आज शनिवार है, सप्ताह का अंतिम दिन, एक ऐसा दिन जब हम सब इस सप्ताह में घटित हुई कमियों और प्राप्तियों का मूल्यांकन करते हुए चिंतन करते हैं कि इस मंच के साथ जुड़े गुरुकार्य को और सार्थकता कैसे प्रदान की जा सकती है।
गतिविधि सेक्शन का आरम्भ भजन संध्या से आरम्भ हो रहा है जिसमें सौभाग्यवश हमारी भी उपस्थिति संभव हो पायी। युगतीर्थ शांतिकुंज से पधारी दिव्य संतों की टोली ने अनेकों ऐसे समारोह आयोजित किये, हम अनेकों में जा भी पाए, प्रस्तुत भजन संध्या केवल एक सैंपल समारोह ही है जिसे देख कर अंदाज़ा लगाया जा सकता है बाकी कैसे होंगें। डॉक्टर भटनागर जिन्होंने फिजिक्स में प्रोफेसर की पदवी त्याग कर अपना समस्त जीवन परम पूज्य गुरुदेव के चरणों में समर्पित कर दिया,उनके साथ हमने अनेकों इंटरव्यूज रिकॉर्ड किये हैं, हम यह इंटरव्यू समय-समय पर आपके समक्ष लाते रहेंगें।
गतिविधि सेक्शन में, हमारी बेटी उपासना के मम्मी साधना जी, हम सबकी प्रिय बेटी संजना, बहिन पुष्पा जी,भाई सरविन्द पाल जी और योगेश भाई साहिब का योगदान बहुत ही सराहनीय हैं जिसके लिए हम सभी का धन्यवाद् करते हैं।
कमैंट्स सेक्शन में वर्णित किये गए दोनों ही कमेंट बहुत ही शिक्षाप्रद हैं। हमारी समर्पित बहिन निशा जी द्वारा दिया गया कमेंट बहुत ही संक्षिप्त है, हमने उन्हें निवेदन किया है कि अमर शहीद सुनील जी के बारे में विस्तृत जानकारी देने की कृपा करें ताकि यह परिवार भारत माँ के इस जाबांज़ सपूत को अपनी श्रद्धांजलि प्रदान कर सके। बहिन निशा जी द्वारा भेजे गए सारे कंटेंट को हमने यहाँ प्रकाशित नहीं किया है, एक फुल length लेख लिखने की इच्छा है।
संजना बेटी के बारे में क्या कहा जाए, इतनी छोटी सी आयु में सभी का मार्गदर्शन कर रही है। बेटी बात- बात पर हमें श्रेय देती रहती है लेकिन जो गुरुदेव की गोद में जा बैठी हो उससे तो हमें सीखना चाहिए।
जहाँ हम इन सभी गतिविधियों और कमैंट्स से गर्व प्राप्त कर रहे हैं वहीँ संकल्प सूची के बारे में चिंतन करना भी आवश्यक हो जाता है। चंद्रेश भाई साहिब ने अनेकों बार सिकुड़ती संकल्प सूची पर चिंता व्यक्त की है लेकिन हमें अपने साथियों से बहुत आशाएं हैं। इतने विश्वास से ऐसा हम इसलिए कहते हैं कि जब भी हमने अपने परिवार के समक्ष कोई भी समस्या रखी, उसका पूर्णरूप से सम्मान हुआ। यही शक्तिशाली सूत्र हम सबको बांधे हुए है और इस समस्या का समाधान भी हो जायेगा।
आज का प्रज्ञागीत योगेश जी की गतिविधि के साथ अटैच हुआ गीत ही है।
बहुत से साथियों के योगदान प्रकाशित नहीं हो पाए,उन्हें आने वाले अंकों में अवश्य प्रकाशित करेंगें।
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गतिविधियां सेक्शन
1.भजन संध्या: 13 जुलाई को गायत्री परिवार वेस्टर्न ओंटारियो कनाडा द्वारा शांतिकुंज से पधारी संतों की टोली की दिव्य उपस्थिति में Brantford हिन्दू मंदिर में भजन संध्या का कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस टोली का नेतृत्व आद डॉक्टर प्रमोद भटनागर जी कर रहे हैं। इस तरह के अनेकों कार्यक्रमों का आयोजन हो रहा है, सभी को कवर करना असम्भव है, जितना भी सम्भव हो पाएगा परिवार के समक्ष लाते जायेंगें। -वीडियो देखें।
2.साधना जी : प्रज्ञा बाल विकास विद्यालय में माता जी का प्रज्ञा गीत प्रेयर में गाया जाता है। गुरु पूर्णिमा से विद्यालय का प्रेयर टाइम में थोड़ा चेंज किए हैं 10 मिंट का गायत्री मंत्र, 10 मिंट माता जी की आवाज में ध्यान, राष्ट्रगान और प्रेरणात्मक कहानी।यह स्कूल सौंधा बस्ती झारखण्ड में स्थित है जहाँ रविवार को दो कुंडीय यज्ञ का आयोजन हुआ। आज बहिन साधना जी से फ़ोन पर बात हो रही थी तो उन्होंने बताया कि “माँ की संस्कार शाला” वाली वीडियो ने parent-teacher मीटिंग में बहुत ही सहयोग किया। उस वीडियो के सभी पॉइंट्स की विस्तृत चर्चा हमने माता पिता के साथ की। इसे कहते हैं परम पूज्य गुरुदेव की सूक्ष्म शक्ति और व्यापक उपस्थिति। जब भी किसी भक्त को उनकी आवश्यकता पड़ती है कैसे एकदम साक्षात् सामने होते हैं। गुरुदेव तो बार-बार दोहराते रहे हैं कि जब भी आपको हमारी आवश्यकता होगी हम अपना खाना तक छोड़ कर आपकी सहायता को दौड़े आयेंगें। हमारी संजना बेटी ने माँ की संस्कार शाला की ऑडियो बनाई है, बहिन जी इस ऑडियो को हर पैरेंट टीचर मीटिंग में प्ले कर सकती हैं।-वीडियो देखें
3.संजना बेटी : हमारी सबकी संजना बेटी ने गुरु कृपा से पहली बार विश्विद्यालय की यज्ञशाला में यज्ञ करवाया है ,हम सभी की बधाई -वीडियो देखें
4.पुष्पा सिंह: हम लोगों ने अपने सरायकेला खरसावां महिला मंडल में स्वतंत्रता दिवस समारोह मनाया। 100 वर्षीय माता जी के कर कमलों से ध्वजारोहण कराया गया। इन्ही माता जी ने गायत्री मंदिर की स्थापना की थी।
5.सरविन्द पाल: सरविन्द जी के खिलाफ जो धोखाधड़ी का फर्जी मुकदमा दर्ज कराया गया है उसकी सुनवाई 21 अगस्त 2023 सोमवार को सुनिश्चित हुई है। सभी से करबध्द निवेदन करते हैं कि उक्त याचिका पर अपने पक्ष में फैसला आने हेतु अपना अमूल्य समय निकाल कर परम पूज्य गुरुदेव से सामुहिक प्रार्थना करें और कम से कम एक माला गायत्री महामंत्र व महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें, ताकि न्याय की जीत हो।
किसी भी संकट की घड़ी में इस छोटे से परिवार का प्रत्येक सदस्य अपने साथियों के साथ है।
6.योगेश कुमार :
योगेश जी का फेसबुक कमेंट बहुत दिनों के बाद देखा तो उत्सुकता वश पूछ लिया कि सब कुशल मंगल है ,बहुत दिनों के बाद आपकी उपस्थिति देखी। तो उन्होंने बताया की वोह गंगोत्री धाम और तपोवन में रह कर 35 दिन बाद वापिस आये हैं। कैसे गए, कौन लेकर गया तो उत्तर दिया कि यह गुरुदेव का क्षेत्र है, दादा गुरु का क्षेत्र है ,वही जाने, मन से प्रेरणा हुई तो बस चल पड़े।
अब व्यक्तिगत तौर पर कोई इच्छा रही नही है भ्रमण का शौक है और गंगोत्री धाम और तपोवन पर रहने की इच्छा थी तो गंगोत्री धाम पर गुरूदेव ने व्यवस्था गोरीकुड पर गंगा तट पर बना दिया। साधना में जो भी बन पड़ा किया, साथ ही युग निर्माण योजना नवम्बर 22 के द्वितीय पृष्ठ पर छपा गुरूदेव और माता जी का फोटो सिरहाने रखा रहा और सुक्ष्म मे प्रेरणा स्रोत रहा। गुरूदेव और माताजी कहते रहे कि हर हाल मे अच्छा सोच, अच्छा प्रदर्शन कर जैसे हम प्रसन्नचित्त है ऐसे ही प्रसन्नचित्त रह और हर समय हमारी सोच में सोच मिलाकर जी तो हमेशा खुश रहेगा। जब भी कोई परेशानी या कष्ट आये तो मेरे इस रूप के दर्शन कर। कोई विचार खराब हो तो तुरंत मेरे फोटोग्राफ को देख, मैं तेरे विचार को खराब नही होने दूंगा, तेरे कष्ट दूर करूंगा। मेरे में अपनी इच्छा ऐसे मिला दे जैसे गंगा में जो मिला वह गंगा हुआ तो भाई साहब गंगा में मिला दिया है गुरूदेव ने। हर समय प्रसन्न रहना और यह फोटोग्राफ अपने पास रखने की प्रेरणा प्राप्त हुई, बाकी गुरूदेव जाने। लिखना आता नही है कोई गलती हो तो आप सुधार कर दीजिए
हम जब योगेश जी द्वारा लिखित यह पंक्तियाँ पढ़ रहे थे तो वही भजन हमारे कानों में गूंजने लगा जिसे हम प्रतिदिन बार बार सुनते रहते हैं। पूरा भजन तो 9 मिंट का है लेकिन यहाँ पर निम्नलिखित पंक्तियाँ बिलकुल फिट बैठती हैं :
“सौंप दे अपने जीवन की तू डोर प्रभु के हाथ,फिर आएगी जब-जब मुश्किल होगा वह तेरे साथ, कर ले इतना तू यकीं, तुझे होगा न कोई ग़म, तू प्यार का सागर ”
कमैंट्स सेक्शन
1.निशा भारद्वाज : सभी अमर शहीदों को भावभरी श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं कारगिल शहीदों को आदरणीय भईया जी आपने याद करवा कर मेरे पुराने जख्मों को हरा कर दिया। कारगिल युद्ध तो 1999 को जून में ही खत्म हो गया था लेकिन इस युद्ध में अपनी करारी हार के बाद पाकिस्तान चैन से नहीं बैठा था और आए दिन सीमा पर गोला बारी करता रहता था। नवंबर माह मेरे भईया की ड्यूटी राजौरी में थी, अचानक हुए हमले में मेरे भईया को कमर में गोलियां लगी और वो बुरी तरह से ज़ख्मी हो गए। उस समय मेरे भईया सुनील 21 वर्ष के थे। हम चार बहनों का इकलौता भाई था बचपन से ही देश भक्ति का जज़्बा मेरे भईया के दिल में था। भईया के खेल भी भारत पाक की सेना को लेकर ही होते थे। बहुत सी ऐसी बातें है जिन्हें यहां पर गोपनीय रखना पड़ रहा है नहीं तो विषय से भटकाव हो सकता है। 10 साल जिंदगी और मौत से लड़ने के बाद जून 2010 को भईया ने अंतिम सांसें ली लेकिन भईया की नरक से भी बुरी हालत को देखकर हर कोई यही कहता की इससे यो अच्छा होता उसी मुठभेड़ में इसे कुछ ही जाता। उन दिनों अखबार में भी यही टॉपिक आया था कि क्या जंग के मैदान में प्राण गवाने वाला ही शहीद कहलाता है ? इस तरह से कष्टमय जीवन वाले की भी सरकार को सुध लेनी चाहिए। मैं तो अपने भईया को शहीद ही मानती हूं क्योंकि उसकी यह हालत मातृभूमि की रक्षा करने पर हुई थी। सभी स्वतंत्रता सेनानियों , शहीदों और घायल हुए सैनिकों जो गुमनामी में अपनी कष्टमय जिंदगी बिताकर इस दुनिया से विदा हो जाते हैं। सभी को अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं।
2.संजना कुमारी : मैं तो उदय होने वाले सूर्य के साथ बैठा हूँ।
“भगवान् के साथ विवाह” वाले लेख पर संजना बेटी ने निम्नलिखित कमेंट लिखा।
मुझे आदरणीय डॉ चिन्मय सर की “जीवन प्रबंधन कक्षा” में बताई गई कहानी याद आ गई जिसमें वे बताते हैं कि ” एक सभा हो रही थी जिसमें उस समय के सुप्रसिद्ध केशव चंद्र सेन जी मुख्य अतिथि बनकर रामकृष्ण परमहंस जी के पास आए थे, इसके अनुसार रामकृष्ण परमहंस जी को सेन जी के साथ कुर्सी पर बैठना चाहिए था परन्तु वो वहां न बैठकर एक सामान्य दिखने वाले युवा के साथ बैठ गए जिसे उस सभा में कोई भी जानता तक नहीं था। इस घटनाक्रम को देखकर सभी परमहंस जी कहते हैं, “स्वामी जी मुख्य अतिथि तो वहां बैठे हैं, आप यहां क्यूं बैठे हैं तो रामकृष्ण परमहंस जी ने बहुत ही सुंदर जवाब दिया कि “वो तो अभी का जल रहा दीपक हैं, मैं तो उदय होने वाले सूर्य के साथ बैठा हूँ। नरेंद्र यानी स्वामी विवेकानन्द जी, जिन्हे कोई भी नहीं जानता था परन्तु भगवान का साथ पाते ही वोह ऐसे प्रसिद्ध हो गयें हैं कि बच्चा-बच्चा उनको जानता है । किंतु केशव चंद्र सेन जी का परिचय देने के लिए एक लम्बा इतिहास कहना पड़ा।
यह है भगवान के साथ सम्बन्ध जोड़ लेने का चमत्कार। इसलिए हमें भी अपने लिए कभी भी हीन भावना नहीं लानी चाहिए, बस अपनी पवित्र भक्ति पर विश्वास करना चाहिए। आदरणीय डॉ सर हम आपका जितना भी धन्यवाद करें, कम ही होगा ️। सचमुच गुरु जी का आशीर्वाद आपके अनमोल मार्गदर्शन एवं स्नेह के रूप में बरस रहा है।
आज की 24 आहुति संकल्प सूची में 5 युगसैनिकों ने संकल्प पूर्ण किया है। आज के गोल्ड मैडल विजेता रेणु बहिन जी हैं, उन्हें हमारी व्यक्तिगत एवं परिवार की सामूहिक बधाई। (1)संध्या कुमार- 28 ,(2) सुजाता उपाध्याय-27 ,(3) रेणु श्रीवास्तव-39,(4)सरविन्द पाल-36, (5) नीरा त्रिखा-26
सभी साथियों के सहयोग, समर्पण, समयदान एवं श्रमदान के लिए हमारा नमन