परम पूज्य गुरुदेव के सूक्ष्म संरक्षण एवं मार्गदर्शन में रचे गए ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार में शनिवार का दिन एक उत्सव की भांति होता है। यह एक ऐसा Open forum दिन होता है जब अध्ययन को एक तरफ रख दिया जाता है और बात की जाती है सप्ताह के पांच दिन की शिक्षा की, जिसका आधार साथिओं के कमैंट्स और काउंटर कमैंट्स होते हैं, बात की जाती है साथिओं की गतिविधियों की, बात की जाती है इस छोटे से किन्तु समर्पित परिवार के सदस्यों के दुःख-सुख की, बात की जाती है आने वाले दिनों की रूपरेखा यां फिर गायत्री परिवार से सम्बंधित कोई भी विषय जिसे सभी परिवारजन उचित समझें, इसीलिए इस विशेषांक को Open forum की संज्ञा दी गयी है।
तो आइए निम्लिखित शब्दों में ऐसे ही वातावरण को pointwise picturize करने का प्रयास करें :
1.आज के साप्ताहिक विशेषांक का पहला पॉइंट सबसे महत्वपूर्ण है।
इस पॉइंट के अंतर्गत हम सभी साथिओं का ह्रदय से धन्यवाद् करना चाहेंगें जिन्होंने परम पूज्य गुरुदेव के आध्यात्मिक जन्म दिवस के दिव्य उपलक्ष्य में लिए गए संकल्प को पूरा करने में सहयोग दिया। अपने साथिओं के साथ लिए गए इस संकल्प तो अगर हम 40 दिवसीय अनुष्ठान की संज्ञा दें तो शायद गलत न हो। जब हमने संकल्प लिया था तो परम पूज्य गुरुदेव पर इतना विश्वास था कि वोह स्वयं ही पूरा करेंगें और बिल्कुल वैसा ही हुआ।
गुरुदेव का कथन “तू एक कदम तो उठा, बाकी मैं सब संभाल लूँगा” बिल्कुल सार्थक हुआ है। यह संकल्प बिल्कुल उसी तरह सार्थक हुआ है जैसे हमारी अन्य गतिविधियां सार्थक हो रही हैं।
यूट्यूब चैनल की प्रमोशन के लिए हमने कभी भी, किसी को भी एक बार भी नहीं कहा कि इसे, शेयर, लाइक, सब्सक्राइब करो, हाँ वीडियो के अंत में हमारी कुछ सेकण्ड्स की स्टैण्डर्ड वीडियो अवश्य play होती है। बहिन साधना जी की तरह हम भी कहेंगें कि गुरुदेव ही हमारे चैनल का परिचय हैं, जब वही इसे चला रहे हैं तो प्रमोशन तो स्वयं ही हो जाती है। हमारे साथी जानते हैं कि हमने अपने यूट्यूब चैनल को Demonetize किया हुआ है, जिसका अर्थ यह हुआ कि किसी भी वीडियो पर कोई भी Sponsored Ad नहीं चलती।
साथिओं के सहयोग और गुरुदेव के मार्गदर्शन ने हमें तीन महीने के लिए “गुरुदेव का पोस्टमैन” बनने का परम सहयोग प्रदान कराया, जिसके लिए हम दोनों के चरणों में नतमस्तक होते हैं और निवेदन करते हैं कि आगे भी इसी तरह का सहयोग देते रहें क्योंकि आप दोनों ( सहयोगी और गुरुदेव) हैं तो हम हैं, अन्यथा हमारा क्या अस्तित्व।
अनुभूतियाँ भेजने में साथिओं का उत्साह बहुत ही सराहनीय एवं उत्साहवर्धक रहा जिसके लिए सभी बधाई के पात्र हैं, गुरुदेव से करबद्ध प्रार्थना करते हैं कि ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार के किसी भी साथी को कोई भी कष्ट, चिंता विचलित न करे, पूर्वजन्मों में किए गए कर्मों के फलस्वरूप अगर कोई कष्ट आ भी जाता है तो उसे सहन करने के लिए अपना सुरक्षा कवच प्रदान करें।
वैसे तो सभी साथी परम पूज्य गुरुदेव के आध्यात्मिक जन्म दिवस के उपलक्ष्य में लिए गए संकल्प से भलीभांति परिचित हैं फिर भी निम्नलिखित शब्दों में संक्षेप में इसका वर्णन करना कोई अनुचित नहीं है, अनेकों को अगले वर्ष के लिए मार्गदर्शन मिल सकता है :
वर्ष 2024 की वसंत पंचमी 14 फ़रवरी को थी, उससे कितने ही दिन पहले हमने गुरुदेव के दिव्य साहित्य को खंगलना आरम्भ कर दिया था। गुरुदेव के प्राण “अखंड ज्योति पत्रिका” के जनवरी/फरवरी आदि माह के अनेकों अंकों का अध्ययन किया, शायद ही कोई अंक होगा जिसमें उस वर्ष के वसंत पर्व से सम्बंधित कोई लेख न हो। इस विशाल कोष में से हमने कुछ एक लेख ही अपनी लाइब्रेरी में सेव करके रख लिए। इस संकल्प की सबसे बड़ी विशेषता यह थी कि जब तक संकल्प पूरा नहीं हुआ, दैनिक ज्ञानप्रसाद लेख, शुभरात्रि सन्देश, फुल लेंथ वीडियोस, शार्ट वीडियोस आदि सभी गुरुदेव पर ही केंद्रित रहे।
5 जनवरी 2024 वाले दिन साथिओं को अपनी अनुभूतियाँ लिखने के लिए सादर आमंत्रण भेजा और इस संकल्प के अंतर्गत प्रथम ज्ञानप्रसाद लेख 5 फ़रवरी 2024 को प्रकाशित किया गया। लेख शृंखला के अंतर्गत 10 ज्ञानप्रसाद लेखों का प्रकाशन एवं अमृतपान हुआ। इन 10 लेखों का प्रकाशन,संकल्प का प्रथम भाग था जिसका समापन 20 फ़रवरी को हुआ। 21 फ़रवरी से संकल्प का दूसरा भाग “अनुभूति विशेषांक” का शुभारम्भ हुआ जिसका समापन 22 मार्च शुक्रवार को आदरणीय महेंद्र शर्मा जी की वीडियो के साथ हुआ। टोटल 14 अनुभूति लेख प्रस्तुत हुए जिनमें 28 छोटी बड़ी अनुभूतियाँ शामिल थीं।
आदरणीय सरविन्द जी के परिवार का योगदान अत्यंत सराहनीय रहा, परिवार के सभी सदस्यों ने पूर्ण श्रद्धा एवं उत्साह से सहयोग दिया -बधाई हो भाई साहिब, हमारी बधाई मीरा बहिन जी, पिंकी बेटी, अनुराधा बेटी, और आयुष बेटे तक भी पँहुचा दें, बड़ी कृपा होगी।
अंत में इस पॉइंट का समापन निम्नलिखित शब्दों से करते हैं :
प्रत्येक सुझाव की भांति परम पूज्य गुरुदेव के आध्यात्मिक जन्म दिवस पर लिए संकल्प में भी सहयोग देना मानवीय मूल्यों का पालन करना ही है, सभी का धन्यवाद्, सभी को बधाई हो।
2. आज के स्पेशल सेगेमेंट का दूसरा पॉइंट बहिन संध्या जी से सम्बंधित है। बहिन जी द्वारा दो भागों में प्रस्तुत लेख “स्व” से उठकर [“सर्व” एवम “स्वार्थ” से उठकर “परमार्थ” को अपनाया जाए ], की हमारी व्हाट्सप्प सहकर्मी आदरणीय स्वाति वोरा ने बहुत ही सराहना की है। बहिन जी का व्हाट्सअप मैसेज यथावत ही शेयर कर रहे हैं :
Hello Arun bhai,Jai Gurudev! This is a great message from Gurudev! Well, this is summarized so well by Sandhya bahen Ji. It is well written! Much appreciated!
स्वाति जी, इधर कनाडा में ही रहती हैं। कल शाम उन्होंने फ़ोन करके भी इस प्रयास की सराहना की एवं अपने प्रज्ञा मंडल में साप्ताहिक Book reading में इसे पढ़ने की आज्ञा मांगी।
ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार की ओर से संध्या बहिन जी को बधाई हो।
3. तीसरा पॉइंट यूट्यूब कमैंट्स से सम्बंधित है। आदरणीय बहिन उमा साहू (जो वंदेश्वरी साहू के नाम से बड़ी ही नियमितता से कमेंट करती हैं) से क्षमाप्रार्थी हैं कि कमेंट डिलीट करना पड़ा। Autocorrect feature “ON” होने के कारण ऐसी टाइपिंग त्रुटियां होना बहुत ही साधारण से बात है, लेकिन जब तक हमें कोई त्रुटि के बारे में अवगत नहीं कराएगा तो पता कैसे चलेगा। यह मंच Take it easy और who cares जैसी परिभाषा से बिल्कुल किनारा करता आया है। सभी कमैंट्स बड़ी ही गंभीरता से देखे जाते हैं, पढ़े जाते हैं ,तभी तो यह मंच बिना थके, बिना कोई ब्रेक लिए 24 घण्टे कार्य करता रहता है। यह Autocorrect की ही देन है कि वंदनीय माता जी के स्थान पर अपमानजनक बंदरिया माता जी टाइप हो गया था।
इस स्थिति में केवल एक ही विकल्प है: Autocorrect को तो OFF करना ही है, उससे भी आवश्यक है कि कमेंट पोस्ट करने से पहले एक बार पढ़ लिया जाए।
इसके बाद भी अगर “अनजाने” में कोई त्रुटि रह जाती है तो कोई भी साथी नोटिस होते ही आदरपूर्वक तुरंत अवगत कराए। यही हैं मानवी मूल्य।
4. चौथा पॉइंट हमारी साधना बहिन जी द्वारा चलाए जा रहे विद्यालय, “प्रज्ञा बाल विकाश विद्यालय” से सम्बंधित है। यह विद्यालय झारखण्ड में सौंदा बस्ती में है। शांतिकुंज द्वारा आयोजित “भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा” में सफल हुए विद्यार्थिओं का एक चित्र बहिन जी ने हमें भेजा है जिसे हम परिवार के साथ शेयर कर रहे हैं। इसके साथ ही दिए जाने वाले एक प्रमाण पत्र का चित्र भी शेयर कर रहे हैं। बहिन जी के परिश्रम को recognise करते हुए परिवार नमन करता है।
5. पांचवां पॉइंट आदरणीय चंद्रेश जी से सम्बंधित है। भाई साहिब ने निम्नलिखित दो जानकारियां शेयर की हैं :
i)प्रतापगढ़ नगर के सभी घरों मे गायत्री -यज्ञ होना प्रस्तावित है। ऋतु परिवर्तन के समय यज्ञ का जीवन मे विशेष लाभ होता है यह वैज्ञानिक तथ्य के साथ प्रमाणित है। गृहे-गृहे गायत्री साधना के साथ गायत्री -यज्ञ प्रतिदिन तीन घरों मे होना है सुनिश्चित किया गया है। आप सभी अपने घर पर गायत्री -यज्ञ अवश्य करें। निवेदक -जीत लाल उमर वैश्य, व्यवस्थापक गायत्री चेतना केंद्र चिलबिला प्रतापगढ़ मोबाइल 9839483742
ii) हवन से सम्बंधित दूसरी जानकारी का स्क्रीनशॉट परिवार में शेयर कर रहे हैं।
जहाँ हम डॉक्टर विजयलता रस्तोगी जी के अथक रिसर्च प्रयास को नमन करते हैं वहीँ जानकारी शेयर करने के लिए चंद्रेश जी का आभार व्यक्त करते हैं। जिज्ञासावश हमें डॉ रस्तोगी जी के कुछ रिसर्च पेपर्स का अध्ययन भी किया।
दोनों जानकरियों के लिए चंद्रेश जी का धन्यवाद् करते हैं।
6. छठे पॉइंट में आदरणीय दक्षा कथिरिया बहिन जी के समर्पण को नमन करते हुए शेयर कर रहे हैं जिन्होंने 24 लाख के चार अनुष्ठान किए और 24 दिन जल उपवास किया। जय गुरुदेव।
7. सातवां पॉइंट बहिन पूनम जी के कमेंट से सम्बंधित है जिसे हम सबने पढ़ लिया है लेकिन भावुकतावश फिर से शेयर कर रहे हैं क्योंकि यह एक Blessings in disguise वाली बात है।
जब कोरोना के दुष्ट पंजे बेरहमी से अनेकों घर उजाड़ रहे थे तभी दिव्य महामानव भी जन्म ले रहे थे। वाह री नियति नमन है।
यह लाइंस हम संजना बेटी के बारे में लिख रहे हैं । हमारे द्वारा लिखी गयी विक्रम बेताल सीरियल और संस्कारों की बात के संदर्भ में पूनम जी लिखती हैं :
“बेटी को ऑनलाइन टीचिंग के लिए फोन दिया गया तो उसने ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार को सर्च किया और सदा-सदा के लिए गुरुदेव से जुड़ गई,ऐसी जुड़ गई की दोनों भाई बहिन को गुरुदेव ने अपनी गोद में बिठा लिया।”
तभी तो कहा जाता है कि भगवान् हमें किसी पूर्वनिश्चित उद्देश्य की पूर्ति के लिए ही इस संसार में भेजते हैं। जय गुरुदेव
8. आज के स्पेशल सेगमेंट का अंतिम और आठवां पॉइंट आदरणीय बहिन रेणु श्रीवास्तव जी से सम्बंधित है। बहिन जी ने अपनी छोटी बेटी, जो Austin USA में है (जिसके पास बहिन जी अभी कुछ समय पहले आयी थीं ) की एक फोटो भेजी है। यह फोटो देहरादून के कॉलेज मैगज़ीन में प्रकाशित हुई जहाँ बहिन जी की बेटी 20-21 वर्ष पूर्व विद्यार्थी थी। बेटी को किसी जानकार ने यह फोटो भेजी है। इतने पुराने विद्यार्थी की फोटो प्रकाशित करना एक गर्व का विषय है। फोटो में दो बेटियों में गिटार बजाती हुई बहिन जी की बेटी है।
अपने सभी समर्पित साथिओं से आज का स्पेशल सेगमेंट यहीं पर समाप्त करने की आगे लेते हैं
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आज 7 युगसैनिकों ने 24 आहुति संकल्प पूर्ण किया है। अति सम्मानीय संध्या जी को आज फिर गोल्ड मैडल जीतने की बधाई एवं सभी साथिओं का योगदान के लिए धन्यवाद्।
(1)संध्या कुमार-38 ,(2)मंजू मिश्रा-25,(3)सुमनलता-27 ,(4 ) नीरा त्रिखा-26 , (5 ) सुजाता उपाध्याय-32 ,(6)सरविन्द कुमार-24 ,(7)वंदना कुमार-27
सभी साथिओं को हमारा व्यक्तिगत एवं परिवार का सामूहिक आभार एवं बधाई।




