Month: July 2020
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हमारे पूज्य गुरुदेव का प्रकृति से स्नेह – रोते हुए पर्वत
आज हम गुरुदेव द्वारा लिखित बहुचर्चित पुस्तक ” सुनसान के सहचर ” में से एक दृश्य वर्णित करने का प्रयास करेंगें। गायत्री परिवार का शायद ही कोई परिजन होगा जिसने इस पुस्तक का अध्यन न किया हो और उन पलों को गुरुदेव के साथ -साथ हिमालय के बर्फीले पहाड़ों में जिया न हो। हम आज…
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पूज्यवर कैलाश मानसरोवर क्षेत्र में
29 जुलाई 2020 का ज्ञानप्रसाद चेतना की शिखर यात्रा 2 आज का लेख केवल दो पन्नों का है क्योंकि आज ” गुरुदेव की हिमालय यात्रा ” का पूर्णविराम हो रहा है। तो आइये चलते हैं गुरु देव के साथ साथ । गुरुदेव ने मानसरोवर झील के तट पर बैठ कर कुछ देर ध्यान किया और…
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पूज्यवर कैलाश मानसरोवर के क्षेत्र में
27 जुलाई 2020 का ज्ञान प्रसाद चेतना की शिखर यात्रा 2 आज के लेख को हमने दादा गुरु द्वारा दर्शाये गए विराट स्वरुप में सम्माहित विश्व की समीक्षा , गुरु -शिष्य समर्पण और विश्वभर में फैले गायत्री परिवार का मार्गदर्शन करने के निर्देश को आधार बनाया है । लगभग 6 दशक पूर्व दिए गए निर्देशों…
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महाभारत प्रसिद्ध कलाप ग्राम :
गुरुदेव को तपोवन में नए गुरुभाई का सानिध्य प्राप्त हुआ। उनको भी गुरुदेव नें बिना पूछे ही वीरभद्र नाम दे दिया। यह नाम देने के पीछे एक ही कारण है कि पिछली यात्रा में जो प्रतिनिधि दादा गुरुदेव नें भेजा था उसने अपना नाम बताना तो दूर ,वह सारे मार्ग भर मौन ही रहा था…
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निखिल और महावीर स्वामी की कथा (Nikhil)
निखिल की कहानी : गुरुदेव को योगी अकेला छोड़ कर चला गया। गुरुदेव कितनी ही देर प्रकृति का सौंदर्य निहारते रहे। फिर उठ कर चलकदमी करने लगे। अभी तक तो योगी का साथ था ,अकेलेपन का ज़्यादा अनुमान न था। गुरुदेव उठे और चल पड़े। पहाड़ी के नीचे ढलान पर एक झोंपड़ी दिखाई दी। अभी…
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गुरुदेव सुमेरु पर्वत पर
आज के ज्ञान प्रसाद में हम सहकर्मियों के समक्ष अपनी रिसर्च के परिणाम स्वरूप एक वीडियो प्रस्तुत कर रहे हैं। यह वीडियो आज के समय ( 2019 ) की हैं और आप देख सकते हैं कि यह यात्रा और मार्ग जो आज भी इतना कठिन है तो गुरुदेव के समय कैसा होगा। आज कल…
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धोती को आधा फाड़ कर पांव पर बांध लिया।
13 जुलाई 2020 का ज्ञान प्रसाद चेतना की शिखर यात्रा 2 गुरुदेव की हिमालय यात्रा पर आधारित पिछले सप्ताह हमने दो लेख आपके समक्ष प्रस्तुत किये। आज एक बार फिर दो और लेख प्रस्तुत कर रहे हैं। लेख आरम्भ करने से पूर्व हम आपके साथ यह तथ्य शेयर करना चाहेंगें कि गुरुदेव के बारे में…
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कैसा है गुरुदेव का हिमालय :
हम अपने सहकर्मियों को ,ज्ञानरथ के सहकर्मियों को आभास दिलाने का प्रयास करेंगें कि गुरुदेव किन – किन विकट परस्थितियों में हिमालय क्षेत्र में, सिद्ध क्षेत्र में प्रवेश करते रहे। अपनी पुस्तक ” सुनसान के सहचर ” में उन्होंने कई परिस्थितियों का वर्णन किया है ,अगर एक- एक को discuss करना हो तो इसी पर…
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बालक श्रीराम की हिमालय यात्रा
बालक श्रीराम की हिमालय यात्रा : चेतना की शिखर यात्रा 2 गुरुदेव की यह यात्रा उनके स्कूल टाइम की हैं ,आयु कोई लगभग 10 -12 वर्ष होगी। हमारे पाठक इस यात्रा को यथार्थ ( actual ) में न समझ कर केवल indicative ही समझें तो अधिक फीलिंग आएगी। तो कहानी कुछ इस प्रकार है :…
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सजल श्रद्धा- प्रखर प्रज्ञा स्मारकों की उत्पति
May 10,2020 चेतना की शिखर यात्रा 3 ” ” 8 नवंबर 1981 का दिन था । एक बहुत ही महत्वपूर्ण तिथि । देवउत्थान एकादशी – पौराणिक गाथाओं के अनुसार इस दिन भगवन विष्णु चार महीने की निद्रा से जागते हैं । चार महीने की नींद का अपना महत्त्व है । इस अवधि में सभी कार्य…
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नंदनवन से आंवलखेड़ा को वापसी :
गुरुदेव की प्रथम हिमालय यात्रा का यह तृतीय और अंतिम लेख है। पहले लेखों की तरह इस लेख को भी अधिक से अधिक फीलिंग वाला बनाया है। कुछ क्षण तो बिलकुल अविश्वसनीय लगते हैं। जिन लोगों को गुरुदेव की शक्ति का आभास नहीं है वह तो सोचेंगें यह सब मनगढंत है। गुरुदेव के साथ घटित…
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गुरुदेव का साथ जोशीमठ से नंदनवन की यात्रा
ज्ञानरथ के सहकर्मियों का अभिनंदन करके हम आज वाले लेख को आरम्भ करने से पहले 29 जून वाले लेख के साथ कनेक्शन बनायेगें। उस लेख का अंत हमने गुरुदेव के जोशीमठ वापिस आने पर किया था। अंतर्मन से फील (feel ) प्राप्त करवाने के लिए हमने इस लेख में तीन मैप बनाये हैं जिससे हम…