परम पूज्य गुरुदेव के सूक्ष्म संरक्षण एवं मार्गदर्शन में रचे गए ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार में शनिवार का दिन एक उत्सव की भांति होता है। यह एक ऐसा Open forum दिन होता है जब अध्ययन को एक तरफ रख दिया जाता है और बात की जाती है सप्ताह के पांच दिन की शिक्षा की, जिसका आधार साथिओं के कमैंट्स और काउंटर कमैंट्स होते हैं, बात की जाती है साथिओं की गतिविधियों की, बात की जाती है इस छोटे से किन्तु समर्पित परिवार के सदस्यों के दुःख-सुख की, बात की जाती है आने वाले दिनों की रूपरेखा यां फिर गायत्री परिवार से सम्बंधित कोई भी विषय जिसे सभी परिवारजन उचित समझें, इसीलिए इस विशेषांक को Open forum की संज्ञा दी गयी है।
तो आइए निम्लिखित शब्दों में ऐसे ही वातावरण को pointwise picturize करने का प्रयास करें :
1.सबसे पहला पॉइंट हमारी दोनों समर्पित बेटियों आदरणीय संजना एवं प्रेरणा बेटी से सम्बंधित है। हमारी आदरणीय बहिन सुमनलता बहिन जी ने कुछ समय पूर्व सुझाव दिया था कि माह के अंतिम शुक्रवार को ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार के युवासैनिकों को योगदान के लिए प्रोत्साहित किया जाए। इस परिवार के साथिओं द्वारा दिए गए किसी भी उचित सुझाव का सम्मान करना हमारा परम कर्तव्य एवं धर्म है। बहिन जी के सुझाव को हमने परिवार के मंच पर सार्वजनिक कर दिया और जो रिस्पांस मिला वोह सबके समक्ष है।
दोनों बेटियों से हम अलग-अलग क्षमा याचना कर चुके हैं लेकिन यहाँ पर एक बार फिर से परिवार के मंच पर साथिओं के साथ शेयर कर रहे हैं कि हम किस बात की क्षमा याचना कर रहे हैं।
मानवी मूल्यों का पालन करते हुए दोनों बेटियों ने शुक्रवार के लिए, परिश्रम करके अपनी- अपनी ऑडियो बुक्स भेज दीं। बेटी संजना तो रात को दो बजे रिकॉर्ड कर रही थी। जब उसका मैसेज आया तो हमने उसे एकदम रिप्लाई किया कि यह सोने का समय है ,आराम से सो जाओ क्योंकि कल शुक्रवार को आपकी ऑडियो तो प्रकाशित न हो पायेगी। ऐसा इसलिए था कि आदरणीय ज्योति बहिन जी की ऑडियो हमारे पास आ चुकी थी, लेकिन अभी हम कुछ निर्णय ले रहे थे।
हमारी अंतरात्मा में जो भावनाएं उठीं उन्हें शब्दों में तो वर्णन नहीं कर पाएंगें लेकिन इतना अवश्य लिख दें कि बेटी इतना परिश्रम कर रही है तो हम प्रकाशित न पायेंगें। बेटी ने लिख भी दिया था कि इस समय सभी सोए होते हैं और कोई disturbance नहीं होती, इसलिए रिकॉर्ड कर रहे हैं, फिर भी मन बैचैन ही रहा। बेटी प्रेरणा की भी इसी तरह की ही स्थिति है, लेकिन दोनों के परिश्रम को नमन करते हैं। दोनों बेटियों के messages में कहीं से भी यह झलक न दिख पायी कि उन्हें कुछ भी बुरा लगा है।
हम विश्वास भी नहीं कर सकते कि हमारे गुरु ने हमें इतना प्यारा परिवार दिया है, और वोह भी बिना किसी परिश्रम के, गुरुदेव स्वयं ही बता दें कि किन शब्दों में उनका धन्यवाद् करें।
इसी संदर्भ में हम बताने चाहेंगें कि इन दोनों बेटियों के इलावा हमने ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार के अन्य युवासैनिकों को भी शुक्रवार को योगदान देने के लिए व्यक्तिगत निमंत्रण भेजे। कुछ एक ने अपने योगदान भेजे जिनमें से आदरणीय ज्योति गाँधी जी एवं कुमोदनी गौरहा जी की बेटी डॉ सुमति पाठक के ऑडियो वीडियो बहुत ही उत्कृष्ट दिखे। ज्योति जी ने जितना परिश्रम किया है वोह कल वाली वीडियो में आप देख ही चुके हैं। आने वाले दिनों में हम बेटी सुमति की प्रतिभा भी आपके समक्ष प्रस्तुत करेंगें। साथिओं को स्मरण हो आया होगा कि बेटी सुमति ने 2023 में गुरुदेव के आध्यात्मिक जन्म दिवस के सम्बन्ध में तीन अनुभूति लेख लिखे थे ।
बहिन कुमोदनी जी एवं बेटी सुमति (माँ बेटी की जोड़ी) को ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार नमन करता है।
जैसा बहिन सुमनलता जी ने यूट्यूब पर कमैंट्स में लिखा है, हम भी युवा बेटों से आग्रह करेंगें कि वोह भी आगे आएं, कहीं यह न हो कि हर क्षेत्र की भांति यहाँ भी युवा नारी शक्ति ही ट्रॉफी ले जाए।
हमारे साथिओं ने यूट्यूब पर ज्योति जी का कमेंट देख लिया होगा, उसी तरह का कमेंट उन्होंने हमें व्हाट्सप्प पर भी भेजा था जो आपके समक्ष रख रहे हैं। यह भी गुरुदेव की ही कृपा है कि चुन-चुन कर प्रतिभाएं इस परिवार में भेज रहे हैं, इतना ही नहीं जब इन प्रतिभाओं को परिवार में शेयर करते हैं, आप सब सराहना करते हो, कमेंट करते हो तो हमें जो प्रसन्नता मिलती है उसका वर्णन करना असंभव ही है क्योंकि यह अंतरात्मा की बातें हैं, सूक्ष्म की बातें हैं ,जो अध्यात्मवाद का विषय है न कि प्रतक्ष्यवाद का -यह तो गूँगें का गुड़ है मेरे भाई।
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जय गुरुदेव 🙏🙏आदरणीय त्रिखा सर जी आज के सेगमेंट ऑडियो बुक के लिए आपको बहुत-बहुत धन्यवाद ।🙏🙏परम पूज्य गुरुदेव एवं परम वंदनिया माता जी की असीम अनुकंपा से और आपके माध्यम से गुरुदेव के संदेशों की ऑडियोबुक आज प्रकाशित हुई है, इसके लिए मैं आपका तहे दिल से शुक्रगुजार हूँ ।
आपने कुछ ज़्यादा ही हमारी तारीफ कर दी 🙏🙏 न तो मैं इतनी तारीफ की लायक हूँ । और न ही इतनी प्रतिभाशाली। मैं तो सिर्फ गुरुदेव की एक छोटी सी कार्यकर्ता हूँ। उनके विचारों को जन-जन तक पहुँचाना ही मेरे जीवन का लक्ष्य है।
आपका एक बार और दिल से धन्यवाद् करती हूँ ।🙏🙏🙏🙏जो आपने मुझे इस काबिल समझा ।🙏🙏🙏
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2. आज के स्पेशल सेगमेंट का दूसरा पॉइंट हमारी बेटी संजना के साथ सम्बंधित तो है ही साथ में उसके भाई शुभम से सम्बंधित सुखद समाचार भी लेकर आया है।
बेटी संजना ने DSVV में पढाई के इलावा प्राप्त हुई positions के बारे में बताते हुए कुछ pictures शेयर की हैं जिन्हें हम परिवार के समक्ष रख रहे हैं। बेटी ने वॉलीबाल में प्रथम स्थान, क्रिकेट में द्वितीय स्थान और डांस में तृतीय स्थान प्राप्त किया है। भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा में विश्वविद्यालय स्तर पर तृतीय स्थान प्राप्त किया है। इस अवसर पर आदरणीय चिन्मय जी ने मैडल एवं सर्टिफिकेट देकर आशीर्वाद दिए हैं।
इसी प्रकार शुभम बेटे ने क्रिकेट में प्रथम स्थान प्राप्त किया है और उसे आदरणीय चिन्मय जी के साथ खेलने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है।
DSVV का उत्सव समारोह अपनेआप में ही एक ऐसा समारोह है जिसमें विद्यार्थिओं को अपनी प्रतिभा दर्शाने का अवसर प्राप्त होता है।
ऑनलाइन ज्ञानरथ के मंच पर DSVV के बारे में यह सब जानकारी शेयर करने का उद्देश्य परिवार के बच्चों की सफलता देखकर गौरवान्वित होना तो है ही साथ में DSVV के बारे में जानकारी को सार्वजनिक करना भी है। ऐसा करके हम गुरुदेव द्वारा रचित इस विश्वस्तरीय संस्थान के प्रति भी नतमस्तक होते हैं जो अपनेआप में ही एक गुरुकार्य है।
ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार की ओर से दोनों बच्चों को शुभकामना तो है ही साथ में इस बात का भी गर्व महसूस होता है कि बच्चे अपनी गतिविधियों से, सफलताओं से अवगत करके हमें कितना अपना समझते हैं, वोह भी समझते हैं कि ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार में “परिवार” शब्द यूँ ही शामिल नहीं किया हुआ है, इस शब्द में सही मायनों में परिवार की भावना अनुभव की जा सकती है।
परिवार की इसी भावना को दर्शा रहा है हमारा अगला पॉइंट।
3. हमारा यह पॉइंट विशेषकर उस तथ्य का वर्णन कर रहा है जहाँ हम कहते हैं कि जो संस्कार हम बच्चों को छोटी आयु में दे देते हैं, बच्चों की Personality development यानि व्यक्तित्व निर्माण में बहुत बड़ी भूमिका निभाते हैं। इसी तथ्य को शायद हमने अनेकों बार इस मंच पर शेयर किया है कि हम ( अन्य अनेकों की तरह) आज जो कुछ भी हैं अपने माता पिता द्वारा दिए गए संस्कारों के कारण ही हैं। शायद पिछले ही एपिसोड में लिखा था कि 12-13 वर्ष तक की कठिन साधना जीवन भर बच्चे के लिए बहुत ही लाभदायक रहती है।
यह पंक्तियाँ हमारी छोटी सी, नन्ही सी, बहुत ही प्यारी पोती काव्या त्रिपाठी ने लिखवाई हैं। बेटी ने हमें इतना भावुक किया है कि क्या लिखें। आज हमारी आँख के ऑपरेशन को हुए महीने से ऊपर होने को आया है लेकिन बच्ची लगातार लगभग हर रोज़ शुभरात्रि सन्देश का ऑडियो मैसेज भेज रही है। मैसेज में बोलती है : शुभरात्रि दादा जी, आप कैसे हैं, आप की आँख कैसी है, मैं काव्या बोल रही हूँ। तीसरी कक्षा की यह बच्ची इतनी नियमित और responsible हो सकती है, अविश्वसनीय ही लगता है लेकिन है सत्य। इसका सारे का सारा श्रेय हमारी बहिन और उसकी दादी आदरणीय कुसुम त्रिपाठी को जाता है। बहिन जी को बहुत बहुत बधाई, बहिन जी आप सही मायनों में गुरुदेव के “व्यक्ति निर्माण” का कार्य कर रही हैं। ऐसे ही बच्चे बड़े होकर, प्रेरणा बेटी, अनुराधा बेटी, संजना बेटी, बिकाश शर्मा, ज्योति गाँधी, मृतुन्जय तिवारी, चिन्मय जी और न जाने क्या कुछ बन कर परिवार निर्माण, समाज निर्माण, विश्व निर्माण एवं युगनिर्माण का कार्य करेंगें।
इसीलिए हम सदैव कहते हैं “युग परिवर्तन तो हो चुका है।
4.आज के स्पेशल सेगमेंट का चतुर्थ पॉइंट हमारे अति समर्पित साथी आदरणीय चंद्रेश बहादुर जी के सम्बन्ध में है। भाई साहिब जीवन की पहली पारी “विद्या प्राप्ति” के बाद दूसरी पारी “शिक्षण कार्यकाल” का समापन करके 1 अप्रैल 2024 को तृतीय पारी “समाज सेवा” में प्रवेश का रहे हैं। भाई साहिब को परिवार की ओर से बहुत बहुत शुभकामना एवं गुरुदेव का आशीर्वाद।
5. पांचवां एवं अंतिम पॉइंट आदरणीय सुमनलता बहिन जी का शांतिकुंज तीर्थ सेवन है। आजकल बहिन जी इस युगतीर्थ में ऊर्जान्वित हो रही हैं।
इन्ही शब्दों के साथ आज के इस स्पेशल सेगमेंट का समापन होता है, आशा करते हैं कि भारतीय साथी एवं बाकी अपने समयानुसार फ़ोन उपवास का पालन अवश्य करेंगें।
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आज 5 युगसैनिकों ने 24 आहुति संकल्प पूर्ण किया है। शुक्रवार की समस्या देखते हुए सभी साथी गोल्ड मेडलिस्ट घोषित करना उचित होगा।
(1)वंदना कुमार-33 ,(2)संध्या कुमार-33 ,(3)सुमनलता-26 (4 ) सुजाता उपाध्याय-30 ,(5 )चंद्रेश बहादुर-24
सभी साथिओं को हमारा व्यक्तिगत एवं परिवार का सामूहिक आभार एवं बधाई।



