परम पूज्य गुरुदेव के सूक्ष्म संरक्षण एवं मार्गदर्शन में रचे गए ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार में शनिवार का दिन एक उत्सव की भांति होता है। यह एक ऐसा Open forum दिन होता है जब अध्ययन को एक तरफ रख दिया जाता है और बात की जाती है सप्ताह के पांच दिन की शिक्षा की, जिसका आधार साथिओं के कमैंट्स और काउंटर कमैंट्स होते हैं, बात की जाती है साथिओं की गतिविधियों की, बात की जाती है इस छोटे से किन्तु समर्पित परिवार के सदस्यों के दुःख-सुख की,बात की जाती है आने वाले दिनों की रूपरेखा यां फिर गायत्री परिवार से सम्बंधित कोई भी विषय जिसे सभी परिवारजन उचित समझें, इसीलिए इस विशेषांक को Open forum की संज्ञा दी गयी है।
तो आइए निम्लिखित शब्दों में ऐसे ही वातावरण को pointwise picturise करने का प्रयास करें :
1.सबसे प्रथम पॉइंट तो वही है जिसे हम बार-बार पिछले कईं सप्ताहों से दोहराते आ रहे हैं। यह पॉइंट है परम पूज्य गुरुदेव के अध्यात्मिक जन्म दिवस के लिए साथिओं के योगदान की याचना करता “सादर निमंत्रण। ” गुरुदेव के ही शब्दों को दोहराते हुए आग्रह कर रहे हैं कि यह सौभाग्य हर किसी को प्राप्त होने वाला नहीं है। जिस किसी भी विरले को, उसकी पात्रता के अनुरूप गुरुकार्य में योगदान देने का अवसर मिल गया, समझो उसका बेड़ा पार हो गया। इस स्टेटमेंट को टेस्ट करने के लिए ज़्यादा दूर जाने के आवश्यकता नहीं है,OGGP स्वयं ही साक्षी है, जिस किसी ने भी इस मंच की गतिविधिओं में हिस्सा लिया,उसका कायाकल्प होता सभी ने प्रतक्ष्य देख लिया है, यह हमारे गुरु की शक्ति का साक्षात् प्रमाण है।
परिवार में अनेकों साथी हैं जिन्हें गुरुदेव/माता जी के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त नहीं हुआ है लेकिन गुरुदेव का साहित्य, उनकी वीडियोस, शुभरात्रि सन्देश, शार्ट वीडियोस, यहाँ तक कि साथिओं के कमेंट ही अपने में साक्षात् गुरुदेव का स्वरूप हैं, इन्हीं के आधार पर बहुत कुछ लिखा जा सकता है, शांतिकुंज प्रवास का लिखा जा सकता है, OGGP के बारे में लिखा जा सकता है। कहने का अर्थ केवल एक ही है -विषय अनंत हैं, आवश्यकता है तो केवल पहला कदम उठाने की।
OGGP के समर्पित साथी आदरणीय निशा भारद्वाज,आदरणीय मीरा पाल एवं हमारी तीन बेटियां अनुराधा पाल, संजना एवम पिंकी पाल ने इस सप्ताह हमारे निवेदन का सम्मान करते हुए, अपने योगदान भेज कर गुरुकार्य में सहयोग दिया है जिसके लिए हम व्यक्तिगत एवं परिवार की ओर से धन्यवाद् करते हैं। बहिन वंदना जी ने भी लिखना आरम्भ कर दिया है और शीघ्र ही समापन करेंगीं। बेटी प्रेरणा से कल ही बात हो रही थी, उसने भी सगाई के बाद लिखने की बात की है।
2.द्वितीय एवं उतना ही महत्वपूर्ण पॉइंट हमारे ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार में आयी प्रसन्नता की वोह शुभघड़ी है जिसकी सूचना हम पहले ही परिवार में शेयर कर चुके हैं -जिस शुभ घड़ी की बात हम कर रहे हैं ,सभी समझ गए होंगें। हमारी सबकी परमप्रिय एवं चहेती बिटिया रानी, प्रेरणा की सगाई की घड़ी। बेटी के माता पिता की भांति हम सब भी बहुत ही सौभाग्यशाली हैं कि बेटी की सगाई अमित केशरी से हो रही है। अमित बेटा Surat(Gujarat) Amazon में सीनियर मैनेजर है, उसका एक छोटा भाई एवं बहिन हैं।
इसी सन्दर्भ में परिवार से एक बात शेयर करना चाहते हैं, शायद यह बात हमारी अनुभूति ही बन जाए। कुछ समय पहले तक की बात है कि हम अनभूतिओं वगैरह में कोई विश्वास नहीं करते थे, अगर कोई बात बन जाती थी तो उसे हम Chance/संयोग ही कह कर संतोष कर लेते थे लेकिन जैसे जैसे ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार में अनुभूतिओं को जानना शुरू किया तो विश्वास भी होना शुरू हो गया।
बात यूं हुई कि कुछ समय पूर्व आदरणीय अरुण वर्मा भाई साहिब ने अपनी बहिन की बेटी का रिश्ता तय होने से सम्बंधित अनुभूति हमें लिख कर भेजी। हमनें बड़े ही ध्यान से इसे पढ़ा और आदरणीय नीरा जी को बता रहे थे तो हम दोनों के मुंह से इक्क्ठे यही शब्द निकले, “गुरुदेव प्रेरणा बिटिया की भी शादी करा दें।” ऐसे शब्द निकलना कोई बड़ी बात नहीं है, साधारण सी ही बात है। प्रेरणा बिटिया के फ़ोन के बाद जब हमनें नीरा जी को बताया तो उन्होंने एकदम कहा ”गुरुदेव ने हमारी प्रार्थना इतनी जल्दी मान ली” तो हमने तो यही कहा, “ऐसे ही हैं हमारे गुरुदेव, इतने ही दयालु हैं।” रेणु बहिन जी ने भी प्रेरणा के बारे में कुछ ऐसी ही बात कही थी।
हमारे सभी साथी जानते हैं कि श्रेय लेना तो हमारी प्रवृति में हीनहीं है और न ही हम कहेंगें कि गुरुदेव ने हमारी प्रार्थना सुन ली, हाँ इतना अवश्य कहा जा सकता है कि गुरुदेव के वोह शब्द “तू मेरा कार्य कर बाकी सब मुझ पर छोड़ दे” अवश्य ही सार्थक हुए हैं। बेटी जिस श्रद्धा, नियमितता एवं समर्पण से ईश्वर के खेत में खेती कर रही है,बीजारोपण कर रही है तो कैसे नहीं ईश्वर उसे वटवृक्ष की भांति गुना करके वापिस करेंगें, ऐसा हमारा अटूट विश्वास है। ईश्वरीय सत्ता में इससे कम विश्वास तो हो ही नहीं सकता।
3.तृतीय पॉइंट परम पूज्य गुरुदेव के आध्यात्मिक जन्म दिवस से सम्बंधित है। सामूहिक विश्वास, एवं श्रद्धा से ओतप्रोत, सभी साथिओं के सहयोग से सम्पूर्ण फ़रवरी माह को गुरुदेव के जन्म दिवस को समर्पित करने का संकल्प जिस सफलता से पूर्ण हो रहा है उसके लिए सभी साथी बधाई के पात्र हैं। इस सफलता के संबंध में हम इतना अवश्य कह कर धन्यवाद् करना चाहेंगें कि आज तक कोई भी ऐसा सुझाव नहीं होगा जिसे परिवारजनों के समक्ष रखा गया हो और उसे सफलता न मिली हो, परिवारजनों ने पूर्ण सहयोग न दिया हो, वोह चाहे अनुभूति से सम्बंधित हो, कमेंट-काउंटर कमेंट का सुझाव हो, शुभरात्रि सन्देश हो, नियमितता हो, समर्पण-श्रद्धा हो। धन्यवाद् शब्द इस सहयोग क्र लिए बहुत ही छोटा है, हम जीवनपर्यन्त आपके ऋणी रहेंगें। ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार के समस्त कृत्यों/प्रयासों की सफलता के पीछे उस गुरु का हाथ है जिनकी शक्ति अनंत है,अपार है।
अनुभतियों की बात करें तो अब तक छोटी बड़ी 20 अनुभूतियाँ हमारे पास पंहुच चुकी हैं जिनकी शब्द संख्या लगभग 18000 के करीब बन रही है। अगर साधारण गणित से अनुमान लगाया जाए तो लगभग 16 दिन यह सिलसिला चल सकता है। सोमवार युगनिर्माण योजना वाले लेख का दूसरा भाग प्रस्तुत करके मंगलवार 20 फ़रवरी को पहली अनुभूति, आदरणीय सरविन्द जी की अनुभूति से “अनुभूति विशेषांक श्रृंखला” का शुभारम्भ करने की योजना है। इस टाईमटेबल के अनुसार ऐसा लग रहा है कि परम पूज्य गुरुदेव का आध्यात्मिक जन्म दिवस जिसके लिए फ़रवरी माह को समर्पित किया था अब मार्च में जा सकता है। यहाँ हम अपने साथिओं को यह भी बताना चाहेगें कि 27 फ़रवरी को हमारी Eye surgery फिक्स हुई है, सर्जरी के बाद डॉक्टर जितने दिन का अवकाश बताएंगें, उसका पालन करना ही होगा। आगे जैसा गुरुदेव कहेंगें वही होगा -गुरु आज्ञा सो आज्ञा।
4.चतुर्थ पॉइंट कमैंट्स से सम्बन्धितहै।
जय गुरुदेव लिखने का ट्रेंड :
एक बार हमारी जिज्ञासा हुई कि देखें सबसे प्रचलित कॉमेंट कौन सा है। तो गायत्री परिवार नाम के अनेकों यूट्यूब चैनल का सर्वे किया, data collection करके analyse किया तो पता चला कि “जय गुरुदेव” ही सबसे लोकप्रिय कॉमेंट है। ऐसा क्यों है? अनेकों विचारों ने ह्रदय में उथल पुथल मचाई जिसके आधार पर निम्नलिखित Summary उचित लग रही है :
कुछ भी कहने से पहले हम इतना अवश्य कहेंगें कि यह पूर्णतया हमारे व्यक्तिगत विचार हैं, किसी का सहमत/असहमत होना कोई ज़रूरी नहीं है।
मंदिर में लाखों करोड़ों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है, high pitch में नारे लगाने वाले/भजन कीर्तन करने वाले भी करोड़ों में ही होते हैं लेकिन ईश्वर से , उस पत्थर की मूर्ति से बात करने वाले, आंख से आंख मिलाकर, स्वयं को पूर्णतया समर्पित करने वाले, गुरुदेव/वंदनीय माता जी के समाधि स्थल पर ध्यान में मग्न, गुरुदेव की व्यथा का अनुभव करने वाले शायद कुछ एक ही हों। “जय गुरुदेव” एक प्रक्रिया है और गुरुदेव के साथ जुड़ना समर्पण है।
ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार में, ऐसे कुछ एक, साक्षात गुरु से बात करने वाले साथी, इस परिवार में अपना विशेष स्थान बना चुके हैं। यह साथी इतने विशेष हैं कि सभी को उनके कॉमेंट्स-काउंटर कॉमेंट्स की प्रतीक्षा रहती है। हमारे साथी हमारे साथ सहमत होंगे कि महत्व इस बात का नहीं है कि कितने कॉमेंट पोस्ट हुए हैं, महत्व इस बात का है कि कितनों ने ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार के कृत्यों के माध्यम से गुरुदेव के साथ संपर्क स्थापित किया,किसकी अंतरात्मा किस स्तर तक प्रभावित हुई, क्या उस प्रभाव में इतना बल समाहित था कि कोई अंजान साथी उससे प्रभावित हो पाए।
ऐसे ही प्रश्न हमें सदैव प्रभावित करते रहते हैं जिनके वशीभूत हम अक्सर निम्नलिखित कॉमेंट करते रहते हैं:
“कॉमेंट्स-काउंटर कॉमेंट्स की प्रक्रिया में अपार शक्ति है, इतनी अपार कि यह हमें गुरु के हृदय से जोड़ सकती है। एक बार गुरु से जुड़ गए, उनकी वेदना का अनुभव कर लिया तो कायाकल्प निश्चित ही है। समर्पण की इस स्थिति के लिए अटल विश्वास होना सबसे प्रथम स्टैप है,, डगमगाया हुआ विश्वास मृगतृष्णा के इलावा कुछ नहीं दे सकता।
5.पांचवा एवं आज का अंतिम पॉइंट हमारी आदरणीय बहिन पुष्पा सिंह जी से संबंधित है जिन्होंने निम्नलिखित जानकारी एवं संलग्न वीडियो हमें भेजी है :
https://drive.google.com/file/d/1_zdWe5-zzmZ3EymxzQ8aeIkobjQkuKRY/view?usp=drive_link
ये विडियोज जमशेदपुर टाटा नगर बारीडीह दुर्गा पूजा मैदान में चल रहे 108 कुण्डीय यज्ञ का है जो 13 तारीख से 16 तक है। कल बसंत पंचमी पर्व और मातृ-पितृ पूजन दिवस भी वहां मनाया गया। मैं कलशयात्रा और कल की पूजा में अपने महिला मंडल की बहनों के साथ शामिल हुई। जय गुरुदेव माता जी कोटि-कोटि प्रणाम
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आज 15 युगसैनिकों ने 24 आहुति संकल्प पूर्ण किया है। सुजाता जी एवं रेणु जी, दोनों बहिनों को गोल्ड मैडल प्राप्त करने की बधाई एवं सभी साथिओं का संकल्प सूची में योगदान के लिए धन्यवाद्।
(1)सरविन्द कुमार-37, (2)संध्या कुमार-64 ,(3) पिंकी पाल-24 ,(4)मंजू मिश्रा-28 ,(5 )रेणु श्रीवास्तव-63 ,(6)वंदना कुमार-32 , (7) सुमनलता-40 ,(8) निशा भारद्वाज-25 ,(9) नीरा त्रिखा- 34,(10) चंद्रेश बहादुर-26 ,(11)आयुष पाल-26,(12 )प्रेरणा कुमारी-24,(13) सुजाता उपाध्याय-27 ,(14)विदुषी बंता-24,(15) पुष्पा सिंह-25
सभी साथिओं को हमारा व्यक्तिगत एवं परिवार का सामूहिक आभार एवं बधाई।