Month: January 2023
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पूज्यवर के आध्यात्मिक जन्म दिवस पर अनुभूति श्रृंखला का चौथा अंक – सरविन्द कुमार पाल का योगदान
1 फ़रवरी 2023 का ज्ञानप्रसाद सूक्ष्म सत्ता, परम पूज्य गुरुदेव जो-जो मार्गदर्शन हमें प्रदान करते हैं हम बड़ी ही श्रद्धा से अपने सहकर्मियों के समक्ष प्रस्तुत कर देते हैं। इसी कड़ी में हमारी अंतरात्मा निर्देश दे रही है कि गुरुदेव के आध्यात्मिक जन्म दिवस के अंतर्गत प्रस्तुत की जा रही दिव्य लेख श्रृंखला का अमृतपान…
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पूज्यवर के आध्यात्मिक जन्म दिवस पर अनुभूति श्रृंखला का तीसरा अंक – सरविन्द कुमार पाल का योगदान
31 जनवरी 2023 का ज्ञानप्रसाद सूक्ष्म सत्ता, परम पूज्य गुरुदेव जो जो मार्गदर्शन हमें प्रदान करते हैं हम बड़ी ही श्रद्धा से अपने सहकर्मियों के समक्ष प्रस्तुत कर देते हैं। इसी कड़ी में हमारी अंतरात्मा निर्देश दे रही है कि गुरुदेव के आध्यात्मिक जन्म दिवस के अंतर्गत प्रस्तुत की जा रही दिव्य लेख श्रृंखला का…
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पूज्यवर के आध्यात्मिक जन्म दिवस पर अनुभूति श्रृंखला का दूसरा अंक – अंजलि पांडे और अरुण वर्मा का योगदान
30 जनवरी 2023 का ज्ञानप्रसाद आज फिर, कुछ भी लिखने से पहले हम आंवलखेड़ा की उस पावन कोठरी में नतमस्तक होंगें जहाँ दादा गुरु 1926 की वसंत पंचमी वाले दिन 15 वर्षीय बालक श्रीराम से साक्षात्कार करने हिमालय से आये थे। इस लेख के साथ संलग्न किया गया चित्र हमारी ही सहकर्मी आदरणीय ज्योति…
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अपने सहकर्मियों की कलम से -28 जनवरी 2023 ,4 सहकर्मियों का योगदान
सप्ताह का सबसे लोकप्रिय सेगमेंट “अपने सहकर्मियों की कलम से” लेकर हम अपने समर्पित सहकर्मियों के बीच आ चुके हैं, इसे लोकप्रिय बनाने में सहयोग देने के लिए आपका जितना भी धन्यवाद् करें कम है।अपने सहकर्मियों द्वारा पोस्ट की गयीं सभी contributions ही हैं जिन्होंने इस स्पेशल सेगमेंट को “सबसे लोकप्रिय” की संज्ञा देने में…
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पूज्यवर के आध्यात्मिक जन्म दिवस पर अनुभूति श्रृंखला का प्रथम अंक -अरुण त्रिखा का योगदान
26 जनवरी 2023 का ज्ञानप्रसाद “जब मेरे गुरु की शक्ति ने टेक्नोलॉजी की शक्ति को भी पीछे छोड़ दिया” आज कुछ भी लिखने से पहले हम आंवलखेड़ा की उस पावन कोठरी में नतमस्तक होंगें जहाँ दादा गुरु 1926 की वसंत पंचमी वाले दिन 15 वर्षीय बालक श्रीराम से साक्षात्कार करने हिमालय से आये थे। आइए…
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1990 के वसंत पर्व में जिज्ञासुओं ने सब कुछ ही उगलवा लिया I
25 जनवरी 2023 का ज्ञानप्रसाद आज सप्ताह का तृतीय दिन बुधवार है, ब्रह्मवेला का दिव्य समय है जब ऊर्जा एवं स्फूर्ति अपने शिखर पर होती है। सोने पर सुहागा तो तब होता है जब दैनिक ज्ञानप्रसाद के अमृतपान से हमारी शक्ति अनेकों गुना बढ़ जाती है और हम परमसत्ता को बारम्बार नमन करते हुए धन्यवाद्…
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क्या भौतिकवाद ने सच में हमें सुखी और सामर्थ्यवान बनाया है ?(Editable version)
“क्या भौतिकवाद ने सच में हमने सुखी और सामर्थ्यवान बनाया है ?” यह पुस्तिका परम पूज्य गुरुदेव के 20 पुस्तकों के सेट “क्रांतिधर्मी साहित्य” की एक पुस्तक “परिवर्तन के महान क्षण” पर मूलरूप से आधारित है लेकिन अनेकों sources, ऑडियो /video आदि की भी सहायता ली गयी है I एक निवेदन इस पुस्तिका को प्रस्तुत करते…
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अपने सहकर्मियों की कलम से -21 जनवरी 2023 सात सहकर्मियों का योगदान
सप्ताह का सबसे लोकप्रिय सेगमेंट “अपने सहकर्मियों की कलम से” लेकर हम अपने समर्पित सहकर्मियों के बीच आ चुके हैं, इसे लोकप्रिय बनाने में सहयोग देने के लिए आपका जितना भी धन्यवाद् करें कम है।अपने सहकर्मियों द्वारा पोस्ट की गयीं सभी contributions ही हैं जिन्होंने इस स्पेशल सेगमेंट को “सबसे लोकप्रिय” की संज्ञा देने में…
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अपने सहकर्मियों की कलम से -वर्ष का प्रथम स्पेशल सेगमेंट
आज का यह स्पेशल सेगमेंट वर्ष 2023 का प्रथम एपिसोड है। पिछले शनिवार, 7 जनवरी को रामेश्वरम यज्ञ पर चल रही श्रृंखला के कारण यह स्पेशल सेगमेंट प्रकाशित न हो पाया था, फ्लो बने होने के कारण लेख शृंखला को बीच में छोड़ना उचित नहीं था। रामेश्वरम यज्ञ पर आधारित 71 पन्नों की pdf पुस्तक …
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प्रतक्ष्यवाद क्या है ?
12 जनवरी 2023 का ज्ञानप्रसाद “परिवर्तन के महान क्षण” पर आधारित यह ज्ञानप्रसाद लेख “क्रांतिधर्मी साहित्य” को परम पूज्य गुरुदेव ने “मक्खन” का विशेषण दिया है। उसी मक्खन को और अधिक मथने के उपरांत जो ज्ञानप्रसाद प्रस्तुत प्राप्त हुआ है उसे हम बहुत ही श्रद्धा के साथ शांतिकुंज स्थित गुरुदेव के कक्ष में गुरुसत्ता…
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कल से आरम्भ हो रही लेख श्रृंखला की पृष्ठभूमि-मेरे साहित्य का मक्खन
10 जनवरी 2023 का ज्ञानप्रसाद आज सप्ताह का दूसरा दिन सभी सहकर्मियों के मंगल की कामना करता हुआ मंगलवार है। परम पूज्य गुरुदेव एवं वंदनीय माता जी से निवेदन करते हैं कि ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार के किसी भी सदस्य का कभी भी अमंगल न होने दें और सदैव अपना सुरक्षा कवच प्रदान करते रहें।…
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रामेश्वरम में विरोध के बीच महायज्ञ संपन्न -Editable file
रामेश्वरम में ज्वालादत्त का संकल्प दक्षिण भारत में हुए यज्ञ आयोजनों में रामेश्वरम का कार्यक्रम बहुत बड़ा नहीं था मुश्किल से ढाई तीन हज़ार लोग आये होंगे लेकिन इसकी तैयारियों से लेकर संपन्न होने तक के संस्मरण एवं अनुभव इतने अधिक हैं कि उनका वर्णन किसी भी प्रकार से ignore नहीं किया जा सकता। कई…
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रामेश्वरम में विरोध के बीच महायज्ञ संपन्न -pdf फाइल
यह pdf फाइल Internet Archive पर भी उपलब्ध है। इस फाइल में परम पूज्य गुरुदेव की मथुरा से रामेश्वरम तक की यात्रा का विस्तृत विवरण प्रस्तुत है। रामेश्वरम महायज्ञ में गुरुदेव को कई प्रकार का विरोध का सामना करना पड़ा और सभी विरोधी कैसे हार कर सहयोगी बन गए, उसका भी बहुत ही रोचक वर्णन…
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यज्ञों पर आधारित लेख श्रृंखला का चतुर्थ लेख
परम पूज्य गुरुदेव ने नरमेध यज्ञ के समापन पर अगले दो वर्षों में 108 स्थानों पर यज्ञ आयोजन का आह्वान किया था लेकिन उनकी शक्ति इतनी दिव्य कि यह संकल्प चार माह में ही पूर्ण हो गया। सात दशक पूर्व प्राप्त हुई इस सफलता को “यज्ञ आंदोलन” का नाम दिया गया था। आज तो यह…
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यज्ञों पर आधारित लेख श्रृंखला का तृतीय लेख
परम पूज्य गुरुदेव का उद्बोधन- ब्राह्मणत्व का आवाहन उस दिन का अग्रिहोत्र संपन्न होने के बाद आचार्यश्री ने साधकों को संबोधित किया। उस उद्बोधन में “ब्राह्मण धर्म” की व्याख्या और नरमेध के महत्व की चर्चा की। उन्होंने कहा कि हमारे देश की संस्कृति का क्षरण हो रहा है। उसका कारण यही है कि हमारे यहां…