परम पूज्य गुरुदेव, वंदनीय माता जी के सूक्ष्म संरक्षण और मार्गदर्शन में 10 सितम्बर 2022 शनिवार का “अपने सहकर्मियों की कलम से” का यह लोकप्रिय सेगमेंट आपके चरणों में प्रस्तुत है। इस सेगमेंट की लोकप्रियता का अनुमान आपके कमैंट्स और कॉउंटर कमेंटस से हो ही जाता है। आपके सुझाव हमारा मार्गदर्शन करने में बहुत ही सहायक होते हैं, निवेदन करते हैं इसी प्रकार अपनी सहभागिता का प्रमाण देकर हमारा मनोबल बढ़ाने का कार्य करते रहें।
ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार (OGGP) समर्पित सहयोगियों का एक बहुत ही छोटा सा परिवार है। सप्ताह के चार दिन -सोमवार से गुरुवार तक चार ज्ञानप्रसाद लेख, शुक्रवार को वीडियो, शनिवार को “अपने सहकर्मियों की कलम से”, हर रात्रि एक शुभरात्रि सन्देश, आपके लिए प्रस्तुत किये जाते हैं। रविवार को बैटरी चार्ज करने के लिए अवकाश होता है। सभी सहकर्मियों के सहयोग और सुझावों की ऊर्जा से यह परिवार अपनी गति से गिरते-उठते अपनी यात्रा पर चले जा रहा है।
पिछले दो हफ़्तों से हम अपने सहयोगियों से ज्ञानरथ को गतिशील करने के उद्देश्य से सुझाव मांगते आ रहे हैं, कुछ सहयोगियों ने सुझाव दिए भी थे कि “ किसी से ज़बरदस्ती तो नहीं की जा सकती”, उनका धन्यवाद् करते हैं। यह बात तो बिल्कुल ही सत्य है, लेकिन चाहे जो कोई भी आंधी तूफ़ान आये, गुरुदेव के दिव्य साहित्य को पढ़ने की,औरों को पढ़ाने की और यह सुनिश्चित करना कि इस दिव्य साहित्य को कितनों ने पढ़ा, हमारा परम कर्तव्य एवं धर्म है। इससे कम में हमारा अन्तःकरण कभी भी मानने वाला नहीं है। हमने यह संकल्प लिया हुआ है कि हम अपने गुरु द्वारा सौंपे गए कार्य को निभाने में कभी भी कोई लापरवाही नहीं बरतेंगे।
अभी कुछ ही दिन पूर्व हमने सुझाव दिया था कि हम एक-दूसरे के कमेंट भी पढ़ा करें, उनके कमैंट्स के ऊपर काउंटर- कमैंट्स करा करें, उनके कमैंट्स की सराहना करें। यह सुझाव मात्र को देने की देर थी कि सभी इसे पूरा करने में जुट गए और परिणाम दिखने भी शुरू हो गए। जहाँ 24 आहुति संकल्प सूची सिकुड़ती -सिकुड़ती केवल एक ही विजेता तक पहुँच गयी थी, उसे ऐसे पंख लगे कि 5 सितम्बर के ज्ञानप्रसाद में 10 सहकर्मी विजेता घोषित हुए और कमेंट्स की संख्या जो कभी 152 तक गिर चुकी थी 434 के शिखर को छू गयी। कल वाली DSVV की वीडियो के रिस्पांस में भी यह लिस्ट 11 विजेताओं को दर्शा रही है। इस दिव्य कार्य में प्राप्त हुई सफलता बहुत ही सराहनीय है, आप सब बधाई के पात्र हैं। इस सफलता का श्रेय केवल हमारे समर्पित, श्रद्धावान सहकर्मियों को ही जाता है। गुरुदेव तो श्रेय देने को खड़े हैं , आप न लेंगें तो कोई और ले लेगा। हमारे अनुसार यह कोई कठिन कार्य नहीं है।
इसी सन्दर्भ में एक और बात सामने आयी है जिसे हम आपके सामने रखना अपना कर्तव्य समझते हैं। अभी एक सप्ताह पूर्व ही कुछ सहकर्मियों के कमैंट्स को केवल 2-3 काउंटर कमैंट्स ही मिलते थे लेकिन आज स्थिति ऐसी नहीं है। कम से कम काउंटर कमैंट्स 7-8 के करीब हैं और उन परिजनों ने भी विस्तृत कमेंट करना आरम्भ किया है जिनके कमेंट केवल “जय गुरुदेव”, दो शब्दों तक ही सीमित थे। इसमें कोई हर्ज़ नहीं है कि कोई परिजन केवल दो शब्द ही लिखते हैं क्योंकि हम तो इन शब्दों में छुपी श्रद्धा को देखते हैं। अपने गुरु का गुणगान ही तो कर रहे हैं, गुरु की जय ही तो बोल रहे हैं। गुरु के प्रति हमारा विश्वास और आस्था तो इस स्तर की है कि यह “जय” गुरु तक पहुँच रही है और गुरु ने हमारे लिए अपने द्वार खोल दिए हैं।
हमें कमैंट्स की इतनी चिंता क्यों है ?
हमारे सहकर्मी यह जानने के लिए स्वतंत्र है कि हमें कमैंट्स की इतनी चिंता क्यों है। इसका एक कारण तो यह है कि हमारा परिवार “शिष्टाचार, आदर, सम्मान, श्रद्धा, समर्पण, सहकारिता, सहानुभूति, सद्भावना, अनुशासन, निष्ठा, विश्वास, आस्था, प्रेम, स्नेह, नियमितता” जैसे मानवीय मूल्यों पर खड़ा है। यह मानवीय मूल्य केवल लिखने और प्रचार करने के लिए नहीं हैं, इनका पालन करना भी हमारा परम कर्तव्य है। तो स्वाभाविक है कि अगर कोई सहकर्मी अपना अमूल्य समय निकाल कर कमेंट कर रहा है तो उसे रिप्लाई करना हमारा कर्तव्य है। यही आदर्श हम सबको एक अटूट दूर से बांधे हुए हैं।
दूसरा कारण यह है कि जब हम किसी यूट्यूब चैनल को विजिट करते हैं तो सबसे पहले उसके subscribers का नंबर देखते हैं और उसके बाद कमैंट्स का नंबर देखते हैं। यह दो parameters चैनल की लोकप्रियता का मापदंड हैं। वैसे तो आज के युग में यह दोनों parameters खरीदे भी सकते हैं लेकिन यदि हमने चैनल को demonetize किया हुआ है तो खरीद का तो प्रश्न ही नहीं उठता। Demonetize का अर्थ है चैनल से कोई पैसा नहीं कमाना। तो आदर्शवादिता से गुरु कार्य करने के लिए सिवाय अथक परिश्रम और समर्पण के और कोई विकल्प नहीं बचता।
इंस्टाग्राम और twitter के युग में लोग रेस्टोरेंट में जाने से पहले तो reviews देखते हैं, तो हमारे चैनल पर लोग तभी आयेंगें अगर सच्ची श्रद्धा झलकती होगी और कोई inflated विज्ञापन नहीं होगा। जहाँ तक कंटेंट का प्रश्न है उसके लिए जो हमसे बन पाता है, हम कोई भी कसर नहीं छोड़ते लेकिन कंटेट भी धरा के धरा रह जाता है जब तक उसे व्यापक सराहना न मिले।
इन्ही पंक्तियों के साथ हम अपने सहकर्मियों से करबद्ध निवेदन करते हैं कि कभी भी किसी भी कीमत पर “मानवीय मूल्यों” का compromise न करें क्योंकि आप ही हमारे open posters हैं ,आप ही हमारे विज्ञापन हैं।
समर्पण का एक उदाहरण आपके समक्ष रखना चाहेंगें :
हमारी सहकर्मी आदरणीय ज्योति गाँधी ने कल हमें व्हाट्सप्प मैसेज करके लिखा “नारी जागरण पर अगर कोई लेख आप भेज सकें तो बहुत कृपा होगी,मुझे समझने और बोलने में मदद मिलेगी।” अपने कार्य की व्यस्तता के बावजूद कुछ ही घंटों में ऑनलाइन रिसर्च करते हुए हमने उन्हें 5 पन्नों का लेख भेजा जिसे पढ़ने ,समझने ,सरल करने आदि में कुछ समय तो लगा ही होगा। केवल एक ही धारणा थी कि यह गुरुकार्य है। उन्होंने सराहना तो की ही लेकिन वाहवाही लूटने के लिए किया गया कार्य निस्वार्थ और निष्काम नहीं हो सकता।
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तो आइये अब point wise चलते हैं अपने सहकर्मियों की ओर:
1.आदरणीय प्रेमशीला मिश्रा बहिन जी ने लखनऊ में हो रहे 108 कुंडीय यज्ञ के बारे में अपडेट करते निम्नलिखित विवरण दिया है:
दिनांक 3-9-2022 हेमन्त नाथ गायत्री प्रज्ञा पीठ L.D.A. सेक्टर जी, सभी चराचर के कर्मानुसार न्यायकर्ता श्री शनिदेव जी महाराज के मंदिर प्रांगण में आयोजित सभा।
विषय:- हमारे लखनऊ में होने जा रहे”108 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ” में होने वाली “आओ गढें संस्कारवान पीढ़ी” की कार्यशाला का प्रारूप और उस प्रारूप के सभी प्रखंडों के उत्तरदायित्वों के कार्यान्वयन,संवहन,एवं निर्वहन, हेतु
बहनों की उनकी योग्यता, क्षमता के अनुसार सभी कार्यों का बंटवारा करके उन्हें सफल बनाने के लिए पूर्ण सजगता के साथ जुट जाने हेतु, प्रोत्साहित करने के लिए। “आओ गढें संस्कारवान पीढ़ी” की प्रमुख आदरणीया पूनम दीदी, रीता सारस्वत, लक्ष्मी जोशी,रानी सचान, पूजा दीदी, एवं महायज्ञ समिति के कुछ भाई लोगों ने आपसी विमर्श के बाद सहमति से सभी को अलग, अलग उत्तरदायित्व सौंप, शांति पाठ कर सभा का समापन किया। गुरुदेव की कृपा दृष्टि हम सब पर सदैव बनी रहे। “ऊँ श्री गुरुदेवाये नमः”
2.कुसुम त्रिपाठी बहिन जी ने देव स्थापना , घर घर गंगे भोजपुर बिहार आरा का अपडेट डेट हुए एक वीडियो भेजी है जिसमें से निकाल कर एक फोटो शेयर कर रहे हैं।
3.आदरणीय साधना सिंह बहिन जी को शिक्षक दिवस पर शाल ओढ़ कर सम्मानित किया गया है। बहिन जी द्वारा संचालित प्रज्ञा बाल विकास विद्यालय की फोटो भी शेयर कर रहे हैं। ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार का प्रत्येक सदस्य बहिन जी अपनी बधाई भेजते हुए गर्व अनुभव करता है।
4.अरुण वर्मा जी का कमेंट : आप स्वयं देखिये गायत्री साधन से कैसे कायाकल्प होता है।
ॐ श्री गुरु सत्तायै नम:ॐ सूर्याय नम:परम पूज्य गुरुदेव परम वंदनीय माता दी एवं माँ गायत्री के श्री चरण कमलों में सत सत प्रणाम परम आदरणीय अरुण भैया जी को नतमस्तक प्रणाम आपने बहुत ही कठिन परिश्रम करके हम सभी के बीच परम आदरणीय चिन्मय पाण्डेय भैया जी का अंग्रेजी भाष्य को हिन्दी में अनुवाद कर बहुत ही सरलता से प्रस्तुत किया है जो हम सभी को इस उद्बोधन का एक एक शब्द समझने में किसी तरह का कोई परेशानी नहीं हुई, आपके इस महान कार्य के लिए जितनी भी प्रशंसा की जाये कम है, आप औनलाइन ज्ञान रथ परिवार के संचालक होते हुए हम सभी के मार्ग दर्शक गुरु भी हैं, आपके सही मार्ग दर्शन ने हमें जीने का तरीका ही बदल दिया, कभी कभी मै यह सोचता हूँ, कि ” आप न मिले होते तो मैं कहाँ होता, इस भरी दुनिया में मैं अकेला ही होता, आप मिल गये तो जन्नत मिल गया, जिसे मैं कभी न देखा , फिर भी उनका स्नेह और प्यार मिल गया ” औनलाइन ज्ञान रथ परिवार के सभी सहकर्मियों को हार्दिक नमन वंदन शुभ प्रभात , औनलाइन ज्ञान रथ परिवार के 24 आहुति संकल्प को पूर्ण करने वाले सभी भाई बहनों को हार्दिक बधाई एवं बहुत बहुत शुभकामनाएं, आप सभी के प्रयास से आज फिर हमें आप लोगों ने गोल्ड मेडल से सम्मानित होने का अवसर प्रदान किया इसके लिए हम तहेदिल से शुक्रगुज़ार हूँ और आपका हृदय से हार्दिक आभार व्यक्त करते हुए परम पूज्य गुरुदेव परम वंदनीय माता दी एवं जगत जननी माँ गायत्री से आपके अच्छे स्वास्थ्य और उज्जवल भविष्य की मंगल कामना करता हूँ, आप हमेशा स्वस्थ रहे खुश रहें जहाँ भी रहे गुरुदेव का प्रेरणा मिलती रहे यही शुभ घड़ी में शुभ मंगल कामना है, परम आदरणीय अरुण भैया जी को बारंबार सत सत प्रणाम जिनके मार्ग दर्शन में हम सभी अपनी प्रतिभा को निखारने में लगे हुए हैं, ऐसे मार्ग दर्शक दिव्य आत्मा को हार्दिक नमन
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आज की 24 आहुति संकल्प सूची :
आज की संकल्प सूची में 11 सहकर्मियों ने संकल्प पूरा किया है। सुमन लता जी 47 पॉइंट्स प्राप्त कर गोल्ड मैडल से सम्मानित किये गए हैं लेकिन अरुण वर्मा और विदुषी बहिन जी भी बहुत ही करीब होने के कारण गोल्ड मेडलिस्ट ही हैं।
(1 )अरुण वर्मा-45,(2)संध्या कुमार-27 ,(3)सरविन्द कुमार -35,(4,(5) विदुषी बंता-42 ,(5 ) राजकुमारी कौरव -27,(6 ) सुमन लता-47, (7 ) रेणु श्रीवास्तव-36, (8 )सुजाता उपाध्याय ,(9 )कुमोदिनी गौरहा-28,(10 ) पूनम कुमारी-28,( 11 )प्रेरणा कुमारी-26
सभी को हमारी व्यक्तिगत एवं परिवार की सामूहिक बधाई। सभी सहकर्मी अपनी-अपनी समर्था और समय के अनुसार expectation से ऊपर ही कार्य कर रहे हैं जिन्हें हम हृदय से नमन करते हैं, आभार व्यक्त करते हैं और जीवनपर्यन्त ऋणी रहेंगें। जय गुरुदेव, धन्यवाद।
इस सूची में बार-बार उत्तीर्ण हो रहे सहकर्मी अमावस की काली रात में टिमटिमाते सितारों की भांति अंधकार में भटके हुए पथिक को राह दिखा रहे हैं। हमारा व्यक्तिगत आभार।