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सोने के आभूषण पहनने का विज्ञान

11 अप्रैल 2024 का ज्ञानप्रसाद

ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार के सहकर्मी जानते हैं कि आजकल गुरुकक्षा में परम पूज्य गुरुदेव की अद्भुत रचना “मानवीय विदूयत के चमत्कार” में ज्ञान प्राप्त हो रहा है। कल वाले लेख “हमारे शरीर में बिजली कैसे पैदा होती है” को लिखते समय जिज्ञासा हुई कि मानवी विद्युत और आभूषणों का अवश्य ही कोई सम्बन्ध होगा क्योंकि दोनों ही Electrical charges हैं। आज का लेख इसी पक्ष में विज्ञान की तृष्णा को शांत करने के लिए लिखा गया है। इतने विशाल क्षेत्र को एक छोटे से लेख में सीमाबद्ध करना लगभग असंभव ही है लेकिन असंभव को संभव करना चुटकियों में सम्पन्न हो जाता है जब परम पूज्य गुरुदेव के श्रीचरणों में समर्पित होते हैं। नमन है ऐसे गुरु को।

प्रस्तुत है आज का ज्ञानप्रसाद लेख :

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सदियों से, मानव विकास की प्रक्रिया के दौरान सोने(Gold) ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और currency ,संपत्ति आभूषण आदि जैसे कई रूपों में इसका उपयोग किया गया है। विस्तार से सोने का अध्ययन करने से पता चलता है कि सोने के आभूषण पहनने के पीछे के कई वैज्ञानिक कारण हैं, इन्हीं कारणों से यह धातु सदियों से एक विश्वसनीय संपत्ति बनी रही है। सोना पहनने के वैज्ञानिक कारणों के अलावा, सोने के आभूषण बनाने के लिए इस धातु के उपयुक्त होने के पीछे भी एक और कारण है और वह है इसका निष्क्रिय (Inactive) गुण जिसका अर्थ है कि यह त्वचा के साथ प्रतिक्रिया (React) नहीं करता है और अपने रोग हरने वाले गुणों को बनाए रखने में सक्ष्म है।

सजने संवरने के लिए “आभूषण” मानव का एक अभिन्न अंग रहा है। जब सजने संवरने की बात आती है तो महिलाओं के बारे में हम भलीभांति परिचित है। महिलाओं द्वारा आभूषणों में अधिक रूचि रखने के पीछे केवल सुन्दर दिखना ही न होकर एक ज़िम्मेदारी का पक्ष भी था। पुरातन काल से देखते आ रहे हैं कि एक तरफ तो महिला को सजने संवरने, आभूषणों आदि का बहुत शौक होता है, दूसरी तरफ वही महिला जब माँ बन जाती है तो अपना श्रृंगार भूल कर अपनी बेटी के लिए ( उसके जन्म से ही) अपने सारे आभूषण न्योछावर करने की योजना में लग जाती है। यह है एक ज़िम्मेदारी, जिसे वोह बिना किसी के कहे निभाने को तैयार हो जाती है।

समय और बदलती मानसिकता के साथ, पुरुषों ने भी सोने के आभूषण पहनना शुरू कर दिया है।आजकल दृष्टि दौड़ाते हैं तो पुरुषों के आभूषण जो केवल अँगूठी,कंगन, गले की पतली सी चेन तक ही सीमित हुआ करते थे, नाक और कानों तक पहुँच चुके हैं।

सभी धातुओं में से, सोने और चाँदी से बने आभूषणों की हमेशा ही भारी माँग रही है। झुमके, नाक की कील, कंगन, हार, मठपति से लेकर कमरबंद और बिछिया तक, आप कभी भी हीरे के बजाय सोना ही चुनेंगे। इस चयन का कारण सोना पहनने के पीछे छिपे वैज्ञानिक कारण हैं । भारतीय संस्कृति में, किसी भी उत्सव और शुभ अवसर पर सोने के आभूषण पहने जाते हैं और इसे अन्य धातुओं और रत्नों से अधिक पसंद किया जाता है।

कभी सोचा है क्यों?

विज्ञान के पास इसकी तार्किक व्याख्या है। महिलाओं के सोने के आभूषण पहनने के पीछे का कारण जानने के लिए एक अध्ययन किया गया। इस अध्ययन के बाद यह निष्कर्ष निकाला गया कि महिलाओं को शारीरिक शक्ति के मामले में पुरुषों की तुलना में कमज़ोर माना जाता था, इसलिए उनके शरीर से सोना जुड़ा हुआ था। इससे उन्हें आवश्यक भरण पोषण मिलता था।

भरण पोषण कैसे मिलता था ? अध्ययन में बताया गया कि महिलाओं की उम्र बढ़ने के परिणामस्वरूप शारीरिक शक्ति का नाश होता है। प्रसव, मासिक धर्म एवं अन्य अनेक कारणों से महिलाओं में ओवरआल कमज़ोरी आती है, इस कमज़ोरी के साथ ही हड्डियाँ भी कमज़ोर होती हैं। समाज का प्रेशर, physical and anatomic build एवं अनेकों अन्य कारण महिलाओं को कमज़ोर बनाने में बहुत बड़ी भूमिका निभाते हैं। अनेक मेडिकल रिपोर्ट्स बताती हैं कि महिलाओं में हड्डीओं से सम्बंधित बीमारियां पुरुषों की तुलना में अधिक होती हैं। इस तथ्य का साक्षात् प्रमाण हमें अपनी Aquafit class में मिल जाता है जहाँ हम सप्ताह को दो दिन जाते हैं। हमारी कक्षा में 12 विद्यार्थिओं में 11 महिलाएं हैं और वोह पांचों दिन आती हैं।

हमारे पूर्वज बहुत ही वैज्ञानिक थे उन्होंने महिलाओं की शारीरिक कमज़ोरी का समाधान आभूषणों में खोजा। उन्होंने देखा कि नियमित रूप से सोने और चाँदी के आभूषण पहनने वाली महिलाओं को लाभ होता है और उनकी हड्डियाँ मजबूत होती हैं।

नवभारत टाइम्स में प्रकाशित 12 जून 2021 की न्यूज़ रिपोर्ट के अनुसार सोने के आभूषण महिलाओं की सुंदरता बढ़ाने के साथ-साथ बीमारियों से भी बचाते हैं। सोना एक प्राकृतिक गैर-विषाक्त (Non-toxic) धातु है जिससे सेहंत संबधी अनेकों समस्याएं दूर होती हैं। आइए एक एक करके सूचीबद्ध इस अद्भुत धातु के लाभ देखें :

1.सोना बॉडी टेम्परेचर को रेगुलेट करता है : कुछ अध्ययनों से पता चला है कि शुद्ध सोने में एंटी इंफ्लेमेंटरी गुण पाए जाते हैं। 1900 के दशक की शुरुआत में इसे लेकर एक सर्जन ने प्रैक्टिकल किया था। सर्जन ने शरीर के सूजन वाले हिस्से पर सोने का एक टुकड़ा लगाया था ताकि दर्द कम हो सके। एंटी इंफ्लेमेंटरी गुण शरीर में बॉडी पेन और स्‍वेलिंग को कम करने के लिए बेस्‍ट हैं। इस तरह से सोना बॉडी टेंपरेचर को रेगुलेट करता है। सोने के अलावा तांबे में भी ये गुण पाए जाते हैं।

2.मेनोपॉज़ के लिए लाभदायक: असली सोना शरीर के तापमान को नियंत्रित करता है। इसके बारे में कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि तापमान के कारण शरीर में होने वाली समस्याओं जैसे ठंड लगना और अचानक बुखार वाली गर्मी महसूस करना, को कम करने में मदद मिलती है। यह भी कहा जाता है कि रजोनिवृत्ति यानी मेनोपॉज (Menopause) से गुज़रने वाली महिलाएं बुखार (Hot flashes) को कम करने के लिए सोने के आभूषण पहन सकती हैं।

3.घाव भरने के लिए सोना लाभदायक: शोध से भी ये पता चला है कि सोने का प्रयोग शरीर में हुए घावों का इलाज करने के लिए भी किया जाता है। प्राचीन ग्रंथों से पता चलता है कि सोने को जब किसी घाव पर लगाया जाता है तो यह संक्रमण को रोकता है और सही तरीके से इलाज करता है।

4.त्वचा की गुणवत्ता में सुधार: बताया जाता है कि 24 कैरेट सोना त्वचा की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद कर सकता है। सोने की Conducting nature होने के कारण त्वचा को गर्माहट और soothing vibrations मिलती हैं जिनसे शरीर की कोशिकाओं को फिर से उत्पन्न करने में भी मदद मिलती है। सोने का प्रयोग स्किन संबंधी समस्याओं जैसे एक्जिमा, फंगल संक्रमण, Rashes, घाव, जलन आदि के इलाज के लिए भी किया जाता है।

5.प्राकृतिक Stimulant: कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि कोलाइडल गोल्ड कोशिकाओं के लिए एक प्राकृतिक उत्तेजक (Natural stimulant) के रूप में कार्य करता है और तंत्रिका कोशिकाओं (Nerve cells) के बीच विद्युत संकेतों (electrical signals) के संचार यानी ट्रांसमिशन के सुधार करने में मदद करता है।

6.Immunity Booster: कुछ जानकारों का ये भी मानना है कि सोना हमारी इम्यूनिटी भी बूस्ट करता है। असली सोने के आभूषण पहनने से इम्यून सिस्टम स्ट्रांग होता है और इस तरह से सोना हमारी संक्रमण से सुरक्षा करता है।

7.सोने की Syringe needle: एक्यूपंक्चर (Acupuncturists) चिकित्सक दर्द को कम करने और शरीर में ऊर्जा प्रवाह के लिए सोने की नोक वाली सुइयों का उपयोग करते हैं। जोड़ों में सूजन और दर्द के इलाज में विशेष रूप से प्रभावी माना जाता है।

8.गठिआ का निवारण : हालाँकि हमारे पुरातन ग्रंथों में सोने के प्रयोग से गठिआ के रोगों के निवारण के प्रमाण मिलते हैं लेकिन अभी इस क्षेत्र में और रिसर्च की आवश्यकता है।

यह तो हुए सोने के जनरल लाभ, इतना ही नहीं, शरीर के अलग-अलग अंगों पर सोने के अलग-अलग प्रभाव हैं। हमारे पाठक जानते हैं कि हमारे शरीर में 72000 नाड़िओं का जाल सा बिछा हुआ है और हर जगह प्रभाव अलग ही होता है। निम्नलिखित पंक्तियों में शरीर के अलग-अलग अंगों पर सोने के आभूषणों का सूचीबद्ध संक्षिप्त वर्णन है :

1.सोने की बाली: भारत में कान छिदवाना एक आम बात है। ऐसा माना जाता है कि यह शरीर में करंट के प्रवाह को बनाए रखता है। कान की नसें आंखों से जुड़ी होती हैं। महिलाओं में, यह प्रजनन अंगों तक भी फैली होती हैं। सोने की बाली से घर्षण दृष्टि और प्रजनन चक्र में सुधार करने में मदद करता है। सोने के झुमके पहनने से उत्तेजनाओं के प्रति सक्रियता और सतर्कता में भी सुधार होता है।

2.सोने की अँगूठी: यह पुरुषों और महिलाओं दोनों द्वारा पहने जाने वाले सबसे आम आभूषणों में से एक है। कई तंत्रिकाएँ हृदय और मस्तिष्क के बीच उँगलियों से जुड़ी होती हैं। सोने की अँगूठी से उँगलियों पर घर्षण स्वास्थ्य के लिए उपयुक्त माना जाता है। उदाहरण के लिए, अनामिका या कनिष्ठिका पर सोने की अँगूठी पहनने से ह्रदय के स्वास्थ्य में सुधार होता है ।

3.सोने का हार या मंगलसूत्र: हार या मंगलसूत्र सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करने में मदद करता है जिससे मन और शरीर स्वस्थ रहते हैं । यह भी कहा जाता है कि गले के क्षेत्र में कई तंत्रिका चैनल मौजूद हैं इसलिए गले के आसपास सोने के हार द्वारा हो रहे घर्षण से शरीर में रक्त संचरण नियमित होता है।

4.सोने की चूड़ियाँ: सोने की चूड़ियाँ भी शरीर में रक्त संचार को नियमित करने में मदद करती हैं। चूड़िओं के गोलाकार आकार के कारण, बाहरी त्वचा से गुजरने वाली विद्युत चुम्बकीय ऊर्जा शरीर में वापस आ जाती है, जिससे समग्र संचरण में सुधार होता है।

5.सोने का माँग टीका: माथे के ऊपर सोने का आभूषण पहनने से शांति एवं और एकाग्रता आती है जिससे शरीर के तापमान को नियंत्रित रखने में मदद मिलती है।

6.सोने की बिछिया: आमतौर पर पैर की दूसरी उँगली पर पहनी जानी वाली, सोने की बिछिया शरीर और जमीन के बीच करंट के अच्छे संवाहक के रूप में काम करती हैं। पैर की दूसरी उँगली में मौजूद नसें भी गर्भाशय से होते हुए हृदय तक जाती हैं। बिछिया पहनने से प्रजनन चक्र में सुधार होता है और रक्तचाप को बनाए रखने में मदद मिलती है। इंटरनेट पर पैरों में सोने को पहनने को अशुभ भी कहा गया है।

7.सोने की बाली: सोने की बाली पहनना मासिक धर्म के दौरान होने वाले दर्द को कम करता है। यह गर्भावस्था और प्रसव के दौरान होने वाली जटिलताओं को भी कम करता है।

8.सोने का कमरबंद: कमर के चारों ओर सोने का आभूषण पहनने से शरीर में एक्यूपंक्चर संपर्क बनाने में मदद मिलती है, जिससे कई शारीरिक दर्द, सामान्य सर्दी और खाँसी और साँस की तकलीफ को रोकने में मदद मिलती है।

कल आदरणीय ज्योति जी की तीसरी एवं इस श्रृंखला की अंतिम ऑडियो बुक प्रस्तुत की जाएगी।

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आज 8 युगसैनिकों ने ही 24 आहुति संकल्प पूर्ण किया है।अनुराधा बेटी आज की गोल्ड मैडल विजेता है,बहुत बहुत बधाई । सभी का योगदान के लिए धन्यवाद् । (1)संध्या कुमार-33,(2)सुमनलता-25 ,(3)सुजाता उपाध्याय-37 ,(4 )चंद्रेश बहादुर-24 ,(5 ) अनुराधा पाल-41 ,(6) सरविन्द पाल-25 ,(7)रेणु श्रीवास्तव-34,(8)नीरा त्रिखा-26 सभी साथिओं को हमारा व्यक्तिगत एवं परिवार का सामूहिक आभार एवं बधाई।


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