Month: August 2024
-
“सुझाव सुमनलता बहिन जी का प्रयास हमारा” का 31 अगस्त 2024 वाला अंक
31 अगस्त 2024 हमारी सबकी आदरणीय एवं सर्वप्रिय बहिन सुमनलता जी द्वारा माह का अंतिम शनिवार हमारी “मन की बात” के लिए रिज़र्व करना,सच में हमारे लिए बहुत ही सम्मान की बात है जिसके लिए बहिन जी का धन्यवाद् करते हैं। माह के बाकि तीन शनिवार परिवार के साथिओं के लिए रिज़र्व किये हुए हैं।
-
जीवन रुपी “व्यापार-गृह” की साज- संभाल
29 अगस्त 2024 का ज्ञानप्रसाद– स्रोत:अखंड ज्योति अप्रैल 1940 आज के ज्ञानप्रसाद लेख का शुभारम्भ करने से पहले अपने सभी सहपाठिओं से करबद्ध क्षमाप्रार्थी हैं कि अपने जन्म दिवस पर प्राप्त हुए आशीर्वाद का एक-एक करके रिप्लाई न कर पाए, धन्यवाद् न कर पाए। हमने अपने ही निर्धारित किये मानवीय मूल्य का पालन न करके
-
मानव मस्तिष्क एक प्रतक्ष्य कल्पवृक्ष है
28 अगस्त 2024 का ज्ञानप्रसाद अखंड ज्योति के फ़रवरी 2003 अंक में प्रकाशित “छोटी सी खोपड़ी, पर है चमत्कारी” लेख ने हमें ऐसा आकर्षित किया कि हमने यह लिंक सेव करके रख लिया था। संकल्प लिया कि विज्ञान को एक तरफ रखकर OGGP मंच पर इस लेख को सरल करके प्रस्तुत करेंगें जिससे अनेकों भटके
-
शुक्ला बाबा जी के गुरु हरिहर बाबा की तपशक्ति का प्रमाण देती पांच घटनाएं
27 अगस्त 2024 का ज्ञानप्रसाद-Nectar saint face book 2018 अपने वचन का पालन करते हुए आज हम हरिहर बाबा की तपशक्ति का प्रमाण देती मात्र पांच घटनाओं का ही संक्षिप्त विवरण दे रहे हैं।महापुरुषों के विषय में प्रमाण आदि शब्दों का प्रयोग करना कुछ अनुचित सा ही लगता है, यह तो अटूट विश्वास और श्रद्धा
-
शुक्ला बाबा के गुरु, हरिहर बाबा जी की संक्षिप्त जीवनी
26 अगस्त 2024 का ज्ञानप्रसाद -Nectar Saint ,Facebook 2018 ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार में यह दृढ धारणा बनी हुई है कि इस परिवार का संचालन परम पूज्य गुरुदेव की शक्ति से ही हो रहा है। आज इस तथ्य का एक और साक्षात् प्रमाण मिला जिसके कारण यह ज्ञानप्रसाद लेख आप सबके समक्ष प्रस्तुत हो पाया
-
24 अगस्त 2024,शनिवार का “अपने सहकर्मियों की कलम से” का साप्ताहिक विशेषांक
ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार में शनिवार का दिन एक उत्सव की भांति होता है। यह एक ऐसा दिन होता है जब हम सब सप्ताह भर की कठिन पढाई के बाद थोड़ा Relaxed अनुभव करते हैं और अपने साथिओं के साथ रूबरू होते हैं, उनकी गतिविधिओं को जानते हैं। हर कोई उत्साहित होकर अपना योगदान देकर
-
गायत्री तपोभूमि की स्थापना का स्वर्ण जयंती वर्ष (2002)
22 अगस्त 2024 का ज्ञानप्रसाद- स्रोत- अखंड ज्योति अक्टूबर 2002 ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार के सहयोगी, समर्पित साथी एवं गुरुकुल के सहपाठी हमारे साथ पूर्णतया सहमत होंगें कि इस मंच का प्रत्येक क्रियाकलाप परमसत्ता गुरुदेव के निर्देश से ही चल रहा है, वही लेखों का चयन कर रहे हैं, वही हमसे छोटे-मोटे संशोधन करा रहे हैं
-
अखण्ड ज्योति ईश्वरीय प्रकाश का प्रकाशन है।
21 अगस्त 2024 का ज्ञानप्रसाद स्रोत-अखंड ज्योति अगस्त 2002 आज के ज्ञानप्रसाद लेख का शीर्षक स्वयं ही बता रहा है कि अखंड ज्योति पत्रिका जिसे हम सब वर्षों से पढ़ते आ रहे हैं, इसके प्रकाशन के पीछे ईश्वरीय शक्ति का बहुत बड़ा योगदान है। अगस्त 2002 की अखंड ज्योति में प्रकाशित लेख “पैंसठ वर्ष की
-
परम पूज्य गुरुदेव के महाप्रयाण के 2 सप्ताह बाद वंदनीय माताजी का “मातृवाणी” शीर्षक के अंतर्गत सन्देश का पांचवां एवं समापन पार्ट
20 अगस्त 2024 का ज्ञानप्रसाद-स्रोत अखंड ज्योति अगस्त-सितंबर 2002 परमपूज्य गुरुदेव ने स्वेच्छा से 2 जून 1990 को गायत्री जयंती एवं गंगा दशहरा अपनी स्थूल काया का त्याग किया। महाप्रयाण के बाद शपथ समारोह, श्रद्धांजलि समरोह जैसे विशाल भव्य आयोजन तो हुए ही लेकिन माँ की अंतरात्मा शांत कैसे बैठती जब तक गुरुदेव का सन्देश
-
परम पूज्य गुरुदेव के महाप्रयाण के 2 सप्ताह बाद वंदनीय माताजी का “मातृवाणी” शीर्षक केअंतर्गत सन्देश का तृतीय पार्ट
https://youtu.be/xFbPBYAnhlI?si=fy4avIPo_V-LHjWd15 अगस्त 2024 का ज्ञानप्रसाद स्रोत अखंड ज्योति अगस्त-सितंबर 2002 परम पूज्य गुरुदेव के महाप्रयाण के 2 सप्ताह बाद वंदनीय माताजी का “मातृवाणी” शीर्षक केअंतर्गत सन्देश का तृतीय पार्टपरमपूज्य गुरुदेव ने स्वेच्छा से 2 जून 1990 को गायत्री जयंती एवं गंगा दशहरा अपनी स्थूल काया का त्याग किया। महाप्रयाण के बाद शपथ समारोह, श्रद्धांजलि समरोह
-
परम पूज्य गुरुदेव के महाप्रयाण के 2 सप्ताह बाद वंदनीय माताजी का “मातृवाणी” शीर्षक केअंतर्गत सन्देश का चतुर्थ पार्ट
(माँ को समर्पित गीत) 19 अगस्त 2024 का ज्ञानप्रसाद – अखंड ज्योति, अगस्त 2002 परमपूज्य गुरुदेव ने स्वेच्छा से 2 जून 1990 को गायत्री जयंती एवं गंगा दशहरा अपनी स्थूल काया का त्याग किया। महाप्रयाण के बाद शपथ समारोह, श्रद्धांजलि समरोह जैसे विशाल भव्य आयोजन तो हुए ही लेकिन माँ की अंतरात्मा शांत कैसे बैठती जब
-
17 अगस्त 2024,शनिवार का “अपने सहकर्मियों की कलम से” का साप्ताहिक विशेषांक
https://youtu.be/zWNG4L6MOVk?si=BOMIBcYZBErLxtGZ ( साथी हाथ बढ़ाना ) शब्द सीमा के कारण आज सीधा विषय की और ही चलना पड़ेगा। संकल्प सूची/कमैंट्स का उद्देश्य एवं अरुण जी की यज्ञ अनुभूति “कमैंट्स/संकल्प सूची का उद्देश्य”, आज के विशेषांक का महत्वपूर्ण विषय है। साथिओं से करबद्ध निवेदन है कि इस विषय पर कमेंट्स के माध्यम से हमारा सहयोग करें
-
परम पूज्य गुरुदेव के महाप्रयाण के 2 सप्ताह बाद वंदनीय माताजी का “मातृवाणी” शीर्षक केअंतर्गत सन्देश का द्वितीय पार्ट
14 अगस्त 2024 का ज्ञानप्रसाद परमपूज्य गुरुदेव ने स्वेच्छा से 2 जून 1990 को गायत्री जयंती एवं गंगा दशहरा अपनी स्थूल काया का त्याग किया। महाप्रयाण के बाद शपथ समारोह, श्रद्धांजलि समरोह जैसे विशाल भव्य आयोजन तो हुए ही लेकिन माँ की अंतरात्मा शांत कैसे बैठती जब तक गुरुदेव का सन्देश उनके बच्चों तक न
-
परम पूज्य गुरुदेव के महाप्रयाण के 2 सप्ताह बाद वंदनीय माताजी का “मातृवाणी” शीर्षक केअंतर्गत सन्देश का प्रथम पार्ट
13 अगस्त 2024 का ज्ञानप्रसाद-अखंड ज्योति, अगस्त 2002 परमपूज्य गुरुदेव ने स्वेच्छा से 2 जून 1990 को गायत्री जयंती एवं गंगा दशहरा अपनी स्थूल काया का त्याग किया। महाप्रयाण के बाद शपथ समारोह, श्रद्धांजलि समरोह जैसे विशाल भव्य आयोजन तो हुए ही लेकिन माँ की अंतरात्मा शांत कैसे बैठती जब तक गुरुदेव का सन्देश उनके
-
कल से आरम्भ हो रही “ज्ञानप्रसाद लेख श्रृंखला” की पृष्ठभूमि एवं डॉ ओ पी शर्मा जी का आशीर्वाद पत्र
(भोले नाथ को समर्पित ) 12 अगस्त 2024 का ज्ञानप्रसाद यह एक प्राकृतिक धारणा है कि यदि किसी के प्रयास को सराहना मिले तो उसका उत्साहवर्धन होता है जो उसे आने वाले कार्यों को करने के लिए ऊर्जा, साहस, शक्ति एवं Initiative प्रदान करता है। आदरणीय डॉ ओ पी शर्मा जी की दिव्य रचना “अज्ञात
-
10 अगस्त 2024,शनिवार का “अपने सहकर्मियों की कलम से” का साप्ताहिक विशेषांक
ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार में शनिवार का दिन एक उत्सव की भांति होता है। यह एक ऐसा दिन होता है जब हम सब सप्ताह भर की कठिन पढाई के बाद थोड़ा Relaxed अनुभव करते हैं और अपने साथिओं के साथ रूबरू होते हैं, उनकी गतिविधिओं को जानते हैं। हर कोई उत्साहित होकर अपना योगदान देकर
-
डॉ ओ पी शर्मा जी द्वारा लिखित पुस्तक पर आधारित लेख श्रृंखला का 24वां समापन लेख
https://youtu.be/lvjNwEcYpHQ?si=rItsnnjttBx8OS5r ( गुरु तेरे कौन कौन गुण गाऊँ)9 अगस्त 2024 शुक्रवार का ज्ञानप्रसाद-आदरणीय डॉ ओ पी शर्मा जी द्वारा लिखित पुस्तक “अज्ञात की अनुभूति” पर आधारित लेख श्रृंखला का आज 24वां लेख प्रस्तुत है। डॉ साहिब द्वारा रचित ज्ञान के इस अथाह सागर में से डुबकी मार कर, हम अमूल्य रत्न ढूंढ कर, जाँच परख
-
डॉ ओ पी शर्मा जी द्वारा लिखित पुस्तक पर आधारित लेख श्रृंखला का 23वां लेख
https://youtu.be/L9sNLAephoQ?si=k9F9nc4O76_EN6hV (गुरुवार का शुभारम्भ गुरुपूजा के साथ) 8 अगस्त 2024 गुरुवार का ज्ञानप्रसाद आदरणीय डॉ ओ पी शर्मा जी द्वारा लिखित पुस्तक “अज्ञात की अनुभूति” पर आधारित लेख श्रृंखला का आज 23वां लेख प्रस्तुत है। डॉ साहिब द्वारा रचित ज्ञान के इस अथाह सागर में से डुबकी मार कर, हम अमूल्य रत्न ढूंढ कर,
-
डॉ ओ पी शर्मा जी द्वारा लिखित पुस्तक पर आधारित लेख श्रृंखला का 22वां लेख
https://youtu.be/3ucCEjXS9n8?si=2ve9ok63X9PLFjfY7 अगस्त 2024 मंगलवार का ज्ञानप्रसादआदरणीय डॉ ओ पी शर्मा जी द्वारा लिखित पुस्तक “अज्ञात की अनुभूति” पर आधारित लेख श्रृंखला का आज 22वां लेख प्रस्तुत है। आज का लेख तो सचमुच अमूल्य ज्ञानामृत ही है जिसे हमने बहुत ही परिश्रम से डुबकी मारकर ढूढ़ा है। इस लेख में दिए गए विवरण से हम इतना
-
डॉ ओ पी शर्मा जी द्वारा लिखित पुस्तक पर आधारित लेख श्रृंखला का 21वां लेख
6 अगस्त 2024 मंगलवार का ज्ञानप्रसाद आदरणीय डॉ ओ पी शर्मा जी द्वारा लिखित पुस्तक “अज्ञात की अनुभूति” पर आधारित लेख श्रृंखला का आज 21वां लेख प्रस्तुत है। डॉ साहिब द्वारा रचित ज्ञान के इस अथाह सागर में से डुबकी मार कर, हम अमूल्य रत्न ढूंढ कर, जाँच परख कर अपने साथिओं के साथ दैनिक
-
डॉ ओ पी शर्मा जी द्वारा लिखित पुस्तक पर आधारित लेख श्रृंखला का 20वां लेख
https://youtu.be/BhwOproElxU?si=99vCzeNCSidwAa_v (माह का प्रथम सोमवार भगवान् शिव को समर्पित ) 5 अगस्त 2024 सोमवार का ज्ञानप्रसाद आदरणीय डॉ ओ पी शर्मा जी द्वारा लिखित पुस्तक “अज्ञात की अनुभूति” पर आधारित लेख श्रृंखला का आज 20वां लेख प्रस्तुत है। डॉ साहिब द्वारा रचित ज्ञान के इस अथाह सागर में से डुबकी मार कर, हम अमूल्य रत्न
-
3 अगस्त 2024 का “अपने सहकर्मियों की कलम से” का साप्ताहिक विशेषांक
प्रत्येक शनिवार का दिन ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार में एक उत्सव की भांति होता है। यह एक ऐसा दिन होता है जब हम सब सप्ताह भर की कठिन पढाई के बाद थोड़ा Relaxed अनुभव करते हैं और अपने साथिओं के साथ रूबरू होते हैं, उनकी गतिविधिओं को जानते हैं। हर कोई उत्साहित होकर अपना योगदान