आज का स्पेशल सेगमेंट आरम्भ करने से पहले हम अपने साथियों का ह्रदय से धन्यवाद् करना चाहते हैं जिन्होंने हमारा कार्यभार अपने कन्धों पर लेकर एक समर्पित परिवार भावना का उदहारण स्थापित किया है। बहुत बहुत धन्यवाद् साथियो, सहपाठिओ,सहकर्मियों ,युगसैनिको ………. नमन करते हैं।
परिवार का विस्तार हो रहा है, सार्थक मार्गदर्शन मिल रहा है, परिवारों में सुखशांति के समाचार मिल रहे हैं, गुरुकृपा वर्षा कर रही है, युग परिवर्तन होता दिख रहा है, व्यक्ति निर्माण, परिवार निर्माण, समाज निर्माण ,विश्व निर्माण, युगनिर्माण हो रहा है , नकारात्मकता का नाश और सकारात्मकता का विस्तार प्रतक्ष्य होता दिख रहा है। इन सभी परिणामों लिए किसी एक को न, बल्कि परिवार के सामूहिक- संयुक्त सहयोग को नमन करने के इलावा और कुछ कहा ही नहीं जा सकता।
गुरुपूर्णिमा महापर्व पर आदरणीय डॉ ओ पी शर्मा जी की एक घंटे की वीडियो में से अभी तक प्रकाशित हुई 11 मिंट की रेगुलर यूट्यूब वीडियो और पांच Shorts वीडियोस को जो रिस्पांस मिला है उसके लिए सभी साथियों का धन्यवाद् करते हैं। बहिन सुमनलता जी ने बाकी की वीडियो को भी प्रकाशित करने का प्रस्ताव रखा है जिसे पूर्ण करना हमारा परम धर्म है। आज रात को छठी शार्ट वीडियो प्रकाशित करके पूर्णाहुति प्रदान की जाएगी। सोमवार से हम परमपूज्य गुरुदेव के महान ग्रन्थ का अध्ययन resume करेंगें।
आजकल हम आदरणीय डॉ ओ पी शर्मा जी की पुस्तक “अज्ञात की अनुभूति” का स्वाध्याय करके समझने का प्रयास कर रहे हैं। 202 पन्नों की इस पुस्तक में 1970 से सुरक्षित रखी डायरी और शांतिकुंज में परम पूज्य गुरुदेव, वंदनीय माता जी, श्रद्धेय डॉक्टर प्रणव पंड्या जी, शैल जीजी एवं अनेकों के संस्मरण प्रकाशित किये गए हैं। हम डॉक्टर साहिब का और अभिषेक मिश्रा जी का हृदय से धन्यवाद् करते हैं जिन्होंने यह पुस्तक उपलब्ध कराई, अभी यह पुस्तक ऑनलाइन उपलब्ध नहीं है।
Youtube analytics पर आधारित भारत में इंदौर और USA में Los Angeles नगर में ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार की सबसे अधिक viewership है जिसके लिए हम सभी साथियों का तहदिल से धन्यवाद् करते हैं क्योंकि आपके कमैंट्स और सक्रियता से ही विश्व के अलग अलग search engines से ट्रैफिक डायरेक्ट हो रही है। Youtube पर विश्व के अनेकों स्थानों का data उपलब्ध है। हमारा केवल एक ही यूट्यूब चैनल, व्हाट्सप्प,फेसबुक, इंस्टाग्राम और ट्विटर अकाउंट है। हम यह इसलिए कह रहे हैं कि हमें न तो भीड़ इक्क्ठी करने की उत्सुकता है और न ही सस्ती लोकप्रियता एवं विज्ञापन की। आवश्यकता है तो केवल समर्पण और विलय की, जो हमें निरंतर भरपूर मिल रहा है। हाँ, नियमितता के प्रश्न पर कभी कभार मन मार कर compromise करने को विवश हो जाते हैं लेकिन उसमें भी साथियों का सहयोग हमारी विवशता को दूर कर देता है। एक बार फिर से बच्चों को नियमितता का मूलमंत्र स्मरण कराते हैं ।
आज का स्पेशल सेगमेंट तीन sections में प्रकाशित किया गया है।
क) कमैंट्स सेक्शन ख) गतिविधि सेक्शन और ग) अनुभूति सेक्शन
कमैंट्स सेक्शन में साथियों के कमैंट्स पर चर्चा की गयी है, गतिविधि सेक्शन में साथियों की गतिविधियों का विवरण एवं अनुभूति सेक्शन में आदरणीय सरविन्द जी की घटना वर्णित की गयी है जिसे पढ़कर गुरुदेव के प्रति विश्वास और भी परिपक्व हो जाता है।
कमैंट्स सेक्शन :
1.“गुरुदेव माता जी को माँ शारदा क्यों कहते थे ?” शीर्षक से प्रकाशित हुई वीडियो में वंदनीय माता जी के शक्तिपीठों के प्रति विचारों को सुनकर बिटिया संजना ने कमेंट किया था कि यूनिवर्सिटी में उसकी दोस्त की मम्मी ने शक्तिपीठ के ट्रस्टी पद से इस्तीफा दे दिया था क्योंकि वहां राजनीति थी ।
2.गुरु महिमा का गुणगान करते सरविन्द जी के ज्ञानप्रसाद लेख पर संध्या जी ने “गुरु-शिष्य समर्पण” में गुरुदेव-दादागुरु और विवेकानंद-परमहंस का उदहारण देकर चर्चा में चार चांद लगा दिए थे। बहिन जी ने नियमियता पर भी बल दिया था। हम सबकी दृष्टि में नियमितता बहुत ही बड़ा issue है क्योंकि जो साथी इस गुणधर्म का पालन कर रहे हैं वही बता सकते हैं कि उन्हें क्या प्राप्त हो रहा है।
3.चंद्रेश जी ने गुरुभक्ति के सन्दर्भ में गुरु-शिष्य के मिलन,परीक्षण ,मूल्यांकन और समर्पण वाली बात को क्लियर किया।
4.बहिन रेणु जी ने अहंकार को गलाकर सच्चे समर्पित शिष्य बनाने की बात कही है।
5.प्रेमशीला बहिन जी के पतिदेव के स्वास्थ्य के प्रति जिज्ञासा व्यक्त कर,अरुण जी ने परिवार के प्रति अपनी ज़िम्मेदारी को प्रकट किया है जो बहुत ही सराहनीय है। ऐसे पुरषार्थ ही ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार की रीढ़ हड्डी है। इन पंक्तियों को लिखते समय भी हमें व्हाट्सप्प पर इस विषय पर प्रश्न पूछे जा रहे थे, हमने बहिन जी को यूट्यूब पर अपडेट करने के लिए निवेदन भी किया था, उन्होंने अपडेट करके हमें सूचित भी कर दिया था लेकिन किसी कारणवश हमें बहिन जी का अपडेट दिखाई नहीं दिया। इसलिए हम शेयर कर रहे हैं कि डॉक्टर्स ने दवाई देकर एक महीने के बाद आने को कहा है।
5.बहिन सुमन लता जी ने डॉ शर्मा जी की वीडियो का बाकी का पार्ट भी प्रकाशित करने का सुझाव दिया जिसको चंद्रेश जी ने second किया है। हमें भी यह सुझाव बहुत ही अच्छा लगा है Retain span का प्रश्न अभी भी हमारे मस्तिष्क पटल पर ज्वारभाटा की भांति हलचल मचाए हुए है। हमें विश्वास है कि गुरुदेव ही इस हलचल का समाधान करेंगें क्योंकि ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार के सारथी गुरुदेव स्वयं ही तो हैं। अवश्य ही उन सभी चलते-चलाते, कभी कभार परिवार में मुँह दिखाने वाले, हथेली पर सरसों ज़माने वाले साथियों का ह्रदय परिवर्तन करके, नियमितता का पाठ, स्थिरता का पाठ पढायेंगें। कब तक भटके हुए देवता की भांति भटकते रहेंगें। परिवार को ऐसे साथियों की बहुत चिंता है।
6.सुमनलता बहिन जी का प्रत्येक कमेंट बहुत ही सुन्दर दोहों से आरम्भ हो रहा है जो कि बहुत ही सराहनीय है।
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गतिविधि सेक्शन :
1.हमारी सबकी बहिन राजकुमारी जी ने गुरुपूर्णिमा महापर्व बहुत ही निष्ठा और समर्पण से सम्पन्न किया । 5 जुलाई से बहिन जी ने सवा लाख गायत्री मन्त्र की 40 दिवसीय साधना भी आरम्भ की है।
2.प्रेम शीला मिश्रा बहिन जी ने भी गुरुपूर्णिमा महापर्व मनाने की सूचना शेयर की थी। प्रज्ञा महिला मंडल 263 मानस एन्क्लेव इन्द्रा नगर लखनऊ में 35 भाई-बहनों ने 385 माला का सामूहिक जप किया। इसी समारोह में चिरंजीव विभव शर्मा का दीक्षा एवं यज्ञोपवीत संस्कार तथा आदरणीय अर्चना श्रीवास्तव जी का दीक्षा संस्कार संपन्न कराया गया।
3.गुरुपूर्णिमा के दिन ही स्नेहा गुप्ता जी की बेटी मिट्ठी का जन्म दिवस था। स्नेहा बेटी ने 17 सेकंड का वीडियो भेजी थी जिसे आपके साथ शेयर कर रहे हैं।
अनुभूति सेक्शन:
परम पूज्य गुरुदेव का सुरक्षा कवच काम कर रहा है -सरविन्द कुमार पाल
27 जून 2023 शनिवार लगभग दोपहर 2:00 बजे की घटना है। हम अपने गाँव से लगभग 10 किलोमीटर दूर कस्बा साढ़ में अपनी मोटर साईकिल की सर्विस कराने गए हुए थे l सर्विस सेंटर के बगल में TVS मोटर साईकिल की एजेंसी है। एजेंसी वालों ने कुड़नी दरबार हनुमान मंदिर में कथा सुनी थी और प्रसाद ग्रहण करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था, क्या मालुम था कि वह प्रसाद विष बन जाएगा। समाचार के अनुसार जिस किसी ने भी इस प्रसाद को ग्रहण किया, उसका स्वास्थ्य बिगड़ गया। समस्या ने इतना विकराल रुप धारण कर लिया कि सभी को उल्टी-दस्त होने लगे l डाक्टरों ने अथक परिश्रम कर समस्या का समाधान किया l आश्चर्यजनक बात यह है कि उसी प्रसाद को हमने भी ग्रहण किया लेकिन हमें ऐसी कोई भी समस्या नहीं अनुभव हुई और हम बिल्कुल स्वस्थ रहे l चार दिन बाद मोटर साईकिल के मैकेनिक ने हमसे फोन पर सम्पर्क स्थापित कर सम्पूर्ण घटना से अवगत कराया और हमारा कुशलक्षेम भी पूछा l
अगर आज परम पूज्य गुरुदेव की शरण में न होते तो हम भी चपेट में आ गए होते लेकिन यह उन्हीं की कृपादृष्टि है कि हमें कुछ नहीं हुआ और हम सुरक्षित हैं।
इस घटना से हम पूर्ण विश्वास से कह सकते हैं कि परम पूज्य गुरुदेव का सुरक्षा कवच काम कर रहा है, क्योंकि परम पूज्य गुरुदेव साक्षात महाकाल हैं और जिनके सिर पर महाकाल का हाथ होता है उसका कभी अमंगल नहीं हो सकता है।
ऑनलाइन ज्ञानरथ ज्ञानरथ गायत्री परिवार के मंच से इस प्रकार की अनेकों अनुभूतियाँ प्रकाशित हो चुकी हैं और आगे भी होती रहेंगीं। ऐसी अनुभूतियों के प्रकाशन के पीछे केवल एक ही उद्देश्य है : अपने गुरु के प्रति अटूट श्रद्धा और विश्वास। परिवार में अनेकों साथी गुरुदेव के साक्षात् दर्शन करने के सौभाग्य से वंचित रह गए होंगें और उनकी शक्ति से भी अपरिचित होंगें। अनुभूतियाँ ही हैं जिनके माध्यम से ऐसे साथी परम पूज्य गुरुदेव के सानिध्य का अनुभव कर सकते हैं।
हम अपनी अल्प बुद्धि के आधार पर कह सकते हैं कि परम पूज्य गुरुदेव के अनुदान प्राप्त करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण बात है समर्पण। गुरुदेव के समर्पण से तो हम भलीभांति परिचित हैं, लेकिन साथियों के लिए नियमित तौर से सहभागिता सुनिश्चित करके, सक्रियता से समयदान व श्रमदान करना उचित होगा। परम पूज्य गुरुदेव के आध्यात्मिक व क्रान्तिकारी विचारों को आत्मसात् कर अपने जीवन का कायाकल्प कर अपने आपको कृतार्थ करें और अधिक से अधिक लोगों को भी प्रेरित करें महान कृपा होगी हम सदैव आपके आभारी रहेंगे l परम पूज्य गुरुदेव के श्री चरणों में स्वर्ग है और इस स्वर्ग का लाभ लें l
गुरुदेव की शरण में आने का सौभाग्य सच में हमें निरंतर मिल रहा है इसके लिए आदरणीय अरुण जी का योगदान बहुत ही सराहनीय व प्रशंसनीय है जिन्होंने हम सबको एक ऐसा सुसंस्कृत व पवित्र प्लेटफार्म दिया जिसमें हम सबकी भावनाओं का सम्मान किया जाता है, हम सबकी सुप्त पड़ी प्रतिभा जगायी जाती है और परस्पर सौहार्द और सहकारिता का पाठ पढ़ाया जाता है l
सार्थक जीवन ही मनुष्य का परम उद्देश्य है। सार्थक जीवन जीने वाला मनुष्य हमेशा खुश रहता है और परिवार को सुसंस्कृत बनाते हुए सुखी व समुन्नत जीवन जीता है। ऐसी प्रवृति वाले मनुष्य ही भगवान के सच्चे साधक होते हैं जो नवसृजन सेनानी, युग शिल्पकार व सजग सिपाही की तरह जनकल्याण में अपना बहुमूल्य समय निकालकर समयदान करते हैं और पात्रता विकसित करते हैं।
हमारी अनुभूति से स्पष्ट हो रहा है कि परम पूज्य गुरुदेव सही मायनों में अपने बच्चों को विषम परिस्थितियों से उबारने तथा घोर संकट से बचाने हेतु विष को भी अमृत बना देने की समर्था रखते हैं। इस तथ्य में तनिक भी संदेह व संशय नहीं है l
ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार के मंच से पूरा सप्ताह गुरूपूर्णिमा का पावन महापर्व मनाने का संकल्प लिया गया है। साथियों से आग्रह करते हैं कि संकल्प में साझेदारी देकर सफल बनाएं और जीवन को सार्थक करें। मनुष्य जीवन ईश्वर का दिया हुआ अमूल्य उपहार है, इस उपहार का सदुपयोग कर, गिलहरी की भाँति योगदान देकर स्वयं का एवं सबका कल्याण करें। मानव से महामानव एवं नर से नारायण बनने की यही एकमात्र प्रक्रिया है, इससे कम से काम नहीं चल पायेगा। जय गुरुदेव।
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आज की 24 आहुति संकल्प सूची में 11 युगसैनिकों ने संकल्प पूर्ण किया है। आज अरुण जी गोल्ड मैडल विजेता हैं (1)संध्या कुमार- 52 , (2) सुजाता उपाध्याय-45 ,(3) रेणु श्रीवास्तव- 37 , (4) सुमन लता-28 , (5 ) चंद्रेश बहादुर-39 , (6)अरुण वर्मा-60 ,(7) सरविन्द पाल-43 ,(8) मंजू मिश्रा-28, (9 )वंदना कुमार-24 ,(10) निशा भारद्वाज-25 ,(11) स्नेहा गुप्ता -24
सभी को हमारी व्यक्तिगत एवं परिवार की सामूहिक बधाई
