वेदमाता,देवमाता,विश्वमाता माँ गायत्री से सम्बंधित साहित्य को समर्पित ज्ञानकोष

अपने सहकर्मियों की कलम से का 5 अगस्त 2023 का विशेषांक 

https://drive.google.com/file/d/1HQSBizLFYSvYQmpZ_lYiW2wvzhwuF1YM/view?usp=drive_link

अपने सहकर्मियों की कलम से का 5 अगस्त 2023 का विशेषांक 

ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार समर्पित साथियों का एक जमावड़ा है जहाँ हम सब निस्वार्थ भाव से, सामूहिक तौर पर श्रद्धायुक्त होकर सोमवार से शनिवार तक अलग-अलग माध्यमों से  परम पूज्य गुरुदेव के विचारों को जन-जन तक पहुँचाने का प्रयास कर रहे हैं। सोमवार से गुरुवार तक एक Full Length  ज्ञानप्रसाद लेख,शुक्रवार को एक वीडियो और शनिवार को साथियों से पुष्पित यह विशेषांक प्रस्तुत किया जाता है। हमारी सभी की  ज़िम्मेदारी यहीं पर समाप्त नहीं हो जाती। हमारे साथी बड़ी ही उत्सुकता से इन लेखों ,वीडियो आदि की प्रतीक्षा करते हैं और हमारे पोस्ट करते ही, पूरी श्रद्धा से अमृतपान करके  अपने कमैंट्स पोस्ट करना आरम्भ कर देते हैं। हर कोई सबसे पहले और उत्कृष्ट  कमेंट पोस्ट करना चाहता है क्योंकि उसे पता है कि उसका कमेंट सभी पढ़ रहे है और अगर किसी कारण किसी से कोई कमेंट पढ़ना मिस भी हो जाता है तो विशेषांक में फिर से प्रकाशित किया जाता है। उधर कमेंट पोस्ट होना आरम्भ  होते हैं,इधर हमारा उन कमैंट्स को पढ़ने का कार्य आरम्भ हो जाता है जो रात सोने तक चलता है। कुछ घंटे की नींद के पश्चात  सुबह उठते  ही, कमैंट्स, काउंटर कमैंट्स, शुभरात्रि सन्देश ,अगले दिन का ज्ञानप्रसाद आदि की व्यस्तता में पता ही नहीं चलता कि दिन के 24 घंटे कहाँ उड़ गए। ऐसी दिनचर्या केवल हमारी ही नहीं, बल्कि प्रत्येक साथी की है। 

इस समस्त गुरुकार्य में जो आत्मिक शांति मिलती है उसे शब्दों में पिरोना संभव नहीं है। 

यह तो “गूंगे का गुड़” है, इसके स्वाद का आनंद केवल अनुभव ही  किया जा सकता, बताने के लिए ज़ुबान नहीं है, गूंगे जो ठहरे। 

तो आइए देखें किस-किस साथी का  योगदान आज के विशेषांक को सुशोभित कर रहा है, लेकिन उससे पहले कुछ आपस की बातें जिन्हें  किये बगैर हमें चैन नहीं आता : 

1.पिछले दो दिनों से यूट्यूब पर समस्या आ रही है, संध्या जी ,सुमन लता जी ,रेणु श्रीवास्तव जी एवं अन्य कइयों ने इस समस्या से हमें अवगत कराया, हमने अपनी अल्प बुद्धि से सुझाव भी दिए लेकिन स्थिति यथावत ही बनी हुई है। यहाँ यह बताना उचित रहेगा कि यह समस्या किसी-किसी के साथ है, न कि हर किसी के साथ। 

2.अरुण वर्मा जी से आशा कर रहे हैं कि अपने शांतिकुंज तीर्थसेवन के बारे में Summary सी  लिख कर भेज दें ताकि अनेकों साथी जो  भविष्य में इस तीर्थस्थली में जाने का प्रोग्राम बना रहे हैं, उन्हें सही, सार्थक मार्गदर्शन मिल सके। 

3.इस समय लगभग सभी  साथी  व्हाट्सप्प  से यूट्यूब की ओर शिफ्ट हो चुके हैं और जो कोई भी रह  गए हैं, उन्हें भी निवेदन कर रहे हैं कि यूट्यूब का ही प्रयोग करें। व्हाट्सप्प को केवल व्यक्तिगत कार्य के लिए ही प्रयोग करें, जब  आपको हमारे साथ सीधा सम्पर्क करना हो क्योंकि हमारे व्हाट्सप्प पर भेजा गया कोई भी कंटेंट केवल हम तक ही सीमित है, इस स्थित में प्रचार प्रसार तो न हुआ।  

3.इसी सन्दर्भ में कहना  महत्वपूर्ण हो जाता है कि OGGP परिवार के साथ शेयर करने वाले अपडेट सीधे यूट्यूब पर ही पोस्ट किये जाएँ तो उचित होगा, उदाहरण के लिए बेटी पिंकी, अनुराधा और आयुष तीनों  ही eye flu से ग्रस्त है, निशा भारद्वाज जी के भतीजे के स्वास्थ्य  का अपडेट आदि, आदि। 

यह दोनों सुझाव हमारे व्यक्तिगत सुझाव हैं, हर बार की भांति आज भी कह रहे हैं कि हर किसी सहकर्मी का सुझाव सम्मानीय है।

4.नियमितता का राग तो हम रोज़ ही अलापते हैं और सदा अलापते भी  रहेंगें क्योंकि जो कोई भी हमारी आँखों से अचानक ओझल हो जाता है और फिर कभी कभार दर्शन दे जाता है, तो हमें बहुत कष्ट होता है। ऐसा इसलिए होता है कि  जब वोह उस दिन  के  अमृतपान से वंचित रह जाता है तो उसकी कितनी हानि होती है, केवल हम ही अनुभव कर पाते हैं। ज्ञानप्रसाद के अमृतपान से वंचित रहना अर्थात परम पूज्य गुरुदेव के अनुदानों से वंचित रहना।

आपस की इन्हीं बातों को समाप्त करते हुए आइए देखें updates और गतिविधियां : 

1.विदुषी बंता जी: 

गुरुकुल कांगड़ी विश्विद्यालय एवं स्वामी श्रद्धानन्द जी के प्रति हमारे ह्रदय में बहुत ही सम्मान है।  आदरणीय विदुषी बहिन जी ने इस महान  व्यक्तित्व पर बनी लगभग एक घंटे की वीडियो हमें भेजी थी, हमने देखी  है बहुत ही आनंद एवं मार्गदर्शन की अनुभूति हुई है, अगर हमारे साथी चाहें तो हम इस मंच  पर शेयर कर सकते हैं। यह विचार हमें उस कमेंट से मिला जो  परम पूज्य की वीडियो पर दिया गया था। कमेंट निम्नलिखित था : 

“यह वीडियो तो पहले बहुत बार  देखी  है लेकिन आज यहाँ देखकर ऐसे लग रहा है जैसे किसी थिएटर में बैठ कर सभी इक्क्ठे देख रहे हैं” 

नाम नहीं याद आ रहा किसने यह कमेंट  दिया था, लेकिन अपनत्व से भरे इस कमेंट के लिए धन्यवाद् है। 

2. सुमन लता जी:

DSVV के दीक्षांत समरोह की पौने दो घंटे की वीडियो हमारे साथियों ने बड़ी  ही दिलचस्पी से देखी है जिसके लिए हम सभी का ह्रदय से धन्यवाद् करते हैं। आदरणीय सुमन लता बहिन जी ने तो TV पर कास्ट करके देखी है। बहिन जी ने  शुक्रवार वाली क्लास को “वीडियो कक्षा” की संज्ञा देकर एक और नए विशेषण का आविष्कार किया जिसके लिए हम बहिन जी का ह्रदय से धन्यवाद् करते हैं, हम ऐसे ही नहीं कहते रहते कि यह प्रतिभावानों का जमावड़ा है। 

3. सरविन्द पाल जी : 

महत्वपूर्ण संदेश के अनुपालन हेतु विशेष निवेदन: परम पूज्य गुरुदेव की प्रेरणा से प्रेरित होकर व गायत्री शक्तिपीठ किदवई नगर कानपुर के संचालक आदरणीय सुरेश चंद्र तिवारी जी के मार्गदर्शन पर हम आनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार के सहकर्मियों से  करबध्द निवेदन करते हैं कि सप्ताह में एक दिन यानि हर रविवार को गायत्री शक्तिपीठ में पहुँचने का संकल्प लें।  जिस प्रकार  ईसाई धर्म में  रविवार को चर्च जाना, सिख धर्म में रविवार को गुरुद्वार जाना, मुस्लिम धर्म में  शुक्रवार को मस्जिद जाना अनिवार्य बन चुका  है तो गायत्री परिवार के लिए रविवार को गायत्री मंदिर ,शक्तिपीठ, प्रज्ञापीठ जाना अनिवार्य बन जाना चाहिए। रविवार (रवि अर्थात सूर्य) सूर्य भगवान का दिन है। तो नैतिकता के आधार पर हमारा कर्तव्य बनता है कि  निश्वार्थ भाव से अपने नजदीकी शक्तिपीठ, चेतना केंद्र, प्रज्ञापीठ को एक शक्ति व संगठन स्थल के रूप विकसित करें। कल्पना करें कि आज देश विदेश  में लाखों शक्तिपीठ हैं,अगर हर शक्तिपीठ में केवल  500 से 1000 गायत्री साधक ही अपनी उपस्थिति सुनिश्चित कर दें तो  एक साथ सनातन धर्म की धुरी माँ गायत्री के दिव्य दर्शन एवं  घंटों की शक्तिशाली ध्वनि, शंखनाद, आरती की  दिव्यता गूंजेगी जिससे सम्पूर्ण विश्व में  एक मिश्रित संगीत गूंजेगा। इस सक्रियता एवं एकात्मता का प्रभाव बहुत ही दूरगामी होगा जिससे अनेकों समस्याओं का समाधान हो सकता है।

कितना अच्छा होगा कि इस प्रयास में हम अपने सभी परिवारजनों  के साथ भागीदारी सुनिश्चित करें। परिवार सहित जाने की देखादेखी में,पड़ोसी  भी जाने की और जानने की उत्सुकता व्यक्त करेंगें जिससे मेल मिलाप बढ़ेगा, सौहार्द का वातावरण बनेगा, आपसी  संबंध प्रगाढ़ होंगे, हम Nuclear family से “सारा विश्व मेरा परिवार” वाला सिद्धांत अपना लेंगें। 

आइए इस संकल्प का शुभारम्भ अपने ही परिवार “आनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार” से करें।  यह संकल्प केवल स्वयं के  लिए न होकर, सम्पूर्ण समाज की सुरक्षा एवं  एकता के लिए है।  

हमें आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि सभी सहकर्मी  आने वाले रविवार से ही  नज़दीक के  गायत्री शक्तिपीठ में समयदान देकर अपने  जीवन के  कायाकल्प की प्रक्रिया का शुभारम्भ करेंगें। ईश्वर के उद्यान में आपका यह योगदान अनेकों पुष्य विकसित करेगा जिनकी सुगंध से सारा विश्व महक जायेगा।  यही है हमारे गुरु की शिक्षा एवं इच्छा। 

4. संजना बेटी : 

DSVV पर आधारित वीडियो हम सबने देख ली, उसके बारे में और कुछ कहना तो उचित  नहीं होगा लेकिन हमारी संजना बेटी और उसके परिवार के क्लिप्स शेयर करने में हमें बहुत ही प्रसन्नता हो रही है। बेटी का इस वीडियो पर दिया गया कमेंट भी बहुत ही प्रेरणादायक है, स्पेस होती तो अवश्य शेयर करते। आप दिए गए लिंक में यह क्लिप्स देख सकते हैं। 

5. मस्तीचक  में भूमि पूजन : 

मस्तीचक में भूमि पूजन सम्बन्धी जो भी जानकारी प्राप्त हुई उसके लिए मृतुन्जय तिवारी जी, सुनयना तिवारी जी, पूनम जी, चिरंजीव बिकाश शर्मा, अतुल शर्मा जी  का जितना भी धन्यवाद् किया जाए कम ही रहेगा। वीडियो लिंक में आप अतुल जी की वाणी में Centre of Excellence के बारे में भी सुनेगें। हमारे साथियों को स्मरण होगा कि अतुल जी ने दुर्भाग्यवश कुछ ही दिनों के gap  में अपने पिता जी और बेटे आरुष को खो दिया था। बेटे आरुष की याद में मस्तीचक में उन्होंने आरुष फुटबाल अकादमी की स्थापना की हुई है। मृतुन्जय भाई साहिब का    Football to Eyeball concept इसी अकादमी के द्वारा सार्थक हो रहा है। यह सब शिष्य शिरोमणि शुक्ला का ही मार्गदर्शन है। 

हमारे परिवार के पूनम जी एवं अशोक जी इस समारोह के बारे में  बताते हैं : परम पूज्य गुरुदेव की कृपा से आज हम दोनों पति पत्नी को मस्तीचक 25 1 कुंडीय गायत्री महायज्ञ के भूमि पूजन समारोह में सम्मिलत होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ । बिहटा से बस दो परिजन ही  गये थे।बहुत ही अच्छा प्रोग्राम रहा ।परम आदरणीय मृत्युंजय भैया जी को  मिलने और सुनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ ।सभी से मिलकर और सुनकर बहुत ही अच्छा उर्जा मिला ।3:00 बजे शांति पाठ के बाद प्रोग्राम खत्म हुआ ।अब हम लोग घर के लिए लौट रहे हैं । जय गुरुदेव। 

मृतुन्जय तिवारी जी व्हाट्सप्प मैसेज में लिखते हैं : शिष्य शिरोमणी शुक्ला बाबा दो वर्ष पूर्व 3 अगस्त  के दिन सूक्ष्म  गुरुसत्ता में विलीन होकर हम सबको सूक्ष्म स्वरूप में निरंतर प्रेरणा और शक्ति प्रदान करने के मार्ग पर अग्रसर हैं। आप समय निकाल कर अपने घर पे ही आज रात्रि 9 – 10 बजे के बीच जप कर अपना नमन अर्पण कर सकते हैं ।

6. चंद्रेश जी द्वारा तिरंगें झंडे के अपमान का विरोध : 

वीडियो लिंक का समापन आदरणीय चंद्रेश बहादुर जी द्वारा भेजी गयी साढ़े पांच मिंट की वीडियो से होता है जिसमें चंद्रेश जी ने राष्ट्रिय ध्वज के प्रति अपमान का विरोध व्यक्त किया है। राष्ट्रिय ध्वज का सम्मान करना प्रत्येक भारतीय का परम कर्तव्य है।  भारतीय तो क्या ,हम जैसे Canadians भी ,Canadian नागरिकता होने के बावजूद इस ध्वज का सम्मान करते हैं। भारत जैसे देश को नमन है।  

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यूट्यूब में आयी टेक्निकल समस्या के बावजूद आज की 24 आहुति संकल्प सूची में 5 युगसैनिकों ने संकल्प पूर्ण करके एक कीर्तिमान स्थापित किया है। आज की गोल्ड मैडल विजेता सुजाता जी और रेणु जी  हैं, उन्हें हमारी व्यक्तिगत एवं परिवार की सामूहिक बधाई। (1)सुजाता उपाध्याय-32 ,(2) वंदना कुमार-24 ,(3 रेणु श्रीवास्तव-34, (4 )सरविन्द पाल-24  (5 ) कुमोदनी गौराहा-24   सभी साथियों के सहयोग, समर्पण, समयदान एवं श्रमदान के लिए हमारा नमन ।


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