वेदमाता,देवमाता,विश्वमाता माँ गायत्री से सम्बंधित साहित्य को समर्पित ज्ञानकोष

आंवलखेड़ा का पूर्णाहुति महायज्ञ 

15 मई 2023 का ज्ञानप्रसाद

आज का ज्ञानप्रसाद लेख जो एक पीडीएफ फॉर्मेट में है ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार का 800वां लेख है। इस लेख को लिखने के लिए हमने कई दिन तक, कई बार स्वाध्याय किया और जितना हम समझ सके, compile कर सके, परिश्रम और श्रद्धा से अपने सहपाठियों के समक्ष प्रस्तुत कर रहे हैं। इंटरनेट पर इस विषय से सम्बंधित विस्तृत  ऑडियो,वीडियो और लेख का विस्तार देखते हुए हमें जहाँ-जहाँ लगा कि संशोधन होना चाहिए, करने का प्रयास किया है। हो सकता है अभी भी कुछ त्रुटियां  रह गयी हों जिसके लिए हम क्षमा प्रार्थी हैं। 

यह लेख आंवलखेड़ा में आयोजित प्रथम पूर्णाहुति महायज्ञ को समर्पित है। 1995 में आयोजित इस महायज्ञ से शांतिकुंज की चौबीस वर्ष की सतत् साधना पूर्ण हुई। शाँतिकुँज के लिए इन पिछले चौबीस( 1971-1995)  वर्षों का प्रत्येक वर्ष उसके संस्थापक, परम पूज्य गुरुदेव  के चौबीस पुरश्चरणों वाले, चौबीस वर्षों का अन्तिम अध्याय था, इसी के साथ “तरुण तपस्वी शाँतिकुँज” ने अपने पच्चीसवें वर्ष रजत जयन्ती वर्ष में प्रवेश किया।

गुरुकुल पाठशाला के विद्यार्थियों की सुविधा के लिए तीन वीडियो लिंक्स दिए हैं जिन्हें देखे बिना यह लेख अधूरा रहेगा। लेख और वीडियोस का पूर्ण स्वध्याय करने में कुछ समय लगना निश्चित है, इसलिए आप अपने समयानुसार इस सारे होमवर्क को पूर्ण कर सकते हैं। इस विलक्षण स्थिति को ध्यान में  रखते हुए हम एक नया प्रयोग कर रहे हैं जिसमें अगले एक दो दिन हम कोई भी लेख प्रकाशित नहीं करेंगें और सहपाठियों को  अतिरिक्त समय देते हुए आशा करते हैं इनका स्वाध्याय पूर्ण श्रद्धा से किया जायेगा। शायद यह कहना गलत न हो कि 3 वीडियोस और एक लेख चार ज्ञानप्रसाद लेख के बराबर होते हैं, जैसे जैसे जिस स्तर का स्वाध्याय होता जायेगा, कमैंट्स प्रकाशित होते जायेंगें। इस प्रयोग का तात्पर्य  वही है “गुरुदेव को ही नहीं ,गुरुदेव की भी सुनना एवं नियमितता का पालन करना। ” पाठक जो जो स्वाध्याय करते जायेंगें कमेंट करते जायेंगें तो flow बना रहेगा। 

आशा करते हैं हम अपनी बात सफलता से आपके समक्ष रख सके हैं। तो आइए करते हैं आज की गुरुकुल पाठशाला का शुभारम्भ लेकिन 24 आहुति संकल्प सूची के बाद। 

आज  की  24 आहुति संकल्प सूची  में 6   युगसैनिकों ने संकल्प पूर्ण किया है। संध्या  जी   स्वर्ण पदक विजेता घोषित हुई  हैं । 

(1)संध्या कुमार-39,(2 )सुजाता उपाध्याय-26,(3 )सरविन्द पाल-36,(4) चंद्रेश बहादुर-34 ,(5)अरुण वर्मा-28,(6 )पिंकी पाल-36                        

सभी को हमारी  व्यक्तिगत एवं परिवार की सामूहिक बधाई।  


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