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पंडित जी ने गुरुदेव से पूछा “महाकाल कौन हैं? ”-लेख शृंखला का 18वां लेख
6 दिसंबर 2025 का ज्ञानप्रसाद “युगऋषि का अध्यात्म,युगऋषि की वाणी में” आदरणीय पंडित लीलापत शर्मा जी की 10 उत्कृष्ट रचनाओं में से एक रचना है। 82 पन्नों की इस पुस्तक पर आधारित लेख श्रृंखला अब समापन की ओर बढ़ रही है,आज उसका 18वां ज्ञानप्रसाद लेख प्रस्तुत किया गया है। हर बार की भांति इस बार
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पूज्यवर ने पंडित जी को कहा “जागरण तो सार्थक तब होता यदि अज्ञानी भक्त अविवेक और अज्ञान की नींद से जग उठता”-लेख शृंखला का 17वां लेख
5 दिसंबर 2025 का ज्ञानप्रसाद पिछले कुछ दिनों से ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार के मंच से परम पूज्य गुरुदेव के अति समर्पित शिष्य पंडित लीलापत शर्मा जी की अद्भुत रचना “ युगऋषि का अध्यात्म-युगऋषि की वाणी में” को आधार बना कर लेख लिखने का प्रयास किया जा रहा है। सभी साथिओं का धन्यवाद् करते है
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पूज्यवर ने पंडित जी को कहा “ परिष्कृत जीवन में ही भौतिक सुख आनंद प्रदान कराते हैं”-लेख शृंखला का 16 वां लेख
4 दिसंबर 2025 का ज्ञानप्रसाद पंडित लीलापत शर्मा जी की दिव्य रचना “युगऋषि का अध्यात्म- युगऋषि की वाणी में” पर आधरित लेख श्रृंखला का आज 16वां लेख प्रस्तुत है। मर्यादा पुरषोतम भगवान श्रीराम एवं योगेश्वर श्रीकृष्ण की शिक्षाओं पर आधारित चार लेखों की सीरीज का आज अंतिम लेख साथिओं के समक्ष प्रस्तुत करते हुए हम
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