वेदमाता,देवमाता,विश्वमाता माँ गायत्री से सम्बंधित साहित्य को समर्पित ज्ञानकोष

बहिन सुमनलता जी द्वारा अरुण वर्मा जी की सहायता का  एक अद्भुत उदहारण 

शनिवार 14 अक्टूबर 2023 का यह स्पेशल सेगेमेंट जिसे “अपने सहकर्मियों की कलम से” के अंतर्गत प्रस्तुत किया जा रहा है, एक ऐसा एपिसोड वर्णन कर रहा है जिससे परिवार का प्रत्येक साथी गर्व किया बिना नहीं रह सकता।

जिस श्रद्धा से आदरणीय सुमनलता बहिन जी ने अरुण जी की आर्थिक सहायता की, अन्य साथिओं ने निराशा की घड़ी  में जिन शब्दों में अरुण जी को धीरज बंधाया, अति सराहनीय है। हमारा विश्वास है जो भी इस विवरण को पढ़ेगा अवश्य ही नतमस्तक होता जायेगा। 

अरुण जी ने हमारे आग्रह पर यह सारा विवरण compile किया जिसे एडिट करके साथिओं के समक्ष प्रस्तुत करना हमारे चैलेंज ही था।

हमारे अनेकों साथिओं ने अपनी contributions भेजी हैं लेकिन शब्दसीमा के कारण उन्हें अगले सेगमेंट के लिए पोस्टपोन करना पड़ रहा है। 

15 अक्टूबर से नवरात्रि  पर्व आरम्भ हो रहा है, सोमवार का ज्ञानप्रसाद आदरणीय सरविन्द जी का इसी विषय पर लेख होगा। Pre-planned लेख के बदलाव  के लिए हम सबसे क्षमा प्रार्थी हैं।       

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आदरणीय अरुण वर्मा जी की आधुनिक युग की अविश्वसनीय अनुभूति:

परम पूज्य गुरुदेव,विश्व वंदनीय माता जी  एवं माँ गायत्री की कृपा कैसे बरसती है इसके बारे में  हम से ज़्यादा अनेकों परिजन  जानते होंगे लेकिन जो चमत्कार हमारे साथ हुआ इसका बहुत ही संक्षिप्त सा वर्णन “ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार” नामक बहुत ही छोटे किन्तु समर्पित मंच के समक्ष प्रस्तुत है। 

अविश्वास से भरे आधुनिक युग में जो चमत्कार हमारे साथ  हुआ है वह बिल्कुल ही आश्चर्यजनक,अविश्वसनीय किन्तु सत्य है।  सारा परिवार इस चमत्कार  का साक्षी है क्योंकि (प्राइवेसी के कारण बैंक एकाउंट्स इत्यादि को छोड़ कर) कोई भी बात गुप्त नहीं रखी गयी है। इस सन्दर्भ में यूट्यूब पर प्रकाशित किये गए कमैंट्स-काउंटर कमैंट्स सभी सार्वजानिक हैं, जो  इस तथ्य  का प्रमाण है कि हम सब एक  open environment में काम कर रहे हैं जहाँ किसी प्रकार की कोई शंका की गुंजाइश नहीं है। मेरी अनुभूति शत प्रतिशत सत्य है, ज़रा सी मिलावट नहीं है। 

प्रस्तुत घटना सोमवार 9 अक्टूबर 2023 की है जब हमें अपनी बड़ी बेटी की  काॅलेज फीस  जमा करने का नोटिस आया,नोटिस में बताया था  कि 1.5 लाख रुपए जमा कराने हैं, लेट पेमेंट की सूरत में  प्रतिदिन 500 रुपए फाइन लगेगा। इस मैसेज से चिंता होना स्वाभाविक थी,मैंने अपनी ही कंपनी के सेल्स एक्सक्यूटिव से संपर्क किया तो उसने बैंक मैनेजर से बात करके बताया  कि आपको पर्सनल  लोन मिल जायेगा। सारी  formalities के बाद जब मैं बैंक गया तो एग्रीमेंट पेपर पर साइन करने से पहले सैलरी एकाउंट के बारे में  पूछा तो मैंने कहा कि “स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया”  है, यहीं पर सारा खेल समाप्त हो गया क्योंकि लोन “बैंक ऑफ़ इंडिया”  से हो रहा था। बैंक वाला बोला कि जिस एकाउंट में सैलरी जाता है वही बैंक पर्सनल  लोन दे सकता है।  स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया का नियम कुछ अलग था, इसलिए लोन पास नहीं हो सका।  मैं तो एक दम निराश सा  हो गया। 

इस निराशा की घड़ी  में ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार के संचालक आदरणीय अरुण भैया जी की बात  याद आई, जिसने मार्गदर्शक का  काम किया और एक संजीवनी की भांति इस कष्ट का निवारण किया। 

अरुण जी हमेशा बात करते रहते हैं कि जब कभी भी कोई समस्या आए  तो आप औनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार के मंच  पर अवश्य  शेयर करें, संकोचवश मैं  ऐसा नहीं कर पाता था। आज जब यह समस्या आन पड़ी, कहीं कोई रास्ता दिखाई नहीं दिया तो  मैंने इस समर्पित परिवार के द्वार पर दस्तक दी  और यूट्यूब पर अपनी समस्या एक विस्तृत कमेंट के रूप में शेयर कर दी।  

आप सभी विश्वास नहीं करेंगे,समस्या को जैसे ही शेयर किया उसके कुछ ही देर में सबसे पहले परम आदरणीय अरुण भाई साहिब का फ़ोन आया। रात  के 10:00  बजे थे,उन्होंने कहा कि  “आप चिंता न कीजिये, हम सब आपके साथ हैं, हमने इस मंच का नाम अगर ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार रखा है तो अवश्य ही परिवार की भावना है।”    

उसके बात सुमनलता दीदी का मैसेज आया कि “भाई साहब आप बिल्कुल  चिंता न करें, हम आपकी सहायता करेंगे।”  बाद में सुजाता बहन, परम आदरणीय सरविन्दर भैया व रेणु  दीदी, संध्या दीदी एवं अन्य बहुतों के मैसेज आए  कि आप चिंता न करें, हम सभी परम पूज्य गुरुदेव से  प्रार्थना करेंगे कि आपकी  समस्या का शीघ्र अति शीघ्र समाधान हो जाए। 

सुमनलता बहिन जी ने अरुण भैया जी से फ़ोन लेकर हमारे साथ संपर्क किया था। व्हाट्सप्प पर तो ऐसे messages की बाढ़ ही लग गयी थी, सारे मैसेज तो शेयर नहीं किये जा सकते, कुछ एक ही नीचे दिए गए हैं। यूट्यूब पर मात्र दो घंटे में ही 16 मैसेज आये, जो  11 अक्टूबर के लेख में देखे जा सकते हैं। यह है इस परिवार की पारदर्शिता, कोई लीपापोती नहीं, कोई ड्रामेबाज़ी नहीं।     

हमें जितने पैसे की आवश्यकता थी वोह कुछ ज़्यादा ही थे लगभग 1.5 लाख रुपए। अक्सर कहा जाता है कि जिसके सिर  पर सद्गुरु की कृपा हो उसका काम भला कैसे रूक सकता है, जिसके सिर  पर तू स्वामी, सो दुःख कैसा पावे।  

परम आदरणीय सुमनलता दीदी तो  पूरे  डेढ़ लाख रुपए ही देने को तैयार हो गयी, उन्होंने बिना कुछ देर किये हमसे हमारी एकाउंट डिटेल भेजने  के लिए मैसेज किया। उस समय तक मेरे पास 64000‌ रुपए  आ गये थे और 75000‌ रुपयों की  जरूरत थी। मैंने यह सारी घटना अपनी  पत्नी को बताई तो उन्हें  भी विश्वास न हुआ  लेकिन जब एकाउंट डिटेल वाला  मैसेज दिखाया  तो खुशी के आंसू बहने लगे। हम दोनों यही कहने लगे कि  यह परम पूज्य गुरुदेव की ही कृपा है जो  दीदी को अपना “देवदूत” बनाकर हमारी सहायता के लिए भेज दिया। आज अविश्वास के युग में,ऐसी स्थिति में तो अपने भी साथ छोड़ देते हैं, वोह  भी तरह-तरह के बहाने बनाने लगते हैं। सभी शंका की दृष्टि से देखते हैं, बैकग्राउंड चैक  करते हैं कि इसकी इतना पैसे लौटाने की समर्था  भी है कि नहीं । 

पारदर्शिता की प्रमाणिकता तो अरुण जी के यूट्यूब कमेंट से झलक रही है जिसमें उन्होंने अपनी आर्थिक स्थिति के आधार  पर 5000 रुपए प्रतिमाह repay करने निश्चित किये हैं।    

औनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार एक ऐसा मंच है जहाँ कभी इधर-उधर की बात नहीं होती,अगर किसी ने  कह दिया कि मैं यह  काम करूँगा तो कुछ भी हो जाए वह काम करना ही है। परम पूज्य गुरुदेव पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य स्वयं इस परिवार का संचालन कर रहे हैं,जहाँ सहकारिता, सहायता, संस्कारिता, प्रेम आदि  का पाठ पढ़ाया जाता है।  

गुरुदेव ने  हमेशा अपने विश्व्यापी बच्चों  को प्यार दिया है और प्यार पाया है। परम पूज्य गुरुदेव हमेशा कहते हैं कि बेटा तू मेरा कार्य कर, बाकी सब मुझ पर छोड़ दे। गुरुदेव का यह सूत्र  हमारे साथ प्रतक्ष्य प्रकट होकर आया है  इससे ज्यादा प्रमाण और क्या हो सकता है, आज मैंने बेटी की फीस जमा करा दी है।  

इन सारी घटनाओं के पीछे तो मैं यही कहूंगा कि परम आदरणीय अरुण भैया जी का ही हाथ और साथ है, अगर वो इस तरह की  प्रेरणा न देते तो शायद अभी तक में दुविधा में ही फंसा होता। परम सत्ता का सानिध्य मिला और सारा कार्य चुटकियों में हो गया। 

परम आदरणीय सुमनलता दीदी के  बेटे राघव जी को बहुत-बहुत धन्यवाद करता हूँ जिन्होंने अपनी माँ को इस कार्य को करने में सहयोग दिया। औनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार सिर्फ कहने के लिए नहीं है बल्कि परिवार का क्या दायित्व रहता है उसे निभाने के लिए  बखूबी प्रयासरत रहता है। आज परम आदरणीय अरुण भैया जी ने फिर से मैसेज किया था कि पैसे की समस्या खत्म हो गयी ?  कहने का अर्थ यह हुआ कि अगर समस्या खत्म नहीं हुई है  तो मैं तैयार हूँ। परम आदरणीय सुजाता बहन जी ने भी मदद करने के लिए हमारे व्हाट्सप्प  नम्बर पर मैसेज किया था, उन्होंने  सरविन्द जी से हमारा नम्बर लिया। सरविन्द जी ने भी लोन के लिए अपलाई किये था, उनका लोन  भी पास नहीं हुआ लेकिन  फिर भी हमारी सहायता करने के लिए तैयार थे, 

“यह  है ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार जहाँ मानवीय मूल्यों का सदैव आदर सत्कार करना सिखाया जाता है। “ 

1.सुजाता उपाध्याय जी का मैसेज:

मैं सुजाता उपाध्याय OGGP से (ओडिसा भुवनेश्वर) आपकी  समस्या के बारे  में पता  चला l में ज्यादा तो नहीं, लेकिन  कुछ सहायता करना चाहती हूं l अगर आप अपना  phone pay नंबर  भेजने की कृपा करें तो बहुत अच्छा होगा l अगर हमारे परिवार में से कोई परेशान होता है तो हम भी परेशान हो जाते है ये OGGP भी तो हम सभी का एक परिवार है l परिवार में एक दूसरे के काम आ सके तो इसे और अच्छा क्या हो सकता है l अगर कुछ गलत लिखा है तो क्षमा चाहती हूं l मुझे  हिंदी में अच्छी तरह लिखना नहीं आता, जितनी सीखी है,इस परिवार से ही सीखी है। 

2.सरविन्द जी का मैसेज:

आपकी ही तरह हम भी समस्या से जूझ रहे हैं और 26 सितम्बर से बैंक के चक्कर लगा रहे हैं लेकिन अभी तक काम नहीं हुआ है फिर भी हम आपके सहयोगी बनना चाहते हैं क्योंकि यह बेटी सिर्फ आपकी ही नहीं है, हम सबकी भी बेटी है और इस विषम परिस्थिति में बेटी की मदद किया जाना निहायत आवश्यक है, हम सबका यह  परम कर्त्तव्य बनता है l

आदरणीय अरुण जी का मैसेज: अरुण  जी पैसे की क्या  स्थिति है ? किसी भी सहायता के लिए अवश्य बताएं।   

3.सुमनलता जी का मैसेज:

भाई साहब जिस बैंक में आपका अकाउंट है, मुझे उसके पहले पेज, जिस पर आपका नाम, अकाउंट नंबर और बैंक का ifsc कोड होता है,उसकी फोटो भेज दीजिएगा। कल आपको 75000 रुपए पहुंच जाएंगे। बेटा उसको अपने अकाउंट से attach करके पैसे transfer  कर देगा। अभी तो वो सो गया है। आपको इतना ही चाहिए ना अब?

भाई आप बिल्कुल भी परेशान ना हों।आपकी बहन है ना। आप दीदी कहते हैं तो विश्वास रखिये, सब ठीक होगा।आपका कोई इंतजाम न हो पाए तो जैसे मैंने ऊपर लिखा है। वैसे ही भेज दीजिएगा। मेरा बेटा मुझे कभी किसी भी काम को मना नहीं करता। आपकी समस्या मैंने कल उसको बताई थी तो कहने लगा कि जैसे आपको ठीक लगे। किसी की जरूरत के समय काम न आ सके तो गुरुदेव के सामने कैसे जाएंगे। फिर जरूरत आपकी नहीं बेटी की है। भाई साहब। आप देख लीजिए ,आपके अकाउंट में पैसे भेज दिए हैं, राघव यादव के नाम से आए होंगे।

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यूट्यूब की समस्या के कारण आज की सूची प्रकाशित करना अनुचित सा लगता है क्योंकि जिन साथिओं ने कमेंट किये  लेकिन इनके कमेंट  प्रकाशित न हो पाए,उन्हें सूची  में स्थान न मिलना unjustified प्रतीत होता है।     


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