वेदमाता,देवमाता,विश्वमाता माँ गायत्री से सम्बंधित साहित्य को समर्पित ज्ञानकोष

18 जनवरी 2025, शनिवार का “अपने सहकर्मियों की कलम से” का साप्ताहिक विशेषांक 

ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार में शनिवार का दिन  एक उत्सव की भांति होता है। यह एक ऐसा दिन होता है जब हम सब  सप्ताह भर की कठिन पढाई के बाद थोड़ा Relaxed अनुभव करते हैं और अपने साथिओं के साथ रूबरू होते हैं, उनकी गतिविधिओं को जानते हैं। हर कोई उत्साहित होकर अपना योगदान देकर गुरुकार्य का भागीदार बनता है एवं अपनी पात्रता के अनुसार गुरु के अनुदान प्राप्त  करता हुआ स्वयं  को सौभाग्यशाली मानता है। यह एक ऐसा दिन होता है जब (हमारे समेत) लगभग सभी  साथी कमेंट करने का महत्वपूर्ण कार्य भी थोड़ा Relax होकर ही करते हैं, आखिर वीकेंड और छुट्टी जैसा वातावरण जो ठहरा।  

प्रत्येक माह के पहले तीन शनिवार साथिओं के  सहयोग को समर्पित होते हैं,  “अपने सहकर्मियों की कलम से” शीर्षक के अंतर्गत इन तीन शनिवारों में उन्हीं  का योगदान होता है। माह का अंतिम शनिवार पूर्णतया हमारे विचारों के लिए रिज़र्व किया हुआ है। सभी साथिओं का ह्रदय से धन्यवाद् करते हैं जिन्होंने अंतिम शनिवार के प्रति आद. सुमनलता बहिन जी के सुझाव को समर्थन देकर  परिवार का सम्मान बढ़ाया है।

तो आइए चलें शनिवार की कक्षा में, कुछ अपनी  कहें, कुछ साथिओं की सुनें  और गुरुसत्ता का आशीर्वाद प्राप्त करें।

साथिओं के योगदान से पहले हम साथिओं की पूर्व अनुमति से कुछ अपनी कहने का साहस कर रहे हैं:

 27 नवंबर, 2024 को हमारी सर्जरी थी, हमसे जितना बन पाया (सभी साथिओं के सुझाव के साथ) हम ज्ञानरथ के मंच पर अपना योगदान देते रहे। स्थिति तो अभी भी पूरी तरह नार्मल नहीं हुई है लेकिन अब सहन की जा सकती है। 

ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार के मंच से हम बार-बार नियमितता, श्रद्धा समर्पण आदि का बिगुल बजाते रहते हैं लेकिन हमारा यह अटल विश्वास है कि केवल बिगुल बजा कर, विज्ञापनबाजी से काम नहीं चलेगा इसके लिए गुरुकार्य में पूर्णरूप से समर्पित होना पड़ेगा। यही कारण है कि गुरुचरणों में अपने श्रद्धासुमन अर्पित करने में हमने  ज़रा सी भी देर न की। 

आदरणीय बहिन सुमनलता जी का “परिवार के बिखराव” का अंदेशा बिल्कुल ही उचित था। इसका प्रतक्ष्य प्रमाण देखने तो तब मिला जब यूट्यूब के Analytics पेज को देखा तो सभी पैरामीटर्स Downward arrow दिखा रहे थे जो सदैव Upward ही होते हैं।  इसका अर्थ यह है कि Subscribers,Views आदि सब नीचे आ गए थे। जहाँ हम साथिओं के साथ यूट्यूब  पैरामीटर्स की चर्चा कर रहे हैं, वहीं उन्हें बधाई भी देना चाहेंगें कि उनके अथक परिश्रम और श्रद्धा के कारण वर्ष 2024 के Figures बहुत ही उत्साहवर्धक हैं। 11000 नए सब्सक्राइबर्स,2 मिलियन व्यूज और  सुधीर चौधरी जी की गायत्री मंत्र वाली प्रोफाइल वीडियो 24200 घंटे देखकर टॉप केटेगरी में आयी है।इस वीडियो को आज तक साढ़े चार लाख दर्शक देख चुके हैं। 

जहाँ आद. सुमनलता बहिन जी ने बिखराव की बात की थी वहीँ हमारी अनुपस्थिति में ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार यूट्यूब चैनल की ज़िम्मेदारी लेने की भी बात भी उठी थी। आदरणीय चंद्रेश जी, आदरणीय नीरा जी के नाम का सुझाव आया था। बेटी संजना ने अपनेआप को इस कार्य के लिए ऑफर भी किया था। चंद्रेश जी ने स्वयं ही इसके लिए अपनेआप को असमर्थ बता दिया था, नीरा जी के बारे में हमारी तीमारदारी और पारिवारिक जिम्मेदारिओं को देखते हुए, हमें शंका थी और प्रेरणा बेटी के साथ हमने फ़ोन पर बात समझने का प्रयास किया था। तीनों साथिओं का धन्यवाद् करते हैं। 

परिणाम जो भी निकला हो, हमारा अपना ही दिल नहीं मान रहा था कि गुरुकार्य से दूर रहा जाए। 24 घंटे, सातों  दिन ( रविवार के अवकाश में भी कुछ चिंतन मनन चलता ही रहता है) चलने वाला ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार का “ज्ञानरथ” एक फुल टाइम जॉब है। हमारे इस छोटे से परिवार में अनेकों निष्ठावान, योग्य साथी हैं, इसमें हमें रत्ती भर भी संदेह नहीं है। 

जब इस परिवार के “अस्थाई उत्तराधिकारी” की बात चल रही थी तो आद सुमनलता बहिन जी ने आद चंद्रेश जी को घोषित भी कर दिया था। बहिन जी ने शायद चंद्रेश जी द्वारा पोस्ट किये गए निम्नलिखित कमेंट के आधार पर लिखा होगा :  

ॐ नमो भगवते वासुदेवाय। परम् पूज्य गुरुदेव जी एवम् परम बंद नी या माता जी को कोटि कोटि नमन।

संकट हटे मिट इ सब पीरा।

जो सुमिरै हनुमत बल बीरा।।

डा साहेब सपरिवार को मेरा सादर प्रणाम स्वीकार हो वे।

इस समय लगभग प्रात: के पांच बज रहे होंगे।

लगभग छः घंटे बाद सर्जरी होने की संभावना है। इस दिव्य परिवार के जो आत्मीय जहां हैं, वहीं से प्रार्थना कर रहे हैं कि यह सर्जरी कम से कम समय एवम् कम से कम दर्द के साथ डा साहेब की शल्य चिकित्सा सकुशल संपन्न हो जाय।

आज नाभि के महत्व से संबंधित अति उत्तम प्रेरक एवम प्रभाव शाली , सम्यक विवेचना प्रस्तुत करने के लिए हृदय से शुभ कामनाएं एवम ढेरों बधाइयां और साथ में बहुत बहुत आभार।

हमारी Log in  ID से यह कमेंट कैसे पोस्ट हुआ होगा यह तो चंद्रेश जी को ही पता होगा लेकिन उनका धन्यवाद् करना हमारा परम कर्तव्य है। 

******************  

आइए अब बात करें साथिओं के योगदान की। 

आज के इस विशेषांक में आद अनिल मिश्रा जी, संजना बिटिया,प्रेरणा बिटिया और आद. अरुण वर्मा जी का योगदान है, सभी का ह्रदय से धन्यवाद् करते हैं। 

आज आदरणीय अनिल मिश्रा जी का योगदान लगभग 50% है,उन्होंने महाकुम्भ से सम्बंधित क्लिप्स भेज कर ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार में भी अमृतकलश से कुछ बूंदों का छिड़काव करके हम सबको तृप्त कर दिया है। उन्हीं के द्वारा शेयर किया गया आद. मेनका मिश्रा जी का गीत “शहर तम्बुओं का” आज के प्रज्ञा गीत का स्थान लेकर हमें और भी दिव्यता का आभास दिला रहा है। भाई साहिब का ह्रदय से धन्यवाद् करते हैं। 

अगली दो वीडियो, हमारी सबकी प्रिय संजना बेटी का योगदान है। वीडियो क्वालिटी में कुछ समस्या तो है लेकिन ज्ञान की दृष्टि से कम नहीं है। बेटी का धन्यवाद् करते हैं।  

हम सब भलीभांति जानते हैं कि हमारे ही परिवार की एक और  बेटी, प्रेरणा बिटिया का  अभी 13 दिसंबर को विवाह हुआ है, उसके विवाह के कुछ मंत्रमुग्ध करने वाले क्लिप्स शेयर कर रहे हैं। इन क्लिप्स को देखकर ऐसे अनुभव हो रहा था कि हम बेटी के साथ ही हैं। बेटी प्रेरणा और बेटे अमित को बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामना। 

आज की वीडियो में अंतिम योगदान आद. अरुण जी का है।    

******************  

आइए समापन से पहले निम्नलिखित सन्देश के एक बार फिर से Revise कर लें : 

प्रत्येक साथी इस नन्हें से, छोटे से किन्तु समर्पित परिवार को अपना ही समझकर आगे बढ़ाने में योगदान दे रहा है, एक अद्भुत Sense of belongingness प्रतक्ष्य दिख रही है जो कि बहुत ही सराहनीय है। इस सन्दर्भ में फिर से दोहराना चाहते हैं कि साथिओं ने हमारे लिए कमेंट लिखने का कार्य तो लगभग खत्म ही करा दिया है। अग्रिम पंक्ति के सैनिक इस कार्य में बहुत ही अहम् भूमिका निभा रहे हैं। उनके रिप्लाई अनेकों लोगों की जिज्ञासाओं का समाधान कर रहे हैं। 

हमारे अधिकतर साथी कमैंट्स के महत्व से भलीभांति परिचित हैं लेकिन फिर भी परम पूज्य गुरुदेव के दिव्य शब्दों में ही बताना चाहते हैं : 

“बेटे आपका कार्य जितना भी बड़ा एवं महत्वपूर्ण क्यों न हो, जब तक उसका विज्ञापन नहीं होगा यह धरा का धरा ही रह जायेगा।” 

हमारे साथी जानते हैं कि “कोरी विज्ञापनबाज़ी” को गुरुदेव ने हमेशा ही कड़े शब्दों में  नकारा है लेकिन गुरुदेव के विचारों का प्रचार-प्रसार तो करना ही है। ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार का “कमैंट्स वाला  टूल”   बहुत ही प्रभावशाली “विज्ञापन टूल” सार्थक सिद्ध  हुआ है। अपनत्व से परिपूर्ण कमैंट्स को पढ़-पढ़ कर ही अनजान साथी प्रभावित हो रहे हैं।   जब भी अग्रिम पंक्ति का कोई युगसैनिक किसी कारणवश ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार के मंच पर उपस्थित होने में असमर्थ होता है तो कमैंट्स संख्या और 24 आहुतियों वाली आहुतियों  की संख्या में गिरावट आ जाती है। ऐसी स्थिति में “साथी हाथ बढ़ाना” वाला सिद्धांत तो कार्य करता ही है,सभी यथासंभव सहायता करते हैं  लेकिन उन साथिओं के समय की भी कोई सीमा होती है ,असीमित शक्ति/समय/शब्दावली आदि तो उनके पास भी नहीं होता है, कमैंट्स संख्या बढ़ाने के लिए “जय  गुरुदेव” लिखने के लिए भी तो समय की आवश्यकता होती है। 

****************

कल  प्रकाशित हुई वीडियो  को कुल 325  कमेंट मिले, 7  संकल्पधारिओं ने 24 से अधिक आहुतियां प्रदान की हैं। सभी साथिओं का ह्रदय से धन्यवाद  करते हैं।


Leave a comment