वेदमाता,देवमाता,विश्वमाता माँ गायत्री से सम्बंधित साहित्य को समर्पित ज्ञानकोष

गायत्री साधना के चमत्कार महात्मा आनंद स्वामी सरस्वती जी के शब्दों में पार्ट 2 

25 सितम्बर 2021 का ज्ञानप्रसाद : गायत्री साधना के चमत्कार महात्मा आनंद स्वामी सरस्वती जी के शब्दों में पार्ट 2 

आज के ज्ञानप्रसाद के कवर चित्र में आप महात्मा आनंद स्वामी सरस्वती जी को नमन तो कर ही रहे हैं, साथ में एक युवा शक्ति दिशा खाखरिया (पटेल) की प्रतिभा को भी नमन कर रहे हैं। अपनी अल्पबुद्धि -अल्पज्ञान के अनुसार महात्मा जी का परिचय तो कल वाले लेख में दिया था , दिशा बिटिया का परिचय स्वामी जी के लेख के बाद करते हैं।  

तो आइये पहले स्वामी जी द्वारा गायत्री मंत्र की शक्ति का अमृतपान करें उन्ही के शब्दों में।  अखंड ज्योति के सितम्बर -अक्टूबर 2006 के अंग्रेजी अंक में इन चमत्कारों का वर्णन है। जैसे हम पहले भी कहते रहे हैं वर्षों और तिथियों के बारे में बहुत ही फर्क है।जितने अधिक सोर्स देखें उतनी  ही नई जानकारी दिखती है।  कल वाले लेख में हमने महात्मा जी आयु  92 वर्ष लिखी थी ,लेकिन जब Math की calculation की तो यह आयु 95 (1977-1882 ) वर्ष आती है ,लेकिन किसी दूसरे स्थान पर 1882 के बजाय 1883 लिखा है। इस स्थिति में  हम तो कुछ भी करने  में असमर्थ हैं लेकिन इतना अवश्य कहेंगें कि यदि इनको ठीक न किया गया तो त्रुटियां आगे ही आगे चलती जायेंगीं ,यह देख कर हमारा ह्रदय अवश्य ही द्रवित होता है।       

_________________________

महात्मा जी बता रहे हैं :

बात तब की है जब पंजाब यूनिवर्सिटी  लाहौर  के  एक हॉल में पंजाब के तत्कालीन गवर्नर की हत्या का प्रयास किया गया था। चार युवकों को गिरफ्तार किया गया, मुकदमा चलाया गया और मौत की सजा दी गई। अभियुक्तों में  से एक मेरा बेटा रणवीर भी  था। 

रणवीर जी के बारे में हमने रिसर्च करने का प्रयास किया लेकिन “यह किसका धन है” शीर्षक पुस्तक की भूमिका के इलावा और कुछ भी प्राप्त न कर सके।

महात्मा आगे बताते हैं : 

इसी  बीच एक और दुर्घटना हुई। आर्य समाज समारोह के दौरान मैं एक ऊंची पहाड़ी से  फिसल कर  गिर गया और  इस दुर्घटना से मेरी रीढ़ की हड्डी में चोट लगी, मुझे  लाहौर के अस्पताल के भर्ती कराया गया। मैं बिस्तर पर लेटा था, पूरा शरीर प्लास्टर में था। रणवीर को मौत की सजा सुनाई गयी थी ,लोग  मेरे साथ सहानुभूति जताने आते रहते थे, उनके चेहरे पर एक उदासी दिखती थी।  लेकिन जब वे मुझे हंसमुख ,खुश देखते तो  आश्चर्य- चकित हो कर कहते  

“आपका दिल  पत्थर का  है क्या ? बेटा मौत की पंक्ति में खड़ा है और आप मुस्कुरा रहे हैं” 

“मैं पूरे विश्वास से कहता  यदि मेरा भला मेरे बेटे को मुझसे अलग करने में है तो वह निश्चित रूप से अलग हो जाएगा। लेकिन अगर हमारा भला उसके जीवित रहने में नियत है, तो पृथ्वी पर कोई भी शक्ति उसे मुझसे  छीन नहीं सकेगी। लोग  रणवीर के लिए रोएंगे लेकिन मैं  कभी नहीं।”  

एक दिन स्वामी सत्यदेव जो  जम्मू-कश्मीर के राजा के गुरु थे, मुझसे मिलने आए ।उन्होंने  मेरी ओर देखा और कहा, “आप इतनी  विपत्ति के समय भी अविचलित और हर्षित रह सकते हैं तो  फिर कौन तुम्हारे बेटे को छीन सकता है?” उनकी बात सच साबित हुई। रणवीर को छुट्टी दे दी गई और रिहा कर दिया गया।

महात्मा जी  कहते  हैं :

“गायत्री माँ न केवल भौतिक लाभ बल्कि आध्यात्मिक उपहार भी प्रदान करती है। वह आत्मा को शुद्ध करती है , दीर्घायु प्रदान करती है, संतान प्राप्ति  और अनेकों  प्रकार की महिमा और धन प्रदान करने के बाद,भोगने के बाद  इन सभी को छोड़कर ब्रह्मलोक में अपनेसाथ आने  के लिए कहती है। मैंने पदार्थों का  त्याग किया, गेरूआ वस्त्र धारण किया और चल पड़ा  माँ गायत्री के  दिखाए  मार्ग पर। आठ वर्ष की आयु से आजतक  एक भी दिन ऐसा नहीं बीता जब मैंने गायत्री माता की कृपा का अमृत न पिया हो। इन सबका वर्णन करने का उद्देश्य इस बात पर बल देना है कि कलियुग में भी गायत्री माता की आराधना से मनुष्य को उन सब सुखों  की प्राप्ति होती है जिसके बारे में भीष्म पितामह ने युधिष्ठिर को बताया था। शंकराचार्य, महर्षि दयानंद, गांधी, टैगोर, तिलक और रामकृष्ण परमहंस सहित ऋषियों ने जो उपदेश दिया है  वह असत्य नहीं हो सकता। मैंने इसे स्वयं अनुभव किया है इसलिए मैं जोर देता हूं – “यह सच है यह सच है यह सच है”

जब हम यह पंक्तियाँ लिख रहे थे तो हमें अपने बारे में स्मरण हो रहा था जब इसीवर्ष 6 जनवरी 2021 को हमारी घुटने की सर्जरी हुई थी। वैसे तो हम ज्ञानप्रसाद में  अपनी व्यक्तिगत बातें  कभी नहीं करते लेकिन आज शब्द सीमा इसकी आज्ञा  दे रही है तो मन किया कि अपने परिवार के साथ बात की जाये।  सर्जरी  के बाद जब हमें रिकवरी रूम में लाया गया और होश आया तो नर्स ने आकर पूछा “How are you feeling?” तो हमने कहा “ I am feeling OK , I feel as if I am holidaying .” नर्स ज़ोर से हंसी कि हॉस्पिटल में holidaying करने ,पिकनिक करने आये हो ,सामने पड़े हुए कुछ मरीज़ों को भी इस बात को सुन कर बहुत हैरानगी हुई कि पट्टियां बंदी हुई हैं ,ब्लीडिंग भी हो रही है ,anaesthesia का  प्रभाव भी है और यह कह रहे हैं पिकनिक करने आये हैं।  हमारे सामने गुरुदेव का वाक्य याद आ रहा था – नज़रें बदलो नज़ारा स्वयं  बदल जाता है। कुछ प्रॉब्लम के कारण हमने कुछ अधिक समय के लिए हॉस्पिटल रहना पड़ा था लेकिन जिस प्रकार डॉक्टरों और नर्सों की टीम ने weekend होने के बावजूद  दिन -रात काम किया ,इस सकारात्मकता तो देख कर हमें तो  पता ही नहीं चला दर्द कहाँ है। नर्स ने तो इससे प्रभावित होकर वीडियो भी बना ली थी।  

यही है गायत्री मन्त्र की शक्ति ,गायत्री मन्त्र के चमत्कार ,यही है गूंगे का गुड़ जो हमने पहले वाली पंक्तियों में और कल वाले लेख में महात्मा आनंद स्वामी सरस्वती जी से ज्ञान अमृतपान किया।  

कल भी लिखा था ,आज फिर लिख रहे हैं महात्मा जी जैसे व्यक्तित्व के बारे में लिखना हम अल्पबुद्धि /अल्पज्ञान वाले मनुष्य से लिख पाना असंभव सा ही लगता है , लेकिन प्रयास तो किया ही है -शायद हमारे सहकर्मियों को पसंद आ ही जाये।जैसा हमारे सहकर्मीओं ने कमेंट करके लिखा है महात्मा जी के बारे में कुछ और लेख लाने की योजना है।  जब तक उन लेखों पर काम चल रहा है आप उनकी अमृततुल्य पुस्तकों का अध्यन करना आरम्भ कर दें ,अवश्य ही आपके जीवन को एक नवीन दिशा मिलेगी। 

अब बात आती है युवा प्रतिभा की , युवा बालिका प्रतिभा की :

जागृति पटेल  ऑनलाइन ज्ञानरथ की समर्पित सहकर्मी है ,यूट्यूब पर आपने उनका शायद ही कोई कमेंट देखा हो परन्तु व्हाट्सप्प पर अनवरत -निरंतर कमेंट करती हैं। व्हाट्सप्प के मुकाबले  यूट्यूब का क्षेत्र अधिक विस्तृत है ,बाकि हर किसी की अपनी preference होती है। दिशा खाखरिया ( पटेल)  जाग्रति जी के बेटी हैं ,सिविल  इंजीनियरिंग  में B.E.कम्पलीट किये हैं।  दिशा बिटिया की   चित्रकारी में दक्षता आप  परमपूज्य गुरुदेव- वंदनीय माता जी के चित्रों में देख रहे हैं। देव संस्कृति यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित  चित्रकला प्रतियोगिता में  प्रथम साथ प्राप्त करना भी एक गौरवशाली उपलब्धि है।  जाग्रति जी ने बताया की दिशा बेटी को परमपूज्य गुरुदेव का साहित्य पढ़ने  में बहुत ही रूचि है। हम सब परिवारजनों की तरफ से ढेरों शुभकामनायें एवं आशीर्वाद। बहुत से चित्र भेजे थे लेकिन सीमाबद्ध होने के कारण सभी शामिल करना सम्भव न हो पाया ,क्षमाप्रार्थी हैं। ऑनलाइन ज्ञानरथ के प्लेटफॉर्म से छोटे से छोटे बच्चों ( प्रेमशीला बहिन जी की पोती और नाती ) से लेकर , युवा प्रतिभा संजना बेटी ,छाया -छवि तिवारी , प्रेरणा -धीरप -पिंकी एवं  वरिष्ठ सुनैना दीदी तक सभी को प्रोत्साहन देने का प्रयास अनवरत चल रहा है।  जो भी इस पंक्तियों को पढ़  रहे हैं अवश्य हो प्रेरित हो रहे होंगें और अधिक से अधिक परिजनों को ऑनलाइन ज्ञानरथ के साथ जोड़ने का संकल्प ले रहे होंगें।  बहुत प्रतिभाशाली हैं हमारे सहकर्मी -इसमें हमें तो  कोई  भी  शंका  नहीं है। 

तो सोमवार तक के लिए आपसे  आज्ञा लेते हैं और कामना करते हैं कि सविता देवता आपकी सुबह को  ऊर्जावान और शक्तिवान बनाते हुए उमंग प्रदान करें और आप हमें आशीर्वाद दीजिये कि हम हंसवृत्ति से  चुन -चुन कर कंटेंट ला सकें। 

जय गुरुदेव


Leave a comment