Month: June 2020
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गुरुदेव की प्रथम हिमालय यात्रा(1928) की एक विस्तृत जानकारी
गुरुदेव की हिमालय यात्राओं पर तो कितने ही प्रसंग लिखे जा चुके हैं परन्तु यह प्रसंग ,यह लेख थोड़ा लम्बा होने के कारण शायद कई भागों में पूरा हो। अपने विवेक के अनुसार और पाठकों की सुविधा को ध्यान में रख कर जहाँ भी अल्प विराम देना पड़ेगा देने का प्रयास करेंगें। इस लेख के…
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अखंड ज्योति पत्रिका में आया संकट:
अखंड ज्योति पत्रिका में आया संकट: बात उन दिनों की है जब विश्वयुद्ध और भारत के स्वाधीनता संग्राम के कारण जीवन अस्त -व्यस्त हो गया था। वृन्दावन रोड पर स्थित जिस प्रेस में अखंड ज्योति पत्रिका छपती थी बंद हो गयी। उस क्षेत्र के 22 प्रिंटिंग प्रेस में से 18 बंद हो गए थे। पहले…
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साधना में गुरुदेव को माता जी का आभास होना
साधना में गुरुदेव को माता जी का आभास होना गुरुदेव की एक वीडियो हमने देखी थी जिसमें गुरुदेव- बता रहे हैं कि ” मैं और माता जी एक ही हैं अर्धनारीश्वर की तरह। आप माता जी से बात करेंगें तो हम से बात हो जाएगी ,हमसे बात करोगे तो माता जी से बात हो जाएगी।…
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वंदनीय माता जी के विवाह के भिन्न भिन्न 3 वर्ष ?
हम तो हमेशा ही ज्ञानरथ के सहकर्मियों का आभार व्यक्त करते हैं ,उन सबके ,आप सबके पुरषार्थ ,सहयोग से ही यह ज्ञानरथ गतिशील हो रहा है। लेकिन आज हम राजन कुमार सिंह जी का धन्यवाद् करना चाहते हैं जिन्होंने अपना कमेंट इस प्रकार दिया : ” 🙏🙏🙏 बाबुजी लेकिन बाबुजी हमने तो महाशक्ति की लोकयात्रा…
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“वंदनीय माता जी को एक के बाद एक 3 हार्ट अटैक”
जनवरी 1972 का महीना था। वंदनीय माता जी प्रातः कालीन संध्या आरती समाप्त करके अपने कक्ष में आकर बैठी ही थीं तो कुछ असहज अनुभव करने लगीं। दाएं हाथ में कुछ हलकी सी पीड़ा महसूस हुई जो लहर की भांति फैलती ही चली गयी । माता जी को बाहुशूल ने पकड़ा और साथ वाले…
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Ship SS Karanja के कप्तान सदका देंगला की कथा
प्रस्तुत है ship SS Karanja के कप्तान सदका देंगला की कथा – कप्तान ने देखा कि ship की तीसरी मंज़िल पर बने केबिन में कुछ ज़्यादा चहल पहल थी । एक शाम को उसने देखा गुरुदेव बाहर deck पर बैठे सूर्यास्त को निहार रहे थे और समुद्री लहरों का आनंद ले रहे थे ।…
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समयदान महादान
गुरुदेव कहते है – आपको अपने समय का एक हिस्सा अवश्य निकालना चाहिए। यदि आप भगवान को अपने जीवन में हिस्सेदार- साझीदार (If you want to setup partnership with GOD) बनाना चाहते हो तो भगवान के लिए कुछ समय निकालिए। भगवान के लिए समय तो लगाएँगे, लेकिन चापलूसी में लगाएँगे। गुरुजी! हम तो आपको हाथ…
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वंदनीय माता जी से गुरुदेव का विवाह 10 मार्च 1946
सरस्वती देवी गुरुदेव की पहली पत्नी का TB के कारण देहांत हो गया। उनके तीन बच्चे एक बेटा ,दो बेटीआं ओमप्रकाश ,दया और श्रद्धा थे। वैसे तो गुरुदेव को पारिवारिक दुनिया से कोई इतना लगाव नहीं था पर फिर भी पत्नी के निधन के बाद वह उदास रहने लगे। अंतिम संस्कार के उपरांत ताई ने…
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सरस्वती देवी से गुरुदेव का प्रथम विवाह -1927
गुरुदेव अपनी मार्गदर्शक सत्ता के निर्देश अनुसार नियत कार्यों में जुट गये थे। जौ के आटे से बनी रोटी और गाय के दूध से बने मठा का प्रबंध तो माँ ( गुरुदेव माँ को तै कहते थे ) कर ही देती साथ में अखंड दीप में घी वगैरह डालना और देखभाल भी माँ ही करती।…
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मार्गदर्शन वाले दिन माता जी का अनुभव
18 जनवरी 1926 सोमवार वाले दिन वसंत पंचमी थी। दादा गुरु सर्वेश्वरानन्द जी एक प्रकाश पुंज के रूप में ब्रह्मवेला में बालक श्रीराम की पूजा की कोठरी में प्रकट हुए थे। दादा गुरु ने पिछले 3 जन्मो का विवरण दिया था और कुछ निर्देश भी दिए थे। बालक श्रीराम जो उस वक़्त केवल 15 वर्ष…
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ज्ञान रथ अल्पविराम के बाद पुनः गति शील
अपने सहकर्मियों का हाल चाल जानना हमारा धर्म है। आशा सब आपने कार्यों में, दिनचर्या में व्यस्त होंगे। ज्ञान रथ का ज्ञान प्रसाद अनवरत शीघ्र ही आपके समक्ष प्रस्तुत करने का संकल्प है। आप सभी के सुझाव बहुत ही बारीकी से पढ़े हैं ,जहाँ संभव हो सका उत्तर भी दिए और शेयर भी किये। कई…
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गुरुदेव के पूर्व तीन जन्मों की newsreel
चेतना कि शिखर यात्रा 1 गुरुदेव के जीवन पर लेखों की श्रृंखला लेख ३ लेख नंबर 2 में हमने आपकी पृष्ठ भूमि बनाने का प्रयास किया था। अपने लेखों में हम बार बार पिछले लेखों को पढने save करने ,शेयर करने के तरीके बता रहे हैं अगर फिर भी कोई भी आशंका है तो हम…
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गुरुदेव की प्रातः कालीन दिनचर्या :
गुरुदेव ने लगभग 3200 के ऊपर पुस्तकें लिखी परन्तु अपनी आत्मकथा ( autobiography ) नहीं लिखी। कई बार उन्हें अनुरोध भी किया गया लेकिन लेकिन हर बार टाल देते। यही कहते ” अगर मेरे बारे में कुछ जानना है तो मेरे विचारों को पहचानों “ यह जितना कुछ हम आपके समक्ष प्रस्तुत कर रहे हैं…
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गुरुदेव के जीवन पर लेखों की श्रृंखला – लेख 1
गुरुदेव के जीवन पर लेखों की श्रृंखला – लेख 1 आत्मीय परिजनों -एक निवेदन : आज से हम लेखों की श्रृंखला आरम्भ कर रहे हैं जो केवल परमपूज्य गुरुदेव पर ही आधारित होंगें। पिछले कई दिनों से हम कुछ एक पुस्तकों का अध्यन कर रहे थे और ऐसे कुछ लेख हमारे अंतकरण में दर्शित हुए…
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वह अविस्मरणीय दिवस – 2 जून 1990
गुरुदेव के जीवन-यज्ञ की पूर्णाहुति अखंड ज्योति मई 2002 पृष्ठ 49 -50 गुरुदेव ने अपना महाप्रयाण अपनी स्वेच्छा से किया ,यह तो हमारे परिजनों को विदित ही है परन्तु जो दिन चुना वह भी अतिपावन। एक तो उस दिन गंगा दशहरा का पर्व था और दूसरा गायत्री जयंती। गंगा दशहरा का दिन वह दिन है…