अपने सहकर्मियों की कलम से – 18 मार्च 2023: सुजाता उपाध्याय, सरविन्द कुमार और अशोक जी के योगदान


आप  सब के योगदान से शनिवार का यह स्पेशल सेगमेंट लोकप्रियता के शिखर पर है जिसके लिए हम अपने श्रद्धा सुमन और धन्यवाद् अपने साथियों  के चरणों में समर्पित करते हैं। यह वोह सेगमेंट है जिसकी प्रतीक्षा आप सारा सप्ताह तो करते ही हैं लेकिन अपनी छोटी से छोटी बात भी हमारे साथ शेयर करने में झिझकते नहीं हैं, हमारा भी कुछ ऐसा ही हाल है, रात दिन की तो कोई बात ही नहीं है।  जब भी, जिस समय भी आपका कोई भी मैसेज मिलता है उसी समय respond करने का प्रयास करते हैं। 

अन्य सहकर्मियों की भांति अरुण जी और सरविन्द जी के phones में जब भी समस्या आती है, अपनी बुद्धि के अनुसार निवारण का प्रयास करते हैं। आजकल गर्दन की दर्द के कारण हमने  अरुण जी की सक्रियता को कम  करने का निवेदन किया है, उन्होंने निवेदन का पालन कर  जो सम्मान दिया है उसके लिए आभारी  हैं। उनकी कम सक्रियता होने की स्थिति में सारे सहकर्मी जितना पुरषार्थ कर रहे हैं उसके लिए नमन है। सभी से करबद्ध निवेदन है कि इसी प्रकार परिवार भावना बनी रहे ताकि हम एक perfect परिवार का उदाहरण प्रस्तुत कर सकें। 

सुजाता  बहिन जी को याद होगा कि 5 मार्च को उन्होंने हमारे समयानुसार रात 9 बजे मैसेज किया था कि मैं बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी के पास हूँ, क्या यहाँ कोई गायत्री शक्तिपीठ है ? यहाँ लोगों से पूछा, किसी को कुछ नहीं मालुम।  हमने पांच मिंट के अंदर ही गूगल सर्च की और BHU से केवल 1.5 किलोमीटर की दूरी पर ही शक्तिपीठ मिल गया।  हमने गूगल मैप, directions, फ़ोन नंबर इत्यादि सब उन्हें forward  कर  दिया, बहिन जी ने वहां दर्शन किये एवं प्रसन्न होकर ओड़िशा वापिस आयीं। वह अलग बात है कि उनकी तबियत कुछ ख़राब रही। ऐसा है हमारे गुरु का मार्गदर्शन, इसीलिए तो कहते हैं,” तू एक कदम तो उठा …….”

अनिल मिश्रा जी का जन्म दिवस 17 मार्च को था ,उनका मैसेज देर से आया था। सभी परिवारजन उन्हें अपनी शुभकामना भेजते हैं। 

अपने सहकर्मियों की contributions आपके समक्ष प्रस्तुत करने से पूर्व एक निवेदन कर रहे हैं, आशा करते हैं सभी brainstorming चिंतन से समाधान  ढूंढने का प्रयास करेंगें।

“शुक्रवार को  रिलीज़ होने वाली वीडियोस:”

हम जानते हैं कि ज्ञानप्रसाद लेख वीडियोस से अलग हैं, लेख की progress कमैंट्स द्वारा  24 घंटे में प्रतक्ष्य दिखाई दे जाती है लेकिन वीडियोस के व्यूज 24 घंटे में जितने भी आ जाते हैं, वहीँ पर रुक जाते हैं। व्यूज लाने में समय लगता है।  हमारी प्रोफाइल वीडियो जिसे हमारे चैनल खुलते ही दर्शक देखते हैं, दो लाख  से अधिक व्यूज मिल चुके हैं लेकिन बहुत समय लगा था। आप कृपया सुझाव देने की कृपा करें कि यह कैसे सुनिश्चित किया जाये कि वीडियोस को अधिक से अधिक लोग देखें।  हमें व्यूज की गणना की इतनी चिंता नहीं है जितनी गुरुदेव के प्रति सम्मान की है। हमें विश्वास है कि कोई समाधान अवश्य ही सुझाया जायेगा। 

तो आइए तीनों सहकर्मियों के योगदान, उन्ही के शब्दों में ( हमारे द्वारा एडिटिंग के बाद) का अमृतपान करें। 

1.सुजाता उपाध्याय :      

8 मार्च   को में वाराणसी से उड़ीसा के लिए ट्रेन में यात्रा कर रही थी, वहीँ  से मेरी तबीयत ठीक नहीं लग रही थी l कुछ असहज सा लग रहा था फिर आहिस्ता-आहिस्ता बॉडी पेन शुरू  हो गया l दवाई ली फिर भी काम नहीं हो रहा था, फिर मैं  फ़ोन से गुरुदेव की दिव्य वाणी में गायत्री मंत्र सुनने लगीl जैसे कैसे सुबह घर पहुंच गई l मेरे पति मुझे डॉ के पास ले कर गए लेकिन वहां बहुत भीड़ होने कारण ज्यादा देर तक रुक नहीं पाई  और वापिस आ गयी क्योंकि बॉडी पेन के साथ-साथ चक्कर भी आ रहे थे। पहले जो मेडिसिन ले रही थी वही मेडिसिन खा ली, बॉडी पेन थोड़ा कम होने लगा। शाम को अचानक से फिर दर्द शुरू हो गया। इस बार तो मैं पति को बोल भी नहीं सकती थी कि क्योंकि  सुबह में डॉ को न दिखाकर  जो चली आई थी। रात को  को सोने के समय बहुत जोर से दर्द शुरू हो गया तो मैं गुरुदेव से प्रार्थना करने लगी, कब नींद आ गयी पता ही नहीं चला। सपनों में देखती हूँ  कि गुरुदेव के आंखों से एक किरण निकल कर मेरे शरीर  के ऊपर पड़  रही है। गुरुदेव को इस तरह देख कर मेरी आंखों से आँसू निकले जा रहे थे, मेरी आंख खुल गई लेकिन आँसू निकले ही जा रहे थे। कोई विश्वास नहीं करेगा लेकिन मेरी दर्द  बिल्कुल ही खत्म हो गयी थी और मैं बिल्कुल  फ्रेश लग रही थी। मेरे मुँह  से सिर्फ “जय गुरुदेव, जय गुरुदेव” ही  निकल रहा था। सुबह शक्तिपीठ से फ़ोन आया कि आज अंतर्राष्ट्रीय  महिला दिवस पालन होगा क्योंकि  8 मार्च  होली के कारण नहीं हुआ था। मैं काम ख़त्म करके शक्तिपीठ चली गयी। 

यह  थी मेरी अनुभूति।  गुरुदेव अपने बच्चों  को कभी भी दुःख /कष्ट  में नहीं देख सकते।   

गुरुदेव के बारे में, मैं और क्या बोलूं, सभी तो जानते हैं। जय गुरुदेव  

2.सरविन्द कुमार पाल, लीलाधारी परम पूज्य गुरुदेव की लीला अपरंपार है:

हम सरविन्द कुमार पाल संचालक गायत्री परिवार शाखा करचुलीपुर कानपुर नगर उत्तर प्रदेश अपने सहकर्मियों को बहुत ही श्रद्धा व आदर के साथ अवगत कर रहे हैं कि हम अखिल विश्व गायत्री परिवार को 1993 से जानते चले आ रहे हैं और बहुत ही सक्रियता के साथ परम पूज्य गुरुदेव के श्री चरणों में समर्पित होकर निस्वार्थ भाव से आनलाइन ज्ञान रथ गायत्री परिवार में अपनी सहभागिता सुनिश्चित कर रहे हैं। अभी तक युगतीर्थ शांतिकुंज के प्रत्यक्ष दर्शन पाने का सौभाग्य प्राप्त नहीं  हुआ है।  कई बार जाने की योजना बनी लेकिन निरस्त ही होती गई। हम  इसे अपना सौभाग्य समझें  या दुर्भाग्य, लेकिन जाने का सौभाग्य, न मिलने के बावजूद परम पूज्य गुरुदेव की कृपा दृष्टि से मन कभी भी विचलित नहीं हुआ। उसी उत्साह के साथ आनलाइन ज्ञान रथ गायत्री परिवार के माध्यम से परम पूज्य गुरुदेव के आध्यात्मिक व क्रान्तिकारी विचारों को आत्मसात् कर जन-जन तक पहुँचाने का कार्य अनवरत कर रहे हैं और कभी भी मन को दुर्बल नहीं होने दिया है और न ही कभी दुर्भाग्य का रोना रोया।  यह सब परम पूज्य गुरुदेव की प्रेरणा व मार्गदर्शन का ही प्रतिफल है कि  आज सारे विश्व में फैले आनलाइन ज्ञान रथ गायत्री परिवार का हर सदस्य हमें इसी परिवार के माध्यम से जानता है। हमारी एक दिन की अनुपस्थिति भी इस परिवारजनों की  चिन्ता का कारण बन जाती है। हमारे लिए इससे बड़ी सौभाग्य की बात क्या हो सकती है। अंतःकरण से आवाज आती है कि तुम्हें अभी युगतीर्थ शांतिकुंज  में आने की आवश्यकता नहीं है, इस परिवार को तुम्हारी बहुत जरूरत है। विचारों की महामारी फैली है, विचार क्रांति ज़ोरों पर है।   सचमुच में डाक्टर की वहीं आवश्यकता होती है, जहाँ महामारी होती है l 

अभी हाल ही में शक्तिपीठ किदवई नगर कानपुर से Whats app Message आया था कि शक्ति कलश हेतु दिनांक 09/03/2023 दिन गुरूवार को युगतीर्थ शांतिकुंज बस द्वारा चलना है और 12/03/2023 दिन रविवार को वापसी है।आने और जाने की टिकट ₹1250 है l  हम जाने की योजना बनाते रहे लेकिन तब तक दोनों बसों की सीटें  बुक हो गई और हम फिर जाने से वंचित हो गए हैं l यह कटु सत्य है कि जब तक परम पूज्य गुरुदेव नहीं बुलाएंगे तब तक शांतिकुंज जाने का सौभाग्य नहीं मिल पायेगा, हम सबका ऐसा ही  दृढ़ विश्वास है क्योंकि परम पूज्य गुरुदेव को जिसकी जहाँ जरूरत होती है उसको वहीं बुला लेते हैं।

हमें मिशन में जुड़े लगभग 30 वर्ष हो रहे हैं लेकिन अभी तक युगतीर्थ शांतिकुंज  के दर्शन पाने का सौभाग्य प्राप्त नहीं हुआ है आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि परम पूज्य गुरुदेव की कृपा दृष्टि व आप सबके सामूहिक आशीर्वाद से अब जल्द ही युगतीर्थ शांतिकुंज  के दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त होगा l 

लीलाधारी परम पूज्य गुरुदेव की लीला कितनी अपरंपार है उसका  परिणाम हम आपके  सामने हैं। ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार का प्रत्येक सदस्य ऐसे श्रेष्ठ व महान दिव्य आत्मा का शिष्य है जिसकी महिमा को  शब्दों में बांधना असंभव है।  हम सब  बहुत ही भाग्यशाली हैं जिन्हें  इस  गुरुसत्ता का सूक्ष्म संरक्षण व दिव्य सानिध्य अनवरत प्राप्त हो रहा है।  ऐसे गुरु के श्रीचरणों में शत-शत नमन वन्दन करते हैं क्योंकि परम पूज्य गुरुदेव की कृपा दृष्टि व आप सबके सामूहिक आशीर्वाद से आज हम सुरक्षित हैं अन्यथा आप सबके बीच यह स्थूल शरीर ही नहीं होता l ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार के सूत्राधार व संचालक आदरणीय अरुण त्रिखा जी  का बहुत बड़ा योगदान व मार्गदर्शन है और यह हम सबका परम सौभाग्य है l 

परम पूज्य गुरुदेव से  हम आपके अच्छे स्वास्थ्य व उज्जवल भविष्य की शुभ मंगल कामना करते हैं और  कामना करते हैं कि आप और आपके परिवार पर गुरुवर की कृपा दृष्टि  सदैव बनी रहे। 

3.अशोक गुप्ता ,संजना बेटी के पापा,All India Person with Disability:

अखिल भारतीय दिव्यांग सम्मान समारोह, होली मिलन समारोह सह शायरी मुशायरा  पटना के सबसे बड़े मंच बापू सभागार गांधी मैदान पटना में 5 /03 /23 को आयोजित किया गया । इस समारोह में भारत के कोने-कोने से आए दिव्यांग कवियों ने  भाग लिया  जिसमें से मैं सबसे जूनियर कवि था। 15 कवियों की रचनाओं में मेरी रचना को चौथे स्थान से सम्मानित किया गया। गुरु कृपा से प्राप्त हुई इस उपलब्धि से पुरस्कार पाकर मैंने बहुत  गौरवान्वित महसूस किया। मैंने तीन होली गीत गाएं।बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी प्रताप यादव,मंत्री श्याम रजक,विधायक एवं अनेकों गणमान्य व्यक्तिओं  की उपस्थिति में यह समरोह सम्पन्न हुआ । सम्मान सर्टिफिकेट और  momento प्राप्त करते मुझे दौलत से बढ़कर शोहरत प्राप्त हुई। बिहार के 38 ज़िलों से आए  दिव्यांग भाई बहनों को सम्बोधन करने का जो सौभाग्य प्राप्त हुआ, उससे ह्रदय गदगद हो उठा। 

दिव्यांग क्या नहीं कर सकता, उसी भावना को  वर्णन कर रही हैं निम्लिखित पंक्तियाँ :  

“उजरे हुए बगिया को हरा भरा कर सकता हूँ मैं, 

सभी दिव्यांग भाई बहनों के अंधेरे घरों में उजाला कर सकता हूँ  मैं, 

कौन कहता है कि हिमालय पर्वत की  चोटी ऊंची है,

उस चोटी पर तिरंगा फहरा सकता हूँ  मैं” ।

राष्ट्रिय स्तर के इस समरोह से पूर्व  BAPWD द्वारा कृष्ण मेमोरियल हॉल पटना में आयोजित राज्य स्तर के समारोह में गुरु कृपा से  दो पुरस्कार प्राप्त करने का सम्मान भी प्राप्त हो चुका है। 

परम पूज्य गुरुदेव एवं  परम वंदनीय माताजी के चरणों में नमन है जिनके आशीर्वाद से ही यह सब कुछ संभव हो पाया है। हम तो केवल माटी का  पुतला ही हैं । 

कर्म ही धर्म है। हम बदलेंगे, युग बदलेगा हम सुधरेंगे युग सुधरेगा। 

जय माँ गायत्री,जय गुरुदेव,जय विश्ववंदनीय माता जी

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आज की 24 आहुति संकल्प सूची में 10   सहकर्मियों ने संकल्प पूरा किया है, कुमोदनी जी आज फिर गोल्ड मेडलिस्ट हैं।  

(1) सरविन्द कुमार-32,(2 )कुमोदनी गौरहा-47,(3 )सुजाता उपाध्याय-26 (4 ) संध्या कुमार-32 ,(5 ) वंदना कुमार-32 ,(6 ) पुष्पा सिंह-26 , (7 )कुसुम त्रिपाठी-25,(8)राजेश जखमोला-25,(9) संजना कुमारी-25,(10) स्नेहा गुप्ता-24   

सभी विजेताओं को हमारा व्यक्तिगत एवं परिवार की सामूहिक बधाई।

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