ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार के समर्पित सहयोगी जिस श्रद्धा और समर्पण से अपना योगदान दे रहे हैं उसके लिए जितनी सराहना की जाए कम है। हम परम पूज्य गुरुदेव के दिव्य शब्द ही लिख देते हैं “आपने हमारा बहुत सहयोग दिया, हमने जो-जो कहा, जिस जिस बात के लिए निवेदन किया, आपने सभी का पालन करते हुए हमारा जो सम्मान किया उसके लिए हमें श्रीराम भक्त हनुमान जी की भांति ह्रदय चीर कर दिखाना पड़ेगा”
हर बार की भांति आज का स्पेशल सेगमेंट लिखते समय हमारे लिए “चयन” करना बहुत बड़ी चुनौती थी, प्रयास तो पूरी तरह से किया है कि सब को यथासंभव स्थान प्राप्त हो क्योंकि शब्द सीमा का चौकीदार तलवार लिए गर्दन काटने को तैयार ही रहता है। अगर साहस करके इस सीमा को लाँघ भी लें और पीडीऍफ़ फॉर्मेट में असीमित शब्द संख्या में लिख दें, वहां दूसरा कमांडर इन चीफ “समय” बैठा हुआ है, समय आपका और हमारा। हमारा तो कोई नहीं, हम तो समय निकाल ही लेंगें, Retaining span भी तो महत्वपूर्ण है,अगर किसी के पास समय ही नहीं तो लिखने का क्या लाभ।
तो आइए करें विश्व शांति के लिए प्रार्थना चलें शनिवार की Tutorial क्लास की ओर
ॐ सर्वे भवन्तु सुखिनः,सर्वे सन्तु निरामयाः ।सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चिद्दुःखभाग्भवेत् । ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः अर्थात सभी सुखी होवें, सभी रोगमुक्त रहें, सभी का जीवन मंगलमय बनें और कोई भी दुःख का भागी न बने। हे भगवन हमें ऐसा वर दो।
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कमैंट्स सेक्शन
1.बहिन सुमनलता जी ने देवता और देवत्व की के लेख पर कमेंट करते लिखा : हम गुरुकुल पाठशाला में देवता और देवत्व की ही चर्चा तो कर रहे हैं। हमारी दृष्टि में यह अतिशयोक्ति नहीं होगी कि लेख के अनुसार देवता का उदाहरण देखने ,समझने और ढूंढने के लिए इधर उधर क्यों भटकना, आदरणीय भाई साहब तो प्रत्यक्ष उदाहरण हैं जो नित्य दे ही तो रहे हैं, बदले में कुछ भी नहीं मांगते। इसी पर संध्या बहिन ,सुजाता बहिन आदि ने भी stamp लगाई लेकिन हमने रिप्लाई में यही लिखा था कि हम तो केवल गुरुदेव के डाकिया ही हैं। चिट्ठीयों को झाड़ना, सजाना संवारना आदि, हमारा केवल इतना ही कार्य है, इतना सा ही करके गुरुदेव हमें ऐसे ऐसे अनुदान प्रदान कर रहे हैं कि क्या कहें। नमन है ,नमन है और नमन है।
2.बहन निशा जी ने अपनी बहिन के लिए बच्चा गोद लेने में सहायता की, उनका कमेंट पढ़कर बहिन विदुषी जी ने अपने उदगार लिखे जो इस प्रकार हैं : हमारे घर पर काम करने आती है, उसने अपने भाई के लिए बहुत ही संघर्ष के साथ बच्ची लेकर उसे दी,कोर्ट द्वारा पूरी पक्की करवाई , साथ ही अपने भाई को बताये बिना उन्हें 10000 रुपए भी दिए । एक दिन ऐसे ही बोल रही थी दीदी हम कोई दान पुण्य नहीं करते, तो मैंने कहा तूने बच्ची गोद लेकर दी, कितना बड़ा पुण्य किया है फिर कहती अपनों को ही दिया है, किसी ओर की सेवा तो नहीं हुई। खैर मैंने उसे समझा दिया। उसका Husband नहीं है लेकिन पूरी मेहनत से वह घर संभाल रही है और भगवान उसे बरकत भी दे रहा है, ईमानदार भी है। तो निशा जी आपने बहुत ही नेक कार्य किया है किसी की सूनी गोद भरी है, विश्वास कीजिए भगवान आपको कई गुना लौटा कर देगा।
3.सुमनलता जी का नवभारत टाइम्स समाचार पत्र वाला कमेंट बहुत ही शिक्षाप्रद था, साथियों ने कमैंट्स में तो पढ़ा ही होगा, हो सकता है कइयों से मिस भी हो गया हो इसलिए यहाँ शेयर करना बहुत ही उचित रहेगा। बहिन जी ने लिखा था कि समाचार पत्र में प्रत्येक शनिवार को एक विशेष कालम प्रकाशित होता है जिसका शीर्षक “खुद अपनी आंख से ” होता है । जैसा कि शीर्षक से ही स्पष्ट है, लिखने वाले का स्वयं का अनुभव होता है। आज के कालम का शीर्षक है “जूलरी के शोरूम में अनोखा गिफ्ट” लेखक लिखते हैं कि मैं एक जूलरी के शोरूम में गया। शोरूम अभी खुल ही रहा था। हम पहले ग्राहक थे। उन्होंने हमारी आवश्यकता पूछी और हमें सामान दिखाना शुरू किया। तभी सेल्स वूमन ने कहा हम पहले गायत्री मंत्र का पाठ करते हैं तो आपको दो मिनट रुकना होगा। फिर सारे कर्मचारी और हम लोग भी पूरब दिशा की ओर मुंह करके खड़े हो गए। तीन बार ️ की ध्वनि गूंजी और फिर शायद रिकार्डेड गायत्री मंत्र के साथ सभी ने तीन बार गायत्री मंत्र का पाठ किया। जिसकी भी ध्वनि थी ,एकदम स्पष्ट और शुद्ध उच्चारण के साथ थी। इसके पश्चात जब हम वहां से निकलने लगे तो वोह एक बुक शेल्फ लाए जिसमें कुछ पुस्तकें थी। हमसे बोले आप कोई भी बुक ले सकते हैं। हम दो लोग थे तो उन्होंने दोनों को एक-एक बुक उठाने का आग्रह किया । इस पर हम दोनों ने अपनी-अपनी पसंद की एक-एक बुक ले ली। इतना अनोखा उपहार और व्यापार आरंभ करने से हम बहुत प्रभावित हुए। किताबें अमृता प्रीतम और आचार्य चतुरसेन की थीं। किताबों के कवर के बाद के पन्ने पर शोरूम का विज्ञापन और एक अंग्रेजी में quote था There is no friend as loyal as book. यानि कि पुस्तकें सबसे वफादार मित्र होती हैं। हमने ऐसा प्रसंग पहली बार पढ़ा था जो दिल को छू गया। इसलिए अपने परिवार में साझा कर दिया। शायद आप में से किसी और का भी ऐसा कोई अनुभव हो।
4.कुमोदनी बहिन का कमेंट : ईमानदारी का महत्व वही व्यक्ति समझते हैं जो तन मन से ईमानदारी से काम करते हैं वर्ना नकली फोटो खिचाकर दुनिया में प्रदर्शन करने वालों की कमी नहीं है कई लोग तों व्यक्तिगत स्वार्थ साधने के लिए ईमानदारी का ढोंग करते रहते हैं और स्वार्थ पूरा होते ही अपना रंग दिखाना शुरू कर देते हैं। अगर हमें अपने गुरु का असली शिष्य बनना है तो हम कुछ कर सके या नहीं स्वयं को गुरु के आदर्शों में ढालना होगा तभी हम अपने गुरुदेव के वास्तविक शिष्य बन पाएंगे जय गुरुदेव
गतिविधियां सेक्शन
1.अरुण वर्मा भाई साहिब आज रात, 22 जुलाई को शांतिकुंज में तीर्थसेवन करने जा रहे हैं। भाई साहिब लिखते हैं : मैं अपने परिवार के साथ, छोटे भाई साहब के परिवार को भी साथ लेकर जा रहे हैं। उनके दो लड़के हैं। दोनों सुबह स्नान करके देवस्थान के पास बैठकर गायत्री मंत्र करते हैं और उसके बाद ही स्कूल जाते हैं। हम सभी परिवारजन एक साथ ही शांतिकुंज जा रहे हैं, बड़े बेटे को गुरुदीक्षा दिलानी है और छोटे वाला को विद्या संस्कार करवाना है, देखते हैं गुरुदेव कहाँ तक हमें सफलता प्रदान करते हैं।
2.राजकुमारी कौरव जी ने बताया कि गायत्री परिवार करेली द्वारा आज I.k.I.P.S स्कूल अंडरब्रिज के पास करेली में एक कुण्डीय गायत्री यज्ञ एवं विद्यारंभ संस्कार संपन्न हुआ।
3.GPWO -आज रविवार 16 जुलाई 2023 को Gayatri Pariwar Western Ontario द्वारा गुरुपूर्णिमा के उपलक्ष्य में सत नारायण व्रत कथा एवम दीक्षा समारोह का आयोजन किया गया। लगभग तीन घंटे तक चलने वाले इस समारोह का समापन शांतिकुंज के वरिष्ठ जीवनदानी डॉक्टर अमल दत्ता जी को श्रद्धांजलि के साथ हुआ।
4.प्रेरणा बिटिया – परम आदरणीय चाचाजी आपके श्री चरणों में कोटि कोटि नमन वंदन। आज मुझे सुचित करते हुए बहुत खुशी हो रही है कि मेरे यहां सिवान शक्तिपीठ पर दिव्य शक्तिकलश का शुभ आगमन हुआ।ये वही शक्तिकलश हैं जिसका पूजन परम श्रद्धेया जीजी ने 28 मई को शांतिकुंज में किया था। 251 कुंडीय गायत्री महायज्ञ मस्तीचक, सारण, बिहार में होने जा रहा है, ये शक्ति कलश उसी का संदेश देने पूरे बिहार में घूम रहा है। इस महायज्ञ को लघु अश्वमेध यज्ञ कहा जा रहा है। शांतिकुंज से चलते हुए ये बिहार पहुंचा और बिहार के अन्य जिलों में घूमते घूमते अब ये हमारे जिला सिवान में 14 जुलाई 2023 को पहुंचा। सिवान शक्तिपीठ पर इसका भव्य स्वागत व पूजन हुआ। महिला मंडल की महिलाओं द्वारा कलश पूजन कराया गया। मैंने भी कलश देवता को पुष्प अर्पित किए।
कलश देवता का पूजन शुरू होने से पहले ही पूरे आकाश में काले बादल छाए हुए थे। जब कलश देवता का पूजन शुरू हुआ तो बहुत ही तेज हवाएं चलने लगी और थोड़े में तेज बारिश भी होने लगी। उसी बारिश में छाता लेकर हम सभी ने कलश देवता का पूजन किया। उस समय ऐसा दिव्य वातावरण हो गया था कि मैं उसे शब्दों में नहीं पिरो सकती। सचमुच अद्भुत आभास हुआ।
कलश पूजन के बाद परम आदरणीय विकास भैया जी ने हम सभी को इस लघु अश्वमेध महायज्ञ के बारे में बताया कि कैसे हम सभी अपनी भागीदारी इसमें सुनिश्चित करें।ये वही विकास भैया है जिनके बारे में परम आदरणीय अरूण त्रिखा चाचाजी ने बहुत बार बताया है। इन्होने बहुत ही सुन्दर मार्गदर्शन प्रदान किया । इन्होंने बताया कि वहां पर एक भव्य प्राकृतिक यज्ञशाला बनकर तैयार हो रही है जिसकी लागत 70 लाख रुपए है। सचमुच बहुत ही अद्भुत महायज्ञ हो रहा है। आप सभी इसमें सादर आमंत्रित हैं। मैंने कभी अश्वमेध यज्ञ नहीं देखा लेकिन गुरुदेव की कृपा ही है कि हमारे घर के कुछ ही दूरी पर ये महायज्ञ संपन्न होने जा रहा है। सचमुच मैं बहुत ही सौभाग्यशाली हूं। मुझसे जितना होगा मैं अपनी भागीदारी इस महायज्ञ में सुनिश्चित करूंगी। किसी भी त्रुटी के लिए क्षमा प्रार्थी हूं। जय महाकाल।
5.बहुत खुशी की बात है की संजना बेटी का छोटा भाई और पूनम-अशोक जी के बेटे शुभम की DSVV में एडमिशन हो गई है और वह Yogic Science में जा रहा है। संजना बेटी ने इस खुशी में हमें शामिल तो किया ही लेकिन एडमिशन का श्रेय भी हमें दे दिया, बेटी यह तो गुरुदेव की कृपा और बेटे का परिश्रम ही है, हमारा तो कुछ भी योगदान नहीं है। आइए बेटे शुभम को सपरिवार बधाई देकर सफलता का आशीर्वाद दें।
6. FLN यानि Foundational Learning and Numeracy ट्रेनिंग के दौरान कुमोदनी बहिन ने शिक्षकों को प्रेरणा गीत के माध्यम से गुरुदेव के सिद्धांतों से प्रेरित कराया। हम बहिन जी का ह्रदय से धन्यवाद् करते हैं। हमारे साथी दिए गए लिंक से FLN के बारे में और जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। https://www.diksha.gov.in/fln.html
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आज की 24 आहुति संकल्प सूची में 11 युगसैनिकों ने संकल्प पूर्ण किया है। आज रेणु श्रीवास्तव बहिन जी गोल्ड मैडल विजेता हैं लेकिन सरविन्द जी और संध्या जी का योगदान भी गोल्ड मैडल जैसा ही है (1)संध्या कुमार- 45 ,(2) सुजाता उपाध्याय-37,(3) रेणु श्रीवास्तव- 48 ,(4) सुमन लता-34 ,(5) चंद्रेश बहादुर-36 ,(6) सरविन्द पाल-43 ,(7) अरुण वर्मा-29 ,(8 )वंदना कुमार-26,(9 ) मंजू मिश्रा-28,(10)संजना कुमारी-25,(11)विदुषी बंता-25
सभी को हमारी व्यक्तिगत एवं परिवार की सामूहिक बधाई
