Month: June 2025
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माता जी द्वारा गुरुदेव के क्रियाकलापों का संक्षिप्त वर्णन
1 जुलाई 2025 का ज्ञानप्रसाद अपने सर्वप्रिय,समर्पित साथिओं के साथ लिए गए वचन का पालन करते हुए कल जिस लेख को प्रस्तुत किया था उसका आज दूसरा एवं अंतिम भाग प्रकाशित किया जा रहा है। माता जी के मुखारविंद से गुरुदेव के भावी क्रियाकलापों का वर्णन सुनना एक दिव्य अवसर है। मई 1972 की अखंड
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शांतिकुंज गुरुदेव का डाक बंगला है।
30 जून 2025 का ज्ञानप्रसाद अखंड ज्योति मई 1972 की अखंड ज्योति पर आधारित ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार का आज का दिव्य ज्ञानप्रसाद विशेषता से ओतप्रोत है। यह ज्ञानप्रसाद इस दृष्टि से विशेष तो है ही कि वंदनीय माता जी के श्रीचरणों में समर्पित होकर उनके ही मुखारविंद से दुर्लभ ज्ञान का अमृतपान हो रहा
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“सुझाव बहिन सुमनलता जी का,प्रयास हमारा” का 28 जून 2025 का अंक
27 अप्रैल 2024 को आदरणीय बहिन सुमनलता जी के सुझाव एवं साथिओं के समर्थन पर एक स्पेशल सेगमेंट का शुभारम्भ हुआ था जो अब एक इतिहास बन चुका है। एक सहमति बनी थी कि हम (अरुण त्रिखा) माह के अंतिम शनिवार को एक ओपन लेटर की भांति अपने भाव व्यक्त करें, जिसमें हमारे मन में
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प्राण प्रत्यावर्तन साधना में भोजन एवं प्रक्रिया का संक्षिप्त वर्णन
26 जून 2025 का ज्ञानप्रसाद परम पूज्य गुरुदेव के सानिध्य में सम्पन हुई प्राण प्रत्यावर्तन साधना केवल एक वर्ष (1973-74 ) ही चली थी। बाद में यही साधना अन्य नामों से चलती रही और आज 2025 में युगतीर्थ शांतिकुंज द्वारा 5 दिवसीय अन्तः ऊर्जा जागरण सत्र करवाए जा रहे हैं जो इसी साधना से मिलते
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प्राण-प्रत्यावर्तन एक प्रकार की सर्जरी ही है
25 जून 2025 का ज्ञानप्रसाद-अखंड ज्योति मई 1972 आज का ज्ञानप्रसाद एक प्रकार का पिछले कुछ दिनों से चल रहे वंदनीय माता जी द्वारा प्रदान किये जा रहे अमृतपान का Wrap-up है एवं इस श्रृंखला का अंतिम लेख है। परम पूज्य गुरुदेव माता जी के हार्ट अटैक के कारण हिमालय से अपनी तप-साधना छोड़ कर
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प्राण प्रत्यावर्तन के माध्यम से गुरु-ऋण से मुक्ति
24 जून 2025 का ज्ञानप्रसाद- अखंड ज्योति मई 1972 आज का दिव्य ज्ञानप्रसाद लेख पिछले कुछ दिनों से चल रही वर्तमान लेख श्रृंखला में परम वंदनीय माता जी और परम पूज्य गुरुदेव के बीच हुई चर्चा का विवरण है। बार-बार रिपीट कर रहे हैं कि परम पूज्य गुरुदेव माता जी के हार्ट अटैक के कारण
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1973 के प्राण-प्रत्यावर्तन की बेसिक Qualification क्या थी ?
23 जून 2025 का ज्ञानप्रसाद- अखंड ज्योति मई 1972 आज सोमवार,सप्ताह का प्रथम दिन,ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार के छोटे से समर्पित समूह के लिए,हर बार की भांति अद्भुत ऊर्जा लेकर आया है। हमारी तरह सभी साथी उत्सुक होंगें कि आज परम वंदनीय माता जी,जादूगर की भांति अपने पिटारे में से कौन से दिव्य प्रसाद से
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गुरुदेव के साधना रथ के दो पहिये-आत्मपरिष्कार और लोकमंगल
19 जून 2025 का ज्ञानप्रसाद-अखंड ज्योति जून 1972 आत्मपरिष्कार,लोकमंगल, पात्रता,प्रत्यावर्तन-अनुदान,शक्तिपात,युगसाधना-त्रिवेणी कुछ ऐसे आकर्षक शब्द हैं जिनके अर्थ समझ कर ही आज के जीवनदायनी ज्ञानामृत का पयपान करना उचित रहेगा। ज्ञान के इस दिव्य अमृत की एक-एक बूँद पाठकों के शरीर की लगभग 30 ट्रिलियन कोशिकाओं में से केवल 1 मिलियन को ही प्रभावित कर पाएं
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नर-पशु से नर-रत्न और नर-नारायण बनने का मार्ग।
18 जून 2025 का ज्ञानप्रसाद-अखंड ज्योति मई 1972 पिछले दो दिनों से ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार के मंच से प्रसारित हो रहे दिव्य ज्ञानप्रसाद में परम वंदनीय माता जी, गुरुदेव के साथ हुई चर्चा का सारांश हम बच्चों को समझा रही हैं। वर्तमान शिक्षा “बड़ा बनने” और “महान बनने” के अंतर् का अमृतपान करा रही
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महानता का चयन दूरदर्शितापूर्ण है
17 जून 2025 का ज्ञानप्रसाद-अखंड ज्योति जून 1972 आज का दिव्य ज्ञानप्रसाद लेख कल आरम्भ हुए “महानता” के सागर में डुबकी लगाने का प्रयास है। परम वंदनीय माता जी ने अखंड ज्योति के माध्यम से, गुरुदेव के निर्देशों को अपने बच्चों के समक्ष रखा, हम ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार के मंच से इन निर्देशों को
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बड़ा बनने में और महान बनने में क्या अंतर् है ?
16 जून 2025 का ज्ञानप्रसाद-अखंड ज्योति जून 1972 आज सोमवार है, सप्ताह का प्रथम दिन, एक नवीन ऊर्जा का दिन, एक नए संकल्प का दिन, एक नए टॉपिक के दिव्य शुभारम्भ का दिन । अक्सर कहा जाता है कि परम पूज्य गुरुदेव द्वारा रचित विशाल साहित्य में समाहित ज्ञान में जीवन से सम्बंधित शायद ही
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“अपने सहकर्मियों की कलम से” का 14 जून 2025 का स्पेशल अंक -सरविन्द जी एवं अरुण जी की समस्या
ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार के सभी साथी भलीभांति परिचित हैं कि प्रत्येक माह के तीन शनिवार साथिओं की प्रतिभा एवं प्रोत्साहन के लिए रिज़र्व किये हुए हैं। हमारा प्रयास रहता है कि किसी भी साथी में,किसी भी प्रकार की, कोई भी प्रतिभा हो उसे परिवार के मंच पर,साथिओ के समक्ष लाया जाए, उसका मूल्यांकन किया
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क्या हम गुरुदेव के स्तर की साधना कर सकते हैं ?
12 जून 2025 का ज्ञानप्रासद-अखंड ज्योति नवंबर 1971 नवंबर 1971 की अखंड ज्योति में प्रकाशित वंदनीय माता जी के मुखारविंद से प्रस्तुत की गयी 3-अंकीय लेख शृंखला के तीसरे एवं समापन अंक का शीर्षक बहुत ही आकर्षक है। आज प्रस्तुत किये गए ज्ञानप्रसाद लेख के शीर्षक “क्या हम गुरुदेव के स्तर की साधना कर सकते
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गुरुदेव एक दिखते हुए भी पांच थे।
11 जून 2025 का ज्ञानप्रसाद-अखंड ज्योति नवंबर 1971 कल से आरम्भ हुई 3-अंकीय लेख श्रृंखला का आज दूसरा अंक प्रस्तुत है। वन्दनीय माता जी नवंबर 1971 की अखंड ज्योति में गुरुदेव के बारे में वोह बातें बता रही हैं जो हम सबने अनेकों बार पढ़ी हैं लेकिन वंदनीय माता जी के मुखारविंद से वर्णन होना
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गुरुदेव को धरती पर क्यों भेजा गया था ?
10 जून 2025 का ज्ञानप्रसाद -अखंड ज्योति नवंबर 1971 आज से आरम्भ हो रही 3-अंकीय लेख श्रृंखला में वन्दनीय माता जी नवंबर 1971 की अखंड ज्योति में गुरुदेव के बारे में वोह बातें बता रही हैं जो हम सबने अनेकों बार पढ़ी हैं लेकिन वंदनीय माता जी के मुखारविंद से वर्णन होना साक्षात् First hand
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तू पहले दस कदम तो चल
9 जून 2025 का ज्ञानप्रसाद आज का दिव्य ज्ञानप्रसाद एक पीडीऍफ़ फॉर्मेट में होने का कारण यही है कि इसके कंटेंट में इतना उत्कृष्ट ज्ञान समाहित है कि उसे लाल रंग से Bold font में हाईलाइट करना उचित समझा गया है। यह सुविधा यूट्यूब में उपलब्ध नहीं है। हमने इस ज्ञानप्रसाद को प्रकाशित करने से
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वंदनीय माता जी द्वारा गुरुदेव की शक्ति का वर्णन-पार्ट 3,अखंड ज्योति अगस्त 1971
5 जून 2025 का ज्ञानप्रसाद अगस्त 1971 की अखंड ज्योति में एक लेख प्रकाशित हुआ जिसका शीर्षक था “गुरुदेव का अवतरण और कार्यक्षेत्र।” इस लेख का समापन परम वंदनीय माता जी के हस्ताक्षर से हुआ था जो प्रमाणित करता है कि यह लेख माता जी के कर-कमलों से सुशोभित हुआ था। वंदनीय माता जी द्वारा
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वंदनीय माता जी द्वारा गुरुदेव की शक्ति का वर्णन-पार्ट 2, अखंड ज्योति अगस्त 1971
4 जून 2025 का ज्ञानप्रसाद परम पूज्य गुरुदेव का निर्देश माने यां दिव्य संयोग कि 2025 की गायत्री जयंती,गंगा दशहरा एवं गुरुदेव के महाप्रयाण के लिए वंदनीय माता जी से अद्भुत जानकारी मिल रही है। कई पूर्व सयोगों की भांति इस बार भी 1971-72 की अखंड ज्योति के वही अंक हमारे हाथों में थमा दिए
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वंदनीय माता जी द्वारा गुरुदेव की शक्ति का वर्णन-पार्ट 1, अखंड ज्योति अगस्त 1971
3 जून 2025 का ज्ञानप्रसाद परम पूज्य गुरुदेव के बारे में अनेकों लोगों से, जीवनदानिओं से, दिव्य साहित्य के माध्यम से जानने का सौभाग्य प्राप्त होता है लेकिन जितना वंदनीय माता जी बता सकती हैं शायद ही अन्य कोई बता सके। अगस्त 1971 की अखंड ज्योति का प्रकाशन गुरुदेव के हिमालय जाने के बाद वंदनीय
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मानवी काया काँच की नहीं,अष्ट धातु से बनी है।
2 जून 2025 का ज्ञान प्रसाद मार्च 1972 की अखंड ज्योति में प्रकाशित सभी लेख इतने उत्कृष्ट हैं कि हम वंदनीय माता जी को महाशक्ति कहे बिना नहीं रह सकते। गुरुवर हिमालय में साधनारत थे, माता जी शांतिकुंज के आरंभिक दिनों में लगभग अकेली ही थीं, ऐसी स्थिति में इतने उत्कृष्ट लेखों से हम सबका