वेदमाता,देवमाता,विश्वमाता माँ गायत्री से सम्बंधित साहित्य को समर्पित ज्ञानकोष

28  अक्टूबर 2023  के साप्ताहिक विशेषांक में  सुमनलता जी  एवं सुजाता बहिन जी के योगदान पर सरविन्द जी की भावना  

ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार के समर्पित मंच से प्रत्येक  शनिवार को प्रस्तुत किये जाने वाला लोकप्रिय विशेषांक अपने साथिओं के योगदान का ही प्रतिफल होता है। इस योगदान में  हर कोई साथी बढ़ चढ़कर हिस्सा लेता है, जिससे एक अद्भुत ऊर्जा का संचार एवं प्रसार होता है। यही वह ऊर्जा है जिससे अविश्वसनीय, आश्चर्यजनक, किन्तु सत्य कृत्य संभव  हो रहे हैं। 

गायत्री परिवार के अंतर्गत “अद्भुत,आश्चर्यजनक,किन्तु  सत्य” टाइटल से तीन लघु पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं, इन पुस्तकों में गुरुदेव की शक्ति का वर्णन है,ऐसी ऐसी घटनाएं वर्णित की गयी हैं जिन पर तर्कशील मनुष्य तो कतई विश्वास नहीं करेगा। ठीक है भाई न करो विश्वास, इन घटनाओं को मनगंढ़त कह कर नकार दो, यह आपकी प्रवृति है लेकिन हमारे इस छोटे से परिवार में तो जो कुछ घटा उस पर तो विश्वास कर लो, हमने गुरुदेव की शक्ति  को प्रतक्ष्य घटित होते देखा है। 

यही है आज के इस स्पेशल सेगमेंट का विषय, हमारे संपादन के उपरान्त सरविन्द जी की दिव्य भावना, अवश्य ही अनेकों को प्रेरणा एवं मार्गदर्शन प्रदान करेगी । 

हमने  एक बार सुमनलता बहिन जी के कमेंट का रिप्लाई करते हुए “दिलों की दूरी” की बात की थी जिसका पुष्पा बहिन जी ने समर्थन करते हुए लिखा था कि दिल की भावना प्रकट कर देनी चाहिए। इस परिवार के सन्दर्भ में दिल की बात करें तो दिल  की दूरी के आगे मीलों की दूरी परास्त हुई दिखती है। ठीक है आधुनिक इंटरनेट युग में सारा विश्व सिकुड़ तो गया है लेकिन जो प्यार, स्नेह,अपनत्व इस परिवार में देखा जा रहा है शायद ही कहीं और देखने को मिले।इतनी दूर हटकर भी दिल इतने करीब हैं कि क्या कहें !!! परम पूज्य गुरुदेव से निवेदन है कि हम सब पर अपनी कृपा दृष्टि बनाए रखना ताकि अंतिम सांस तक हम  आपके चरणों में समर्पित होते रहें।

सरविन्द जी की भावना का विषय आरम्भ करें उससे पहले एक और विषय पर चर्चा करना महत्वपूर्ण लग रहा है। 

वह महत्वपूर्ण विषय है, “ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार में आर्थिक सहायता का विषय”, हम इस विषय को लगभग प्रतिदिन अपने साथिओं के समक्ष प्रस्तुत करते रहे, कमेंटस भी आते रहे, जिसके लिए हम आभार व्यक्त करते हैं। एक एक कमेंट का अध्यन करना,सभी की भावनाओं का सम्मान करते हुए विश्लेषण करना,फिर किसी निष्कर्ष पर पहुँचना, कोई सरल कार्य नहीं है। कोई ठोस, सटीक, long term परिणाम निकालने  के लिए सभी साथिओं का सहयोग और उत्साह तो मिल ही रहा है लेकिन अगर परिणाम निकालना केवल हमारे पर ही निर्भर हो तो हम तो यही कहेंगें कि “अभी कुछ और चर्चा करने की आवश्यकता दिख रही है।” जितने अधिक परिजन अपनी राय देंगें,निर्णय  लेने  में  उतना ही सरल होगा।  कई तरह के विकल्प सामने दिख रहे हैं, सहायता से तो कोई भी पीछे हटने वाला नहीं है लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात ज़िम्मेदारी उठाने की है, वर्किंग प्रणाली निर्धारित करने की है।  यह एक ऐसा समर्पित परिवार है जिसमें जब भी कोई समस्या आन पड़ती है तो हर कोई आगे बढ़कर अपना योगदान देने  के लिए तत्पर रहता है। ऐसा हमने अभी अभी प्रतक्ष्य देखा है।

अभी तो situation ऐसी दिख रही है कि इस विषय को और अधिक पोस्ट किया जाए और कमैंट्स की प्रतीक्षा की जाए, लेकिन एक बात तो अटल सत्य है कि जो सबका निर्णय होगा, वही सर्वमान्य होगा। 

आज हमारी सबकी परम प्रिय बेटी संजना का शुभ जन्म दिवस है, परिवार की सामूहिक और  हमारी व्यक्तिगत शुभकामना/आशीर्वाद। 

तो आइए गुरुचरणों में समर्पित होकर आज की “लोकप्रिय कक्षा” का शुभारम्भ करें। 

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सरविन्द जी लिखते हैं :                     

आदरणीय अरुन भइया जी हम बहुत ही श्रद्धा व आदर के साथ अवगत कर रहे हैं कि हम सबकी समर्पित सहकर्मी आदरणीय सुमनलता बहन जी ने हमें Whatsapp message  के माध्यम से बताया कि लगभग 43 साल पहले की बात है, हमारे दो भाई क्रिकेट मैच खेलते थे जिसमें एक भाई हमसे बड़े थे जिनका नाम प्रताप सिंह था और दूसरे भाई हमसे छोटे थे जिनका नाम आदित्य कुमार सिंह था l बड़े भाई शौकिया खेलते थे और छोटे भाई दूसरी टीमों में बाहर भी खेलने जाते थे लेकिन दुर्भाग्यवश वह 22 वर्ष की आयु में ही सन् 1980 में हम सबको छोड़कर चले गए थे और सन् 1984 में बड़े भाई साहब भी साथ छोड़कर चले गए l तब से हमने क्रिकेट मैच देखना ही छोड़ दिया था l 

सरविन्द जी लिखते हैं कि यह घटना, बहुत ही दुःखद है, जानकर बहुत दुःख  हुआ लेकिन विधाता के आगे हम सब विवश हैं l परम पूज्य गुरुदेव से हम सब प्रार्थना करते हैं कि दिवंगत आत्माओं को शांति दें और उन्हें अपने श्री चरणों में स्थान दें l 

आदरणीय सुमनलता बहन जी ने हमारे बेटे आयुष कुमार पाल को प्रगति पथ पर अग्रसर होने हेतु आशीर्वाद व शुभकामनाएँ देते हुए लिखा है और संकल्प लिया है कि जब बेटा आयुष इंडिया टीम में क्रिकेट मैच खेलेगा तो हम फिर से देखा करेंगे।  बहिन जी के इन शब्दों से बेटे को बहुत बड़ी प्रेरणा व ऊर्जा मिलने की प्रबल सम्भावना है, इसके लिए आदरणीय बहन जी का  बहुत-बहुत धन्यवाद् करते  हैं। हम स्वयं एवं  बेटा आयुष कुमार पाल आदरणीय बहन जी के श्रीचरणों में नतमस्तक होकर बारंबार भाव भरा सादर प्रणाम व हार्दिक नमन वन्दन करते हैं जिसे आप स्वीकार करें महान कृपा होगी।  हम सदैव आपके आभारी रहेंगे l

आदरणीय सुमनलता बहन जी सही मायनों में  कोई सामान्य महिला नहीं हैं।  वह एक श्रेष्ठ, महान दिव्य आत्मा हैं, एक अच्छे व संस्कारित परिवार से हैं,  बहुत ही प्रतिभावान, प्राणवान, उदारवान, संस्कारित पवित्र आत्मा हैं और  परम पूज्य गुरुदेव की परम शिष्या हैं। बहिन जी सदैव  परम पूज्य गुरुदेव के बताए हुए मार्ग पर चलती हैं एवं उनके  विषय में वर्णन करने के लिए  हमारे पास शब्द कम पड़ रहे हैं l 

हमें आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि परम पूज्य गुरुदेव की कृपा  से आदरणीय सुमनलता बहन जी के दिव्य वचन  सत्य साबित होंगे, इसमें तनिक भी संदेह  नहीं है क्योंकि जो परम पूज्य गुरुदेव का सच्चा भक्त होता है, उसके आशीर्वाद व शुभकामनाएँ भी  कभी खाली नहीं जाते हैं, लिया गया संकल्प अवश्य पूर्ण होता है। यह एक ऐसा  सत्य है जिसे कभी भी नकारा नहीं जा सकता l 

इसी आशा व विश्वास के साथ हम अपनी लेखनी को विराम देते हुए अपनी हर गलती के लिए क्षमाप्रार्थी हैं।ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार के साथी, सहयोगी, सहकर्मी एवं गुरुकुल के सहपाठी परम पूज्य गुरुदेव से आपके अच्छे स्वास्थ्य व उज्जवल भविष्य के लिए मंगल कामना करते हैं। परम पूज्य गुरुदेव की कृपा दृष्टि आप और आपके परिवार पर सदैव बनी रहे यही हमारी गुरू सत्ता से प्रार्थना है। 

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आदरणीय सुजाता बहन जी का योगदान किसी वरदान से कम नहीं – सरविन्द कुमार पाल

परम पूज्य गुरुदेव ने लिखा है कि हम अपने किसी भी  भक्त का ऋण नहीं रखते हैं, तभी तो गुरुदेव के भक्त कभी परेशान नहीं होते हैं।  जब भी कोई समस्या आती है तो उसका शीघ्र अति शीघ्र  निवारण भी हो जाता  है। 

इस तथ्य का जीवंत  उदाहरण स्वयं हम और हमारे परम प्रिय अनुज आदरणीय  अरूण वर्मा जी  हैं। परम पूज्य गुरुदेव ने हम दोनों की आर्थिक समस्याओं का समाधान चुटकी भर  में आनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार के सहकर्मियों के सामुहिक आशीर्वाद से सम्भव कर दिया। बहुत बार सुना था कि गुरुदेव असम्भव को सम्भव कर देते हैं, आज प्रतक्ष्य  सिद्ध  हो गया l जो कोई भी परम पूज्य गुरुदेव का शिष्य होता है उसे गुरुदेव का सूक्ष्म संरक्षण एवं  दिव्य सानिध्य अनवरत मिलता ही  रहता है, उसका  कोई भी काम रुकता  नहीं है, यह अटल सत्य है, इसमें तनिक भी संशय नहीं है l 

अभी हाल में हम दोनों गुरु भाइयों पर आर्थिक समस्या आयी, उन समस्याओं का समाधान ऐसे  हो गया जिसे हम लोगों ने कभी सपने में भी नहीं सोंचा था। समस्या के परिणाम,जिन्हें हम यूट्यूब पर शेयर कर चुके हैं, आप सबके सामने हैं। हम दोनों गुरु भाइयों की समस्याओं का समाधान करने में नारी शक्ति की अग्रणी भूमिका रही,जिसके  लिए नारी शक्ति के श्रीचरणों में कोटिश नमन वन्दन करते हैं। 

नारी शक्ति:

युगों युगों से किसी भी समस्या के निवारण में नारी शक्ति की अहम भूमिका रही है l सुर-असुर की लड़ाई में भी नारी शक्ति ही काम आयी थी l हम सबको नारी शक्ति का सम्मान करना चाहिए और जिस घर में नारी का सम्मान किया जाता है वहाँ पर देवताओं का वास होता है, जहाँ नारी शक्ति का सम्मान नही होता वहाँ  राक्षस निवास करते हैं, अपना शासन चलाते हैं। ऐसे परिवार की कभी प्रगति नहीं होती व सुख-शांति का नामोनिशान ही नहीं बचता। ऐसे लोगों का जीवन विकट परिस्थितियों के वशीभूत अस्त-व्यस्त हो जाता है l इसलिए यदि घर-परिवार  में सुख-शांति चाहते हैं तो नैतिकता के आधार पर नारी शक्ति का सम्मान करना सीखें l 

हमारी आर्थिक समस्या में नारी शक्ति ही उभरकर सामने प्रकट हुई। हमारी  सबकी समर्पित साथी आदरणीय सुजाता बहन जी आगे आईं, एक पल भी नहीं सोंचा और 20,000 रुपयों  का सराहनीय योगदान देकर हमारी समस्या का फौरन  समाधान किया । यह सब परम पूज्य गुरुदेव की कृपा से एवं परिवार के एक-एक परिजन केआशीर्वाद का ही प्रतिफल है कि परम पूज्य गुरुदेव ने आदरणीय सुजाता बहन जी को अपना देवदूत बनाकर भेजा l इस योगदान के लिए हम आदरणीय सुजाता बहन जी का  बहुत-बहुत धन्यवाद करते हुए उनके श्री चरणों में नतमस्तक होकर बारंबार भाव भरा सादर प्रणाम व हार्दिक नमन वन्दन करते हैं। आदरणीय बहन जी एक  दिव्य आत्मा हैं और परम पूज्य गुरुदेव की परम शिष्या हैं, एक ऊर्जावान, प्रतिभावान, उदारवान, प्राणवान व संस्कारित पवित्र आत्मा हैं। 

आदरणीय सुजाता बहन आपके इस सराहनीय योगदान को हम व हमारे बच्चे कभी नहीं भुला पायेंगें और अनवरत परम पूज्य गुरुदेव के आध्यात्मिक व क्रान्तिकारी विचारों का अनुसरण करेंगे। गुरुदेव लिखते हैं : 

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संकल्प सूची को गतिशील बनाए रखने के लिए सभी साथिओं का धन्यवाद् एवं निवेदन। आज की 24 आहुति संकल्प सूची में 8  युगसैनिकों ने संकल्प पूर्ण किया है। आज पिंकी बेटी  गोल्ड मैडल विजेता हैं। (1)अरुण वर्मा -31,(2 )सुमनलता-35 ,(3 )रेणु श्रीवास्तव-45, (4) संध्या कुमार-39 , (5) पिंकी पाल-51(6 ) नीरा त्रिखा-30,(7 ) सुजाता उपाध्याय-35,(8) चंद्रेश बहादुर-40  सभी साथिओं को हमारा व्यक्तिगत एवं परिवार का सामूहिक आभार एवं बधाई।


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