Month: April 2025
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वर्ष 1958 का दिव्य सहस्र कुंडीय यज्ञ-पार्ट 12
1 मई 2025 का ज्ञानप्रसाद-सोर्स: अखंड ज्योति दिसंबर 1958 आज का दिव्य आध्यात्मिक ज्ञानप्रसाद आदरणीय डॉ चमनलाल जी की प्रस्तुति है। 1958 में संपन्न हुए सहस्र कुंडीय यज्ञ में जिन चार विभूतियों ने आत्मदान किया था, डॉ साहिब उनमें से एक हैं। कुछ ही दिन पूर्व हमारे साथिओं ने आदरणीय शंभुसिंह जी की प्रस्तुति का
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वर्ष 1958 का दिव्य सहस्र कुंडीय यज्ञ-पार्ट 11
30 अप्रैल 2025 का ज्ञानप्रसाद-सोर्स:अखंड ज्योति दिसंबर 1958 साथिओ आज का दिव्य आध्यात्मिक ज्ञानप्रसाद लेख महान विभूति आदरणीय सत्यप्रकाश शर्मा जी की प्रस्तुति है। इतनी मार्गदर्शक प्रस्तुति के बारे में बजाये हम कुछ कहें, साथिओं से निवेदन है कि वह स्वयं ही शब्द By शब्द अमृतपान करके कमैंट्स की कक्षा में ले आएं ताकि हम
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वर्ष 1958 का दिव्य सहस्र कुंडीय यज्ञ-पार्ट 10
29 अप्रैल 2025 का ज्ञानप्रसाद-सोर्स:अखंड ज्योति दिसंबर 1958 आज का दिव्य आध्यात्मिक ज्ञानप्रसाद लेख आरम्भ करने से पहले अपने समर्पित साथिओं से क्षमाप्रार्थी हैं कि कल वाले लेख की शब्दावली कुछ एक साथिओं को लेख शृंखला के समापन का आभास दे गयी। एक बार पहले भी ऐसी स्थिति आ चुकी है। इसलिए उचित रहेगा कि
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वर्ष 1958 का दिव्य सहस्र कुंडीय यज्ञ-पार्ट 9
28 अप्रैल 2025 का ज्ञानप्रसाद- सोर्स:अखंड ज्योति दिसंबर 1958 आज का ज्ञानप्रसाद, साहित्य-विशारद, आदरणीय सत्यनारायण सिंह जी द्वारा Compile किये गए दिव्य अंक का समापन अंक है जिसका आँखों देखा हाल, हमने 24 अप्रैल को आरम्भ किया था। साथिओं को स्मरण होगा कि आदरणीय सत्यनारायण सिंह जी उस समय के कांग्रेस के सक्रीय राजनेता थे
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सुझाव बहिन सुमनलता जी का प्रयास हमारा-अरुण त्रिखा
आज 26 अप्रैल,2025, शनिवार का दिन है। एक वर्ष पूर्व 27 अप्रैल वाले दिन इस “विशेष विशेषांक” का शुभारम्भ हुआ था। इस “विशेष विशेषांक” के इतिहास की तरफ दृष्टि दौड़ाएं तो साथिओं को स्मरण हो आएगा कि ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार की सर्वआदरणीय बहिन सुमनलता जी ने यूट्यूब पर सुझाव पोस्ट किया था जिसे सभी
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वर्ष 1958 का दिव्य सहस्र कुंडीय यज्ञ-पार्ट 8
24 अप्रैल 2025 का ज्ञानप्रसाद- सोर्स:अखंड ज्योति दिसंबर 1958 कहते हैं दिल से दिल को राह होती है-कमैंट्स के माध्यम से अपने साथिओं की भावनाओं का परम सत्कार करते हुए कल प्रकाशित होने वाली वीडियो में हम मुंबई अश्वमेध की यज्ञस्थली में उपस्थित होंगें। बहिन सुमनलता जी ने हमारे लिए कमेंटेटर शब्द का प्रयोग करके
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वर्ष 1958 का दिव्य सहस्र कुंडीय यज्ञ-पार्ट 7
23 अप्रैल 2025 का ज्ञानप्रसाद-सोर्स:अखंड ज्योति दिसंबर 1958 हमारा परम सौभाग्य है कि गुरुकृपा से 1958 के उस महान सहस्र कुंडीय यज्ञ के बारे में इतनी बारीकी से जानने का अवसर मिल रहा है कि क्या कहा जाए। वर्तमान लेख श्रृंखला में जो कंटेंट (कलश यात्रा, यात्रिओं का उत्साह, यज्ञशाला आदि) प्रस्तुत किया जा रहा
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वर्ष 1958 का दिव्य सहस्र कुंडीय यज्ञ-पार्ट 6
22 अप्रैल 2025 का ज्ञानप्रसाद-सोर्स:अखंड ज्योति दिसंबर 1958 पिछले कल, 21 अप्रैल 2025 वाला लेख “ब्रह्मास्त्र अनुष्ठान” का समापन अंक तो अवश्य था लेकिन इस अनुष्ठान के महत्व के कारण इसकी चर्चा आने वाले दिनों में भी होती ही रहेगी। आज से,अखंड ज्योति के उस बहुचर्चित अंक की चर्चा का शुभारम्भ हो रहा है जिसे
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वर्ष 1958 का दिव्य सहस्र कुंडीय यज्ञ-पार्ट 5
21 अप्रैल 2025 का ज्ञानप्रसाद अखंड ज्योति नवंबर 1957 पृष्ठ 15 पर गुरुदेव ने लिखा कि निकट भविष्य में आकाश में घुमड़ती हुई प्रलयंकर घटाओं को बरस पड़ने का ज़रा सा भी अवसर मिला तो निश्चय ही इसके परिणाम अति चिन्ताजनक होंगे लेकिन अभी स्थिति उस सीमा तक नहीं पहुँची है कि मानवी प्रयत्न इन्हें
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वर्ष 1958 का दिव्य सहस्र कुंडीय यज्ञ-पार्ट 4
17 अप्रैल 2025 गुरुवार का आध्यात्मिक ज्ञानप्रसाद-सोर्स अखंड ज्योति सितम्बर 1958 ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार के साथिओं से करबद्ध क्षमाप्रार्थी हैं कि कल वाले ज्ञानप्रसाद को समझाने में हमारी अयोग्यता प्रकट हो उठी। हमने तो लिखा था “आरंभिक तैयारिओं का तीसरा एवं समापन अंक” लेकिन मैसेज “सहस्र कुंडीय महायज्ञ” की लेख श्रृंखला के समापन का
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वर्ष 1958 का दिव्य सहस्र कुंडीय यज्ञ-पार्ट 3
16 अप्रैल 2025 बुधवार का आध्यात्मिक ज्ञानप्रसाद-सोर्स: अखंड ज्योति जनवरी 1958 आज का आध्यात्मिक ज्ञानप्रसाद 1958 के अभूतपूर्व सहस्र कुंडीय यज्ञ की आरंभिक तैयारिओं का तीसरा एवं समापन अंक है। कल ब्रह्मस्त्र अनुष्ठान को समझने का प्रयास रहेगा। परम पूज्य गुरुदेव जैसे दिव्य शिक्षक, जिस सरलता से हम जैसे निसिखिये बच्चों को छोटी से छोटी
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वर्ष 1958 का दिव्य सहस्र कुंडीय यज्ञ-पार्ट 2
15 अप्रैल 2025 मंगलवार का आध्यात्मिक ज्ञानप्रसाद- सोर्स: अखंड ज्योति जनवरी 1958 आज से पांच वर्ष पूर्व 2020 में भी हमने वर्तमान लेख श्रृंखला को ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार के मंच पर प्रस्तुत करने का प्रयास किया था लेकिन दो वर्ष (1957/58) के विस्तृत ज्ञान के स्वाध्याय के बावजूद हम केवल एक ही लेख लिख
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वर्ष 1958 का दिव्य सहस्र कुंडीय यज्ञ-पार्ट 1
14 अप्रैल 2025 सोमवार का आध्यात्मिक ज्ञानप्रसाद – सोर्स अखंड ज्योति जनवरी 1958 आज सप्ताह का प्रथम ऊर्जावान दिन सोमवार है, ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार की प्रथा के अनुसार सप्ताह के प्रथम दिन एक नई आध्यात्मिक ज्ञानप्रसाद लेख श्रृंखला का शुभारम्भ होता है। हमारे साथी इस बात से परिचित हैं कि नई लेख शृंखला का शुभारम्भ
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2026 में होने वाले अविस्मरणीय कार्यक्रमों की श्रृंखला
10 अप्रैल 2025 का ज्ञानप्रसाद-सोर्स:अखंड ज्योति फ़रवरी 2025 परम पूज्य गुरुदेव के तप साधना के 100 वर्ष, परम वंदनीय माता जी के अवतरण के 100 वर्ष एवं अखंड दीप के प्राकट्य के 100 वर्ष, अलग-अलग दिखने वाले ये तीन घटनाक्रम ठीक वैसे ही एक हैं, जैसे गंगा-यमुना और सरस्वती की त्रिवेणी, प्रयाग में एक धारा
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वर्ष 2026 गायत्री परिवार के लिए इतना महत्वपूर्ण क्यों है ?
9 अप्रैल 2025 का ज्ञानप्रसाद-सोर्स: अखंड ज्योति फ़रवरी 2025 ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार के समक्ष प्रस्तुत किया गया आज का आध्यात्मिक ज्ञानप्रसाद लेख, कल वाले लेख के साथ दो भाग में एक विशेष सन्देश लेकर आया है। इस परिवार का शायद ही कोई सदस्य हो जो वर्ष 2026 के महत्व से परिचित न हो। युगतीर्थ
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यज्ञ करना एक बड़ा हस्पताल खोलने के समान है।
8 अप्रैल 2025 का ज्ञानप्रसाद- अखंड ज्योति अक्टूबर 1953 आज के आध्यात्मिक ज्ञानप्रसाद के कंटेंट से अधिकतर साथी परिचित होंगें क्योंकि ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार का कोई ही साथी होगा जो यज्ञ एवं उससे होने वाले स्वास्थ्य लाभों की जानकारी न रखता हो। अक्टूबर 1953 की अखंड ज्योति में “यज्ञ द्वारा आरोग्य लाभ” शीर्षक से
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गायत्री परिवार के जन्म की पृष्ठभूमि-पार्ट 2
7 अप्रैल 2025,सोमवार का ज्ञानप्रसाद – सोर्स:अखंड ज्योति अक्टूबर 1958 आज का आध्यात्मिक ज्ञानप्रसाद लेख, उस लेख का दूसरा एवं समापन पार्ट है जिसका प्रथम पार्ट पिछले सप्ताह गुरुवार को प्रस्तुत किया था। पिछले सप्ताह भी लिखा था, आज फिर लिख रहे हैं कि सात दशक पूर्व जन्में इस परिवार ने जिस विशाल वृक्ष का रूप
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गायत्री परिवार के जन्म की पृष्ठभूमि -पार्ट 1
3 अप्रैल 2025 का ज्ञानप्रसाद- सोर्स:अखंड ज्योति अक्टूबर 1958 कल प्रकाशित हुए समुद्र मंथन के लेख को समझने/ जानने के लिए जब हम अखंड ज्योति के 1956 से 1958 के अंकों के देख रहे थे तो “गायत्री परिवार” शीर्षक से अनेकों लेख देखने का सौभाग्य मिला। जिज्ञासा उठी कि गुरुदेव ने तो वर्षो पूर्व हमें
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गायत्री परिवार का समुद्र-मन्थन कितना प्रभावशाली ?
2 अप्रैल 2025 का ज्ञानप्रसाद- सोर्स अखंड ज्योति अक्टूबर 1958 आज के आध्यात्मिक ज्ञानप्रसाद लेख के शीर्षक से ही संकेत हो रहा है कि आज ही समापन होने वाला यह लेख कितना रोचक और ज्ञानवर्धक हो सकता है। अखंड ज्योति 1958 के अक्टूबर अंक में “इस विष से सावधान रहिये” शीर्षक से प्रकाशित लेख में