Month: December 2025
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Boston के प्रोफेसर राइट के साथ स्वामी विवेकानंद की अविस्मरणीय भेंट- लेख शृंखला का नौंवा लेख
26 दिसंबर 2025 का ज्ञानप्रसाद आज के ज्ञानप्रसाद लेख में स्वामी विवेकानंद की जापान,कनाडा से होते हुए अमेरिका की यात्रा एवंम उससे जुड़े कुछ अविस्मरणीय क्षणों का वर्णन है। उचित रहेगा कि बिना किसी विलम्ब के सीधा ज्ञानप्रसाद के अमृतपान की ओर बढ़ा जाए I *************** खेतड़ी के राजा की इच्छानुसार उनके प्राइवेट सेक्रेटरी मुंशी जगमोहनलाल
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स्वामी जी सम्बंधित खंडवा और पूना के दो घटनाक्रम-लेख श्रृंखला का आठवां लेख
25 दिसंबर 2025 का ज्ञानप्रसाद आदरणीय रेणु श्रीवास्तव जी की पसंद की प्रार्थना को आज के लेख के साथ अटैच करने में अपना सौभाग्य समझते हैं। आज के ज्ञानप्रसाद लेख के लिए हम एक बार फिर से 91 पृष्ठों का पुस्तक “स्वामी विवेकानंद-संक्षिप्त जीवनी तथा उपदेश की ओर रुख कर रहे हैं। खंडवा(मध्य प्रदेश) में
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रिसर्च रिपोर्ट पर आधारित लेख अनेकों प्रश्नों के उत्तर दे रहा है- लेख श्रृंखला का सातवां लेख
24 दिसंबर 2025 का ज्ञानप्रसाद आज का ज्ञानप्रसाद 2020 में प्रकाशित हुए “स्वामी विवेकानंद और विश्व धर्म सम्मेलन शिकागो” रिसर्च पेपर पर आधारित है। रामजय कॉलेज छपरा बिहार के आदरणीय डॉ संतोष रजक जी का पांच पृष्ठों का रिसर्च पेपर वर्तमान लेख श्रृंखला में एक विशेष योगदान लेकर आया है जिसे “शोध समागम” नामक रिसर्च
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स्वामी विवेकानंद का सन्देश:यदि ईश्वर से लाभ प्राप्त करना चाहते हो तो पहले नररूपी नारायण की सेवा करो।”- लेख श्रृंखला का छठा लेख
23 दिसंबर 2025 का ज्ञानप्रसाद अमेरिका के मीडिया और जनता ने स्वामी विवेकानंद को शिकागो के विश्व धर्म सम्मेलन (1893) के ऐतिहासिक भाषण और उनकी करिश्माई वक्तृत्व-शैली के कारण “साइक्लोनिक हिन्दू” (Cyclonic Hindu) के विशेषण से सम्मानित किया था। वे एक बवंडर (cyclone) की तरह अपनी ऊर्जा, ज्ञान और भारतीय दर्शन की प्रस्तुति से पश्चिमी
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स्वामी विवेकानंद का वराहनगर वाला “भूतहा” मकान -लेख श्रृंखला का पांचवां लेख
22 दिसंबर 2025 का ज्ञानप्रसाद विश्वगुरु स्वामी विवेकानंद पर आधारित लेख श्रृंखला का आज का ज्ञानप्रसाद लेख श्रीरामकृष्ण मठ द्वारा प्रकाशित पुस्तक “स्वामी विवेकानंद: संक्षिप्त जीवनी एवं उपदेश” पर आधारित है। लेख में इतना कुछ जानने को है कि यदि सारांश लिख दिया जाये तो Repetition जैसा लगेगा। बेहतर होगा कि पाठक स्वयं ही,अपने विवेक
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स्वामी विवेकानन्द जी की तीन अल्मोड़ा यात्रायें- लेख शृंखला का चौथा लेख
19 दिसंबर 2025 का ज्ञानप्रसाद सुकरात और अल्बर्ट आइंस्टीन जैसे विचारकों ने अक्सर दोहराया है: The more I study, the less I know, समय-समय लोगों ने इस तथ्य को अपनी सुविधा के अनुसार तोड़-मरोड़ कर अलग-अलग अर्थ निकाले। जिसे पढाई में कोई रूचि नहीं थी उसने कहा कि यदि मुझे अधिक पढ़कर कंफ्यूज ही होना
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स्वामी विवेकानंद की विदेश यात्रा औसत भारतीय के लिए कैसे लाभदायक रही? लेख श्रृंखला का तीसरा लेख
18 दिसंबर 2025 का ज्ञानप्रसाद आज का ज्ञानप्रसाद लेख एक बहुत ही बेसिक प्रश्न का उत्तर दे रहा है: स्वामीजी की विदेश यात्रा से सामान्य भारतीय को क्या लाभ मिला? क्या आध्यात्मिकता से पेट की भूख शांत होती है ? तो आइये आज के ज्ञानप्रसाद लेख का अमृतपान करें। ********************* देश दशा का अनुभव: सन्
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स्वामी विवेकानंद की दिव्यता दर्शाती दो घटनाएं-लेख श्रृंखला का दूसरा लेख
17 दिसंबर 2025 का ज्ञानप्रसाद ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार के मंच से प्रस्तुत की जा रही वर्तमान लेख श्रृंखला पूज्यवर की दिव्य रचना “धर्म और संस्कृति के महान उन्नायक -स्वामी विवेकानंद” पर आधारित है। आज प्रस्तुत किये गए लेख में दो ऐसी घटनाएं वर्णित की गयी हैं जिन्हें हमने अनेकों बार सुना/जाना है लेकिन फिर
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स्वामी विवेकानंद को अपने प्रश्न का उत्तर रामकृष्ण परमहंस से ही मिला- लेख श्रृंखला का प्रथम लेख
16 दिसंबर 2025 का ज्ञानप्रसाद परम पूज्य गुरुदेव की मात्र 43 पृष्ठों की दिव्य पुस्तक “धर्म और संस्कृति के महान उन्नायक -स्वामी विवेकानंद” पर आधारित लेख श्रृंखला का प्रथम लेख आज ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार के मंच पर प्रस्तुत करते हुए अत्यंत हर्ष का आभास हो रहा है। स्वामी विवेकानंद जी के विशाल व्यक्तित्व पर
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मात्र 1200 शब्दों में सिमटी, विशाल व्यक्तित्व “स्वामी विवेकानंद” की बायोग्राफी
15 दिसंबर 2025 का ज्ञानप्रसाद हम जानते हैं कि हमारे साथी हमें प्रश्न कर सकते हैं कि जब हम स्वामी विवेकानंद जी के बारे में इतना विस्तार से लिख चुके हैं,जान चुके हैं तो इस छोटे से लेख का क्या औचित्य है, अवश्य औचित्य है !!! हम अपने विद्यार्थी जीवन के अनुभव से कह सकते
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स्वामी विवेकानंद जी के भारत आने पर अभूतपूर्व स्वागत-2
12 दिसंबर 2025 का ज्ञानप्रसाद स्वामी विवेकानंद जी से सम्बंधित मात्र दो लेखों की श्रृंखला का आज समापन हो रहा है, इस दिव्य व्यक्तित्व पर अनेकों जन्म भी समर्पित कर दिए तो भी तृष्णा शांत न हो, ऐसी हमारी पर्सनल धारणा है। सभी साथिओं से, इस समापन लेख की निम्नलिखित मुख्य हाइलाइट्स को अंतर्मन में
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स्वामी विवेकानंद जी के भारत आने पर अभूतपूर्व स्वागत-1
11 दिसंबर 2025 का ज्ञानप्रसाद हमारी और आदरणीय नीरा जी की चर्चाओं में स्वामी विवेकानंद जी को बड़े सम्मान एवं प्यार से डिसकस किया जाता है। हम तो अनेकों बार कह चुके हैं कि यदि परम पूज्य गुरुदेव ने हमें अपने अनुदान प्रदान करते हुए,ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार की ज़िम्मेदारी न सौंपी होती तो हम
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संत कबीर की “उल्टबाँसी” को समझने के लिए एक संक्षिप्त एवं सरल लेख
10 दिसंबर 2025 का ज्ञानप्रसाद आज का लेख थोड़ा Philosophical है, इसे साधारण भावना में न समझकर आत्मा के स्तर पर समझने की प्रार्थना कर रहे हैं। हम सब इस तथ्य से भलीभांति परिचित हैं कि परम पूज्य गुरुदेव का एक जन्म संत कबीर के रूप में भी था। संत कबीर के बारे में आज
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“युगऋषि का अध्यात्म-युगऋषि की वाणी में” पर आधारित लेख श्रृंखला का 20वां एवं समापन लेख
9 दिसंबर 2025 का ज्ञानप्रसाद- 5 नवंबर 2025 को आरम्भ हुई “युगऋषि का अध्यात्म-युगऋषि की वाणी में” दिव्य लेख श्रृंखला का आज 20वां एवं समापन लेख प्रस्तुत किया गया है। सभी साथिओं का ह्रदय से धन्यवाद् करते हैं जिन्होंने इस लेख श्रृंखला का अध्ययन करके,कमेंट-काउंटर कमेंट करके इस लेख श्रृंखला को सफल बनाने में सहयोग
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गुरुदेव ने पंडित जी को तीन इंजैक्शन लगाए -लेख शृंखला का 19वां लेख
8 दिसंबर 2025 का ज्ञानप्रसाद आज के लेख का शुभारम्भ करने से पहले साथिओं का धन्यवाद् करने चाहते हैं जिनके कमैंट्स ने “महाकाल और महाकाली के प्रसंग” को Rephrase करने की निम्नलिखित प्रेरणा दी है: महाकाल की छाती पर महाकाली का होना शिव और शक्ति के एकात्म, अहंकार के नाश और सृष्टि के निरंतर
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पंडित जी ने गुरुदेव से पूछा “महाकाल कौन हैं? ”-लेख शृंखला का 18वां लेख
6 दिसंबर 2025 का ज्ञानप्रसाद “युगऋषि का अध्यात्म,युगऋषि की वाणी में” आदरणीय पंडित लीलापत शर्मा जी की 10 उत्कृष्ट रचनाओं में से एक रचना है। 82 पन्नों की इस पुस्तक पर आधारित लेख श्रृंखला अब समापन की ओर बढ़ रही है,आज उसका 18वां ज्ञानप्रसाद लेख प्रस्तुत किया गया है। हर बार की भांति इस बार
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पूज्यवर ने पंडित जी को कहा “जागरण तो सार्थक तब होता यदि अज्ञानी भक्त अविवेक और अज्ञान की नींद से जग उठता”-लेख शृंखला का 17वां लेख
5 दिसंबर 2025 का ज्ञानप्रसाद पिछले कुछ दिनों से ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार के मंच से परम पूज्य गुरुदेव के अति समर्पित शिष्य पंडित लीलापत शर्मा जी की अद्भुत रचना “ युगऋषि का अध्यात्म-युगऋषि की वाणी में” को आधार बना कर लेख लिखने का प्रयास किया जा रहा है। सभी साथिओं का धन्यवाद् करते है
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पूज्यवर ने पंडित जी को कहा “ परिष्कृत जीवन में ही भौतिक सुख आनंद प्रदान कराते हैं”-लेख शृंखला का 16 वां लेख
4 दिसंबर 2025 का ज्ञानप्रसाद पंडित लीलापत शर्मा जी की दिव्य रचना “युगऋषि का अध्यात्म- युगऋषि की वाणी में” पर आधरित लेख श्रृंखला का आज 16वां लेख प्रस्तुत है। मर्यादा पुरषोतम भगवान श्रीराम एवं योगेश्वर श्रीकृष्ण की शिक्षाओं पर आधारित चार लेखों की सीरीज का आज अंतिम लेख साथिओं के समक्ष प्रस्तुत करते हुए हम
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पूज्यवर ने पंडित जी को कहा “ अखंड ज्योति के प्रथम अंक के प्रथम पृष्ठ पर सुदर्शन चक्रधारी श्रीकृष्ण सिद्धांतों के प्रतीक हैं ।”-लेख शृंखला का 15वां लेख
3 दिसंबर 2025 का ज्ञानप्रसाद- ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार के जो साथी हमसे वर्षों से जुड़े हुए हैं, ज्ञानप्रसाद लेखों से भलीभांति परिचित हैं लेकिन अनेकों ऐसे भी हैं जिन्हें इस तथ्य का ज्ञान नहीं है कि गुरुदेव के दिव्य साहित्य पर आधारित यह लेख मात्र कॉपी पेस्ट न होकर गहन रिसर्च एवं अध्ययन का
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पूज्यवर ने पंडित जी को रामायण शिक्षा से कहा “आज समाज सद्विचारों और सद्भावनाओं के अभाव में मर रहा है।”-लेख शृंखला का 14वां लेख
2 दिसंबर 2025 का ज्ञानप्रसाद पंडित लीलापत शर्मा जी की दिव्य रचना, “युगऋषि का अध्यात्म- युगऋषि की वाणी में” पर आधारित लेख श्रृंखला का आज 14वां लेख प्रस्तुत है। प्रत्येक लेख की भांति ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार के मंच से प्रकाशित यह लेख भी गुरुवर के सिद्धांतों को अंतर्मन में उतारने,उन पर अमल करने के