Month: October 2024
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“उपासना-साधना-आराधना” लेख श्रृंखला का सारांश एवं आगे की रण नीति
31 अक्टूबर 2024 का ज्ञानप्रसाद विश्वभर में फैले ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवारजनों को उनके समय के अनुसार दीपावली की हार्दिक शुभकामना। हम सबके प्रिय एवं परम पूज्य गुरुदेव के समर्पित शिष्य आदरणीय श्रद्धेय डॉ साहिब के अवतरण दिवस की, ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार की ओर से भावपूर्ण शुभकामना एवं बधाई, आज का प्रज्ञागीत उसी सन्दर्भ
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सर्वांगपूर्ण सुगम उपासना विधि, Complete and easy method of worship” पार्ट 2, समापन
30 अक्टूबर 2024 का ज्ञानप्रसाद –सर्वांगपूर्ण सुगम उपासना विधि आज के ज्ञानप्रसाद लेख से “उपासना आधरित लेख श्रृंखला” का समापन हो रहा है। कल प्रस्तुत किये गए लेख में “सर्वांगपूर्ण सुगम उपासना विधि” में किये जाने वाले पांच स्टैप्स (1.ब्रह्मसंध्या 2. देवपूजन 3. जप एवं ध्यान 4. प्रार्थना 5. सूर्यार्घ्यदान) में से प्रथम दो प्रारंभिक
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“सर्वांगपूर्ण सुगम उपासना विधि, Complete and easy method of worship” पार्ट 1
29 अक्टूबर 2024 का ज्ञानप्रसाद- सर्वांगपूर्ण सुगम उपासना विधि कुछ दिन पूर्व जब यूट्यूब ने उड़ते हुए, रंग बिरंगें गुब्बारे भेज कर जीमेल द्वारा 5 मिलियन (50 लाख) व्यूज की उपलब्धि पर हमें बधाई दी तो ह्रदय प्रसन्नता से भर गया। इस उपलब्धि से प्राप्त हुई प्रसन्नता को अपने परिवार के अनेकों साथिओं, सहकर्मियों के
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“सर्वांगपूर्ण सुगम उपासना विधि, Complete and easy method of worship”
28 अक्टूबर 2024 सोमवार का ज्ञानप्रसाद 9 सितम्बर 2024 को “ध्यान” के विषय पर आरम्भ हुए लगभग 27 लेखों का विस्तृत अमृतपान करने के बाद साथिओं के पास शायद ही कोई ऐसा प्रश्न हो जिसका उत्तर Unanswered रह गया हो। आज सोमवार को ध्यान के अंतिम चैप्टर की ओर अग्रसर होने का समय आ गया
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“सुझाव सुमनलता बहिन जी का,प्रयास हमारा” का 26 अक्टूबर , 2024 का अंक
हमारी सबकी आदरणीय एवं सर्वप्रिय बहिन सुमनलता जी द्वारा माह का अंतिम शनिवार हमारी “मन की बात” के लिए रिज़र्व करना,सच में हमारे लिए बहुत ही सम्मान की बात है जिसके लिए बहिन जी का धन्यवाद् करते हैं। माह के बाकि तीन शनिवार पूर्णतया परिवार के साथिओं के लिए रिज़र्व किये हुए हैं। लगभग 6
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गायत्री मंत्र को “ब्राह्मण की कामधेनु” क्यों कहा जाता है ?
24 अक्टूबर 2024 का ज्ञानप्रसाद-ब्राह्मण की कामधेनु ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार के मंच से अधिकतर ऐसे बहुचर्चित विषयों पर चर्चा की जाती है जिन्हें अधिकतर लोगों ने सुन तो रखा होता है लेकिन जब उनके बारे में पूछा जाता है तो कुछ Fragmented सा, ग़लत सा ज्ञान ही प्रतक्ष्य होता दिखता है। इस मंच पर
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उपासना-साधना-आराधना लेख शृंखला का चतुर्थ एवं अंतिम भाग
23 अक्टूबर 2024 बुधवार का ज्ञानप्रसाद-उपासना-साधना-आराधना 17 अक्टूबर को “उपासना-साधना-आराधना (USA)” विषय पर आरम्भ हुई ज्ञानप्रसाद लेख श्रृंखला परम पूज्य गुरुदेव द्वारा मार्च 1980 में युगतीर्थ शांतिकुंज के प्रांगण में दिए गए उद्बोधन पर आधारित है। लगभग 5000 शब्दों का यह उद्बोधन इसी शीर्षक से 32 पृष्ठों की पुस्तक फॉर्म में भी उपलब्ध है। आज
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उपासना-साधना-आराधना लेख शृंखला का तीसरा भाग
22 अक्टूबर 2024 मंगलवार का ज्ञानप्रसाद-उपासना-साधना-आराधना 17 अक्टूबर को “उपासना-साधना-आराधना (USA)” विषय पर आरम्भ हुई ज्ञानप्रसाद लेख श्रृंखला परम पूज्य गुरुदेव द्वारा मार्च 1980 में युगतीर्थ शांतिकुंज के प्रांगण में दिए गए उद्बोधन पर आधारित है। लगभग 5000 शब्दों का यह उद्बोधन इसी शीर्षक से 32 पृष्ठों की पुस्तक फॉर्म में भी उपलब्ध है। हमारे
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उपासना-साधना-आराधना लेख शृंखला का द्वितीय भाग
21 अक्टूबर 2024 सोमवार का ज्ञानप्रसाद-उपासना-साधना-आराधना पुस्तक का लिंक 17 अक्टूबर को “उपासना-साधना-आराधना” विषय पर आरम्भ हुई ज्ञानप्रसाद लेख श्रृंखला परम पूज्य गुरुदेव द्वारा मार्च 1980 में दिए गए उद्बोधन पर आधारित है। लगभग 5000 शब्दों का यह उद्बोधन इसी शीर्षक से 32 पृष्ठों की पुस्तक फॉर्म में भी उपलब्ध है। हमारे अनेकों साथिओं ने
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उपासना-साधना-आराधना लेख शृंखला का प्रथम भाग
17 अक्टूबर 2024 गुरुवार का ज्ञानप्रसाद- उपासना-साधना-आराधना पुस्तक (Click this link) उपासना-साधना-आराधना विषय पर आधारित प्रस्तुत ज्ञानप्रसाद लेख श्रृंखला परम पूज्य गुरुदेव द्वारा मार्च 1980 में दिए गए उद्बोधन पर आधारित है। लगभग 5000 शब्दों का यह उद्बोधन इसी शीर्षक से 32 पृष्ठों की पुस्तक फॉर्म में भी उपलब्ध है। हमारे अनेकों साथिओं ने इस
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हमारे अनुसार ध्यान साधना की कठिनतम प्रक्रिया (ब्रह्मवर्चस साधना)
15 अक्टूबर 2024 का ज्ञानप्रसाद -यह लेख अखंड ज्योति के जुलाई 1978 अंक पर आधारित है। आज के लेख का शीर्षक स्वयं ही बता रहा है कि इस लेख में बताई गयी “ध्यान प्रक्रिया” कठिनतम प्रक्रिया है। यह विचार पूर्णतया हमारे व्यक्तिगत हैं क्योंकि हम ध्यान की कक्षा में मात्र नर्सरी के ही विद्यार्थी है।
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आधे घंटे की सरलतम ध्यान प्रक्रिया
14 अक्टूबर 2024 सोमवार का ज्ञानप्रसाद, सोर्स- अनेकों लेख आज सोमवार के दिन, सप्ताह के प्रथम दिन, गुरुकक्षा में सभी सहपाठिओं का स्वागत, अभिवादन है। ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार का प्रत्येक सहकर्मी इस बात से भलीभांति परिचित है कि हम पिछले कई दिनों से “ध्यान लगाने का” और “ध्यान लगाकर प्राप्त होने वाले आनंद” को
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12 अक्टूबर 2024 2024,शनिवार का “अपने सहकर्मियों की कलम से” का साप्ताहिक विशेषांक
ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार में शनिवार का दिन एक उत्सव की भांति होता है। यह एक ऐसा दिन होता है जब हम सब सप्ताह भर की कठिन पढाई के बाद थोड़ा Relaxed अनुभव करते हैं और अपने साथिओं के साथ रूबरू होते हैं, उनकी गतिविधिओं को जानते हैं। हर कोई उत्साहित होकर अपना योगदान देकर
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तपश्चर्या बन्दूक है तो मंत्र कारतूस हैं।
10 अक्टूबर 2024 का ज्ञानप्रसाद, स्रोत-अनेकों पुस्तकें आज के लेख में आरंभिक साधना के अगले स्तर में प्रवेश करने का प्रयास तो किया गया है लेकिन अनेकों साधना स्तर, अनेकों साधना प्रक्रियों को देखते हुए यही उचित होगा कि जितना आसानी से समझा जा सके, वहीँ तक अपनी ट्रेनिंग को सीमित किया जाए। ऐसा कहना
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सामान्य गायत्री साधना का सरल वर्णन
9 अक्टूबर 2024 का ज्ञानप्रसाद, स्रोत-अनेकों पुस्तकें ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार के मंच पर प्रायः गायत्री साधना के बारे में प्रश्न किये जाते रहे हैं ,यह कब करनी चाहिए, कैसे करनी चाहिए एवं इसका क्या विधान है। आज के लेख में बिलकुल ही बेसिक स्तर की साधना का वर्णन है जो उन साथिओं के लिए
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समापन हुई “ध्यान लेख श्रृंखला” का सारांश और आगे की रणनिति
8 अक्टूबर 2024 का ज्ञानप्रसाद आज का ज्ञानप्रसाद लेख मात्र 1600 शब्दों (मात्र 3 ही पन्नें ) का ही है। बड़े-बड़े ज्ञानवर्धक लेख पढ़कर अगर हमारे साथी ऊब गए हैं तो आज का लेख कुछ Relief दे सकता है। आज के लेख की रचना के पीछे आदरणीय नीरा जी का उत्कृष्ट योगदान है जिसके लिए
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ध्यान क्यों करें, कैसे करें ? पार्ट 13
7 अक्टूबर 2024, सोमवार का ज्ञानप्रसाद- अखंड ज्योति नवंबर,दिसंबर 2002 एवं जनवरी, फरवरी 2003 1977 के उद्बोधन पर आधारित लेख शृंखला का समापन लेख। “ध्यान क्यों करें, कैसे करें” विषय पर जून,1977 में गायत्री तीर्थ शाँतिकुँज में परम पूज्य गुरुदेव ने अपने बच्चों की सुविधा एवं ट्रेनिंग के लिए एक विस्तृत उद्बोधन दिया। यह उद्बोधन
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ध्यान क्यों करें, कैसे करें ? पार्ट 12
3 अक्टूबर 2024, गुरुवार का ज्ञानप्रसाद -अखंड ज्योति नवंबर,दिसंबर 2002 एवं जनवरी, फरवरी 2003 “ध्यान क्यों करें, कैसे करें” विषय पर जून,1977 में गायत्री तीर्थ शाँतिकुँज में परम पूज्य गुरुदेव ने अपने बच्चों की सुविधा एवं ट्रेनिंग के लिए एक विस्तृत उद्बोधन दिया। यह उद्बोधन अखंड ज्योति नवंबर, दिसंबर 2002 के दो अंक और जनवरी, फरवरी 2003
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ध्यान क्यों करें, कैसे करें ? पार्ट 11
2 अक्टूबर 2024, बुधवार का ज्ञानप्रसाद-स्रोत- अखंड ज्योति नवंबर,दिसंबर 2002 एवं जनवरी, फरवरी 2003 https://youtu.be/L9sNLAephoQ?si=Ojc4WDnHpu5ZrpRR (गुरु ध्यान को समर्पित है आज का प्रज्ञागीत) “ध्यान क्यों करें, कैसे करें” विषय पर जून,1977 में गायत्री तीर्थ शाँतिकुँज में परम पूज्य गुरुदेव ने अपने बच्चों की सुविधा एवं ट्रेनिंग के लिए एक विस्तृत उद्बोधन दिया। यह उद्बोधन