Month: December 2022
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अपने सहकर्मियों की कलम से -“गुरुदेव के आध्यात्मिक जन्म दिवस का reminder”
सप्ताह का सबसे लोकप्रिय सेगमेंट “अपने सहकर्मियों की कलम से” लेकर हम अपने समर्पित सहकर्मियों के बीच आ चुके हैं, इसे लोकप्रिय बनाने में सहयोग देने के लिए आपका जितना भी धन्यवाद् करें कम है।अपने सहकर्मियों द्वारा पोस्ट की गयीं सभी contributions ही हैं जिन्होंने इस स्पेशल सेगमेंट को “सबसे लोकप्रिय” की संज्ञा देने में…
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यज्ञों पर आधारित लेख श्रृंखला का द्वितीय लेख
श्री वेदमाता गायत्री ट्रस्ट शांतिकुंज हरिद्वार द्वारा प्रकाशित श्रद्धेय डॉक्टर प्रणव पंड्या और आदरणीय ज्योतिर्मय जी की बहुचर्चित पुस्तक “चेतना की शिखर यात्रा पार्ट 2 एवं अनेकों अन्य sources पर आधारित लेख शृंखला का यह द्वितीय लेख है। परम पूज्य गुरुदेव ने यज्ञ विज्ञान पर विशाल साहित्य की रचना की है। इस पुस्तिका में गुरुदेव…
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यज्ञों पर आधारित लेख श्रृंखला का प्रथम लेख
श्री वेदमाता गायत्री ट्रस्ट शांतिकुंज हरिद्वार द्वारा प्रकाशित श्रद्धेय डॉक्टर प्रणव पंड्या और आदरणीय ज्योतिर्मय जी की बहुचर्चित पुस्तक “चेतना की शिखर यात्रा पार्ट 2 के उस चैप्टर पर जब हमारी दृष्टि पड़ी जिसका शीर्षक था “शीश दिए प्रभु मिले” तो एकदम सारे शरीर में बिजली सी कौंध गयी। सिख धर्म के 10वें गुरु, खालसा…
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एक ही समय पर अनेकों स्थानों पर प्रकट हुए गुरुदेव
पाठकों से निवेदन है कि इस लेख को पढ़ने से पहले इस विषय पर पूर्व प्रकाशित तीन लेख अवश्य पढ़ लें ताकि पूर्ण लिंक बन सके। पूर्व प्रकाशित लेखों को पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट यां Internet archive विजिट करें। कुछ विशेष जानकारी : गुरुदेव की अफ्रीका यात्रा के उद्देश्य के बारे में हमने इस…
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अपने सहकर्मियों की कलम से -24 दिसंबर,2022
स्पेशल सेगमेंट को शुरू करने से पहले आइए उस निवेदन को स्मरण कर लें जो हमने पिछले सप्ताह किया था: 26 जनवरी, 2023 को आ रहा परम पूज्य गुरुदेव का आध्यात्मिक जन्म दिवस और अपने बच्चों का इस संदर्भ में दिया जाने वाला योगदान। आज फिर remind करा रहे हैं कि 26 जनवरी नज़दीक…
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अफ्रीका यात्रा में जहाज़ पर नौ दिवसीय सत्र
मिरियांबो जहाज 25-30 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से समुद्र की छाती पर किसी विशाल बतख की सी मस्त चाल से तैरता हुआ जा रहा था। गुरुदेव के केबिन और डेक पर जहां कहीं भी गुरुदेव बैठते, साधना और स्वाध्याय की गतिविधियां चलती ही रहती थीं । शुरु के कुछ दिन तो अपरिचय/एकांत के वातावरण…
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समुद्री जहाज़ पर परम पूज्य गुरुदेव और कैप्टन डेंगला की दिव्य वार्ता
चेतना की शिखर यात्रा 3 एवं अनेकों स्रोत परम पूज्य गुरुदेव की अफ्रीका देशों की यात्रा का विवरण आरम्भ करने से पूर्व एक बात स्पष्ट करना बहुत ही आवश्यक है। आगे आने वाले पन्नों में जिस जहाज़ का नाम “मिरियांबो” बताया गया है, हमने जिज्ञासावश गूगल से extensive रिसर्च की। जब हमें गूगल से यही…
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परम पूज्य गुरुदेव की अफ्रीका यात्रा का उद्देश्य
चेतना की शिखर यात्रा 3 एवं अनेकों स्रोत गुरुदेव की अफ्रीका यात्रा के बारे में लिखना दो महान व्यक्तियों के बिना अपूर्ण ही है। उनमें से प्रथम नाम आता है नैरोबी निवासी आदरणीय विद्या परिहार जी का और दूसरा नाम है मसूरी इंटरनेशनल स्कूल के जन्मदाता एवं प्रवासी भारतीय आदरणीय हंसमुख रावल जी। हम तो…
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कल रिलीज़ हो रही वेबसीरीज़ का teaser-trailer
19 दिसंबर 2022 का ज्ञानप्रसाद आज सप्ताह का प्रथम दिन सोमवार है, आज के ज्ञानप्रसाद का आरम्भ आदरणीय अरुण वर्मा जी के सराहनीय कदम से करते हैं और ह्रदय से धन्यवाद् देते हैं कि उन्होंने हमारे निवेदन को सम्मान देते हुए इतनी तत्परता दिखाई जो हम सबके लिए उदाहरणीय तो है ही परम पूज्य गुरुदेव …
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अपने सहकर्मियों की कलम से -17 दिसंबर ,2022
सप्ताह का सबसे लोकप्रिय सेगमेंट “अपने सहकर्मियों की कलम से” लेकर हम अपने समर्पित सहकर्मियों के बीच आ चुके हैं, इसे लोकप्रिय बनाने में सहयोग देने के लिए आपका जितना भी धन्यवाद् करें कम है। अपने सहकर्मियों द्वारा पोस्ट की गयीं सभी contributions ही हैं जिन्होंने इस स्पेशल सेगमेंट को “सबसे लोकप्रिय” की संज्ञा देने…
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वंदनीय माता जी का आश्वासन एवं शिष्यों की क्षमा प्रार्थना
महाशक्ति की लोकयात्रा वंदनीय माता जी ने कहा था कि वे देह न रहने पर भी दूर न होंगी। उनके बेटे-बेटियां उन्हें पुकारते ही अपनी मां के आंचल की छाया और छुअन को महसूस करेंगे। भावमयी जगदंबा की पराचेतना की ही भांति उनके आश्वासन भी शाश्वत, अमर और अमिट हैं। उन्होंने अपने जीवनकाल में अनेक…
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वंदनीय माता जी का गुरुदेव से महामिलन एवं महाप्रयाण
महाशक्ति की लोकयात्रा संतानों की पीड़ा के लगातार विषपान से वंदनीया माताजी का स्वास्थ्य जर्जर होता गया । उनकी देह निरंतर व्याधिग्रस्त होगी गई। यहां तक कि 16-20 अप्रैल 1994 को चित्रकूट में होने वाले अश्वमेध यज्ञ आयोजन में वह जाने की स्थिति में नहीं थीं। तब तक स्वास्थ्य काफी बिगड़ चुका था। काफी ऊहापोह…
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वंदनीय माता जी की 1993 की विदेश यात्रा
महाशक्ति की लोकयात्रा विश्वमाता विश्वभर में फैले अपने बच्चों को प्यार-दुलार देने की तैयारियां करने लगीं। वैसे तो अकेला विश्व क्या अनंत-अनंत ब्रह्मांड उनके जाने-पहचाने थे। सूक्ष्मशरीर से उन्होंने अनेकों रहस्यमय यात्राएं की थीं। बच्चों की प्रेम भरी पुकार पर दुनिया के किसी भी कोने में पहुंचना उनका स्वभाव था। कभी स्वप्नों के माध्यम से…
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अपने सहकर्मियों की कलम से -3 दिसंबर, 2022
बहिन सुमनलता, सरविन्द जी एवं अरुण वर्मा जी की कलाकृति आज गीता जयंती का पावन दिन है और आदरणीय शैल जीजी का जन्म दिवस, 1952 को अवतरित हुई परम पूज्य गुरुदेव एवं वंदनीय माता जी की सुपुत्री को जन्म दिन की हार्दिक शुभकामना। क्या संयोग है की बात है कि जब तपोभूमि मथुरा की भूमि…
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अपने सहकर्मियों की कलम से -10 दिसंबर ,2022
1992 के कुरुक्षेत्र अश्वमेध यज्ञ में हमारी भागीदारी सप्ताह का सबसे लोकप्रिय सेगमेंट “अपने सहकर्मियों की कलम से” लेकर हम अपने समर्पित सहकर्मियों के बीच आ चुके हैं, इसे लोकप्रिय बनाने में सहयोग देने के लिए आपका जितना भी धन्यवाद् करें कम है। अपने सहकर्मियों द्वारा पोस्ट की गयीं सभी contributions ही हैं जिन्होंने इस…
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1990 और 1992 के संकल्प श्रद्धांजलि एवं शपथ समारोह
ब्रह्मवर्चस द्वारा सम्पादित 121 scanned पन्नों और 32 Text पन्नों की दिव्य पुस्तक “महाशक्ति की लोकयात्रा” पर आधारित लेख श्रृंखला हमने 15 नवंबर 2022 को आरम्भ की थी, आज तक 13 full length लेख लिख चुके हैं। आज का लेख इस श्रृंखला का 14 वां लेख है। अन्य लेखों की भांति यह सभी लेख…
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महाशक्ति में समाने का शिव संकल्प एवं महाशक्ति का महातप
महाशक्ति की लोकयात्रा ब्रह्मवर्चस द्वारा सम्पादित 121 scanned पन्नों (32 Text पन्ने) की दिव्य पुस्तक“महाशक्ति की लोकयात्रा” पर आधारित लेख श्रृंखला हमने 15 नवंबर 2022 को आरम्भ की थी, आज तक 12 full length लेख लिख चुके हैं। आज का लेख इस श्रृंखला का 13वां लेख है। अन्य लेखों की भांति यह सभी लेख भी…
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सूक्ष्मीकरण साधना में परम पूज्य गुरुदेव की हिमालय यात्रा
महाशक्ति की लोकयात्रा सूत्र संचालिका वंदनीय माता जी सूत्र-संचालिका के रूप में माताजी यद्यपि अपने शांतिकुंज आगमन के समय से ही क्रियाशील थीं, लेकिन गुरुदेव के हिमालय से वापस लौटने के बाद उन्होंने फिर से अपने आप को परोक्ष भूमिका ( indirect role) में समेट लिया था । ऐसा करने के पीछे किसी तरह…
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जीजी के जन्म दिवस को लेकर “गायत्री परिवार चैनल” की प्रतिक्रिया
5 दिसंबर 2022 का ज्ञानप्रसाद : जीजी के जन्म दिवस को लेकर “गायत्री परिवार चैनल” की प्रतिक्रिया सप्ताह का प्रथम दिन सोमवार , ब्रह्मवेला का समय, दिव्य ज्ञानप्रसाद के वितरण का शुभ अवसर, ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार के सहकर्मियों की चेतना का जागरण, सभी संयोग एक ही ओर इशारा कर रहे हैं कि आइए…
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1970s का शांतिकुंज एवं आरंभिक दिनों का विवरण
महाशक्ति की लोकयात्रा परमपूज्य गुरुदेव के हिमालय प्रस्थान के बाद माताजी के संपूर्ण जीवन में तप की सघनता छा गई। इस तप की ऊर्जा के स्पंदनों से शांतिकुंज का कण-कण अलौकिक दिव्यता से प्रकाशित हो गया। भगवान महाशिव की भांति गुरुदेव हिमालय की गहनताओं में अपनी आत्मचेतना के कैलाश शिखर पर तपोलीन थे और भगवती…