वेदमाता,देवमाता,विश्वमाता माँ गायत्री से सम्बंधित साहित्य को समर्पित ज्ञानकोष

अपने सहकर्मियों की कलम से – 1 अप्रैल 2023 

सप्ताह का सबसे लोकप्रिय सेगमेंट “अपने सहकर्मियों की कलम से” आपके समक्ष प्रस्तुत है।  इसको लोकप्रिय बनाने में जिन जिन सहकर्मियों ने योगदान दिया है उनका ह्रदय से धन्यवाद् करते हैं।  आशा करते हैं कि इस योगदान की प्रथा को आगे भी कायम रखते रहेंगें ताकि हमारे गुरुदेव प्रसन्न होकर अपने अनुदान हम पर बरसाते रहें क्योंकि हमारे गुरु का  सिद्धांत तो बिलकुल ही सीधा और सरल है “तू मेरा कार्य कर और बाकी सब मुझपर छोड़ दे” नमन है ऐसे गुरु को। 

1.आज प्रस्तुत किये जा रहे स्पेशल सेगमेंट में शामिल किया गया प्रज्ञागीत  मंजू मिश्रा जी की   प्रतिभाशाली  बेटी श्रुति मिश्रा जी का अमूल्य योगदान है। बेटी श्रुति को उज्जवल भविष्य के लिए हम सब परिवारजनों की शुभकामना और इस पुण्य कार्य में योगदान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद्।  This file was used as a google drive link which is no longer available.

आइए बेटी के बारे में मंजू मिश्रा जी के शब्दों में ही संक्षिप्त जानकारी प्राप्त करें : 

मेरी पुत्री का नाम श्रुति मिश्रा है।पटना  विश्वविद्यालय से वाणिज्य में स्नातकोत्तर(M.com.) , B.Ed तथा संगीत शास्त्र में भी स्नातकोत्तर है। ICICI BANK   में 5वर्ष तक Dy.Manager रही है।  B.Ed होने के कारण अपनी रुचि का वर्ष 2018 से शिक्षण का जॉब करने लगी।वर्तमान में नागपुर शहर के एक विख्यात स्कूल में +2 की टीचर है।संगीत में विशेष अभिरुचि होने के फलस्वरूप नामचीन मंचों  पर प्रस्तुति दे चुकी है।-धन्यवाद

बहिन जी का शार्ट नोटिस पर respond करने के लिए धन्यवाद् करते हैं 

2.वंदना कुमार बहिन जी का सौभाग्य है कि गुरूदेव की कृपा से मेरे पतिदेव को समयदान,श्रमदान व अंशदान का अमूल्य मौका मिला है। हमारे बगल के गायत्री मंदिर में कल से नवरात्रि की पूजा आरंभ की photo है।

3.प्रेमशीला मिश्रा बहिन जी के अनुसार आज नवरात्रि के समापन अवसर पर हम सबने

अपने प्रज्ञा महिला मंडल में माँ “सिद्धिदात्री की पूजा अर्चना करने के उपरांत प्रभू श्री राम का जन्मोत्सव मनाया प्रस्तुत हैं।  उस आयोजन की कुछ झलकियां शेयर की हैं। बहिन जी ने  कात्यायन ऋषि की पुत्री रूप में जन्म लेकर पिता का गोत्र अपना कर पिता के कुल की रक्षा का संदेश दिया। नवरात्रि का छठा दिन

आज हम सबने अपने प्रज्ञा महिला मंडल में माँ के पुत्री स्वरूप माँ कात्यायनी की पूजा अर्चना कर यज्ञ-आहुति अर्पण कर, आरती की, प्रसाद ग्रहण कर अपने को अनुग्रहित अनुभव किया।सभी कार्यक्रम आदरणीय डॉ० K.C.Sharma एवं आदरणीया पूनम दीदी ने संपन्न कराये। गुरुदेव की कृपा दृष्टि सदैव हम सब पर यूं ही बनी रहे।  “ऊँ श्री गुरुदेवाये नमः”

4.सुजाता उपाध्याय जी की बेटी की घटना : 

नवरात्रि के दिन ही गुरुदेव ने मेरी बेटी को बचा  लिया

रामनवमी के दिन यानि  कल मैं  घर में यज्ञ  कर रही थी।  पूर्णाहुति समाप्त  होने के बाद  बेटी का फ़ोन  आया वो बहुत डरी  हुई थी, बोली कि वह मौत के मुंह पर खड़ी थी उसने यमराज को कुछ सेकंड देखा और जिंदा वापस आ गई।

उसके छात्रावास में बहुत सारे बन्दर रहे हैं। किसी को भी कहीं भी  जहां जाना होता है एक डंडा लेके जाते हे। परीक्षा का समय है , बेटी ने सोचा कि  पढ़ाई करते करते  बहुत सफोकेशन फील हो रही थी  तो कमरे के बाहर थोड़ी घूमने के लिए निकली,  डंडा लेना  भूल गई।  अचानक से एक वानर  आ गया  और उसके ऊपर हमला कर दिया।  वो डर के मारे बहुत जोर से चिल्लाई। वानर थोड़ी  दूर चला गया, फिर न जाने  क्या हुआ, बहुत सारे वानर वहां पर आ गए। चारों  तरफ वानर ही वानर, बीच में मेरी बेटी खड़ी हुई थी। एक दो वानरों ने  तो उसके ऊपर हमला कर ही दिया था।  बेटी बहुत ज़ोर  ज़ोर  से चिल्लाने लगी।  फिर दो तीन लोग डंडा ले कर वहां आए , तब जाकर सारे  वानर चले गए। । हमले की वजह  से उसके कपडे तो फट गए लेकिन गुरुदेव के कृपा से एक खरोंच  तक नहीं आई। उस समय कुछ भी हो सकता था। गुरुदेव ने ही उसे बचाया ये सब उस समय हो रहा था जब मैं घर में यज्ञ कर रही थी। 🙏🙏जय श्री राम 🙏जय महाकाल 🙏

नोट: इस घटना का विश्लेषण एवं प्रतिक्रिया हम पाठकों पर ही छोड़ते हैं। 

5.कुसुम त्रिपाठी जी का गुरुदेव के ऊपर विश्वास 

8 साल पहल में भोजन करके  सोने आ रही थी को 10 बजे, और झमाई  आयी  और

जबडा फस  गया। मेरे पति समझे  कि लकवा हो गया है। परन्तु मैंने  कहा कि  बोल नही 

पाती, इशारे से बताई। मेरा बेटा  रात को गाड़ी से लेकर पूरा शहर आरा में  घूम गया परन्तु

कोई डॉक्टर नहीं दिखे। मुंह खुला ही रह गया, बंद नहीं हो रहा था। 

एक काम हमने बहुत अच्छा किया कि अपने गुरु पर पूरा विश्वास था और रहेगा भी। जो भी वह करेंगें मेरे भले के लिए ही करेंगें। सबसे पहले डॉक्टर तो मेरे आराधय ही हैं। जो पैसे डॉक्टर के लिए रखे थे मेरे पति ने बेटे को दिए उन्हें हमने आराध्य के चरणों में रख दिए। सारी  रात ऐसे ही मुंह खुले रही, गायत्री मन्त्र करती रही। सुबह डॉक्टर ने पटना रेफेर कर दिया।  मुझे बहुत तकलीफ हो रही थी। संयोग था कि एक मामूली से डॉक्टर जो मेरे पति  के दोस्त थे, आ गए। मुझे कहने लगे मेरे साथ कमरे में चलिए। दीवार के साथ खड़े करके मेरा जबड़ा एक तरफ खींचा और मुंह बंद हो गया। मामूली सी दवाई लिखी और कहा कि अब आपको बहुत कम बोलना है। जब उनको पता चला कि मैं गायत्री परिवार से हूँ तो कहने लगे गायत्री परिवार वाले तो बहुत ही बोलते हैं , मैं मूक बनी सिर हिलाती  रही और उनको निहारे जा रही थी, उनमें मेरे गुरुदेव की छवि झलक रही  थी, फिर बोला, आप तो मेरे भगवान है उन्होने कहा  नहीं, मुझे इतनी बड़ी  उपाधी न दीजिये  आज मुझे कहीं  जाना था, मेरी  ट्रेन छूट गई। वे मेरे पति से कह रहे थे कि भगवान  की कृपा है, जो असानी से निपट गया। बहुत से ऐसे केस में  आपरेशन करना पड़ता है। हमारे लिए गुरुदेव  ही सब कुछ हैं । विश्वास, और सोच  में किन्तु परन्तु तो आना ही नही चाहिए। उनके गुण मैं किन-किन शब्दों में बताऊ बस उनकी बताए रास्ते पर चलने की कोशिश  करती रहती हूँ। 

हमारे अरुण हम सब के लिए महान आत्मा के रूप में मिले हैं। सभी भाई बहिन  हीरों के  हार के लडी  में गुथने के लिए अपने को तराश लें, यही पुरुषार्थ करना है। 

मुझे यह  कार्य मिला: आओ गढें संस्कारवान पीढ़ी गर्भोत्सव कार्य।  पता- कुसुम त्रिपाठी – महाराणा प्रताप नगर (आरा) भोजपुर बिहार- कौथोलिक मिशन स्कूल नियर काली मंदिर  Pin- 802301

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अपने  साथियों के योगदान के बाद हम उन सभी सहकर्मियों का धन्यवाद् करना चाहेंगें जिन्होंने हमारे कमेंट का सम्मान करते हुए श्रद्धेय डॉक्टर साहिब की वीडियो को उसी प्रकार देखा जैसे हमने निवेदन किया था। वीडियो अभी भी उपलब्ध है समय निकालकर अवश्य देखें और कमेंट करें ,हम track करते रहेंगें। सभी वीडियोस के लिए कुछ ऐसा ही विचार उठा रहा है ,शीघ्र ही आपके समक्ष रखेंगें।  हमारी इच्छा थी कि उन सभी के विस्तृत  कमेंट आपके समक्ष प्रस्तुत कर दें ताकि उन सभी को प्रेरणा और मार्गदर्शन मिले जिन्हे थोड़ी सी भी हिचकिचाहट अनुभव होती है। कमेंट करना बहुत ही सरल है।रेणु बहिन जी, सुमनलता बहिन जी, अरुण वर्मा जी जैसे अन्य कितने ही साथी हैं जिनके कमेंट पढ़कर हर किसी को मार्गदर्शन मिल सकता है।  इनके कमेंट पढ़कर ऐसा अनुभव होता है कि जितनी श्रद्धा से इन्होने ज्ञानप्रसाद का अमृतपान किया है , हमें भी (लेखक) को भी पीछे छोड़ दिया है, उससे भी बढ़कर, बहुत कुछ नया जानने को मिलता है। हम कमेंट के पीछे क्यों पड़े रहते हैं ? क्या हमारा कोई exam होना है ? अवश्य होना है। और उस exam में हमने केवल उत्तीर्ण ही नहीं होना है ,टॉप ग्रेड भी हासिल करना है। यह हमारे टॉप grades ही हैं कि आपने हमें 23000 के करीब subscribers दिलाए, 200000 से ऊपर views दिलाए , हमें विश्व के कोने कोने तक पहुँचाया ताकि हम हर किसी के ह्रदय में करुणामय गुरु को स्थापित कर सकें और प्रत्येक परिवार में सुखशांति का वास् हो ,स्वर्गीय वातावरण हो। हमारा कार्य केवल देने का है ,मांगते  तो भिखारी हैं। जितना भगवान्  ने दिया है, हम तो उसके भी योग्य नहीं थे।  धन्यावाद, धन्यवाद्  केवल धन्यवाद्। 

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आज की 24 आहुति संकल्प सूची में 4  सहकर्मियों ने संकल्प पूरा किया है और चंद्रेश जी आज फिर गोल्ड मेडलिस्ट हैं  उन्हें हमारी व्यक्तिगत और परिवार की  बहुत बहुत बधाई।  (1) संध्या कुमार-28,(3)चंद्रेश बहादुर-33 ,(3) वंदना कुमार-25,(4) सुजाता उपाध्याय-25 , सभी का धन्यवाद्       

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