Month: September 2024
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ध्यान क्यों करें, कैसे करें ? पार्ट 10
1 अक्टूबर 2024, मंगलवार का ज्ञानप्रसाद- स्रोत- अखंड ज्योति नवंबर,दिसंबर 2002 एवं जनवरी, फरवरी 2003 “ध्यान क्यों करें, कैसे करें” विषय पर जून,1977 में गायत्री तीर्थ शाँतिकुँज में परम पूज्य गुरुदेव ने अपने बच्चों की सुविधा एवं ट्रेनिंग के लिए एक विस्तृत उद्बोधन दिया। यह उद्बोधन अखंड ज्योति नवंबर, दिसंबर 2002 के दो अंक और
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ध्यान क्यों करें, कैसे करें ? पार्ट 9
30 सितम्बर 2024, सोमवार का ज्ञानप्रसाद – -—स्रोत- अखंड ज्योति नवंबर,दिसंबर 2002 एवं जनवरी, फरवरी 2003 “ध्यान क्यों करें, कैसे करें” विषय पर जून,1977 में गायत्री तीर्थ शाँतिकुँज में परम पूज्य गुरुदेव ने अपने बच्चों की सुविधा एवं ट्रेनिंग के लिए एक विस्तृत उद्बोधन दिया। यह उद्बोधन अखंड ज्योति नवंबर, दिसंबर 2002 के दो अंक और जनवरी,
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सुझाव सुमनलता बहिन जी का,प्रयास हमारा का 28 सितम्बर, 2024 का अंक
हमारी सबकी आदरणीय एवं सर्वप्रिय बहिन सुमनलता जी द्वारा माह का अंतिम शनिवार हमारी “मन की बात” के लिए रिज़र्व करना,सच में हमारे लिए बहुत ही सम्मान की बात है जिसके लिए बहिन जी का धन्यवाद् करते हैं। माह के बाकि तीन शनिवार परिवार के साथिओं के लिए रिज़र्व किये हुए हैं। अंतिम शुक्रवार युवा
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ध्यान क्यों करें, कैसे करें ? पार्ट 8
26 सितम्बर 2024 गुरुवार का ज्ञानप्रसाद-—स्रोत- अखंड ज्योति नवंबर,दिसंबर 2002 एवं जनवरी, फरवरी 2003 “ध्यान क्यों करें, कैसे करें” विषय पर जून,1977 में गायत्री तीर्थ शाँतिकुँज में परम पूज्य गुरुदेव ने अपने बच्चों की सुविधा एवं ट्रेनिंग के लिए एक विस्तृत उद्बोधन दिया। यह उद्बोधन अखंड ज्योति नवंबर, दिसंबर 2002 के दो अंक
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ध्यान क्यों करें, कैसे करें ? पार्ट 7
25 सितम्बर 2024 बुधवार का ज्ञानप्रसाद—स्रोत- अखंड ज्योति नवंबर,दिसंबर 2002 एवं जनवरी, फरवरी 2003 “ध्यान क्यों करें, कैसे करें” विषय पर जून,1977 में गायत्री तीर्थ शाँतिकुँज में परम पूज्य गुरुदेव ने अपने बच्चों की सुविधा एवं ट्रेनिंग के लिए एक विस्तृत उद्बोधन दिया। यह उद्बोधन अखंड ज्योति नवंबर, दिसंबर 2002 के दो अंक और
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ध्यान क्यों करें, कैसे करें ? पार्ट 6
19 सितम्बर 2024 गुरुवार का ज्ञानप्रसाद—स्रोत- अखंड ज्योति नवंबर,दिसंबर 2002 एवं जनवरी, फरवरी 2003 “ध्यान क्यों करें, कैसे करें” विषय पर जून,1977 में गायत्री तीर्थ शाँतिकुँज में परम पूज्य गुरुदेव ने अपने बच्चों की सुविधा एवं ट्रेनिंग के लिए एक विस्तृत उद्बोधन दिया। यह उद्बोधन अखंड ज्योति नवंबर, दिसंबर 2002 के दो अंक और जनवरी,
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ध्यान करने के अनेकों लाभ
24 सितम्बर 2024 का ज्ञानप्रसाद -स्वरचित अगर कोई आपसे पूछे कि “ध्यान” करने के कौन-कौन से लाभ हैं तो उसे इस स्वरचित लेख की कॉपी थमा दीजिए। आज के लेख में Medical benefits के इलावा अनेकों लाभ की चर्चा है। अखंड ज्योति के लेखों पर आधारित लेख शृंखला कल से फिर आरम्भ हो रही है।
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तोरा मन दर्पण कहलाए -मन की परिभाषा
23 सितम्बर 2024 का ज्ञानप्रसाद- हमारी स्वरचित रचना। “ध्यान क्यों करें, कैसे करें?” लेख श्रृंखला से ही सम्बंधित एक लेख, हमारी स्वरचित रचना। 1965 में रिलीज़ हुई धर्मेंद्र,मीना कुमारी स्टारर बॉलीवुड मूवी का बहुचर्चित गीत (गीत क्या, भजन कहना उचित होगा) “तोरा मन दर्पण कहलाए” आज के ज्ञानप्रसाद लेख का आधार है। लेख के आरम्भ
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21 सितम्बर 2024, शनिवार का “अपने सहकर्मियों की कलम से” का साप्ताहिक विशेषांक
आदरणीय सुमनलता जी, रेणु श्रीवास्तव जी का योगदान ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार में शनिवार का दिन एक उत्सव की भांति होता है। यह एक ऐसा दिन होता है जब हम सब सप्ताह भर की कठिन पढाई के बाद थोड़ा Relaxed अनुभव करते हैं और अपने साथिओं के साथ रूबरू होते हैं, उनकी गतिविधिओं को जानते
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ध्यान क्यों करें, कैसे करें ? पार्ट 5
18 सितम्बर 2024 बुधवार का ज्ञानप्रसाद–स्रोत- अखंड ज्योति नवंबर,दिसंबर 2002 एवं जनवरी, फरवरी 2003 “ध्यान क्यों करें, कैसे करें” विषय पर जून,1977 में गायत्री तीर्थ शाँतिकुँज में परम पूज्य गुरुदेव ने अपने बच्चों की सुविधा एवं ट्रेनिंग के लिए एक विस्तृत उद्बोधन दिया। यह उद्बोधन अखंड ज्योति नवंबर, दिसंबर 2002 के दो अंक और
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ध्यान क्यों करें, कैसे करें ? पार्ट 4
17 सितम्बर 2024 मंगलवार का ज्ञानप्रसाद –स्रोत- अखंड ज्योति नवंबर,दिसंबर 2002 एवं जनवरी, फरवरी 2003 “ध्यान क्यों करें, कैसे करें” विषय पर जून,1977 में गायत्री तीर्थ शाँतिकुँज में परम पूज्य गुरुदेव ने अपने बच्चों की सुविधा एवं ट्रेनिंग के लिए एक विस्तृत उद्बोधन दिया। यह उद्बोधन अखंड ज्योति नवंबर, दिसंबर 2002 के दो अंक और जनवरी,
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ध्यान क्यों करें, कैसे करें ? पार्ट 3
16 सितम्बर 2024 सोमवार का ज्ञानप्रसाद–स्रोत- अखंड ज्योति नवंबर,दिसंबर 2002 एवं जनवरी, फरवरी 2003 “ध्यान क्यों करें, कैसे करें” विषय पर जून,1977 में गायत्री तीर्थ शाँतिकुँज में परम पूज्य गुरुदेव ने अपने बच्चों की सुविधा एवं ट्रेनिंग के लिए एक विस्तृत उद्बोधन दिया। यह उद्बोधन अखंड ज्योति नवंबर, दिसंबर 2002 के दो अंक और
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14 सितम्बर 2024,शनिवार का “अपने सहकर्मियों की कलम से” का साप्ताहिक विशेषांक
आज का साप्ताहिक विशेषांक रफ़्तार फिल्म के बहुचर्चित गीत “संसार है इक नदिआ, दुःख सुख दो किनारे हैं” के साथ आरम्भ हो रहा है। हमारी शोकातुर, समर्पित, आदरणीय सुजाता उपाध्याय बहिन को हम सभी भाई बहिनों के सहारे की आवश्यकता है। हम संकल्प लेते हैं कि बहिन जी के इकलौते भाई के देहावसान से उत्पन
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ध्यान क्यों करें, कैसे करें ? पार्ट 2
12 सितम्बर 2024 गुरुवार का ज्ञानप्रसाद–स्रोत- अखंड ज्योति नवंबर,दिसंबर 2002 एवं जनवरी, फरवरी 2003 “ध्यान क्यों करें, कैसे करें” विषय पर जून,1977 में गायत्री तीर्थ शाँतिकुँज में परम पूज्य गुरुदेव ने अपने बच्चों की सुविधा एवं ट्रेनिंग के लिए एक विस्तृत उद्बोधन दिया। यह उद्बोधन अखंड ज्योति नवंबर, दिसंबर 2002 के दो अंक और जनवरी,
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ध्यान क्यों करें, कैसे करें ? पार्ट 1
11 सितम्बर 2024 का ज्ञानप्रसाद– स्रोत- अखंड ज्योति नवंबर,दिसंबर 2002 एवं जनवरी फरवरी 2003 “ध्यान क्यों करें, कैसे करें” विषय पर जून,1977 में गायत्री तीर्थ शाँतिकुँज में परम पूज्य गुरुदेव ने अपने बच्चों की सुविधा एवं ट्रेनिंग के लिए एक विस्तृत उद्बोधन दिया। यह उद्बोधन इतना प्रैक्टिकल, ज्ञानवर्धक और विस्तृत था कि अखंड ज्योति नवंबर,
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“ध्यान” के विषय पर आरम्भ हो रही लेख श्रृंखला की पृष्ठभूमि
10 सितम्बर 2024 का ज्ञानप्रसाद ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार के समर्पित साथी इसकी कार्यप्रणाली से भलीभांति परिचित हैं। इस कार्यप्रणाली के अंतर्गत प्रयास तो सदैव यही रहता है कि लेख शृंखला का शुभारम्भ सप्ताह के प्रथम दिन सोमवार से ही किया जाए क्योंकि उस दिन रविवार के अवकाश के कारण हमारे भीतर एक नवीन ऊर्जा,उत्सुकता
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शांतिकुंज और शांति निकेतन का क्या सम्बन्ध है ?
9 सितम्बर 2024 का ज्ञानप्रसाद –स्रोत फेसबुक पोस्ट https://youtu.be/ZxdTZ6Xmuyc?si=KIQJ58MWoT2WuRg2 आज का ज्ञानप्रसाद लेख 30 मई 2024 को फेसबुक पर प्रकाशित हुई गणेश करुले जी की पोस्ट पर आधरित है। परम पूज्य गुरुदेव पर आधारित इस जानकारी के लिए हम गणेश जी के आभारी है। ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार के प्रकाशन नियमों के अनुसार एडिटिंग के
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7 सितम्बर 2024,शनिवार का “अपने सहकर्मियों की कलम से” का साप्ताहिक विशेषांक
ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार में शनिवार का दिन एक उत्सव की भांति होता है। यह एक ऐसा दिन होता है जब हम सब सप्ताह भर की कठिन पढाई के बाद थोड़ा Relaxed अनुभव करते हैं और अपने साथिओं के साथ रूबरू होते हैं, उनकी गतिविधिओं को जानते हैं। हर कोई उत्साहित होकर अपना योगदान देकर
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समर्पित कार्यकर्ताओं की मणि मुक्तकों में पिरोई माला गुरुदेव की सबसे बहुमूल्य निधि
5 सितम्बर 2024 का ज्ञानप्रसाद-स्रोत:अखंड ज्योति अगस्त-सितम्बर 1990 संयुक्त अंक 2 जून 1990 को परम पूज्य गुरुदेव के महाप्रयाण के बाद, 201 पृष्ठों वाला अखंड ज्योति का अगस्त-सितम्बर का एक संयुक्त अंक प्रकाशित हुआ। इस श्रद्धांजलि अंक में गुरुदेव से सम्बंधित मास्टरपीस जानकारी दे रहे अनेकों लेख शामिल हैं जिन पर हम पहले भी कुछ
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पारस रुपी अखंड ज्योति पत्रिका ने अनेकों का कायाकल्प किया है।
4 सितम्बर 2024 का ज्ञानप्रसाद – स्रोत: अखंड ज्योति दिसंबर 1999 आज प्रातः आँख खुलते ही आदरणीय डॉ ओ पी शर्मा जी का कमेंट मिला तो सारे शरीर में एक इलेक्ट्रिक करंट सी दौड़ गयी, इस कमेंट को यूट्यूब पर शेयर करने में तनिक भी विलम्ब न कर पाए क्योंकि यह इनाम हमारे साथिओं के
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मेरा अंतःकरण मेरे गुरु का घर बन गया
3 सितम्बर 2024 का ज्ञानप्रसाद- स्रोत अखण्ड ज्योति, जुलाई 2002, पृष्ठ 32-33 धरती में पड़े बीज तब तक अंकुरित नहीं होते जब तक उन्हें उचित वातावरण नहीं मिलता। जब गर्मी अपने पूरे यौवन में होती है तो कुछ ही समय के बाद वाष्पीकरण से वर्षा की ठंडी फुहारें धरती माँ को शीतलता प्रदान करती है।
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कभी सोचा है जीवन का उद्देश्य क्या है ?
2 सितम्बर 2024 का ज्ञानप्रसाद –स्रोत -अखंड ज्योति मार्च 1965,पृष्ठ 10 आज का ज्ञानप्रसाद लेख लिखते समय हमें अपने बाल्यकाल के वोह अवस्मरणीय पल स्मरण हो आए जब अमावस की काली अँधेरी रात में घर के छत पर सोते समय तारों भरे आकाश को निहारा करते थे। आकाश में टिमटिमाते अनगनित सितारों की तुलना हम