परम पूज्य गुरुदेव के सूक्ष्म संरक्षण एवं मार्गदर्शन में रचे गए ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार में शनिवार का दिन एक उत्सव की भांति होता है। यह एक ऐसा Open forum दिन होता है जब अध्ययन को एक तरफ रख दिया जाता है और बात की जाती है सप्ताह के पांच दिन की शिक्षा की, जिसका आधार साथिओं के कमैंट्स और काउंटर कमैंट्स होते हैं, बात की जाती है साथिओं की गतिविधियों की, बात की जाती है इस छोटे से किन्तु समर्पित परिवार के सदस्यों के दुःख-सुख की, बात की जाती है आने वाले दिनों की रूपरेखा यां फिर गायत्री परिवार से सम्बंधित कोई भी विषय जिसे परिवारजन उचित समझें, इसीलिए इस विशेषांक को Open forum की संज्ञा दी गयी है।
जब हम साथिओं के कमैंट्स की बात करते हैं तो देख कर बहुत हर्ष होता है कि कुछ समय पहले जो केवल “जय गुरुदेव” ही लिखते थे, आज कितने बड़े-बड़े कमेंट लिखने को उत्सुक रहते हैं ,हमें तो लगता है कि परम पूज्य गुरुदेव के साहित्य आदि ने हमारे परिजनों के अंतर्मन में वोह जवाला भर दी है, जिसकी एक चिंगारी ही विचारों के विस्फोट करने के लिए काफी है। कई बार तो ऐसा भी देखने में आया है कि अभी हम चेक ही कर रहे होते हैं कि वीडियो ठीक से अपलोड हुई भी है कि नहीं, तो उधर से व्यूज भी आने शुरू हो जाते हैं, और वोह भी उस समय जब भारत में रात के 3:00 बजे होते हैं। हमारी बात का साक्षात् प्रमाण हमारे आदरणीय भाई अरुण वर्मा जी का कमेंट( जो आप आगे जाकर पढेंगें) है जो उन्होंने “मानवीय विद्युत् के चमत्कार” लेख श्रृंखला के सम्बन्ध में लिखा था। 400 शब्दों का यह कमेंट अरुण जी की गुरुदेव के प्रति श्रद्धा, ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवारजनों के समक्ष सादगी व्यक्त कर रहा है। भाई साहिब ने इस कमेंट से पहले, एक अन्य कमेंट में, लेख में शामिल की गयी साइंटिफिक terms से अनजान होने के कारण लेख को समझने में आयी कठिनता को बड़े ही निर्मल ह्रदय से हम सबके आगे रख कर हम सबको बता दिया था कि उनका अंतःकरण कितना पवित्र है। तब भी लिखा था, आज फिर लिख रहे हैं की यह हमारी गलती थी कि हम सरलीकरण की प्रक्रिया में असफल रहे। अगर कोई विद्यार्थी किसी विषय में फेल होता है तो अध्यापक अपनी ज़िम्मेवारी से किनारा नहीं कर सकता। खैर कोई बात नहीं, हम तो परम पूज्य गुरुदेव का धन्यवाद् करते हैं कि उन्होंने चुन-चुन कर निर्मल हृदयों को इस परिवार में शामिल किया है।
लेख लिखने, वीडियो बनाने के अतिरिक्त हम अक्सर व्यूज का analysis करते रहते हैं। भारत के इलावा व्यूज तो विश्व के अन्य देशों से भी आ रहे होते हैं लेकिन सबसे ज़्यादा तो भारत से ही आते हैं। इंडिया में सबसे अधिक परिजन इंदौर,मध्य प्रदेश और पटना, बिहार से इस चैनल को विजिट कर रहे हैं जिनके नंबर ऊपर नीचे होते रहते हैं। भारत के बाद, USA, Nepal, Canada, UAE, Saudi Arabia, UK, Australia, Qatar, Bahrain, Iraq, Kuwait आदि के परिजन भी इस चैनल को विजिट कर रहे हैं । यह डाटा यूट्यूब चैनल के Analytics section में से लिया गया है जिसे हर सेकंड लाइव अपडेट किया जाता रहता है। Analytics में इतना विस्तृत विश्लेषण किया जाता रहता है कि साथिओं के समक्ष उसे प्रस्तुत करना लगभग असंभव ही है। यूट्यूब पर उपलब्ध इस लाइव डाटा का बहुत ही छोटा सा भाग साथिओं को बता कर, हम उनको बधाई दे रहे हैं। हम पूर्ण विश्वास के साथ कह सकते हैं कि यह कार्य किसी एक अकेले का नहीं है, सभी साथिओं का समयदान, श्रमदान रंग ला रहा है जिसके समक्ष हम नतमस्तक हैं।
1.आज के इस स्पेशल सेगमेंट में सबसे पहले हमारे सबके नन्हें बच्चे आयुष पाल को बधाई देने का विषय है जिसे निम्नलिखित शब्दों में आदरणीय सरविन्द पाल जी ने हमें भेजा है :
आदरणीय अरुण भैया जी हम बहुत ही हर्ष के साथ अवगत कर रहे हैं कि कल 15 अप्रैल, 2024, मंगलवार के दिन, प्रथम U-14 आनंदेश्वर प्रीमियर लीग मैच का ट्रूर्नामेंट का फाइनल मैच,आनंदेश्वर पोली पैक (प्रा) लिमिटेड कानपुर नगर द्वारा आनंदेश्वर क्रिकेट स्टेडियम बिठूर कानपुर नगर उत्तर प्रदेश में सम्पन्न हुआ। परम पूज्य गुरुदेव की कृपादृष्टि एवं आनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार के साथिओं के सामुहिक आशीर्वाद से बेटे आयुष कुमार पाल को सफलता मिली है और ट्राफी व गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया है। यह बहुत ही प्रसन्नता की बात है जिसे हम सबसे पहले अपने इस छोटे से समर्पित परिवार में शेयर कर रहे हैं l हमें अटूट विश्वास है कि बेटे आयुष पर आप सबका सामूहिक आशीर्वाद इसी तरह निरंतर बना रहेगा और वोह एक दिन उच्चकोटि का संस्कारित व पवित्र भावना से ओतप्रोत विश्व चैम्पियन भारतीय खिलाड़ी बनकर अपना एवं परिवार का नाम विश्व में नाम रोशन करेगा l बेटे की बहुत ही लगन, निष्ठा व ईमानदारी से निरंतर मेहनत को हम नतमस्तक हैं और कभी-कभी इस तरह की निरंतर मेहनत को देखकर हम दोनों लोगों की आँखों में आँसू आ जाते हैं कि इतनी कड़ी मेहनत तो हम लोगों ने कभी नहीं किया है, जितनी मेहनत कुछ बनने के लिए बेटा आयुष कुमार पाल कर रहा है l
आनलाइन ज्ञान रथ गायत्री परिवार को आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि एक दिन बेटे की मेहनत जरूर रंग लाएगी और बहुत ही जल्द भारतीय खिलाड़ी बनेगा क्योंकि हम सबकी सूझवान व समर्पित सहकर्मी आदरणीय सुमन लता बहन जी परम पूज्य गुरुदेव के दिव्य दरबार में परम पूज्य गुरुदेव के श्री चरणों में अर्जी लगा चुकी हैं, जिसे परम पूज्य गुरुदेव अवश्य पूर्ण करेंगे, इसमें तनिक भी संदेह व संशय नहीं है। बेटा आयुष परम पूज्य गुरुदेव के श्री चरणों में समर्पित हो चुका है और उसे गुरुदेव का सूक्ष्म संरक्षण व दिव्य सानिध्य अनवरत प्राप्त हो रहा है। वह हर काम परम पूज्य गुरुदेव से पूछ-बताकर करता है तथा असफलता मिलने पर बालबुद्धि के कारण परम पूज्य गुरुदेव से लड़ता भी बहुत है लेकिन परम पूज्य गुरुदेव के प्रति अपनी श्रद्धा व विश्वास को कम नहीं होने देता है,आस्था को निरंतर बनाए रखता है। आयुष परम पूज्य गुरुदेव के बताए हुए मार्ग पर चलने का हर सम्भव प्रयास करता है, गायत्री महामंत्र का लेखन कार्य व OGGP के मंच पर प्रकाशित हो रहे लेखों का नियमितता से, गम्भीरतापूर्वक स्वाध्याय करता है। यह उसकी दैनिक दिनचर्या है, जिसे वह अपनी जिम्मेदारी व कर्त्तव्य समझकर करता है l
हम परम पूज्य गुरुदेव से प्रार्थना करते हैं कि इसी तरह का संस्कारित व मेहनती बेटा प्रभु सबको दें l 6 अप्रैल, 2024 से लगातार मैच चल रहे हैं जिसके कारण बेटे का गला बैठ गया है क्योंकि ग्राउंड में अपनी टीम को उत्साहित एवं प्रोत्साहित करने के लिए आवाज भी लगानी पड़ती है, नहीं तो हम धन्यवाद की वीडियो अपलोड कराते, इसके लिए हम आपसे क्षमाप्रार्थी हैं।
धन्यवाद, जय गुरुदेव
2.आदरणीय अरुण वर्मा जी का कमेंट:
जय गुरुदेव ॐ श्री गुरु सत्तायै नमो नमः
परम पूज्य गुरुदेव परम वंदनीया माता दी एवं माँ गायत्री के श्री चरण कमलों में सत सत प्रणाम
परम आदरणीय अरूण भैया जी के चरणों में कोटि कोटि प्रणाम
भैया जी कल हमने अपनी समस्या इस प्लेटफार्म पर लिखी और आज का लेख पढ़ने में मज़ा आ गया, हर शब्द इतना सरल लग रहा है कि क्या कहें, इस लेख को पूरा पढ़ते-पढ़ते आँखों में आंसू आ गए ,समझने में तनिक भी परेशानी नहीं हुई। इस लेख में ऐसा लग रहा है कि जितने भी दिव्य शब्दों का प्रयोग किया गया है वह सब हमारे लिए ही किए गए हों ।हमारी आंखों से पट्टी हटाने के लिए ही यह लेख प्रस्तुत किया गया है।
भैया जी आपने लिखा है कि आज के तारीख में कोई भी ऐसा व्यक्ति नहीं है जो कह सके कि हमारे पास समय है। आपने जिस Age-group का वर्णन किया है उस आयु में मनुष्य, परिवार के भरण पोषण करने के लिए लगातार मेहनत करते रहता है, व्यस्त रहता है, लेकिन वोह बुजुर्ग जो अपने जाॅब से रिटायर हो चुके हैं या अपने परिवार की जिम्मेदारियों से आज़ाद हो चुके हैं,जब कहते हैं कि समय नहीं है तो यह दुर्भाग्य की ही बात है। उनके पास गली चौराहों पर बैठकर बिना मतलब का बकवास करने के लिए समय रहता है लेकिन अपने मष्तिष्क को अच्छी खुराक देने के लिए समय नहीं रहता है,
आज का लेख पढ़कर बहुत अच्छा लगा, शायद इस तरह का लेख हमारे लिए ही प्रस्तुत किया गया है। गुरुदेव को लाख-लाख शुक्रगुज़ार हूँ। गुरुदेव ने हमारे मष्तिष्क को अच्छी खुराक पिला दी है।
इस उत्कृष्ट ज्ञानवर्धक ऊर्जामयी लेख के लिए परम आदरणीय अरूण भैया जी को बहुत बहुत धन्यवाद।
यह हैऔनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार के दिव्य प्लेटफार्म का कमाल, जिस व्यक्ति को कल तक यह श्रृंखला “मानवीय विद्युत के चमत्कार ” समझ नहीं आ रही थी, आज बिलकुल सरल सी लगने लगी। आखिर यह कैसे हुआ? गुरुदेव ने यां तो हमारे मष्तिष्क के अंदर के कचरे को बाहर फेंक दिया जिससे समझने की क्षमता छिन्न हो गयी थी, यां अपने सद्ज्ञान की ज्योति को हमारे मष्तिष्क में प्रज्ज्वलित कर दिया।
भैया जी मैं औनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार के सभी सहकर्मियों से क्षमा चाहता हूँ, आप सभी को अपनी समस्या शेयर करके परेशान किया। परम पूज्य गुरुदेव परम वंदनीय माता दी एवं माँ गायत्री की कृपा दृष्टि आप सभी सहकर्मियों पर अनवरत बना रहे।
3.अति आदरणीय बहिन सुमनलता जी का कमेंट:
आज हमारे मन में एक विचार ने जन्म लिया।उसे हम अपने परिवार के साथ साझा करना चाहते हैं। शनिवार का विशेषांक ” खुला मंच” या open forum है। प्रत्येक शनिवार को हम OGGP के पाठक परिजनों के विचार , गतिविधियां आदि पढ़ते हैं। इसमें एक शनिवार को हमारे मार्गदर्शक आ.त्रिखा भाई साहब “अपनों से अपनी बात” लिखें। जो कुछ भी भाई साहब अपने मन की बात लिखना चाहें।वह भी हमारे लिए मार्गदर्शन होगा। यह हमारा विचार है, सहमति अथवा असहमति आप सब का अधिकार है।
बहिन जी ने हमारे कमेंट को रिप्लाई करके निम्नलिखित लिखा था :
विनम्रता पूर्वक अवगत कराना चाहते हैं कि बाकी दिन तो हम परिजनों के लिए ही हैं। आप खुला मंच पर हम सब की गतिविधियों, हमारे विचारों को ही तो स्थान देते हैं।हम लोग तो जब भी चाहे अपनी बात लिख देते हैं, अपनी भावनाएं व्यक्त कर देते हैं,जो कि साप्ताहिक विशेषांक के माध्यम से किसी भी शनिवार को प्रकाशित हो जाती हैं। एक दिन आपके लिए भी अपनी बात रखने का होना चाहिए,जो हम सब के लिए ज्ञानप्रसाद सदृश ही होगा। इस लिए अपने मन की बात हमने लिखी है। शेष तो जैसा सहयोगियों का विचार होगा।
सभी साथियों के धन्यवाद् के साथ आज के सेगमेंट का यहीं समापन होता है।
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आज 7 युगसैनिकों ने 24 आहुति संकल्प पूर्ण किया है। अति सम्मानीय संध्या जी और सुजाता जी को गोल्ड मैडल जीतने की बधाई एवं सभी साथिओं का योगदान के लिए धन्यवाद्।
(1),रेणु श्रीवास्तव-27,(2)संध्या कुमार-36,(3)सुमनलता-28,(4 )सुजाता उपाध्याय -39 ,(5)नीरा त्रिखा-26,(6)चंद्रेश बहादुर-30,(7 ) मंजू मिश्रा-25
सभी साथिओं को हमारा व्यक्तिगत एवं परिवार का सामूहिक आभार एवं बधाई।


