वेदमाता,देवमाता,विश्वमाता माँ गायत्री से सम्बंधित साहित्य को समर्पित ज्ञानकोष

अपने सहकर्मियों की कलम से-27 अगस्त 2022

सप्ताह का सबसे लोकप्रिय सेगमेंट “अपने सहकर्मियों की कलम से” का यह वाला एपिसोड भी बहुत ही लोकप्रिय होने वाला है।  हमारे सहकर्मी इसकी लोकप्रियता को उच्च शिखर पर ले जाने में जो भूमिका निभा रहे हैं उसके लिए हम एक-एक का ह्रदय से नमन तो करते ही हैं लेकिन जिस स्तर के कमैंट्स आते हैं,फ़ोन कॉल्स, वीडियो कॉल्स आती हैं,सुनकर,देखकर कई बार बोलना तो दूर,रिप्लाई करना तो दूर,शब्द ही नहीं सूझते,आँखों से प्रेम की अनवरत धारा बहती ही जाती है। क्या वरिष्ठ,क्या बच्चे; क्या पुरुष,क्या महिलाएं; क्या गृहणियां,क्या नौकरी पेशे वाले सहकर्मी, सभी गुरुकार्य में पूरे समर्पण के साथ जुटे हुए हैं। सभी के हम बहुत ही ऋणी हैं और इस ऋण के भार को उतारने के लिए ही हम आपसे प्राप्त हुई ऊर्जा से अनवरत, कठिन परिश्रम करके आपका आध्यात्मिक एवं प्रकृतिक मनोरंजन करने का प्रयास कर रहे हैं। 

आज के एपिसोड में बहुत सी प्रसन्नता एवं जानकारी की बातें होने वाली हैं, एक-एक करके, शब्द सीमा को सामने रखते हुए संक्षिप्त में सभी का वर्णन करने का प्रयास करेंगें।

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1. सबसे पहले नंबर आता है रथ यात्रा वाली वीडियो का। हमने तो बहुत ही झिझक के साथ यह वीडियो अपलोड की थी क्योंकि  हमारे फॉर्मेट में गुरुदेव एवं गुरुदेव के साथ सम्बंधित विषय ही शामिल हैं लेकिन आपके कमैंट्स इस बात के साक्षी हैं कि अगर हम और भी  छोटी-छोटी वीडियोस आपके समक्ष लाएं तो आपको कोई समस्या नहीं होगी। टेक्नोलॉजी ने जहाँ हमें इतनी सुविधा प्रदान की है कि विश्व के  किसी कोने में भी बैठकर ऐसे ज्ञान का अमृतपान कर सकते  हैं तो इसमें झिझक कैसी। 

जिस प्रकार हमने वार्षिक रथ यात्रा का अमृतपान किया, हमारी लाइब्रेरी में इसी तरह की एक वीडियो विश्व प्रसिद्ध Niagara Falls पर भी शूट की हुई है। Niagara Falls पर्यटन  दृष्टि से विश्व भर में  प्रसिद्ध है लेकिन दिव्य पार्ट के विचार  हमारे अंतर्मन में कई बार उठ चुके हैं। हो सकता है कि परम पूज्य गुरुदेव से इस वीडियो के लिए मार्गदर्शन प्राप्त हो जाए। 

जब वीडियो की बात हो रही है तो रेणु श्रीवास्तव बहिन जी का विस्तार से हम सबको एक-एक शब्द समझाना बहुत ही सराहनीय है। Downtown,Food court आदि शब्दों को explain करना, किसी  योग्य अध्यापक की ही प्रखर प्रतिभा हो सकती है।  शायद बहिन जी अपने समय में टीचर ही हों -हमें कोई ज्ञान नहीं है। धन्यवाद् बहिन जी। 

2. वीडियोस  के सन्दर्भ में ही हम अत्यंत आदरपूर्वक निवेदन करना चाहते हैं कि हमारे चैनल पर ही अपलोड हुई वीडियोस को हम समय समय  पर शेयर करते रहेंगें ताकि और अधिक लोग देख सकें और व्यापक प्रचार प्रसार होता रहे। यह विचार हमें शांतिवन आश्रम की वीडियोस देखने के बाद आया है।  चिन्मय जी की एयरपोर्ट वाली वीडियो के 6400 व्यूज़  हैं और बाकी सभी के व्यूज़ बहुत ही कम हैं। कारण तो कईं हो सकते हैं लेकिन हमारी तरफ से प्रयास की तो कोई कमी नहीं रहनी चाहिए। अपने समर्पित एवं प्रतिभाशाली सहकर्मियों से इस दिशा में सुझावों की आशा करते हैं। 

3. जब हम अपने पिछले लेख का संकलन कर रहे  थे तो नीचे लिखी  पंक्तियाँ अपने अधिकतर सहकर्मियों की याद दिला रहीं थीं :        

“आकाश बहुत बड़ा है पर उसमें सीमित संख्या में ही तारे चमकते दिखाई पड़ते हैं उसी प्रकार अधिकतर जनसमुदाय को पेट-प्रजनन के अतिरिक्त और कुछ सूझता ही नहीं है।  परन्तु जिन पर दैवी अनुकम्पा की तरह प्रखर प्रतिभा अवतरित होती है उनका तो क्रियाकलाप ही हो जाता। यह क्रियाकलाप ऐसा होता है जिसका चिरकाल तक असंख्यों द्वारा अनुकरण अभिनन्दन होता रहता है । भावुकजन इन्हीं को देवदूत, युगअवतार, युगऋषि  आदि नामों से पुकारते हैं, हमारे परम पूज्य गुरुदेव का  साहित्य सत्संग, प्रेरणा एवं  परामर्श आदि द्वारा भी सन्मार्ग पर चलने का मार्गदर्शन मिलता है, परन्तु  वह सब गले उन्हीं के ही  उतरता है, जिनके अन्दर भाव संवेदनाएँ पहले से ही जीवित हैं। उनके लिए थोड़ी सी प्रेरणा भी क्रान्तिकारी परिवर्तन कर देती है। सीप में जल की एक ही  बूंद मोती उत्पन्न कर देती है लेकिन वही बूँद  रेत में गिरने पर अपना अस्तित्व ही गवाँ बैठती है।” 

रेणु श्रीवास्तव जी, सुमन लता जी, संध्या कुमार जी,अरुण वर्मा जी ,सरविन्द जी, विदुषी बंता जी,प्रेरणा बिटिया ,संजना बिटिया, कुमोदिनी गौराहा जी, कुसुम त्रिपाठी जी,राजकुमारी कौरव जी, निशा  भारद्वाज जी,कोकिला बरोट जी ,वनिता पाल जी,सुधा बर्नवाल जी,नीरा त्रिखा जी ,राधा त्रिखा जी एवं अन्य कितने ही समर्पित सहकर्मी हैं जिनके कारण दैनिक 24 आहुति संकल्प सूची कार्यान्वित हो रही है। यही वह विशाल आकाश के सितारे हैं जिनके सामूहिक प्रकाश से अमावस की अँधेरी रात्रि में हाथ को हाथ सूझता है और एक साथी दूसरे साथी का हाथ पकड़ कर आकाश को छूने की प्रतिभा को जागृत कर रहा है। “ साथी हाथ बढ़ाने” के कांसेप्ट को जागृत कर रहा है।  यही वह आकाशीय दुर्लभ बूंद है जिसे उस परमपिता ने  मोती बनने की क्षमता एवं सौभाग्य प्रदान किया है। सभी को हमारा सादर नमन एवं ह्रदय से धन्यवाद् है। 

हम सभी इस बात से भलीभांति सहमत हैं कि सभी दिन एक जैसे नहीं होते हैं। बड़े-बड़े योग्य मूवी डायरेक्टर्स की भी फ़िल्म कई बार पहले सप्ताह में ही फ्लॉप हो जाती है क्योंकि यह जो पब्लिक है, यह सब जानती है। हालाँकि ऐसा  सोचना बिल्कुल बेकार है लेकिन हम कई बार सोचने पर विवश हो जाते हैं कि आज कमैंट्स 200 से भी कम क्यों आये। शायद हमारी सोच 600 जैसे नम्बरों के कारण बनी  हुई है जो कभी शुरू-शुरू में आये थे। इस स्थिति को देखते हुए जहाँ हम अपने लेखों का स्तर  और अधिक उच्कोटि का करने का प्रयास करते रहते हैं, वहीँ उन अमावस की रात के सितारों का नियमित,अनवरत प्रयास भी स्मरण होता रहता है।  

इस स्थिति को देखते हुए हम अपने सभी प्रतिभावान सहकर्मियों को गम्भीरता से चिंतन करने का और सुझाव देने का  निवेदन कर रहे हैं क्योंकि हम इस छोटे से ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार के समर्पित सदस्य हैं। भीड़ इक्क्ठी करने की कभी हमने आशा नहीं की, मिलियन व्यूज़ प्राप्त करने की कभी हमने इच्छा नहीं की, अगर हृदय में कोई भी संकल्प उजागर हुआ है तो अपने गुरु के चरणों की धूलि बनने का ही हुआ है। हमारा यूट्यूब चैनल पूरी तरह से demonetized है जिसका अर्थ है कि हम उससे कोई पैसा नहीं कमा रहे। अगर गुरुकार्य से पैसा कमाया जाये तो धिक्कार है ऐसे कार्य को। अगर हमारे चैनल पर कभी कोई विज्ञापन दिखाई देता है तो वह यूट्यूब की requirement के कारण  है। 

आप सभी से निवेदन कर रहे हैं कि गुरुदेव के साहित्य के प्रचार-प्रसार के मूल्यांकन का 24 आहुति संकल्प के इलावा और कोई  विकल्प हो तो अवश्य बताएं।  मूल्यांकन तो किसी भी हालत में रुकेगा नहीं। यह सुनश्चित तो करना हो होगा कि किस-किस ने इन लेखों को पढ़ा ,कितनो को समझ आया और कितनों ने आगे शेयर किया। 

एक बार फिर अपने सहकर्मी की  वही बात लिख रहे हैं जो पहले भी कई बार लिखी है :

“ आपने लेख अपलोड कर दिया ,आपका काम पूरा हो गया ,आप चिंता क्यों करते हैं कि किसी ने पढ़ा कि नहीं”

यह तो सरासर गुरु के साथ धोखा है, गुरु के साहित्य का अनादर है जो हम सबमें से कोई भी सहन नहीं कर सकेगा। 

इसलिए एक बार निवेदन है कि यां तो 24 आहुति को सक्रियता प्रदान करनी चाहिए यां और कोई विकल्प ढूढ़ने का प्रयास करना चाहिए। 

4 बहुत ही प्रसन्नता का विषय है कि हमारी सबकी अत्यंत प्रतिभाशाली बेटी की एडमिशन देव संस्कृति यूनिवर्सिटी हरिद्वार में लगभग सुनिश्चित ही है। आज दोपहर को उसने  फ़ोन पर बताया कि सब प्रक्रिया सफलता से पूर्ण  हो गयी है और अब केवल मेडिकल होना बाकी है।  आइये हम सब इस बच्ची को अपना आशीर्वाद प्रदान करें ताकि गुरुदेव द्वारा संकल्पित भूमि में वह आने वाले उज्वल भविष्य को अग्रसर हो। 

यही पंक्तियाँ हमारी समर्पित सहकर्मी निशा भारद्वाज जी के बेटे अभिषेक के लिए भी लिख रहे है, उसे भी यहीं पर एडमिशन मिली है ,उसके उज्वल भविष्य की  भी कामना करते हैं। 

5 आज यानि 27 अगस्त को हम अपने जीवन के 70 वर्ष पूर्ण करते हुए आप सबसे आर्शीवाद एवं शुभकामना की आशा कर रहे हैं और एडवांस में धन्यवाद् करते हैं। 

6 आदरणीय राजकुमारी बहिन जी ने गायत्री परिवार करेली नरसिंहपुर की नवनियुक्त अध्क्षय कुमारी प्रतिज्ञा परिहार जी की फोटो शेयर की है जिसे हम आपके साथ शेयर कर रहे हैं। 

7 जीवन में जहाँ इतनी प्रसन्नता है वहीँ दुःख की भी झलक दिखाई  दे ही जाती  है। हमारी भाभी एवं ऑनलाइन ज्ञानरथ गायत्री परिवार (OGGP) की समर्पित सहकर्मी आदरणीय राधा त्रिखा जी के भाई जीवन यात्रा पूर्ण करके सूक्ष्म में विलीन हो गए। भगवान् उनकी आत्मा को शांति दें। 

इसी  विवरण के साथ आज के इस स्पेशल सेगमेंट का समापन आज की 24 आहुति संकल्प सूची के साथ करते हैं। जय गुरुदेव 

कामना करते हैं कि सुबह की मंगल वेला में आँख खुलते ही इस ज्ञानप्रसाद का अमृतपान आपके रोम-रोम में नवीन ऊर्जा का संचार कर दे और यह ऊर्जा आपके दिन को सुखमय बना दे। हर लेख की भांति यह लेख भी बड़े ही ध्यानपूर्वक तैयार किया गया है, फिर भी अगर कोई त्रुटि रह गयी हो तो उसके लिए हम क्षमाप्रार्थी हैं। धन्यवाद् जय गुरुदेव।

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आज की 24 आहुति संकल्प सूची:

आज की संकल्प सूची में उत्तीर्ण हो रहे सभी सहकर्मी हमारी व्यक्तिगत  बधाई के पात्र है। (1 )अरुण कुमार वर्मा -42 ,(2 )सरविन्द कुमार- 25  ,(3) संध्या कुमार-25,(4) रेणु श्रीवास्तव   ने संकल्प पूर्ण किया है। अरुण वर्मा गोल्ड मेडलिस्ट हैं। उनको हमारी व्यक्तिगत एवं परिवार की सामूहिक बधाई।  सभी सहकर्मी अपनी-अपनी समर्था और समय  के अनुसार expectation से ऊपर ही कार्य कर रहे हैं जिनको हम हृदय से नमन करते हैं, आभार व्यक्त करते हैं और जीवनपर्यन्त ऋणी रहेंगें। जय गुरुदेव,  धन्यवाद।   

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