Month: November 2022
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गुरुदेव और माताजी केवल कहने मात्र को ही दो हैं।
महाशक्ति की लोकयात्रा योग साधना की परम प्रगाढ़ता में शिव और शक्ति का परस्पर अंतर्मिलन दो रूपों में प्रकट हुआ था। अपने पहले रूप में महायोगिनी माताजी की अंतस्थ कुण्डलिनी महाशक्ति परिपूर्ण जागरण के पश्चात् विभिन्न चक्रों का भेदन और प्रस्फुटन करती हुई सहस्रार में स्थित महाशिव से जा मिली थी। योग साधकों के लिए…
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युगतीर्थ शांतिकुंज का भूमि चयन एवं मथुरा से विदाई
“महाशक्ति के दिव्य साधना स्थल” के रूप में शांतिकुंज के निर्माण की परिकल्पना परमपूज्य गुरुदेव की दूसरी हिमालय यात्रा (1960-61) के समय ही तैयार हो गई थी। उनकी मार्गदर्शक सत्ता ने इसकी आवश्यकता एवं इस तरह के निर्माण की स्पष्ट रूपरेखा से उन्हें इस विशिष्ट अवधि में अवगत करा दिया था। हिमालय की गहनताओं में…
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अपने सहकर्मियों की कलम से -26 नवंबर 2022
माता भगवती भोजनालय की दिव्यता सप्ताह में केवल एक बार प्रकाशित होने वाले इस स्पेशल सेगमेंट को बार बार “सबसे लोकप्रिय” सेगमेंट कहा गया है, इसकी लोकप्रियता का मापदंड आपके कमैंट्स, काउंटर कमेंट, अनुभूतियाँ , फ़ोन कॉल्स, व्हाट्सअप मैसेज हैं जिसके लिए हम आपका ह्रदय से धन्यवाद् करते हैं। 1.हमारा इस सप्ताह का रिपोर्ट कार्ड…
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माता भगवती भोजनालय की दिव्यता
24 नवंबर 2022 का ज्ञानप्रसाद -महाशक्ति की लोक यात्रा अपने बच्चों को संस्कारवान बनाने के लिए माताजी हमेशा प्रयत्नशील रहती थीं। गायत्री तपोभूमि व अखण्ड ज्योति संस्थान में रहने वाले, काम करने वाले और आने-जाने वाले सभी उनके बच्चे थे। वह सभी की अपनी सगी मां थीं। मां कौन होती है? इसके बारे में उनकी…
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माता जी के ममत्व के उदाहरण
23 नवंबर 2022 का ज्ञानप्रसाद महाशक्ति की लोकयात्रा वंदनीय माता जी ने इन्ही दिनों ओमप्रकाश,दया एवं श्रद्धा के जीवन को संवारा। सतीश (मृत्युंजय शर्मा) एवं शैलो (शैलबाला) भी बड़े हो रहे थे। उनकी पढ़ाई-लिखाई की देखभाल भी उन्हें ही करनी पड़ती थी। बच्चों में जैसा कि अक्सर होता है, उनमें चंचलता, नटखटपन की बहुलता होती…
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अखंड ज्योति संस्थान मथुरा में वंदनीय माता जी के आरंभिक दिन
21 नवंबर 2022 का ज्ञानप्रसाद ओमप्रकाश,दया और श्रद्धा तीनों परम पूज्य गुरुदेव की स्वर्गवासी पत्नी सरस्वती देवी के बच्चे थे लेकिन नई मां से यह बच्चे ऐसे घुल-मिल गए जैसे वर्षों से जानते हों। । माताजी ने भी उन्हें अपने हृदय में अटूट प्रेम का स्थान दिया । माताजी के आने से घर का वातावरण …
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वंदनीय माता जी का विवाह एवं अनुभूतियाँ
वंदनीय माता जी ने एक बार शिष्यों के समक्ष साधना और तपस्या की बात करते हुए कहा था कि “ये सब जितना गोपनीय रहे, उतना ही अच्छा। संसार को दिखाकर जताकर भला क्या लाभ होगा? गुरुजी को लोकशिक्षण करना था, तुम सब को बताना था, सिखाना था, इसलिए उन्होंने अपने बारे में कुछ छोटी-मोटी बातें…
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अपने सहकर्मियों की कलम से -19 नवंबर 2022- कुसुम त्रिपाठी एवं सरविन्द पाल जी का योगदान
आज के लेख में 7 घंटे का समय लगने के कारण पोस्टर बनाना संभव नहीं हो पाया ,क्षमाप्रार्थी हैं सप्ताह के अंत में प्रसारित होने वाले “अपने सहकर्मियों की कलम से” सेगमेंट की लोकप्रियता का कारण एक तो वीकेंड हो सकता है, दूसरा हमारे रिपोर्ट कार्ड का विश्लेषण हो सकता है जिसमें आपको हमारी त्रुटियां…
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वंदनीय माता जी के अलौकिक बाल्यकाल का दिव्य दर्शन
17 नवंबर 2022 का ज्ञानप्रसाद विशिष्ट वर्ष में अवतरित हुईं महाशक्ति पिता का ज्योतिष ज्ञान पुत्री को गोद में लेते ही सार्थक हो गया। उन्होंने कन्या के जन्म मुहूर्त पर मन-ही-मन विचार किया,ग्रहों की दशा के बारे में गणनाएं कीं और उनके चेहरे पर प्रसन्नता की रेखाएं झिलमिला उठीं। ज्योतिष की गणनाएं एक के बाद…
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वंदनीय माता जी के जन्म के समय दिव्यता का आभास
16 नवंबर 2022 का ज्ञानप्रसाद -महाशक्ति की लोकयात्रा चैप्टर 1-3 आइए दिव्य ज्योति के जन्म की चर्चा से पहले “मातृतत्व” के बारे में जानने का प्रयास करें। माँ एक ऐसा शब्द है जिसकी जितनी भी व्याख्या की जाए कम है। माँ के लिए मातृशक्ति, आदिशक्ति, युगशक्ति, जगजननी और न जाने कौन-कौन से विशेषण प्रयोग किये…
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15 नवंबर 2022 का ज्ञानप्रसाद – परम वंदनीय माता जी की जीवन लीला का दिव्य आरम्भ
आज सप्ताह का दूसरा दिन मंगलवार है, इस मंगलमयी ब्रह्मवेला में परमपूज्य गुरुदेव के मार्गदर्शन में लिखा गया ज्ञानप्रसाद प्रस्तुत है । आशा ही नहीं बल्कि पूर्ण विश्वास है कि यह ज्ञानप्रसाद हमारे समर्पित सहकर्मियों को रात्रि में आने वाले शुभरात्रि सन्देश तक अनंत ऊर्जा प्रदान करता रहेगा। कल वाला लेख केवल एक सूचना देने…
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अपने सहकर्मियों की कलम से -12 नवंबर 2022- संजना कुमारी और डॉ सुमति पाठक का योगदान
अपने सहकर्मियों की कलम से -12 नवंबर 2022- संजना कुमारी और डॉ सुमति पाठक का योगदान परम पूज्य गुरुदेव, वंदनीय माता जी के सूक्ष्म संरक्षण और मार्गदर्शन में 12 नवंबर 2022 शनिवार का “अपने सहकर्मियों की कलम से” का यह लोकप्रिय सेगमेंट आपके समक्ष प्रस्तुत करते हुए बहुत ही हर्ष हो रहा है।…
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अखंड ज्योति संस्थान घीआ मंडी मथुरा पर एक संक्षिप्त विवरण
चेतना की शिखर यात्रा 1, चैप्टर 20 एवं अनेकों online sources परम पूज्य गुरुदेव के कार्यक्षेत्र का विस्तार हो रहा था, अखंड ज्योति पाठकों की संख्या बढ़ रही थी, वर्तमान आवास कम पड़ने लगा तो बड़े आवास की खोज आरम्भ हुई। 3-4 मकान देखे लेकिन परिस्थितियों के अनुरूप घीआ मंडी स्थित “वर्तमान अखण्ड ज्योति संस्थान”…
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वंदनीय माता जी के विवाह के तुरंत बाद के कुछ संस्मरण
चेतना की शिखर यात्रा 1,चैप्टर 20, महाशक्ति की लोकयात्रा एवं ऑनलाइन references जब ताई जी ने ओमप्रकाश को चरणस्पर्श करने को कहा तो चरण स्पर्श करते ही नई माँ ने पूछा, “किस कक्षा में पढ़ते हो?” ओमप्रकाश ने बड़े हल्के स्वर में इस प्रश्न का उत्तर दिया, “मेरा नाम ओमप्रकाश है और मैं कक्षा सात…
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श्रीराम का दूसरा विवाह
7 नवम्बर 2022 का ज्ञानप्रसाद- चेतना की शिखर यात्रा पार्ट 1, चैप्टर 20 आज सप्ताह का प्रथम दिन सोमवार है और आप सभी इस ब्रह्मवेला के दिव्य समय में ऊर्जावान ज्ञानप्रसाद की प्रतीक्षा कर रहे होंगें, तो लीजिये हम प्रस्तुत हो गए उस ज्ञानप्रसाद को लेकर जिसे परमपूज्य गुरुदेव के मार्गदर्शन में लिखा गया। आशा…
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अपने सहकर्मियों की कलम से -5 नवंबर 2022
आज के weekend स्पेशल सेगमेंट का मूल्यांकन तो आपके कमैंट्स ही करेंगें लेकिन हम इतना ही कह सकते हैं कि आज कुछ आपस की बातें हैं, कुछ अनुभूतियाँ हैं,कुछ अनुभव हैं और कुछ हमारे समर्पित परिवारजनों की सक्रियता हैं। सुधांशु जी की वीडियो पर रेणु श्रीवास्तव जी का कमेंट हमें बहुत कुछ सीखने को कह…
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परम पूज्य गुरुदेव का प्रथम विवाह और पत्नी सरस्वती देवी का निधन।
3 नवंबर 2022 का ज्ञानप्रसाद :चेतना की शिखर यात्रा पार्ट 1 चैप्टर 7 और पेज 376 आज का ज्ञानप्रसाद compile करने के लिए हमने बहुचर्चित पुस्तक “चेतना की शिखर यात्रा पार्ट 1 चैप्टर 7 एवं अन्य कईं ऑनलाइन sources की सहायता ली है। इस ज्ञानप्रसाद में परम पूज्य गुरुदेव की प्रथम पत्नी आदरणीय सरस्वती देवी के…
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श्रीराम महामना मालवीय जी से प्रेरित हुए।
2 नवंबर 2022 का ज्ञानप्रसाद : चेतना की शिखर यात्रा पार्ट 1 चैप्टर 7 परम पूज्य गुरुदेव और मालवीय जी के घनिष्ठ सम्बन्ध से हम सब भलीभांति परिचित हैं। आज का ज्ञानप्रसाद इन्ही संबंधों को दर्शा रहा है। मालवीय जी सदैव अस्पृश्यों को दूसरे वर्गों के समान अधिकार देने के पक्ष में थे। उनके अनुसार…