वेदमाता,देवमाता,विश्वमाता माँ गायत्री से सम्बंधित साहित्य को समर्पित ज्ञानकोष

“लड़ रहा हो जब स्वयं विज्ञान से विज्ञान” से उभरी लेख श्रृंखला का समापन 

19 जनवरी 2024 का ज्ञानप्रसाद

लेख का शुभारंभ करने से पहले ही अपने साथिओं से क्षमा याचना करना उचित होगा कि आज शुक्रवार को गुरुकुल की वीडियो कक्षा को bump करना पड़ा। कारण तो हमारे साथिओं को भलीभांति मालूम है लेकिन फिर भी संक्षेप में बताना उचित समझते हैं क्योंकि हो सकता है कि किसी ने नज़रअंदाज़ कर दिया हो। 

आने वाले लेखों के लिए इंटरनेट सर्फिंग के दौरान हमारी नज़र एक ऐसे लेख पर पड़ी जिसका शीर्षक था “लड़ रहा हो जब स्वयं विज्ञान से विज्ञान”, यह लेख जनवरी 1970 की अखंड ज्योति में प्रकाशित हुआ था। विज्ञान की बात सुनते/देखते ही हमारे कान खड़े हो जाते हैं, झट उस लेख को पढ़ना आरम्भ कर दिया। हम सबने पिछले दो ज्ञानप्रसाद लेखों में इस लेख की चर्चा की है और स्वयं देख लिया कि भौतिक विज्ञान और आध्यात्मिक विज्ञान का किस स्तर का युद्ध चल रहा है। बजाए इसके कि दोनों पक्ष एक दूसरे   के पूरक बन कर प्रगति की राह पर अग्रसर हों, दोनों ही एक दूसरे को नीचे दिखाने  में कोई कसर नहीं छोड़ रहे। दोनों में “मैं न मानुं” वाली प्रवृति इतनी प्रबल हो चुकी है कि किसी भी ठोस निष्कर्ष पर पहुंचना संभव ही नहीं है। 

भौतिक विज्ञानी को  तो आत्मा, संवेदना, भावना, तप शक्ति,अध्यात्म आदि शब्दों से ही इतनी चिढ़ है कि उसने अध्यात्म को parasite तक कहने में झिझक तक नहीं  हुई। बायोलॉजी में  Parasite उस जीवाणु को कहा जाता है जो किसी के टुकड़ों पर पलता हो, क्या ऐसा है अध्यात्म ? कदापि नहीं। अध्यात्म की शक्ति अंतर्मन की, भावना की, संवेदना की, तप और त्याग की शक्ति है। हमारी नारिओं में इन सभी विशेषताओं के कारण, पुरषों की तुलना में बड़े ही उच्च स्तर की शक्ति एवं तप साधना है, पुरुष तो एकदम भड़कने को तैयार रहते हैं लेकिन नारियां – – –   1952 के जल उपवास में परम पूज्य गुरुदेव ने मई माह की तपती ग्रीष्म में जल का त्याग करके,अपनी संकल्प शक्ति से उस  शक्ति का उत्पादन किया जिसके लिए भौतिक विज्ञानी के पास शायद ही कोई उत्तर हो। भौतिकवादी इस प्रकार उत्पादित हुई शक्ति की तुलना Static electricity से कर रहे होंगें और अध्यात्म को नकार कर भला बुरा भी कह रहे होंगें, कोई बात नहीं, उन्हें अपने विचार रखने और धारणा बनाने का पूरा अधिकार है। 

पिछले दो लेखों की चर्चा के दौरान तप शक्ति, इलेक्ट्रिक करंट, electrons आदि शब्दों का ज़िकर भी आया था, तब भी हमने लिखा था और आज भी लिख रहे हैं कि जिन साथिओं को साइंस का ज्ञान नहीं है, वोह जितना समझ सकते हैं उतना ही समझने का प्रयास करें ,कुछ न कुछ तो अवश्य ही प्राप्त होगा। 

जल उपवास के उपरांत गुरुदेव के शरीर से निकल रहीं विद्युत तरंगे देखकर तो किसी प्रकार की शंका का प्रश्न  ही नहीं उठता, उसी तरह के 6 और विवरण आज के लेख में वर्णन किये जा रहे हैं। 

भौतिक विज्ञानी तो इन व्यक्तिओं के शरीर में स्थित करंट को Static current से जोड़ रहे होंगें लेकिन पॉलीन के पिता की मृत्यु के बाद उसके शरीर में ऐसी करंट का उत्पादन होना , “भाव संवेदनाओं” से ही कनेक्ट किया जा सकता है। 

भौतिक विज्ञानी जिस  Static electricity की बात करते हैं, अक्सर हम सबने देखी/अनुभव भी की होगी। अँधेरे में  सिंथेटिक (नायलॉन आदि) कपड़े बदलते समय बिजली की चमक दिखना, दरवाजे का हैंडल पकड़ते समय करंट जैसा लगना, घर में कारपेट आदि पर लगातार चलने से बिजली पैदा होना, सिंथेटिक मटेरियल की जैकेट, कार सीट, जूते आदि सब इस प्रकार की बिजली पैदा कर सकते हैं लेकिन 80000 वोल्ट तक की बिजली बहुत बड़ी है जिसे केवल अध्यात्म ही explain कर सकता है। जो भी हो हम इन तीनो लेखों से एक ही सन्देश लेकर जायेंगें कि “विज्ञान और अध्यात्म एक दूसरे के पूरक हैं न कि parasite.”

इन्ही शब्दों के साथ हम सब गुरुकक्षा की ओर प्रस्थान करते  हैं। 

 ॐ असतो मा सद्गमय ।तमसो मा ज्योतिर्गमय ।मृत्योर्मा अमृतं गमय ।ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः ॥ 

अर्थात 

हे प्रभु, मुझे असत्य से सत्य की ओर ले चलो ।मुझे अन्धकार से प्रकाश की ओर ले चलो ।

मुझे मृत्यु से अमरता की ओर ले चलो ॥  

***************                             

1.यह घटना वर्ष 1895 में  संयुक्त राज्य अमेरिका से सम्बंधित है। जेनी मॉर्गन नाम की एक   लड़की के  शरीर में जबरदस्त मात्रा में “बिजली” थी। एक दिन वह दरवाज़ा खोलने के लिए आगे बढ़ी, दरवाज़े के हैंडल को पकड़ा ही था कि एक हाई-वोल्टेज चिंगारी ने  उसकी उंगलियाँ जला दीं। मॉर्गन के शरीर में प्रवाहित होती बिजली से उसकी बिल्ली भी कई बार चौंक चुकी थी। ऐसी स्थिति के कारण अब उसकी बिल्ली पास जाने की हिम्मत नहीं करती थी । जब मॉर्गन का  इलाज करने वाले डॉ. ऐशक्राफ़्ट उसे छूने के लिए आगे बढ़े, तो उन्हें भी इलेक्ट्रिक करंट ने  ज़मीन पर गिरा दिया गया।

2.ब्रिटिश महिला पॉलीन शॉ का शरीर एक बैटरी की तरह है, जो उनके शरीर में Static electricity  जमा कर सकती है और फिर उन्हें तुरंत छोड़ सकती है। डिस्चार्ज करते समय उसकी उंगली से 8 सेमी दूर से चिंगारी निकलती है । जब वह अपने परिवार के साथ त्वचा से त्वचा का संपर्क बनाती है या लोगों से हाथ मिलाती है तो  अक्सर बिजली के झटके के कारण सामने वाला व्यक्ति उछल जाता है। सभी बिजली के उपकरण जिन्हें वह छू सकती थी, जैसे टेलीविजन, वॉशिंग मशीन, कैमरा, चावल कुकर और अन्य बिजली के उपकरण नष्ट हो गए। उसके डिस्चार्ज से एक सुपरमार्केट का रेफ्रिजरेटर जल गया; उनके डिस्चार्ज होने से बैंक का कंप्यूटर सिस्टम भी खराब हो गया; उसने घर के सभी तार भी जला दिये। पॉलीन  “एक मानव शरीर जनरेटर” की तरह है, जिसके शरीर से 80,000 वोल्ट तक का वोल्टेज डिस्चार्ज होता है।

46 वर्षीय पॉलीन अब ब्रिटेन के मानचेस्टर नगर   में रहती हैं। घर पर कोई फोन, रेडियो या टीवी नहीं है। वह गैस से चावल पकाती है, मैनुअल टाइपराइटर से काम  करती है और रात में मोमबत्तियाँ जलाती है। इस्त्री करने में बिजली का उपयोग नहीं होता है।

वैज्ञानिकों का अनुमान है कि यह “असामान्य मनोदशा” हो सकती है जिसके कारण पॉलीन को यह दुर्लभ डिस्चार्ज घटना हुई। पॉलीन के पिता का 6 वर्ष पहले निधन हो गया था, और वह इस घटना  को लेकर बहुत भावुक थी और इसे स्वीकार नहीं कर पा रही थी, जिसके कारण उसके शरीर ने  हाई-वोल्टेज Static electricity  का उत्पादन किया।

ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार के इस मंच पर पॉलीन से सम्बंधित स्क्रीनशॉट Trove से लिया  गया है। 2009 में ऑस्ट्रेलिया में आरम्भ हुआ Trove पोर्टल इंटरनेट आर्काइव की भांति एक बहुत ही लाभदायक पोर्टल है। ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार की ओर से इस जानकारी के लिए  Trove का धन्यवाद् है।   

3.इंग्लैंड के लिवरपूल में टियाना नाम की एक महिला रहती थी। जब वह पार्क में अपने बॉयफ्रेंड के साथ अंतरंग हरकतें कर रही थी, तो उसकी जीभ से बहुत हाई-वोल्टेज इलेक्ट्रोस्टैटिक करंट निकला, जिससे उसके बॉयफ्रेंड के बाल  लहराने लगे, उसे  भयानक दर्द में हुआ वह और लगभग बेहोश हो गया।

4.मलेशिया के एक कृषि परिवार में सात बच्चों के शरीर में अलौकिक Static  बिजली नोटिस की गयी। जब यह बच्चे धरती से ऊपर होते तो उनके बाल खड़े हो जाते। इन्हीं बच्चों में से  6 वर्ष  की सोइंघा नामक लड़की और भी अधिक charged और शक्तिशाली थी। जब भी  कोई इस बच्ची को  छूता, उसे हल्का सा करंट का झटका लगता। बच्चों के पिता सोगाबरा का कहना था बेटी के अंदर बिजली का प्रवेश एक बार बीमार होने के कारण हुआ था, उसी से बाकी बच्चे भी electrify हो गए थे।  

5.इंग्लैंड मानचेस्टर  की श्रीमती पुरिन तीन बच्चों की माँ हैं,उनका शरीर  Static electricity का एक सक्रिय पावर पैक है, जो आम लोगों की तुलना में 5 गुना अधिक है। पुरिन के  संपर्क में आने वाली कोई भी चीज़ रोशनी और शोर पैदा करती है । जब वह बिस्तर पर लेटी होती थी, तो induction के कारण बिस्तर में बिजली आ जाती थी और फिर कर्कश ध्वनि आती  थी। एक बार जब वह कपड़े इस्त्री कर रही थी, तो इस्त्री  का लोहा टूट गया  था। अपने शरीर की बिजली से उसने एक बार गर्म पानी के फिश टैंक  में  9 मछलियों को भी मार डाला।

6.श्रीमती पुलिन ने भी डॉक्टर के निर्देशानुसार हर दिन कुछ ठंडे पानी से स्नान किया और अपने पैरों के जोड़ों के चारों ओर लोहे के तार के कुछ लूप लपेटे ताकि वह भूमिगत विद्युत प्रवाह को संचालित करने के लिए “जमीन” को जोड़ सकें। वह आराम कर सकती है.

*****************

आज 11  युगसैनिकों ने 24 आहुति संकल्प पूर्ण किया है। चंद्रेश  जी को गोल्ड मैडल प्राप्त करने की बधाई एवं  सभी साथिओं का  संकल्प सूची में  योगदान के लिए धन्यवाद्।   

(1)सरविन्द कुमार-29,27,(2)संध्या कुमार-47 ,(3 ) अरुण वर्मा-36 (4)मंजू मिश्रा-28  , (5 ) सुजाता उपाध्याय-26 ,(6) रेणु श्रीवास्तव-48   ,(7) सुमनलता-43  ,(8) निशा भारद्वाज-24 , (9 )नीरा त्रिखा-26,(10) चंद्रेश बहादुर-55 ,(11)विदुषी बंता-26                   

सभी साथिओं को हमारा व्यक्तिगत एवं परिवार का सामूहिक आभार एवं बधाई।


Leave a comment