Month: March 2022


  • क्या शांति मंत्र  हमें  शांति दे पाया ?

    Mother Nature -प्रकृति माता  के सीने पर जब प्रहार होता है, उसका बलात्कार होता है तो उसके बच्चों का खून अवश्य ही खौलता है, यही दशा है ऑनलाइन ज्ञानरथ के प्रत्येक सदस्य की। इतनी सुन्दर दिव्य प्रकृति का सर्वनाश होते कैसे देखा जाये। प्रस्तुत है पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रेरित करता हुआ यह दुसरा  और…

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  • प्रकृति किसी बड़े विनाश के पहले हमें चेतावनी जरूर देती है

    नौ दिन तक हम लगातार धरती के स्वर्ग का अध्यन करते रहे ,उस स्वर्ग की दिव्यता को निहारते रहे, चप्पे चप्पे पर हमने परमपूज्य गुरुदेव के सूक्ष्म संरक्षण में, तपोवनी संत  माँ सुभद्रा के सूक्ष्म  सानिध्य में उत्तराखंड के उस क्षेत्र में अध्यन किया जिसे स्वर्ग का विशेषण दिया गया है। यह विशेषण केवल आधुनिक…

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  • क्या स्वर्ग इस धरती पर ही था ? -पार्ट 9

    “क्या स्वर्ग इस धरती पर ही था” शीर्षक से चल रही स्वर्गीय शृंखला का नौंवा और अंतिम पार्ट प्रस्तुत करते हुए हमें जो परम शांति का आभास हो रहा है उसे शब्दों में व्यक्त करने में हम असमर्थ हैं। हम उस क्षेत्र के चप्पे चप्पे का कर भ्रमण चुके हैं जिसे धरती का स्वर्ग कहा…

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  • क्या स्वर्ग इस धरती पर ही था ? -पार्ट 8

    आज के ज्ञानप्रसाद में  2020 का  एक वीडियो लिंक दे रहे हैं जिसमें आप तपोवन,गोमुख का वातावरण तो देखेंगें ही लेकिन संत सुभद्रा माता जी की कुटिया भी देखेंगें  जिसमें उन्होंने 9 वर्ष तक लगातार घोर  साधना की। 2021 में 90 वर्ष की आयु में  सुभद्रा माता जी तो ब्रह्मलीन हो गयीं लेकिन शैलन्द्र सक्सेना…

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  • “सप्ताह का एक दिन पूर्णतया अपने सहकर्मियों का” 26 मार्च,2022

    “सप्ताह का एक दिन पूर्णतया अपने सहकर्मियों का” 26 मार्च,2022 कमेंट- काउंटर कमेंट प्रथा जिस उद्देश्य से रचना की गयी थी, वह उद्देश्य पूर्ण होता दिखाई दे रहा है, अद्भुत परिणाम दिखा रहा है। अधिक से अधिक परिजन एक दूसरे से परिचित हो रहे हैं, संपर्क बना रहे हैं, परस्पर सहायता कर रहे हैं। Earth…

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  • क्या स्वर्ग इस धरती पर ही था ? -पार्ट 7 

    25 मार्च 2022 का ज्ञानप्रसाद -क्या स्वर्ग इस धरती पर ही था ? -पार्ट 7  ‘क्या स्वर्ग इस धरती पर ही था ?’ की आध्यात्मिक शृंखला का सातवां भाग आज प्रकाशित किया जा रहा है। प्रत्येक भाग की तरह इस भाग को भी तैयार करने और रोचक बनाने में हमने अपनी अल्प बुद्धि, परिश्रम और…

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  • क्या स्वर्ग इस धरती पर ही था ? -पार्ट 6 

    आज का ज्ञानप्रसाद गंगोत्री ग्लेशियर क्षेत्र पर आधारित है। पिछले कई लेखों से हम देख रहे हैं कि धरती के स्वर्ग की यात्रा कितनी आध्यात्मिक और रमणीय है। आज के ज्ञानप्रसाद  में तो ब्रह्मा जी ने नारद जी के समक्ष इस क्षेत्र की उपमा करते हुए certify कर दिया कि – यही भूलोक का स्वर्ग…

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  • क्या स्वर्ग इस धरती पर ही था ? -पार्ट 5 

    22 मार्च 2022 का ज्ञानप्रसाद -क्या स्वर्ग इस धरती पर ही था ? -पार्ट 5  हम अपने सहकर्मियों का,सहयोगियों का ह्रदय से आभार व्यक्त कर रहे हैं जिनके अथक परिश्रम से “क्या स्वर्ग इस धरती पर ही था ?” की शृंखला सफलता की उन ऊंचाइयों को छू रही है जिसकी हमने  कभी कल्पना भी नहीं…

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  • क्या स्वर्ग इस धरती पर ही था ? -पार्ट 4

    21 मार्च 2022 का ज्ञानप्रसाद -क्या स्वर्ग इस धरती पर ही था ? -पार्ट 4आज के ज्ञानप्रसाद में हम उत्तराखंड प्रदेश के ऐसे-ऐसे स्थानों की जानकारी प्राप्त करेंगें जिनमें से कुछ एक के तो हमने नाम सुने ही होंगें लेकिन अधिकतर अनसुने ही हैं । दिव्यता की दृष्टि से तो सभी स्थान एक से बढ़कर…

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  • “सप्ताह का एक दिन पूर्णतया अपने सहकर्मियों का” 20   मार्च ,2022 

    “सप्ताह का एक दिन पूर्णतया अपने सहकर्मियों का” 20   मार्च ,2022  5 मार्च से आरम्भ किये गए इस नवीन प्रयास की तीसरी  कड़ी आपके समक्ष प्रस्तुत है। इस कड़ी में हमें  विदुषी बहिन जी का कमेंट पढ़ने का सौभाग्य प्राप्त होगा  जिसमें उन्होंने एक नवीन जानकरी दी है, आदरणीय अशोक जी (संजना बेटी के…

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  • क्या स्वर्ग इस धरती पर ही था ? -पार्ट 3 

    18 मार्च 2022 का ज्ञानप्रसाद -क्या स्वर्ग इस धरती पर ही था ? -पार्ट 3  “क्या स्वर्ग इस धरती पर ही था ?” शीर्षक से चल रही श्रृंखला का चतुर्थ पार्ट प्रकाशित करते हुए हमें जिस प्रसन्नता और आंतरिक शांति का आभास हो रहा है उसका शब्दों में वर्णन करना हमारे सामर्थ्य से कहीं परे…

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  • क्या स्वर्ग इस धरती पर ही था ? -पार्ट 2 

    17 मार्च 2022 का ज्ञानप्रसाद – क्या स्वर्ग इस धरती पर ही था ? -पार्ट 2  ********************** ऑनलाइन ज्ञानरथ के स्तम्भ – शिष्टाचार, आदर, सम्मान, श्रद्धा, समर्पण, सहकारिता, सहानुभूति, सद्भावना, अनुशासन, निष्ठा, विश्वास, आस्था, प्रेम, स्नेह, नियमितता  *****************  “क्या स्वर्ग इस धरती पर ही था ?” शीर्षक से 15 मार्च को आरम्भ हुई दिव्य लेख…

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  • क्या स्वर्ग इस धरती पर ही था ?- पार्ट 1

    15 मार्च 2022 का ज्ञानप्रसाद – क्या स्वर्ग इस धरती पर ही था ? आज से आरम्भ हो रही लेख श्रृंखला बहुत ही Complex और Controversial है। Complex इस लिए कि ज्ञान इतना विस्तृत है कि उसे छोटे- छोटे लेखों में समेटना असंभव सा ही लगता है। एक एक विषय पर पूरे पूरे ग्रन्थ लिखे…

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  • ज्योति का ध्यान करना जेन साधना का मुख्य अंग

    14 मार्च 2022 का ज्ञानप्रसाद -ज्योति का ध्यान करना जेन साधना का मुख्य अंग योगबल की साधना से आरम्भ की हुई श्रृंखला का समापन आज हम जापान के तोकुफु मंदिरों में प्रचलित जेन साधना से कर रहे हैं। हमें जानते है कि अधिकतर सहकर्मी ब्रह्ममुहूर्त में हमारे ज्ञानप्रसाद का अमृतपान कर रहे हैं; अध्ययन के…

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  • सप्ताह का एक दिन पूर्णतया अपने सहकर्मियों का

    “सप्ताह का एक दिन पूर्णतया अपने सहकर्मियों का” 12 मार्च ,2022  5 मार्च से आरम्भ किये गए इस नवीन प्रयास की दूसरी कड़ी आपके समक्ष प्रस्तुत है। इसमें आप अरुण वर्मा जी, बेटी उपासना भरद्वाज, विदुषी बंटा जी, निशा भारद्वाज जी, डा रजत कुमार षड़ंगी, प्रेमशीला मिश्रा जी और मृतुन्जय तिवारी जी के योगदान पर…

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  • संकल्प शक्ति से प्राप्त की जा सकती है चमत्कारिक क्षमता

    11 मार्च 2022 का ज्ञानप्रसाद – संकल्प शक्ति से प्राप्त की जा सकती है चमत्कारिक क्षमता आज कल चल रही आत्मविश्वास और और आत्मबल की श्रृंखला में हमने देखा कि किस प्रकार केवल चार फुट के ‘मास’ नामक युवक ने अपनी अद्भुत शक्ति का प्रदर्शन करते हुए विश्विख्यात कीर्तिमान स्थापित किये। अब हो हम सबको…

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  • संकल्प शक्ति एक अद्भुत शक्ति

    शब्द सीमा के कारण आज का ज्ञानप्रसाद बिना किसी opening remarks के और बिना 24 आहुति संकल्प सूची के प्रस्तुत करने में विवश हैं जिसके लिए हम क्षमा प्रार्थी हैं।बीबी सी की virgin births वाली रिपोर्ट भी स्थगित करने को विवश हैं।  ******************************  परमपूज्य गुरुदेव ने आत्मबल,मनोबल,आत्मविश्वास पर बहुत विशाल साहित्य की रचना की है।…

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  • आंतरिक सुख ही स्थाई सुख है। 

    9 मार्च 2022 का ज्ञानप्रसाद – आंतरिक सुख ही स्थाई सुख है।  आत्मबल,मनोबल, आत्मविश्वास,शरीरबल, योगबल जैसे शब्द पिछले दो दिनों में हम कई बार प्रयोग कर चुके हैं। अपनी अल्प बुद्धि के आधार पर हमने वैज्ञानिक और आध्यात्मिक बैकग्राउंड का सहारा लेते हुए कई बातों को समझने का प्रयास किया क्योंकि यह लेख हमारे व्यक्तिगत…

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  • कब तक मृगतृष्णा में आत्मबल की आहुति चढ़ाते जायेंगें ?

    8 मार्च 2022 का ज्ञानप्रसाद- कब तक मृगतृष्णा में आत्मबल की आहुति चढ़ाते जायेंगें ? आज का मानव जीवन की अंधी दौड़ में आगे निकलने के लिए कुछ भी करने तो तैयार है ,किसी को भी गिराकर,किसी भी मूल्य पर, सबसे आगे, शिखर पर बैठने के लिए प्रयासरत है। जब वह शिखर प्राप्त नहीं होता…

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  • क्या ब्रह्माण्ड की अनंत शक्ति से आत्मबल प्राप्त किया जा सकता है ?

    7 मार्च 2022 का ज्ञानप्रसाद – क्या ब्रह्माण्ड की अनंत शक्ति से आत्मबल प्राप्त किया जा सकता है ? आज के 3 दिन पूर्व हमने एक शुभरात्रि  सन्देश भेजा जिसमें  गायत्री मंत्र के “धीमहि” शब्द की महिमा बताई गयी थी। धीमहि  शब्द सन्देश दे रहा था कि  व्यर्थ में धन संचय मत करो, कचरों की…

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  • 5 मार्च 2022 से आरम्भ होता है एक नवीन प्रयास : 

    5 मार्च 2022 से आरम्भ होता है एक नवीन प्रयास :  “सप्ताह का एक दिन पूर्णतया अपने सहकर्मियों का” – इस सुझाव को बहुत से सहकर्मियों ने सराहा है। इस नवीन प्रयास में हम कुछ प्रतिभाएं और अनुभूतियाँ आपके समक्ष प्रस्तुत कर रहे हैं। सहकर्मियों से निवेदन है कि अगले सप्ताह के लिए अपनी गतिविधियां…

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  • डेमनिया बाबा की अमर कथा पार्ट 2 

    4 मार्च 2022 का ज्ञानप्रसाद – डेमनिया बाबा की अमर कथा पार्ट 2  आज का ज्ञानप्रसाद बहुत ही संक्षिप्त है- केवल दो ही पन्नों का। डेमनिया बाबा की अमर कथा को आगे बढ़ाते हुए हम देखेंगें कि हमारे परमपूज्य गुरुदेव ने कैसे एक आदिवासी भक्त की झोंपड़ी में ज्वार की मोटी रोटी और मूंग की…

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  • डैमनिया बाबा की अमरकथा Part 1

    3 मार्च 2022 का ज्ञानप्रसाद “पहले पाँव पखारूं,फिर गंगा पार उतारूं- डैमनिया बाबा की अमरकथा  आज का ज्ञानप्रसाद इतना प्रेरणादायक है कि इसे शब्दों में वर्णन करना लगभग असंभव ही है। यह उन सहकर्मियों के लिए एक राम बाण का काम कर सकता है जिन्हे परमपूज्य गुरुदेव की शक्ति पर ज़री सी भी शंका है।…

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  • आद. रामबाबू माहेश्वरी जी की अनुभूति- Submitted by Anil Mishra

    2 मार्च 2022 का ज्ञानप्रसाद- आद. रामबाबू माहेश्वरी जी की अनुभूति- Submitted by Anil Mishra अनिल मिश्रा भाई साहिब का ह्रदय से आभार व्यक्त करते हुए आज के ज्ञानप्रसाद में आदरणीय रामबाबू माहेश्वरी जी की एक अद्भुत अनुभूति प्रस्तुत कर रहे। इस अनुभूति में गायत्री तपोभूमि गोण्डा का रिफरेन्स तो है ,लेकिन गूगल सर्च में…

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