Month: April 2022
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“सप्ताह का एक दिन पूर्णतया अपने सहकर्मियों का” 30 अप्रैल,2022
“सप्ताह का एक दिन पूर्णतया अपने सहकर्मियों का” यह एपिसोड प्रस्तुत करते हुए हमें बहुत ही प्रसन्नता हो रही कि कितने ही परिजनों ने अपनी contributions भेज कर सप्ताह के इस एकमात्र स्पेशल सेगमेंट को सफल बनाने में अपना योगदान प्रदान किया। यूट्यूब की शब्द सीमा के कारण हमें कुछ एक contributions को अगले सप्ताह…
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1973 की प्राण प्रत्यावर्तन साधना- एक विस्तृत जानकारी-7
प्राण प्रत्यावर्तन साधना पर आधारित लेख श्रृंखला का यह सातवां और अंतिम लेख है। परमपूज्य गुरुदेव के सानिध्य में सम्पन्न हुई यह साधना केवल एक वर्ष (1973 -74 ) ही चली थी। बाद में यही साधना अन्य नामों से चलती रही और आज 2022 में 5 दिवसीय अन्तः ऊर्जा जागरण सत्र युगतीर्थ शांतिकुंज द्वारा करवाए…
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1973 की प्राण प्रत्यावर्तन साधना एक विस्तृत जानकारी-6
हमारे सहकर्मी जानते हैं कि आजकल हम प्राण प्रत्यावर्तन साधना को जानने का प्रयास कर रहे हैं और इस साधना को समझने के लिए भिन्न भिन्न cross references ,उदाहरण ,अनुभूतियों की सहायता ले रहे हैं। आज के ज्ञानप्रसाद में कर्नाटक से आये एक साधक,स्वयं प्रकाश जी की अनुभूति प्रस्तुत कर रहे हैं जो कि बहुत…
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1973 की प्राण प्रत्यावर्तन साधना एक विस्तृत जानकारी-5
कल 26 अप्रैल वाले लेख में हमने शांतिकुंज में चल रहे 5 दिवसीय अन्तः ऊर्जा जागरण शिविर के बारे में व्यक्तिगत विचार रखे थे। ज्ञानप्रसाद पोस्ट होने के तुरंत बाद ही कुछ वीडियोस देखीं और इस विषय पर रिसर्च करने पर पता चला कि शांतिकुंज में कुछ एक शिविर इस दिशा में अवश्य चल रहे…
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1973 की प्राण प्रत्यावर्तन साधना एक विस्तृत जानकारी-4
परमपूज्य गुरुदेव के मार्गदर्शन में प्राण प्रत्यावर्तन साधना पर चल रही इस अद्भुत श्रृंखला का चौथा भाग आज हम आपके चरणों में प्रस्तुत कर रहे हैं। हर लेख की तरह इसमें भी अपने सहकर्मियों को बहुत कुछ जानने को मिलेगा। कुछ ऐसे प्रश्न जो हमारे पाठक हमसे फ़ोन करके अक्सर पूछते रहते हैं, हो सकता…
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1973 की प्राण प्रत्यावर्तन साधना- एक विस्तृत जानकारी-3
प्राण प्रत्यावर्तन साधकों के आवास और आहार के बारे में हमने 19 अप्रैल वाले लेख में वर्णन किया और इस साधना के कठिन selection process का विवरण 20 अप्रैल को प्रकाशित किया था। आज हम Real-Life Experience को समझने का प्रयास करेंगें। आने वाले लेखों में जब साधकों की अनुभतियाँ प्रकाशित करेंगें तो समझने में…
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“सप्ताह का एक दिन पूर्णतया अपने सहकर्मियों का” 23 अप्रैल,2022
“सप्ताह का एक दिन पूर्णतया अपने सहकर्मियों का” आज का एपिसोड प्रस्तुत करते हमें बहुत ही प्रसन्नता हो रही है। आज के एपिसोड में 7 समर्पित सहकर्मियों का योगदान है जिसके लिए हम उनके सदैव ही आभारी रहेंगें। सभी ने ऑनलाइन ज्ञानरथ को सफल बनाने में अपनी समस्त समर्था दाव पर लगा दी है ,चाहे…
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1973 की प्राण प्रत्यावर्तन साधना- एक विस्तृत जानकारी-2
19 अप्रैल के ज्ञानप्रसाद में हमने लिखा था कि- “इस विस्तृत साहित्य की दिव्यता का भंवर हमें डुबो ही न दे, लेकिन हमें अपने गुरु के मार्गदर्शन और समर्पित सहकर्मियों पर अटूट विश्वास है -वह हमें बचा लेंगें।” आज लगभग ऐसी ही situation आती हुई दिख रही थी। 2022, 1996 ,1990 1974 ,1972 की अखंड…
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1973 की प्राण प्रत्यावर्तन साधना-एक विस्तृत जानकारी-1
अगस्त 1996 की अखंड ज्योति पत्रिका में और चेतना की शिखर यात्रा भाग 3 में 1973 की प्राण प्रत्यावर्तन साधना पर कुछ जानकारी दी गयी है। हो सकता है किसी और पुस्तक या ऑडियो-वीडियो में भी इस महत्वपूर्ण साधना का विवरण दिया गया हो लेकिन जहाँ तक हमारी सद्बुद्धि की सीमा है कोई भी विवरण…
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क्या हम उस inflexion point को अनुभव कर रहे हैं ?
“अगर हम धर्म की रक्षा करते हैं तो धर्म स्वयं हमारी रक्षा करता है”- मनुस्मृति परमपूज्य गुरुदेव की दिव्य पुस्तिका “धर्म की सदृढ़ धारणा” पर आधारित श्रृंखला का पांचवां एवं अंतिम लेख जिसे आदरणीय संध्या कुमार जी की लेखनी सुशोभित कर रही है आपके समक्ष प्रस्तुत है । हमने अपनी सद्बुद्धि से यत्र-तत्र संशोधन कर…
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सही मायनों में धर्मात्मा कौन है ?
“अगर आपका ह्रदय किसी दुःखी को देखकर व्यथित होता है तो भगवान कहते हैं मैंने तुम्हे इंसान बना कर कोई गलती नहीं की है” परमपूज्य गुरुदेव की दिव्य पुस्तिका “धर्म की सदृढ़ धारणा” पर आधारित श्रंखला का चतुर्थ लेख जिसे आदरणीय संध्या कुमार जी की लेखनी सुशोभित कर रही है आपके समक्ष प्रस्तुत है ।…
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“सप्ताह का एक दिन पूर्णतया अपने सहकर्मियों का” 16 अप्रैल ,2022
“सप्ताह का एक दिन पूर्णतया अपने सहकर्मियों का” 16 अप्रैल ,2022 शनिवार की सम्पूर्ण प्रस्तुति अपने सहकर्मिओं का होती है तो हमारा कुछ भी कहना मुनासिब नहीं होता। हम केवल सहकर्मियों द्वारा भेजी गयी contributions को एडिट और compile करके आपके समक्ष प्रस्तुत करते हैं। आज के इस स्पेशल सेगमेंट में 3 सहकर्मियों की contributions …
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धर्म तंत्र की सुरक्षा के लिए भगवान भी दौड़े आते हैं
आज के ज्ञानप्रसाद में असुर तत्व और देव तत्व पर चर्चा करेंगें और देखेंगें कि किस प्रकार इन दो opposite मनोवृतियों के बीच संघर्ष चलता रहता है । असुर तत्व का पलड़ा भारी होने से कौन से घातक परिणाम विकसित होते हैं और समाज का विनाश कैसे होता है। इस स्थिति को धर्म कैसे fix…
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अपनी आत्मा का तिरस्कार मत कीजिये
परमपूज्य गुरुदेव की दिव्य पुस्तिका “धर्म की सदृढ़ धारणा” पर आधारित श्रंखला का द्वितीय लेख जिसे आदरणीय संध्या कुमार जी की लेखनी सुशोभित कर रही है आपके समक्ष प्रस्तुत है । हमने अपनी सद्बुद्धि (अल्प बुद्धि ?) से यत्र-तत्र संशोधन कर इस लेख को रोचक बनाने का प्रयास किया है, आपके कमैंट्स इस बात के…
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धर्म का मूल तत्व क्या है ?
धर्म के सम्बन्ध में कल वाले introductory लेख में हमने लिखा था कि हमारे सहकर्मी बहुत ही सूझवान, शिक्षित एवं अनुभवी हैं और हम सब इक्क्ठे होकर इन लेखों को समझने का प्रयास करेंगें। हमने यह भी लिखा था कि जो बात लेखों में नहीं लिखी जा सकती है, कमैंट्स के द्वारा communicate हो जाती…
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धर्म की परिभाषा क्या है ?
ऑनलाइन ज्ञानरथ परिवार धार्मिक, निष्ठावान सदस्यों का एक बहुत छोटा सा समूह है जिसका धर्म में अटूट विश्वास है। आज जब धर्म में आस्था रखने वालों की संख्या दिन प्रतिदिन घटती जा रही है और ऐसे लोग जो किसी भी धर्म में विश्वास नहीं रखते उनकी संख्या में बढ़ोतरी देखी जा रही है तो धर्म…
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“सप्ताह का एक दिन पूर्णतया अपने सहकर्मियों का” 9 अप्रैल ,2022
एक बार फिर शनिवार का की दिन आ गया है , वह दिन जो केवल अपने सहकर्मियों का ही होता है। अपने सूझवान सहकर्मी अपनी और प्रतिभा को हम सबके समक्ष प्रस्तुत करते हैं। यह प्रयास अभी कुछ दिन पहले ही आरम्भ किया है। इस प्रयास से जहाँ सहकर्मियों को अपनी प्रतिभा उजागर करने का…
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मन के अंदर जमा हुए कूड़े-कर्कट को निकाल फैंकें
परमपूज्य गुरुदेव की लघु पुस्तिका “विवेक की कसौटी” पर आधारित लेखों का यह अंतिम लेख है। इस लेख के अध्यन के उपरांत हमारे परिजनों की विचारधारा में भीषण परिवर्तन आना सुनिश्चित है क्योंकि हम में से बहुत से लोग यह समझ कर चुपचाप बैठ चुके हैं कि This is end of life. But it is…
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क्या हम चुपचाप हाँके जाने वाले पशु हैं ?
आदरणीय संध्या कुमार बहिन जी द्वारा परमपूज्य गुरुदेव की पुस्तिका “विवेक की कसौटी” का गंभीरता से अध्यन करना, अपने अंतर्मन में उतारना, फिर अंतर्मन में उठते विचारों को अपनी लेखनी से व्यक्त करते हुए एक रोचक और ज्ञानवर्धक लेख शृंखला का रूप देना, हमारे द्वारा फिर से अध्यन करना, एडिट करना और अधिक रोचक बनाना,…
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अंधानुकरण सर्वथा अनुचित है
हम दोनों भाई बहिन( संध्या कुमार जी ) अपनी-अपनी समर्था और ज्ञान का प्रयोग करते हुए आपके लिए अद्भुत लेखों की श्रृंखला प्रस्तुत कर रहे हैं, आप इन लेखों का अमृतपान भी सम्पूर्ण श्रद्धा और समर्पण से कर रहे हैं ,इसके लिए आपका ह्रदय से आभार व्यक्त करते हैं। आज के लेख में परमपूज्य गुरुदेव…
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विवेक जागरूकता की कुंजी है
शनिवार को हमने अपने सहकर्मियों को बताया था कि हम परमपूज्य गुरुदेव की दिव्य पुस्तक “विवेक की कसौटी” पर आधारित लेखों की एक श्रृंखला आरम्भ कर रहे हैं। 24 पन्नों की इस दिव्य पुस्तक में हमारे सहकर्मियों को बहुत कुछ मिलने वाला है। पूज्यवर के साहित्य की यही तो विशेषता है कि छोटी-छोटी पुस्तिकाओं में…
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“सप्ताह का एक दिन पूर्णतया अपने सहकर्मियों का” 2 अप्रैल ,2022
कमेंट- काउंटर कमेंट प्रथा जिस उद्देश्य से रचना की गयी थी, वह उद्देश्य पूर्ण होता दिखाई दे रहा है, अद्भुत परिणाम दिखा रहा है। अधिक से अधिक परिजन एक दूसरे से परिचित हो रहे हैं, संपर्क बना रहे हैं, परस्पर सहायता कर रहे हैं। सबसे बड़ा परिणाम जो उभर कर सामने आ रहा है वह…