Month: September 2020
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समयदान ,ज्ञानदान कर, मेरी आरती मत उतार
समयदान ,ज्ञानदान कर, मेरी आरती मत उतार आज का लेख दो वार्तालापों का वर्णन है। एक वार्तालाप गुरुदेव और उनके बच्चों ( हम सब ) के बीच का है और दूसरा लखपतराय और सुल्तानपुर वासियों के बीच का है। गुरुदेव कहते है :” आपको अपने समय का एक हिस्सा अवश्य निकालना चाहिए। यदि आप भगवान…
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शांतिकुंज तो महाकाल का घोंसला है
23 सितम्बर 2020 का ज्ञान प्रसाद , अखंड ज्योति दिसंबर 2002 बात 1989 दिसम्बर की है। गुरुदेव गोष्ठियां कर रहे थे और अपने परिजनों, सहकर्मियों के ऊपर अपना स्नेह अनवरत बिखेर रहे थे। वातावरण में कुछ- कुछ सर्दी का अहसास हो रहा था परन्तु गुरुदेव के स्नेह की गर्मी गोष्ठियों में फील की जा रही…
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सप्तऋषि दर्शन
18 सितम्बर 2020 का ज्ञानप्रसाद – अखंड ज्योति दिसम्बर 2002 आज का लेख युगतीर्थ शांतिकुंज के ” सप्तऋषि क्षेत्र ” पर आधारित है। हर लेख की तरह इस बार भी हम आपको इस क्षेत्र का आँखों देखा हाल ( लाइव कमेंट्री ) प्रस्तुत करने का प्रयास करेंगें। वैसे तो हमारे मन में है कि इस…
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शांतिकुंज के 50 वर्ष पुराने चित्रों पर बनाई वीडियो की पृष्ठभूमि
15 सितम्बर 2020 की प्रातः का ज्ञान प्रसाद ऑनलाइन ज्ञानरथ के सहकर्मियों को हमारा नमन एवं आभार 15 सितम्बर 2020 की प्रातः का ज्ञान प्रसाद ऑनलाइन ज्ञानरथ के समर्पित सहकर्मियों के समक्ष कल वाले लेख में भी लिखा था कि हमारे सहकर्मियों में शांतिकुंज की 50 वर्ष पुरानी फोटो देखने की जिज्ञासा तीव्र होती जा…
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पिसनहारी का कुआँ :
जून 1971 को गुरुदेव मथुरा छोड़ कर शांतिकुंज आ गए। उसी वर्ष गायत्री जयंती वाले दिन अपने अंतिम उद्बोधन में गुरुदेव ने परिजनों को माँ गायत्री के बारे में महत्वपूर्ण ज्ञान दिया। ज्ञान के साथ -साथ गुरुदेव कई प्रकार के उदाहरण दिए जा रहे थे। उस ज्ञान क बारे में तो हम अगले लेखों में…
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युगतीर्थ शांतिकुंज की संक्षिप्त जानकारी एवं महिमा
आज का लेख लिखने के लिए जनवरी 1988 की अखंड ज्योति पत्रिका का सहारा लिया है। जब लिखना आरम्भ किया था तो सोचा था कि शांतिकुंज की सारी जानकारी ” लेखों की शृंखला ” के रूप में दी जाये परन्तु ज्यों -ज्योँ आगे बढ़ते गए तो देखा इस टॉपिक पर तो हमने वीडियो बनाई हुई…