वेदमाता,देवमाता,विश्वमाता माँ गायत्री से सम्बंधित साहित्य को समर्पित ज्ञानकोष

अपने सहकर्मियों की कलम से -दिशा पटेल और बिकाश शर्मा का योगदान 

3 June 2023

सप्ताह का सबसे लोकप्रिय सेगमेंट “अपने सहकर्मियों की कलम से” आपके समक्ष प्रस्तुत करते हुए हमें एक ऐसे आनंद का आभास  होता है जिसे शब्दों में वर्णन करना असंभव नहीं तो कठिन अवश्य है।

आज का सेगमेंट केवल दो ही सहकर्मियों का योगदान होने के कारण देखने को तो छोटा दिख रहा है लेकिन मस्तीचक में हो रहे 251 कुंडीय यज्ञ के कलश पूजन की वीडियो लगभग 10 मिंट की है।  

आज शब्द सीमा हमें कुछ कहने की परमिशन दे रही है तो आइए कुछ आपस की बात करें। हमें तो हर बार ऐसा ही आभास होता है कि हम आपके सामने ही बैठे बातें कर रहे हैं। निम्नलिखित परस्पर बातचीत में जो भी कुछ लिखा गया है कोई sequence नहीं है, जो मन में आता गया आपके समक्ष रखते गए।   

अनेकों सहकर्मियों के दुःख-सुख, शुभकामनाएं,बधाई सन्देश, विवाह  एनिवर्सरी, जन्म दिवस समारोह, शक्तिपीठों के समाचार, गतिविधियां, साथियों के  परिवारों की गतिविधियां, बच्चों की प्रतिभा, प्रोत्साहन, वरिष्ठों का मार्गदर्शन जैसी कोई भी बात जो ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार के साथ सीधे तौर से जुडी हुई हो; हमारे पास उनका पोस्ट होना, फिर उनका चयन करना, एडिट करना, रोचक बनाना,पोलिश करना, यह सभी क्रियाएँ हमें स्थूल और सूक्ष्म  तौर पर व्यस्त रखती हैं, हमें पता ही नहीं चलता कि  समय कहाँ भागता चला जाता है – यही है हमारी प्रसन्नता का मुख्य कारण। गुरुदेव से करबद्ध निवेदन करते रहते हैं कि जीवन के इस अंतिम पड़ाव पर जो कार्य सौंपा है उसे पूर्णता की ओर  संपन्न करने की शक्ति प्रदान करते रहें। 

हमारे साथी, सहपाठी कभी-कभी इंटरनेट की, व्हाट्सप्प की, यूट्यूब की, कमैंट्स की, सूची आदि को लेकर चिंतित हुए दिखते हैं, हमारे साथ अपनी चिंता शेयर भी करते हैं लेकिन यह टेक्नोलॉजी का युग है, भागदौड़ का युग है, अनेकों बातें ऐसी होने वाली हैं जिनका कोई भी explanation नहीं है। अभी दो दिन पहले ही हमारा व्हाट्सप्प अकाउंट ban कर दिया गया, support team से कांटेक्ट किया उन्होंने कुछ हो घंटों में restore भी कर दिया लेकिन email में ऐसा गोल-मोल उत्तर दिया कि क्या कहें। यह है टेक्नोलॉजी। 

पाठकों से हम बार-बार आग्रह करते रहते हैं कि गुरुदेव का साहित्य पढ़ना और पढ़ाना ही गुरु की सबसे बड़ी सेवा है।  बहुत से लोग पढ़ भी रहे हैं, आगे शेयर भी कर रहे हैं। पढ़ने/न पढ़ने का स्पष्ट प्रमाण भी मिल रहा है जिसके लिए हम आप सब के ह्रदय से आभारी हैं। लेकिन एक घटना आपके साथ शेयर कर रहे हैं, इस घटना से कुछ तो शिक्षा मिलेगी ही।   

अभी कल ही की बात है कि हमें किसी का फ़ोन आया तो हमें बताने लगे कि मैंने गुरुदेव की अनेकों पुस्तकें पढ़ी हैं, गायत्री महाविज्ञान पढ़ा है, वीडियो देखी  हैं आदि आदि। फिर गुरुदेव के महाप्रयाण की बात चल पड़ी तो हमने  कहा कि  गुरुदेव कहीं गए थोड़े हैं वोह तो शांतिकुंज के कण कण में निवास कर रहे  हैं, गुरुदेव स्थूल रूप में हमारे साथ थे, अब सूक्ष्म में और भी सक्रिय हो जायेंगें, फिर हमने गुरुदेव के वायरलेस टेलीफोन की बात की, लेकिन उन्हें हमारी बातों में कोई रूचि नहीं थी। हमने पूछा कि अगर आपने हमारा “शिक्षा और विद्या” वाले लेख की अंतिम तीन पंक्तियों को पढ़ा होता तो आप ऐसी बच्चों जैसी बात न करते। उन्होंने फटाक से कहा, “ हाँ मैंने पढ़ा है” लेकिन हम उन्हें बार-बार कहे जा रहे थे कि पढ़ना तो दूर, आपने देखा तक नहीं है, अगर देखा होता तो ऐसी बात न करते।  इन्हीं  तीन पंक्तियों की बात हमारे वरिष्ठ साथी सुमन लता जी ने भी की थी। 

ऐसे पाठकों को देखकर हमें  तरस आता है कि इस ड्रामेबाज़ी से क्या हासिल होना है, यह मार्केटिंग और TRP का परिवार नहीं है। यहाँ परिजन सुबह चार बजे उठकर हमारे ज्ञानप्रसाद की प्रतीक्षा करते हैं, कभी कभार किसी कारणवश किसी  के पास ज्ञानप्रसाद/ शुभरात्रि सन्देश नहीं पहुँच पाते तो मिंटों  में ही मैसेज आने शुरू हो जाते हैं कि आज ज्ञानप्रसाद क्यों नहीं आया।  इस परिवार में परिजन गुरुदेव के साहित्य को पढ़ नहीं रहे है, पी रहे हैं ,यह अमृतपान है, हम सब गुरुदेव के साहित्य से अमर हो रहे हैं। नमन है ऐसे परिवार को ,ऐसी श्रद्धा को।

जब संकल्प सूची को ऊपर नीचे होता देखकर समर्पित सहकर्मी चिंतित होते हैं तो गुरुदेव के ही अमृत वचन हिम्मत बंधाते हैं, “रास्ता कठिन है,पग पग  पर स्पीड ब्रेकर हैं,मंज़िल सामने है ,प्रयास करते रहना है”

एक बात हमने अनेकों बार “Try and Test” की है, हर बार एक ही परिणाम मिला है। शायद यह भी गुरु कृपा ही है। बात यह है कि किसी कारणवश कोई  साथी अचानक, बिना सूचित किये परिवार से गायब हो जाता है (अधिकतर सूचित कर ही देते हैं ), हम प्रतीक्षा करते रहते हैं, परिवारजन  भी पूछना आरम्भ कर देते हैं, हम सम्पर्क करते हैं कोई भी रिप्लाई नहीं आता, चिंता हो जाती है, किसी  दुविधा में ही न हों। फिर अचानक अंदर से ही आवाज़ उठती है कि आज उनका मैसेज/ कमेंट अवश्य आया होगा, और जब हम देखते है तो मैसेज आया ही होता है। ऐसा एक बार नहीं, दो बार नहीं, कई बार हो चुका है – एक बार फिर नमन करते हैं अपने परमप्रिय गुरु को। 

तो आइए चलें अपने दोनों सहकर्मियों की ओर :              

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1.जाग्रति बहिन जी की बेटी के मंगल विवाह की बहुत बहुत बधाई : 

पिछले सप्ताह जब हम यह स्पेशल सेगमेंट लिख रहे थे तो जाग्रति बहिन जी ने बेटी दिशा के विवाह की सूचना पोस्ट की लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी, हम प्रकाशन के लिए लगभग तैयार ही थे    

Married couple को सभी परिवारजन  ह्रदय से अपनी बधाई और शुभकामना भेजते हैं। जब हमने जाग्रति बहिन जी से दिशा बेटी के बारे में कुछ बताने को कहा तो उन्होंने हमारा 8 अक्टूबर 2021 वाला स्पेशल सेगमेंट लेख फॉरवर्ड कर दिया जिसमें हमने बेटी की प्रतिभा को प्रोत्साहन देने का प्रयास किया हुआ था। हम बहिन जी का इस बात के लिए ह्रदय से धन्यवाद्  तो करते ही  हैं कि उन्होंने इस लेख को श्रद्धा से save करके रखा हुआ था, साथ ही यह निवेदन भी  करते हैं कि यूट्यूब पर हमारे लेखों को नियमितता से पढ़ा करें एवं कमेंट करके सक्रियता दिखाया करें। मन को बहुत ही प्रोत्साहन मिला कि हमारी लेखनी और विचारों को संभाल कर रखा जा रहा है। 

उस समय के स्पेशल सेगमेंट  के अनुसार बेटी दिशा को गुरुदेव का पेंसिल स्केच बनाने के लिए  देव संस्कृति यूनिवर्सिटी में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ था। हमारे साथियों को बेटी की चिन्मय जी के साथ फोटो अवश्य याद आ गयी होगी। 

2.मस्तीचक बिहार में 251 कुंडीय यज्ञ :

पिछले सेगमेंट में हमने मस्तीचक शक्तिपीठ से सम्बंधित तीन समाचार शेयर किये थे, आज फिर हम 31 अक्टूबर से 3 नवंबर 2023 के बीच  मस्तीचक में हो रहे 251 कुंडीय यज्ञ के बारे में बताना चाहेंगें। 28 मई को  युगतीर्थ  शांतिकुंज में श्रद्धेया जीजी द्वारा कलश पूजन सम्पन्न  हुआ और उसके बाद जो कुछ भी हुआ उसे  जानने के लिए हम  10 मिंट की वीडियो का लिंक दे रहे हैं। चिरंजीव बिकाश शर्मा जी की बात जब भी आती है तो हमें उनके साथ जुडने का संस्मरण याद आ जाता है। आदरणीय सरविन्द भाई साहिब का कमेंट-काउंटर कमेंट अविष्कार तब  भी चमत्कार दिखा रहा था। बिकाश जी के साथ जुड़ना उसी आविष्कार का प्रतिफल था। 

बात कुछ ऐसी हुई थी कि हमनें परम पूज्य गुरुदेव के प्रथम शिष्यों में से  एक, शिष्य शिरोमणि आदरणीय शुक्ला बाबा के बारे में एक लेख लिखा था, इस लेख पर कमेंट करते हुए किसी ने शुक्ला बाबा को स्वर्गीय लिख दिया था जबकि उस समय बाबा जीवित थे। बिकाश बेटे ने एक दम काउंटर कमेंट करते हुए संशोधन तो किया ही, साथ में हमें फ़ोन करके वीडियो कॉल के माध्यम से वोह आत्मीयता दर्शाई कि उस दिन से वोह हमारा बेटा  और हम उसके बाबू जी बन चुके हैं। मस्तीचक से सम्बंधित पल-पल की जानकारी ,अखंड ज्योति नेत्र हॉस्पिटल की जानकारी ,जहाँ तक कि अपनी व्यक्तिगत जीवन की अनेकों समस्याओं का परामर्श भी बेटा बिकाश लेता आ रहा है। मृतुन्जय जी, शुक्ला बाबा, सुनैना जी एवं अनेकों दिव्य आत्माओं से ज़ूम मीटिंग कराने में बिकाश बेटे का ही योगदान है, जिसके लिए हम सदा आभारी रहेंगें। 

साथियों को  बता दें कि  बिकाश बेटे ने 2015 में  DSVV से MA Tourism Management की डिग्री प्राप्त की है। अगर आप बिकाश बेटे को मिल लेते हैं तो आपको कल  रात वाले  शुभरात्रि सन्देश की सार्थकता स्वयं ही समझ आ जाएगी कि DSVV में किस प्रकार के युगशिल्पिओं की manufacturing हो रही है। यह तो 8-10 वर्ष पुरानी बात है, आजकल का latest product आप हमारी बेटी संजना में देख सकते हैं। 

अपने सहकर्मियों की जानकारी  के लिए एक फोटो शेयर कर रहे हैं जिसमें आप  बिकाश बेटे को आदरणीय शरद पारधी, वाईस चांसलर जी के चरण स्पर्श करते देख रहे हैं। इस फोटो को शेयर करने का एक उद्देश्य तो ऋषि परम्परा, आचार्य परम्परा  को दिखाना है और दूसरा यह दर्शाना है कि DSVV के वाईस चांसलर का निवास कैसा है। इसी जिज्ञासा के निवारण के लिए हमने आदरणीय डॉक्टर  ओ पी शर्मा और डॉक्टर गायत्री शर्मा जी के निवास की वीडियो अपने चैनल पर अपलोड की हुई है। हमारा सारा कार्यकाल यूनिवर्सिटी में ही व्यतीत हुआ है, भलीभांति कह सकते हैं कि हमारे वाईस चांसलर महल जैसे घरों में रहते थे और हर किसी को यह छोटे ही लगते थे। 

Life Management का compulsory कोर्स करवाने का उद्देश्य स्पष्ट दिख रहा है। नमन है ऐसे गुरु को जिनकी दूरदर्शिता ऐसे युगशिल्पिओं का उत्पादन कर रही है। 

आज के  स्पेशल सेगमेंट का समापन यहीं पर संकल्प सूची के साथ होता है। 

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आज की 24 आहुति संकल्प सूची में केवल 3 ही युगसैनिक सफल हो पाए। सरविन्द जी स्वर्ण पदक विजेता हैं। 

(1)सरविन्द कुमार-25  ,(2 ) संध्या कुमार-37 ,(3) सुजाता उपाध्याय-26,(4) अरुण वर्मा-25, (5 ) स्नेहा गुप्ता-31,(6)वंदना कुमार-28,(7) सुमन लता-29,(8)रेनू श्रीवास्तव-29, (9 ) चंद्रेश बहादुर-28,(10 ) मंजू मिश्रा-25   सभी को हमारी व्यक्तिगत एवं परिवार की सामूहिक बधाई। 


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