की दिव्य शरण में आकर धन्य हो गई और जीवन ही बदल कर सार्थक हो गया। हम दोनों बहनें और भाई आयुष कुमार पाल कानपुर में किराए का मकान लेकर रहते हैं और यहीं से सभी हम तीनों अपनी-अपनी पढाई/कैरियर की तैयारी कर रहे हैं। आदरणीय बहन पिंकी पाल भोजपुरी एक्टर बनने की तैयारी कर रही है और हम अभी पढ़ाई-लिखाई कर रहे हैं। वर्ष 2025 में हमारा BSc फाइनल है और दीदी का BSc फाइनल हो चुका है। हमारा इकलौता भाई आयुष कुमार पाल कक्षा-9 का विद्यार्थी है तथा क्रिकेट मैच की तैयारी कर रहा। क्रिकेट में उसका विशेष फोकस है। हम तीनों लोग कानपुर मे और मम्मी-पापा गाँव करचुलीपुर गांव में रहकर अपना व्यापार कर रहे हैं। हम पाँचों सदस्य निष्काम भाव से परम पूज्य गुरुदेव की दिव्य शरण में हैं। हम सब परिवारजन प्रतिदिन नियमिततापूर्वक नियत समय व नियत स्थान पर बैठकर परम पूज्य गुरुदेव का स्मरण करते हुए आशीर्वाद के रूप में अनंत अनुदान-वरदान प्राप्त कर रहे हैं । परम पूज्य गुरुदेव की ही दिव्य कृपा है जो कि हम सभी अध्यात्मिक ज्ञानरथ पर सवार होकर आनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार के माध्यम से परम पूज्य गुरुदेव के दिव्य साहित्य का पयपान करते हुए कृतार्थ हो रहे हैं। यह सब परम पूज्य गुरुदेव की दिव्य कृपादृष्टि, माता-पिता का आशीर्वाद और इस दिव्य परिवार के सामुहिक आशीर्वाद व शुभकामनाओं के कारण ही संभव हो पाया है। हम सभी का परम सौभाग्य है और हमें उत्साहवर्धन व उचित मार्गदर्शन करने में आनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार का बहुत बड़ा योगदान है जिसे हम सब कभी नहीं भूल सकते हैं। हम तीनों लोग प्रतिदिन गायत्री मंत्र लेखन भी करते हैं जिसका लाभ अनुदान-वरदान के रूप में मिल रहा है। यदि आज हम सपरिवार परम पूज्य गुरुदेव की शरण में आकर आनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार में न आए होते तो न जाने कब के बिखर गए होते और परिवार नष्ट-भ्रष्ट हो गया होता। ऐसा हम इसलिए कर रहे हैं कि हमारे घर का वातावरण दूषित हो चुका था,आदरणीय पापा जी को सभी तरह के नशों की आदत लग चुकी थी। ऐसे में परिवार के  बिखरने के बहुत बड़े संकेत थे लेकिन परम पूज्य गुरुदेव की दिव्य कृपादृष्टि से पापा जी की उक्त गंदी आदतें सुधर गईं और आज हम सब बहुत ही सुखी व समुन्नत जीवन जी रहे हैं। हमारे पापा जी भौतिक दृष्टि से अवश्य गरीब हैं लेकिन आध्यात्मिक दृष्टिकोण से बहुत संपन्न हैं। इसी संपन्नता का परिणाम है कि हम सब एक सूत्र में बंध गए हैं। हमें बहुत अच्छा भाई मिला है जो  बहुत ही संस्कारी और प्रतिभासंपन्न है। अतः हम परम पूज्य गुरुदेव से विनम्र स्वर में प्रार्थना करते हैं कि हमारे भाई जैसा सबको दें। सचमुच में जो लोग परम पूज्य गुरुदेव के बताए हुए मार्ग पर चलते हैं, उनके जीवन में कभी भी किसी भी प्रकार की कमी नहीं रहती है। 

जीवन में यदि अच्छा करना है और अच्छा बनना है तो आओ आनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार में प्रकाशित परम पूज्य गुरुदेव के दिव्य साहित्य का नियमित गंभीरतापूर्वक स्वाध्याय करो, विश्वास रखो, जीवन संवर जाएगा । यह एक कटु सत्य है जिसमें  तनिक भी संदेह नहीं है। इस दिव्य परिवार में आकर हम सबका जीवन ही बदल गया, इसके लिए आदरणीय अरुण चाचा जी को बहुत बहुत धन्यवाद व हार्दिक बधाई हो। 

आप व आपके परिवार पर परम पूज्य गुरुदेव का सूक्ष्म संरक्षण व दिव्य सानिध्य अनवरत बरसता रहे। 

इसी आशा व विश्वास के साथ हम अपनी बात समाप्त करते हैं। हमारे लिखने में कोई त्रुटि हुई हो तो अपनी बेटी समझकर माफ कर देना, महान कृपा होगी।

धन्यवाद। जय गुरुदेव जय महाकाल जय माता दी सादर प्रणाम। आप सबकी बेटी अनुराधा पाल 

पिंकी पाल:

हम पिंकी पाल जब से परम पूज्य गुरुदेव की शरण में आकर आनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार से जुड़ गए हैं, तब से जीवन ही बदलकर सार्थक हो गया और हमारे सभी कार्य निर्विघ्न संपन्न हो रहे हैं। यह सब परम पूज्य गुरुदेव की दिव्य कृपादृष्टि व इस दिव्य परिवार के सामुहिक आशीर्वाद व शुभकामनाओं का ही प्रतिफल है। हम पूर्ण श्रद्धा-विश्वास और समर्पण के साथ, निस्वार्थ भाव से परम पूज्य गुरुदेव से जुड़े हैं जिनकी दिव्य कृपा हम सब बच्चों पर अनवरत बरस रही है। 

मैं जब इस दिव्य परिवार से नहीं जुड़ी थी तो मन में अनेकों प्रकार की शंकाएं अपना घर जमाए बैठी थी जिसके कारण अकेले आने-जाने में बहुत डर लगता था और भविष्य को लेकर मन चिंतित था लेकिन जब से इस दिव्य परिवार में आए तो इतना स्नेह व प्यार मिल रहा है कि लिखने के लिए शब्द कम पड़ रहे हैं। 

हमारा ज्यादा लगाव भोजपुरी से था जिसकी जानकारी हमने आदरणीय पापा जी को दी, पहले तो  पापा जी ने इंकार कर दिया और मेडिकल जाब के लिए कहा लेकिन बाद में पापा जी ने हमारी भावनाओं का  बारीकी से निरीक्षण किया और हमें भोजपुरी एक्टर की तैयारी के लिए RMJ एकेडमी कर्रही कानपुर में प्रवेश दिला दिया। यह एकेडमी हमारे रूम से लगभग 7-8 किमी दूर थी। यहाँ  तक आने और जाने का किराया ₹40 प्रतिदिन  था। ₹800 प्रतिमाह एकेडमी की फीस थी। इस तरह कुल मिलाकर ₹2000 प्रतिमाह का खर्च आता था, जिसके  चक्कर में हम रूम से अपनी एकेडमी तक पैदल जाते थे और पैदल ही आते थे। इस तरह लगभग एक घंटा जाने में और एक घंटा आने में लगता लेकिन हमने हिम्मत नहीं हारी। परम पूज्य गुरुदेव की दिव्य कृपा और आनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार के सामुहिक आशीर्वाद से कभी कोई दिक्कत नहीं हुई और लगभग पाँच महीने ही हुए होंगे कि जनपद बलिया से आफर आ गया।  वहाँ पर लगभग एक महीने का सेट-अप था जो  गुरुदेव की कृपा से बहुत ही आसानी से संपन्न हुआ। हम फिर कानपुर वापस आ गए।  जनपद बलिया से हम कानपुर ट्रेन से अकेले आए,सफर लगभग 13-14 घंटे का था  लेकिन रात भर का  सफर सकुशल संपन्न हुआ, कोई दिक्कत नहीं हुई। एक महीने बाद फिर सेट-अप लगा तो दूसरी बार भी कोई दिक्कत नहीं हुई और यात्रा निर्विघ्न संपन्न हुई, सकुशल गई और सकुशल अपने घर  कानपुर आ गई। 

अगर आज परम पूज्य गुरुदेव की दिव्य शरण में आकर आनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार से न  जुड़ती तो हम जैसी लड़कियों के लिए यह सब असंभव था। जो लोग गुरुदेव के  बताए मार्ग पर चलते हैं, उनके लिए गुरुदेव असंभव को संभव कर देते हैं। 

आज हमारा पूरा परिवार परम पूज्य गुरुदेव से जुड़ा है जिसका उचित लाभ भी पूरे परिवार को मिल रहा है। हमारे पूरे परिवार को आगे बढ़ाने में इस दिव्य परिवार का बहुत बड़ा योगदान है, इसके लिए हम आप सबके आभारी हैं। हम पूर्ण विश्वास के साथ कहते हैं कि  परम पूज्य गुरुदेव की दिव्य शरण में आने वाला कभी घाटे में नहीं रहता है और उसे आशीर्वाद के रूप में अनंत अनुदान-वरदान खूब मिलते हैं। परम पूज्य गुरुदेव का हर बच्चा सुरक्षा कवच के अंदर है और कोई भी अराजक तत्व व नकारात्मक शक्तियाँ उसका बाल-बाँका नहीं कर सकती हैं क्योंकि परम पूज्य गुरुदेव साक्षात महाकाल हैं और महाकाल का हाथ जिनके सिर पर होता है उसका कभी अमंगल नहीं हो सकता है। 

हम सबका परम सौभाग्य है जो ऐसा दिव्य परिवार मिला और इस दिव्य परिवार के सूत्रधार व संचालक परम आदरणीय अरुण  चाचा जी आपने हम सबको एक ऐसा दिव्य प्लेटफार्म दिया जिसमें जुड़कर हम सब अपने जीवन का कायाकल्प कर अपनेआप को कृतार्थ कर रहे हैं, इसके लिए आप बहुत बहुत बधाई के पात्र हैं और आप व आपके परिवार पर परम पूज्य गुरुदेव की दिव्य कृपा सदैव बरसती रहे। 

इसी आशा व विश्वास के साथ हम अपनी बात समाप्त करते हैं और लिखने में जो त्रुटियाँ हों तो हमें अपनी बेटी समझकर माफ कर देना, महान कृपा होगी और हम सदैव आप सबके आभारी रहेंगे। धन्यवाद। जय गुरुदेव जय महाकाल जय माता दी सादर प्रणाम। आप सबकी बेटी पिंकी पाल 

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आज के लिए बस इतना ही। कल वीडियो कक्षा में गुरुवर को और अधिक जानने के लिए 36 मिंट की एक वीडियो देखने का सौभाग्य प्राप्त हो रहा है, गुरुवर का जन्म दिवस जो ठहरा।  इस वीडियो को अभी तक 93000 दर्शक देख चुके हैं, आइये हम भी इस सुनहरी अवसर का लाभ उठा लें।

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कल  प्रकाशित हुए लेख को 503  कमेंट मिले, 12 संकल्पधारिओं ने 24 से अधिक आहुतियां प्रदान की हैं। इस प्रभावशाली रिजल्ट  के लिए सभी साथिओं का ह्रदय से धन्यवाद  करते हैं।


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