वेदमाता,देवमाता,विश्वमाता माँ गायत्री से सम्बंधित साहित्य को समर्पित ज्ञानकोष

शांतिकुंज और मस्तीचक की तीर्थ यात्रा वीडियो के माध्यम से 

https://drive.google.com/file/d/1EJIFoh6R6tDuQe2KD5Rbpys34kQri1qy/view?usp=sharing https://drive.google.com/file/d/19sfNHKCp6ivobGmm2r_sy6PcPd23L0uq/view?usp=sharinghttps://drive.google.com/file/d/1Z16Riy3aW28i-TbTyWOzY6Bgi1Tbxaoj/view?usp=sharing https://drive.google.com/file/d/1vUZ31yxKGBFKQhu13DzMuBzqRL6_bai1/view?usp=sharing https://drive.google.com/file/d/1dDWRSrnCotiFAzcbObFQEiv1wV_WIM4G/view?usp=sharinghttps://drive.google.com/file/d/1TEvlhkCK8aq4aBM_-i_x09j92yqSWRqq/view?usp=sharing https://drive.google.com/file/d/1HMeG3Lb12c-QdRMjtYgJfpy9T1Q01AQx/view?usp=sharing

3  सितम्बर 2021 का ज्ञानप्रसाद – शांतिकुंज और मस्तीचक की तीर्थ यात्रा वीडियो के माध्यम से 

आज के ज्ञानप्रसाद में हम आपको बिहार स्थित  पावन तीर्थ मस्तीचक शक्तिपीठ की भूमि पर लेकर जायेंगें, युगतीर्थ शांतिकुंज में श्रेध्य डॉक्टर प्रणव पंड्या जी ,आदरणीय शैल जीजी के साथ मिलायेंगें और देव संस्कृति यूनिवर्सिटी हरिद्वार में डॉक्टर चिन्मय पंड्या जी का सन्देश सुनायेंगें। आपके लिए हमने  सात वीडियो  वीडियो लिंक्स create  किये जिनका चुनाव हमने हमारे ही  द्वारा रिकॉर्ड की गयी वीडियो से, मस्तीचक की टीम द्वारा  रिकॉर्ड की गयी वीडियो से ( जो बिकाश बेटे ने शेयर की )  में से बहुत ही परिश्रम से किया है।  इन सात वीडियोस में आप आदरणीय चिन्मय भैया का सन्देश ,श्रद्धेय डॉक्टर साहिब का सन्देश , दो ऊर्जावान जुडवां बेटियों द्वारा  विद्या मंदिर की प्लेट के साथ, आदरणीय शुक्ला बाबा की प्रतिमा के साथ और थैंक्स वीडियो देख पायेंगें। हम आपसे करबद्ध निवेदन करेंगें कि आप इन वीडियोस को देख कर आदरणीय ,स्वर्गीय शुक्ला बाबा के चरणों में अपने  श्रद्धा सुमन अर्पित करें। सभी वीडियोस बहुत ही छोटी हैं ( जैसे कि हमारी प्रवृति है ) आप एक बार में ही देख सकते हैं नहीं तो 2 -3  बार में भी देख सकते हैं लेकिन देखें  अवश्य, पावन भूमियों से आशीवार्द प्राप्त करें। हम इन वीडियोस को देखने के लिए इस कारण भी कह रहे हैं कि आप मस्तीचक के  वातावरण से परिचित हो जाएँ ,क्या मालूम आपका ज्ञान  किसी को सहायक सिद्ध हो जाये। मृतुन्जय भाई साहिब का समर्पण ,शुक्ला बाबा का सूक्ष्म संरक्षण , परमपूज्य गुरुदेव का प्यार  मस्तीचक को कैसा वातावरण प्रदान कर रहा है ,हमारे परिवार स्वयं देख कर आये हैं। इस तीर्थस्थली में कार्य करने का सौभाग्य  प्राप्त होना अपनेआप में ही एक बड़ी बात है-खासकर ऐसे समय में जब बच्चियों की सुरक्षा, इतनी महंगी शिक्षा ,और फिर शिक्षा के बाद नौकरी की समस्या हर माता पिता की चिंता का विषय हो।     

हर दो तीन  लेख के बाद हम “अपनों से अपनी बात” शीर्षक से आपसे बाते करते हैं और आप कमैंट्स और फ़ोन से अपनी बाते बताते हैं – एक पारिवारिक सा वातावरण बना रहता है ,बहुत ही अपनत्व और स्नेह की भावना का अनुभव होता है। ज़ूम लिंक में बाबा की प्रतिमा आवरण का समय सुबह 9 बजे लिखा था ,इसके अनुसार हमारा कनाडा का समय रात 11 :30 बनता था।  हम तो अपना कैमरा वगैरह लेकर पूरे समय से तैयार हो गए थे लेकिन 12 बजे से पहले  कार्य आरम्भ नहीं हुआ था।  लगभग डेढ़ बजे तक यह कार्यक्रम  चलता रहा।  उसके बाद हम सोने का प्रयत्न करने लगे तो काफी देर तक जब नींद नहीं आयी तो हमने इन वीडियो की एडिटिंग आरम्भ कर दी ,सुबह के पांच बज गए।  फिर कोई आधा घंटा का पावर नैप आया और भारत से हमें मैसेज और वीडियो आने आरम्भ हो गए।  बीएस फिर हम इसी कार्य में लग  गए और कुछ  वीडियो फेसबुक पर और मैसेंजर पर शेयर भी कीं।  सारी रात में केवल आधा घंटा सोने के बावजूद ऊर्जा का संचार पूरा है – गुरु कार्य जो है।              

गायत्री मन्त्र के वैज्ञानिक पक्ष पर इतने educative कमेंट आये हैं कि सभी को  शेयर  करना चाहिए।  सभी कमेंट एक -एक करके देखे हैं कइयों को तो रिप्लाई भी किया है लेकिन हमारे सरविंदर भाई साहिब का  1200 शब्दों का व्हाट्सप्प  कमेंट बहुत ही अद्भुत है।  इनके कमेंट अक्सर अंतरात्मा से ही आते हैं , इन्हे लिखने में कितना समय लगाते होंगें। हमें तो पूर्ण विश्वास है की सरविंदर जी की यह वाली प्रतिभा उन्हें लेख  लिखने में सहायक हो सकती है। ऑनलाइन ज्ञानरथ परिवार में एक से बढ़कर एक प्रतिभाशाली हीरे छुपे हैं।  

तो मित्रो इन्ही शब्दों के साथ हम अपनी लेखनी को विराम देते हैं और कल आपके समक्ष एक और ऊर्जावान लेख लेकर आयेंगें। सूर्य भगवान की प्रथम किरण आपके आज के दिन में नया सवेरा ,नई ऊर्जा  और नई उमंग लेकर आए।


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