वेदमाता,देवमाता,विश्वमाता माँ गायत्री से सम्बंधित साहित्य को समर्पित ज्ञानकोष

“क्या कहते हैं हमारे सहयोगी ?”, 1 जून  2024 का विशेषांक

https://youtu.be/nF6PqsTP0ZQ?si=MS_Uh... (हमारा साहित्य लोगों को पढ़ाइए)

ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार के सभी समर्पित साथिओं का इस “नवीन सेगमेंट” में  जिसका शीर्षक “क्या कहते हैं हमारे सहयोगी”,ह्रदय से स्वागत,अभिवादन करते हुए हमें ह्रदय से प्रसन्नता हो रही है। 

हमारे साथी प्रसन्नता का कारण जान कर हमसे भी अधिक प्रसन्न होंगें कि गुरु की शक्ति ने  साधारण से दिखने वाले मनुष्यों को Celebrity की category में लाकर खड़ा कर दिया है। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं कि आने वाले कुछ शनिवारों को हम ऐसे  साथिओं के सिलेक्टेड कमेंट प्रकाशित करने का मन बना चुके हैं जो किसी न किसी दृष्टि से अद्वितीय हैं। किसी मनुष्य की कही हुई बात तभी Quote की जाती है अगर वह बात किसी महापुरुष ने कही हो, किसी विद्वान ने कही हो,किसी अविष्कारक ने कही हो,किसी अनुसंधानकर्ता ने कही हो, किसी नेता ने कही हो यां फिर किसी  प्रभावशाली व्यक्तित्व ने कही हो; हमारे साथिओं के साथ ऐसा कोई भी Tag नहीं लगा हुआ है तो फिर हम इन कमैंट्स को प्रकाशन के बाद  एक बार फिर से क्यों पढ़ रहे हैं ? ऐसा इसलिए है कि साधारण से दिखने वाले हमारे साथी अब बिल्कुल भी साधारण नहीं हैं,गुरु की शक्ति ने उन्हें फर्श से उठा कर अर्श पर बिठा दिया है और उनसे वोह भावनाएं उगलवा ली हैं जिन्हें व्यक्त करने के लिए उनकी अंतरात्मा में विचारों का अथाह सागर ठाठें मार रहा था,विचारों की उठती व्याकुल लहरें सागर के किनारों से टकराकर वापिस सागर में चली जाती थीं। 

वरिष्ठ साथिओं की बात तो समझी जा सकती है,उनके पास तो जीवन भर का अनुभव है लेकिन  छोटी सी बच्ची संजना कैसे इतना सुन्दर लिख लेती है, गुरुदेव ही जानते हैं।

आज हम अपने अगले सेलिब्रिटी साथिओं  के कमेंट आपके समक्ष रखें, उससे पहले कुछ छोटे-छोटे निम्नलिखित निवेदन क्रमवार करना  चाहेंगें:

1.गुरुदेव की दिव्य पुस्तक “मैं क्या हूँ ?” पर आधारित लेख श्रृंखला के अब तक 16 अंक प्रस्तुत किये जा चुके हैं, आगे कितने अंक आने वाले हैं, हमें स्वयं ही नहीं मालूम, जो गुरु आदेश होगा हम सब इक्क्ठे गुरुचरणों में बैठ कर समझने का प्रयास  करेंगें। पिछले लेखों में साथिओं ने देखा होगा कि लेख आरम्भ होने से पहले, हमारे द्वारा प्रस्तुत की गयी “भूमिका” नार्मल भूमिका से कुछ अधिक लम्बी होती आयी है। इसका कारण यह है कि ज्ञानप्रसाद में प्रस्तुत करने वाला कंटेंट इतना गूढ़ होता है कि उसे समझने में किसी प्रकार की जल्दबाज़ी और कामचालाऊ जैसी स्थिति को avoid करना होता है। 

निवेदन यह है कि ज्ञानप्रसाद लेख के साथ-साथ भूमिका को भी इतनी ही गंभीरता से पढ़ा जाए, उसमें बहुत कुछ होगा। 

2. हमारे साथी जानते हैं कि हम लेख से सम्बंधित कमेंट,न केवल यूट्यूब पर बल्कि बाकी के सभी सोशल मीडिया साइट्स पर भी बड़े ही ध्यानपूर्वक देखते हैं। साथी अनुमान लगा सकते हैं कि यह कार्य किस स्तर का होगा, कितना बड़ा होगा।  कई तरह के कमेंट आते हैं जिनमें अनेकों त्रुटियां भी होती हैं। हम व्यक्तिगत स्तर पर त्रुटियों का संशोधन करने का प्रयास भी करेंगें लेकिन आप सबसे सहायता की आशा कर रहे हैं कि जब कभी भी, किसी को भी, कोई भी त्रुटिपूर्ण कमेंट दिखाई दे, तुरंत हमें सूचित करने की कृपा करें। इसी सन्दर्भ में हम बहुत बार पहले भी लिख चुके हैं, आज फिर लिख रहे हैं कि व्हाट्सप्प पर कोई भी कमेंट न भेजें बड़ी कृपा होगी। आपका और हमारा दोनों का समय बचेगा जिसे हम कही और सार्थक कार्य के लिए प्रयोग कर सकते हैं। 

3.यह विषय बहुत दिनों से हमारे अंतःकरण में ज्वारभाटा मचाए हुए है ,कोई समाधान नहीं मिल रहा था इसलिए अपने परिवार की अदालत में रख रहे हैं, कृपया सभी चिंतन करके समाधान सुझाने का प्रयास करें :  मैरिज एनिवर्सरी, जन्म दिन  आदि शुभकामना देते समय बहुत बार जिज्ञासा उठी कि केवल उन्हीं का नाम शामिल किया जाए जो इस परिवार में योगदान दे रहे हैं/इस परिवार के साथ सम्बंधित हैं,जिनका गायत्री परिवार/गुरुवर से कोई वास्ता ही नहीं है उन्हें नकारना ही उचित रहेगा क्योंकि ऐसे लोगों के हाथों गुरुवर का अनादर ही होगा जो किसी कीमत पर सहन करना संभव नहीं होगा।  लेकिन फिर विचार उठा कि ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार के यज्ञ मंडप के  सुगंधित धूम्र का दायरा असीमित है, न जाने कब किसी की अंतरात्मा को प्रभावित कर जाए।

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आइए अब चलते हैं, अपने Celebrities के कमैंट्स की ओर:

1. आदरणीय संध्या जी का कमेंट:

बेटी संजना ने लिखा है कि लॉक डाउन उनके लिए वरदान साबित हुआ उसी दौरान वह OGGP से जुड़ी एवं गुरुवर के साहित्य का अमृतपान करते हुए सकारात्मक ऊर्जा ग्रहण करती चली गयीं, मेरा जुड़ना भी उसी दौरान अनायास ही हो गया था, मैं भी गुरुवर के संबंध में कुछ देखने के लिए सर्च कर रही थी भाग्य का उदय हो गया यह चैनल दिख गया, पढ़ने से बहुत सुकून मिला 1-2 दिन बाद छोटा सा कमेन्ट किया, बड़े उत्साहवर्धक काउन्टर कमेन्ट आये मैंने अपने पति को दिखाये बस उस दिन से यह दिवानगी जारी है, बिटिया आप की तरह मुझे भी अफसोस लगता है साक्षात भगवान धरा पर आये और मैं उनके दर्शन एवं चरणस्पर्श से वंचित रह गयी किंतु बिटिया रानी अफसोस नहीं करना है OGGP से जुड़ने का सौभाग्य भी गुरुवर ने प्रदान किया है।  

2.आदरणीय सुमनलता जी का कमेंट-ये है वास्तविक आध्यात्म की वास्तविक शक्ति-  

गुरुदेव के क्रांतिधर्मी साहित्य से ऐसा ज्ञान प्राप्त हो रहा है ,जो गायत्री परिवार के लिए एक मार्गदर्शन है।स्वयं को भगवान का एजेंट प्रचारित कर लोगों की मनोकामना की पूर्ति करने प्रपंच रचने वाले तो आज बहुत से मिल जाएंगे। ऐसी एक घटना हमारे साथ लगभग 20 वर्ष पहले घटित हुई थी।कार्यालय में हमारे एक सहकर्मी के रिश्तेदार थे।उन्होंने हमारी जन्म कुंडली बनाने का अभिनय सा किया ।सब बातें होने के बाद बोले एक स्टोन है ,जो 20000 रुपए का आएगा।आपको दिल की बीमारी है।आप उसे अपने गले में पहन लो। यदि आप इसे avoid   करोगे तो आप छः महीने से अधिक नहीं जिंदा रहोगे।हमने सुना तो थोड़ी चिंता होना स्वभाविक था।वो अपने रिश्तेदार हमारे सहकर्मी से अपनी बातचीत कर रहे थे तो उन्हें बता रहे थे कि उनके बेटे को बहुत major accident हुआ है।उनकी ये बात सुनकर हमारे विवेक ने कहा, जो व्यक्ति अपनी (तथाकथित) साधना के बल पर अपने बेटे का एक्सीडेंट नहीं रोक सका वो हमारी मृत्यु को टालने का दावा कर रहा है।जीवन मृत्यु के देने वाले वाले तो भगवान हैं।अगर हमारी मृत्यु होनी होगी तो स्टोन (रत्न)पहनने से टलेगी नहीं ,और अगर जीवन है तो कोई मार नहीं सकता।हमने कोई रत्न धारण नहीं किया।और आज गुरुदेव की कृपा से दिल की बीमारी भी ठीक हो गई।ये है वास्तविक आध्यात्म की वास्तविक शक्ति ।हमें अनुभव होता है कि जब हम गुरुदेव से अनभिज्ञ थे तब भी उनकी सूक्ष्म दृष्टि हमें राह दिखा रही थी, क्योंकि हमें उनकी शरण में आना था।हमें बाद में पता चला कि लोगों को मिथ्या भय दिखा कर,वो राशि रत्न बेचते थे। 

आज की तारीख में ऐसे अनेकों मिल जाएंगे जिन्होंने आध्यात्म को बदनाम करने में कोई कसर बाकी नहीं रखी है। हम सब अहोभागी हैं कि गुरुदेव की शरण मिली और सच्चा मार्गदर्शन भी,जिन्होंने आध्यात्म की सही परिभाषा बताई।ऐसे गुरु को बारंबार नमन है।

गुरु वंदना में एक पंक्ति है-हे प्रभु तुम्हीं विविध रूपों में हमें बचाते भवकूपों से,ऐसे परम उदार।।यही सत्य है।

3. आदरणीय रेणु श्रीवास्तव जी का कमेंट- कमेंट- काउंटर कमेंट प्रक्रिया के positive साइड इफेक्ट्स

हमारी सबकी परम आदरणीय रेणु बहिन जी का अधूरा कमेंट पोस्ट हुआ देखा तो हमने एक दम रिप्लाई किया।  बहिन जी ने जो बताया उससे उनकी  ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री  परिवार के प्रति श्रद्धा को नमन करते हैं। 

हम सब जानते हैं कि बहिन जी के कमेंट कितने विस्तृत ,ज्ञान से भरपूर और मार्गदर्शन प्रदान करने वाले होते हैं। तो  ऐसे कमेंट का बिना पूरा किये, यूट्यूब से गायब हो जाना कितना stressful हो सकता है, हम अनुभव कर सकते हैं। यही हुआ था बहिन जी के साथ। हम होते तो इस स्थिति में फिर से, नए सिरे से लिखने का साहस  ही न कर पाते, लेकिन बहिन जी ने फिर से लिखना आरम्भ किया लेकिन फिर उनकी छोटी सी, नन्ही सी नातिन ने  जो अभी कुछ ही महीनों की है,रोना शुरू कर दिया, फिर लेखन को रोकना पढ़ा, उसके बाद तीसरी शिफ्ट में एक बार फिर  कोशिश की और पूरा किया। 

 क्या कहें ,ऐसी श्रद्धा और निष्ठां को ? कोई शब्द नहीं है, केवल अंतर्मन से सम्मान ही व्यक्त कर सकते हैं। 

यही हैं कमेंट- काउंटर कमेंट प्रक्रिया के positive साइड इफेक्ट्स।  ऐसी छोटी-छोटी बातें, पारिवारिक बातें, कमैंट्स-काउंटर कमैंट्स की प्रक्रिया  के माध्यम से हमें एक दूसरे के करीब लाते हुए, अपनत्व का अनुभव करवाते हुए, सही मायनों में गुरुदेव के सपने को पूरा करने में सहायक हो रही है । इसी को “युग परिवर्तन” कहते हैं। एक तरफ तो किसी के पास बात करने को समय नहीं है और हम सब परिवारजन हैं कि एक दूसरे को सुनने के लिए व्याकुल रहते हैं। परम पूज्य गुरुदेव ने ऐसे ही परिवार को “सतयुग की वापसी” का नाम दिया है।

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421  कमैंट्स और 7  युगसैनिकों से आज की  24 आहुति संकल्प सूची सुशोभित हो रही  है।आज का गोल्ड मैडल आदरणीय सुजाता जी ने जीता है, उन्हें बधाई एवं सभी साथिओं का योगदान के लिए धन्यवाद्।     

(1)वंदना कुमार-24,(2)नीरा त्रिखा-26,(3)सुमनलता-33 ,(4 )सुजाता उपाध्याय-39,(5 )अरुण वर्मा-27 ,(6)निशा भारद्वाज-24,(7 )राधा त्रिखा-28     

सभी साथिओं को हमारा व्यक्तिगत एवं परिवार का सामूहिक आभार एवं बधाई।


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