Month: November 2024
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मनुष्य शरीर में नाभि का महत्व-पार्ट 3
27 नवंबर 2024 बुधवार का ज्ञानप्रसाद नाभि और नाभिचक्र की महत्ता का वर्णन करते आज के ज्ञानप्रसाद का शुभारम्भ करने से पहले परम पूज्य गुरुदेव एवं अनेकों समर्पित बच्चों का धन्यवाद् करना चाहेंगें जो हमारी सर्जरी को लेकर अनवरत भांति-भांति के शुभकामना सन्देश पोस्ट कर रहे हैं। सभी के प्रति यही कह सकते हैं कि
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मनुष्य शरीर में नाभि का महत्व-पार्ट 2
26 नवंबर 2024, मंगलवार का ज्ञानप्रसाद आज का ज्ञानप्रसाद लेख माह के अंतिम शनिवार को प्रकाशित होने वाले विशेषांक का कुछ अंश लिए हुए है। ह्रदय में उठ रही भावनाओं को दिसंबर माह के अंतिम शनिवार तक पोस्टपोन करना कुछ अनुचित लग रहा है, वैसे भी नाभि पर आधारित चल रही लेख श्रृंखला कल तक
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मनुष्य शरीर में नाभि का महत्व -पार्ट 1
25 नवंबर 2024 सोमवार का ज्ञानप्रसाद ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार के संकल्पित साथी इस तथ्य से भलीभांति अवगत हैं कि इस परिवार में सोमवार का दिन एक अद्भुत सौभाग्य लेकर आता है। सप्ताह का प्रथम दिन होने के कारण और रविवार की छुट्टी होने के कारण, इस दिन सभी साथी, परम पूज्य गुरुदेव के बच्चे
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23 नवंबर 2024, शनिवार का “अपने सहकर्मियों की कलम से” का साप्ताहिक विशेषांक
ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार में शनिवार का दिन एक उत्सव की भांति होता है। यह एक ऐसा दिन होता है जब हम सब सप्ताह भर की कठिन पढाई के बाद थोड़ा Relaxed अनुभव करते हैं और अपने साथिओं के साथ रूबरू होते हैं, उनकी गतिविधिओं को जानते हैं। हर कोई उत्साहित होकर अपना योगदान देकर
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अखंड ज्योति के प्रथम वर्ष की यात्रा का उत्कृष्ट लेख-पार्ट 3 (समापन पार्ट)
21 नवंबर 2024 का ज्ञानप्रसाद “हमारा धन्यवाद् स्वीकार कीजिये” शीर्षक से दिसंबर 1940 की अखंड ज्योति में प्रकाशित एक छोटे से, केवल 4 पन्नों के लेख को समझने के लिए भांति-भांति के उदाहरण देते हुए, वीडियोस का सहारा लेते हुए, क्रॉस रेफरेन्स को शामिल करते हुए आज इस समापन लेख को प्रस्तुत करते हुए हमारी
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अखंड ज्योति के प्रथम वर्ष की यात्रा का उत्कृष्ट लेख-पार्ट 2
20 नवंबर 2024 का ज्ञानप्रसाद “हमारा धन्यवाद् स्वीकार कीजिये” शीर्षक से दिसंबर 1940 की अखंड ज्योति में प्रकाशित एक छोटे से, केवल 4 पन्नों के लेख को समझने के लिए भांति-भांति के उदाहरण देते हुए, वीडियोस का सहारा लेते हुए, क्रॉस रेफरेन्स को शामिल करते हुए हमने चार दिन एक ऐसा प्रयास किया कि प्यासी
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अखंड ज्योति के प्रथम वर्ष की यात्रा का उत्कृष्ट लेख-पार्ट 1
19 नवंबर 2024 का ज्ञानप्रसाद “जब तक मेरे भीतर रक्त की अंतिम बूँद, प्राण का अंतिम भाग और जीवन का अंतिम क्षण है तब तक मैं भारत और भारतीय संस्कृति की सेवा करता रहूँगा और आध्यात्मिक पत्रकारिता मेरे माध्यम से नए आयाम प्राप्त करेगी।”, परम पूज्य गुरुदेव का यह दिव्य सन्देश आदरणीय हनुमान प्रसाद पोद्दार
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अखंड ज्योति के “प्रथम वर्ष की यात्रा” लेख श्रृंखला की पृष्ठभूमि।
18 नवंबर 2024 का ज्ञानप्रसाद आज सप्ताह का प्रथम दिन सोमवार है, भगवान शिव को समर्पित “जय शिव ओंकारा” से गुरुकुल की आज की आध्यात्मिक गुरुकक्षा का शुभारम्भ होना एक पावन सौभाग्य है। आज के लेख का शुभारम्भ करने से पहले साथिओं के साथ शेयर करना चाहेंगें कि यूट्यूब की टेक्निकल टीम से “शुक्रवार को
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16 नवंबर 2024, शनिवार का “अपने सहकर्मियों की कलम से” का साप्ताहिक विशेषांक
ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार में शनिवार का दिन एक उत्सव की भांति होता है। यह एक ऐसा दिन होता है जब हम सब सप्ताह भर की कठिन पढाई के बाद थोड़ा Relaxed अनुभव करते हैं और अपने साथिओं के साथ रूबरू होते हैं, उनकी गतिविधिओं को जानते हैं। हर कोई उत्साहित होकर अपना योगदान देकर
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सच्ची साधना से माँ गायत्री से वार्तालाप भी संभव है।
14 नवंबर 2024 गुरुवार का ज्ञानप्रसाद- गायत्री की परम कल्याणकारी सर्वांगपूर्ण सुगम उपासना विधि” इस सप्ताह का चौथा एवं अंतिम ज्ञानप्रसाद माँ गायत्री से वार्तालाप करवा रहा है। आज का ज्ञानप्रसाद लेख परम पूज्य गुरुदेव की दिव्य रचना “गायत्री की परम कल्याणकारी सर्वांगपूर्ण सुगम उपासना विधि” पर आधारित है। सच्ची साधना द्वारा माँ गायत्री से
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गायत्री मंत्र लेखन-एक महान साधना -पार्ट 2
13 नवंबर 2024 बुधवार का ज्ञानप्रसाद – गायत्री की परम कल्याणकारी सर्वांगपूर्ण सुगम उपासना विधि” परम पूज्य गुरुदेव की अद्भुत रचना “गायत्री की परम कल्याणकारी सर्वांगपूर्ण सुगम उपासना विधि” पर आधारित दो भागों की लेख श्रृंखला का यह दूसरा एवं अंतिम भाग है। हमारे अथक प्रयास के बावजूद ओरिजिनल कंटेंट में Repetition को टालना असंभव ही
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गायत्री मंत्र लेखन-एक महान साधना -पार्ट 1
12 नवंबर 2024 मंगलवार का ज्ञानप्रसाद- गायत्री की परम कल्याणकारी सर्वांगपूर्ण सुगम उपासना विधि” आज का दिव्य ज्ञानप्रसाद परम पूज्य गुरुदेव की अद्भुत रचना “गायत्री की परम कल्याणकारी सर्वांगपूर्ण सुगम उपासना विधि” एवं ऑनलाइन रिसर्च पर आधारित है। लेख को सरल बनाने के लिए ओरिजिनल रचना में दिए गए दिव्य संस्कृत श्लोकों को डिलीट किया
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“अपने सहकर्मियों की कलम से” विशेषांक का एक दिन के लिए एक्सटेंशन
11 नवंबर 2024 आज सप्ताह का प्रथम दिन सोमवार है और इस दिन ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार के मंच से अधिकतर गुरुदेव द्वारा रचित दिव्य साहित्य की लेख शृंखला का शुभारम्भ होता है। अपने समर्पित, श्रद्धावान एवं अति सम्मानीय साथिओं से करबद्ध क्षमाप्रार्थी हैं कि आज केवल एक दिन के लिए शनिवार वाले विशेषांक को
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9 नवंबर 2024, शनिवार का “अपने सहकर्मियों की कलम से” का साप्ताहिक विशेषांक
9 नवंबर, शनिवार का “अपने सहकर्मियों की कलम से” का साप्ताहिक विशेषांक ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार में शनिवार का दिन एक उत्सव की भांति होता है। यह एक ऐसा दिन होता है जब हम सब सप्ताह भर की कठिन पढाई के बाद थोड़ा Relaxed अनुभव करते हैं और अपने साथिओं के साथ रूबरू होते हैं,
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आत्मबोध के लिए बहुत आवश्यक है एकान्त सेवन
7 नवंबर 2024 का ज्ञानप्रसाद- एकान्त सेवन आज का ज्ञानप्रसाद लेख अखंड ज्योति जून 1940 के उस लेख पर आधारित है जो न जाने कितनों को आत्मबोध, आत्मज्ञान एवं जाग्रति का पाठ पढ़ा चुका है और कितने ही पदार्थवाद, भौतिकवाद,मोहमाया के बंधनों से मुक्ति पाकर जीवन की वास्तविकता को स्वीकार कर चुके हैं। गुरुदेव इस
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ईश्वर हमारे सबसे घनिष्ट मित्र हैं
6 नवंबर 2024,बुधवार का ज्ञानप्रसाद आज का ज्ञानप्रसाद भी शृंखला न होकर आज ही समापन होने वाला लेख है। प्रस्तुत लेख इतना सरल है कि इसके लिए कोई भी भूमिका आदि की आवश्यकता भी नहीं दिख रही, सब कुछ क्लियर/स्पष्ट दिख रहा है, लेकिन फिर भी हमारे अंतःकरण में उठ रही दो बातें शेयर कर
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आइये मस्तिष्करूपी रेडियो से विचारक्रांति को गति दें
5 नवंबर 2024 मंगलवार का ज्ञानप्रसाद- जीता जागता रेडियो अपने कथन के अनुसार आजकल के ज्ञानप्रसाद लेख किसी लेख-श्रृंखला के न होकर छोटे-छोटे एक ही दिन में समापन होने वाली प्रस्तुतियां हैं। यह वोह लेख हैं जिन्हें हमारी लाइब्रेरी में सेव किया हुआ है एवं जिन्होंने हमें बहुत ही प्रभावित किया है। आज प्रस्तुत गए
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आदरणीय सुजाता बहिन जी की जिज्ञासा का आंशिक समाधान
4 नवंबर 2024, सोमवार का ज्ञानप्रसाद- अखंड ज्योति जनवरी 1976 30 अक्टूबर वाले ज्ञानप्रसाद के सन्दर्भ में हमारी आद सुजाता बहिन जी ने “कारण शरीर के केंद्र” के प्रति जिज्ञासा व्यक्त की थी। उन्होंने दो वीडियोस भी भेजी थीं, एक में कारण शरीर का स्थान “ह्रदय चक्” और दूसरी में “मस्तिष्क चक्र” बताया गया
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2 नवंबर 2024,शनिवार का “अपने सहकर्मियों की कलम से” का साप्ताहिक विशेषांक
आज नवंबर माह का पहला शनिवार है, ऐसा प्रतीत हो रहा है कि हमारे अधिकतर साथी दिवाली एवं उससे सम्बंधित पर्वों में व्यस्त हैं, यही कारण है कि इस बार साथिओं की तरफ से कुछ भी योगदान प्राप्त नहीं हुआ है। कोई बात नहीं हमारे पास साथिओं के प्रेमपूरित अनेकों कमैंट्स सेव किये हुए हैं