5 फरवरी 2022 का ज्ञानप्रसाद -गुरुदेव के आध्यात्मिक जन्म दिवस पर हमारी अनुभतियों के श्रद्धा सुमन-1
18 जनवरी को हमने अपने सहकर्मियों को निवेदन किया कि 5 फ़रवरी 2022 को परमपूज्य गुरुदेव के आध्यात्मिक जन्म दिवस, वसंत पर्व पर अपनी अनुभूतियाँ समर्पित कर गुरुदेव के चरणों में श्रद्धा सुमन अर्पित करें। हमारे निवेदन को भरपूर सहयोग मिला जिसके लिए हम सभी का ह्रदय से आभार व्यक्त करते हैं। आज भी पिंकी बिटिया ने कमैंट्स में अपनी अनुभूति निम्नलिखित पंक्तियों में व्यक्त की है:
“आदरणीय पापा जी के जीवन में बहुत ही कष्टदायक उतार-चढ़ाओ आए लेकिन परम पूज्य गुरुदेव की कृपा दृष्टि से हम सब बच्चे सकुशल हैं और परिवार में सुख-शांति है l हम अल्प बुद्धि बच्चों की यही अनुभूतियाँ हैं l धन्यवाद l जय गुरुदेव “
अनुभूतियों का सिलसिला आने वाले लेखों में चलता रहेगा, अगर किसी को भी कोई अनुभूति लिखने की प्रेरणा मिले तो उसका हम हृदय से स्वागत करते रहेंगें।
सभी जगह वसंत पर्व का उल्लास छाया हुआ है। युगतीर्थ शांतिकुंज से अनवरत जानकारी पोस्ट हुए जा रही है। रात को गायत्री शक्तिपीठ मस्तीचक से चिरंजीव बिकाश शर्मा ने वीडियो द्वारा पूर्व संध्या के दृश्य दिखा कर मन प्रसन्न कर दिया। प्रातः मृतुन्जय तिवारी भाई साहिब ने कुछ क्लिप्स भेजे। परमपूज्य गुरुदेव के शिष्य शिरोमणि शुक्ला बाबा के सूक्ष्म संरक्षण में अखंड ज्योति नेत्र हस्पताल की प्रतिभावान बेटियों को देखकर ह्रदय में प्रसन्नता की लहर दौड़ गयी। हमारी सबकी स्नेहिल बेटी संजना ने अपने घर पर हुए सत्संग के कुछ क्लिप्स पोस्ट किये। बहुत सा धन्यवाद्। प्रेमशीला मिश्रा बहिन जी ने 24 घण्टे का अखंड जप एवं वसंत पर्व पूजन की सूचना दी। पिंकी बेटी ने तीसरे वर्ष 40 दिन का अनुष्ठान आरम्भ किया है।
ऑनलाइन ज्ञानरथ परिवार की और से इन सभी सहकर्मियों को ढेर सारी शुभकामनायें। परमपूज्य गुरुदेव सूक्ष्म संरक्षण प्रदान करें , ऐसी गुरु सत्ता से प्रार्थना करते हैं।
अनुभूतियों की श्रृंखला में आज प्रस्तुत हैं चार बहिनों के अनुभव :
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1. साधना सिंह:
बात 2007 की है जब शांतिकुंज में झारखंड और बिहार का महिला प्रशिक्षण चल रहा था प्रशिक्षण में 1 दिन दीप यज्ञ का कार्यक्रम करना था सो मेरी भी इच्छा हुई कि मैं भी स्टेज पर कार्यक्रम कराऊ मैं भी अपना नाम लिखवा दी। इससे पहले मैं कभी स्टेज पर कार्यक्रम नहीं करवाई थी मुझे चंदन धारण का मंत्र बोलना था और उसका अर्थ बताना था मुझे अंदर से बहुत डर लग रहा था फिर मैं सजल श्रद्धा प्रखर प्रज्ञा पर गई और गुरुदेव से प्रार्थना की गुरुदेव आप मेरी आवाज बन जाएं। जब कार्यक्रम हुआ तो माइक से लग रहा था जैसे वह मेरी आवाज नहीं था जब कार्यक्रम खत्म हुआ तो बहुत सारी दीदी बोलने लगी कि आपका आवाज तो कमाल का था आप तो गजब का बोल रही थी । तब से आज तक मैं जब भी माइक पर बोलती हूं तो गुरुदेव और अपने गायत्री परिवार के बारे में कम से कम आधा घंटा तो बोल ही लेती हूं। यह है मेरा गुरुदेव के साथ लगाव और अनुभुति।
2. कमोदिनी गौरहा :
जब भी कभी मुझे डर लगता है तो ऐसी अनुभूति होती है जैसे गुरुवर मेरे सिर पर हाथ रख कर कह रहे हैं “बिटिया रानी तुम काहे डर रही हो तुम्हारे पिता तुम्हारे पास हैं न, रात मे जब तुम सोती रहती हो तो मै तुम्हारे घर की रखवाली करते रहता हूँ।” सचमुच मुझे अकेले रहते हुए 11साल हो गये हैं , अब न कभी कोई डर लगता है, न किसी प्रकार का कोई भय। अपने महाकाल को, अवतारी गुरुवर को, अपनी जिम्मेदारी सौप कर निश्चिन्त जीवन जी रही हूँ।
2001 में मेरी दो बहनों की शादी हुई थी। छोटी बहन की बारात पहले आयी। बराती लोगों ने नास्ते की इतनी बर्बादी की कि दूसरे बारातीयों के लिए थोड़ा सा नास्ता ही बचा। मेरी मॉ डर गयी क्योंकि पहली बहन की बिदाई के तुरन्त बाद दूसरी बारात आने वाली थी। पिताजी से मॉ पुनः नास्ता बनवाने को बोली। सामने ही गुरुदेव, माताजी गायत्री मॉ की प्रतिमा थी, उधर उंगली बताते हुए पिताजी बोले: “घबराती क्यों हो, यह है न।” आप लोगो को यकीन नही होगा भाई साहब सब बाराती खाकर चले गए, मॉ ने सब मेहमानो को भी 3-3 किलो के डिब्बा में भर-भर कर मिठाई दी। अन्त में मॉ बोलती है इसमे तो बहुत कम दिखाई देता है, पर जितना निकालो उतना ही है। अब इसको दूसरे डिब्बा मे खाली करती हूँ। भाई साहब शादी समाप्त हो जाने के बाद जब बड़े डिब्बे से मिठाई को छोटे डिब्बे मे डाला गया तो मिठाई के कहीं 10 पीस बचे थे, तो कहीं 15 पीस , तो पिताजी मॉ से बोले जब पहली बरात के जाने के बाद तुम पुनः मिठाई बनवाने को बोली तो बड़े डिब्बे मे उतनी ही मिठाई थी जितनी छोटे डिब्बे में से निकली है ।गुरुदेव की कृपा से मिठाई बढ़ती गई और दोनो बरातियो के लिए कम नही हुआ बल्कि मेहमानोन के लिए भी पूरी हो गया
3.मृदुला श्रीवास्तव :
भैया जी प्रणाम,गुरुदेव की अमृत वाणी, प्रत्येक अखंड ज्योति के अंक में मन मस्तिष्क को झकझोर के रख देती है। मानस पटल पर छा जाती है। कुछ तो ऐसा व्यक्तित्व है परम पूज्य गुरुदेव का।
जब उनकी वाणी में गायत्री मंत्र सुनती हूँ तो, बहुत ही करूण पुकार लगती हैं, जैसे अंतरतम में बहुत दर्द छिपा हो। माँ को भाव विव्हाल होकर पुकारते हैं। यदि हम सब के अंदर भी कुछ अंशों में भाव जागृत हो जायें तो, माँ जरूर हमारी सुनेंगी। विश्व के कल्याण के लिए,धरती माँ की रक्षा हेतु। जब गुरुदेव ने जोड़ा अपने से सिर्फ पाँच बार गायत्री मंत्र बोलने का संकल्प कराया। मुझे आश्चर्य होता है कि, वो जीवन में कष्ट से बचाता चला ही गया।
घटना जीवन के उन दिनों की है जब मुझे बड़ी माता जिसे चेचक कहते हैं निकल आई थी, सिर मे बहुत दर्द था और आँखों से लगातार आँसू बह रहे थे। आँखे बंद कर गुरुदेव को याद करने लगी।
तभी एक ज्योति दिखाई दी। वह ज्योतिपुंज मेरी आँखों में आना चाहती थी और मैं हृदय में बसाना चाहती थी। अंत में वह आँखों में समा गई और दूसरे दिन बहुत ही हल्का महसूस कर रही थी। बाद में समझ आया कि ये तो गुरुदेव ने मुझे नेत्र ज्योति दी है।
दूसरी घटना मेरी बड़ी बेटी आस्था के साथ हुई जब वह कक्षा 6 में पढ़ती थी। इंटरवल मे पानी पीने ग्राउंड फ्लोर पर आई। ऊपर कहीं से एक बंदर आ गया। ऊपर से सारी लड़कियाँ नीचे भागी।आस्था नीचे से अपनी कक्षा में जाने के लिए चढ़ी कि ऊपर से सारी लडकिया धक्के खा कर गिरती गई। सबके नीचे दबी आस्था साँस नहीं ले पा रही थी। पता नही पंद्रह बीस बच्चों के नीचे दबी हुई थी, बहुत समय लग गया नॉर्मल होने में। स्कूल में doctor के देखभाल में थी। जीवन का एक एक पल अनुभव करें तो महसूस होगा कि गुरुवर बिना जीवन अधूरा सा है। बिना उनके एक कदम भी चलना मुश्किल है। भैया जी ये जीवन के उद्गार है गुरुदेव लिए, यदि वसंत पर्व के लिए उचित हो तो शामिल कर लीजियेगा। कोशिश की है छोटे में ही भाव स्पष्ट हो जाये।
जय गुरुदेव सर्वे भवन्तु सुखिनः, सर्वे संतु निरामया।
4 .प्रेमशीला मिश्रा :
अप्रैल 2021 की अनुभूति: मेरा भतीजा रविप्रकाश मिश्रा , बैंक आफ बड़ौदा रायबरेली में जनरल मैनेजर पोस्टेड है। उसकी पत्नी ज्योत्स्ना मिश्रा को 3 अप्रैल को बुखार आया और गला चोक हो गया रायबरेली में डाक्टर बोले कोरोना पाॅजिटिव हैं और लखनऊ लेकर जाइये, यहां इलाज नहीं हो सकता अब समस्या यह आ गई कि लखनऊ का सीएमओ बोला रायबरेली के सीएमओ लिखकर दें तभी लखनऊ में ले सकते हैं । पूरा परिवार एकदम से परेशान हो गया और बहू की हालत बिगडने लगी हमने फोन किया तो मेरा भतीजा फूट-फूट कर रोने लगा, वहां पर परिवार का और कोई नहीं था, वही दोनों पति-पत्नी और उनकी आठ साल की बच्ची थी। सब तरफ कोशिश की जाने लगी। दिन के 11 बजे थे हमने एक दीपक जलाया और परिवार सहित बैठ गये गुरुदेव की शरण में, छोटे बच्चे भी जप करने लगे। शाम के 5 बजे बहू पीजीआई लखनऊ में भर्ती हो गई और हमारा चौबीस हजार का जप रात 8 बजे पूरा हुआ। बहू की हालत सुधरने लगी। हम लोगों ने अत्यंत करुण पुकार लगाई और दूसरे दिन बहू की हालत काफी बेहतर हो गई। हमने कहा धन्य हो गुरुवर अपनी कृपा दृष्टि बनाये रखो। एक सप्ताह में एकदम स्वस्थ होकर बहू घर आ गई। इससे बड़ी अनुभूति क्या बताऊं। गुरुदेव को बारम्बार प्रणाम।
मस्तिष्क की शक्ति को पहचानने के लिए ही गुरुदेव ने “आओ गढ़े संस्कारवान पीढ़ी” के अन्तर्गत तीन संस्कार की प्रक्रिया आरंभ की है जो कि हम बहनें बहुत ही मेहनत के साथ कुछ लोगों को समझाने में सफल हुई हैं । अभी हमने अपनी बेटी का पुन्शवन संस्कार करवाया है। इसमें गुरुदेव बताते हैं कि बच्चा एकदम वैसा ही पैदा होगा जैसा मां चाहेगी । डाक्टर इंजीनियर, साधू सन्यासी या फिर राजभोग करने वाले आई एएस पीसीएस अधिकारी सब कुछ मां की विचार शक्ति पर निर्भर करता है। हम बहनें गुरुदेव का संदेशा ले जाते हैं अपनी छोटी बुद्धि में जितना समझ आता है उतना समझाने की पूरी कोशिश करते हैं। धन्यवाद जय गुरुदेव जय माताजी
हर बार की तरह आज भी कामना करते हैं कि प्रातः आँख खोलते ही सूर्य की पहली किरण आपको ऊर्जा प्रदान करे और आपका आने वाला दिन सुखमय हो। धन्यवाद् जय गुरुदेव
कंटेंट को बड़े ही ध्यानपूर्वक एडिट किया गया है, फिर भी अगर कोई त्रुटि रह गयी हो तो उसके लिए हम क्षमाप्रार्थी हैं।
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24 आहुति संकल्प सूची :
4 फरवरी 2022 के ज्ञानप्रसाद का अमृतपान करने के उपरांत परिवार के 8 समर्पित साधकों ने 24 आहुतियों का संकल्प पूर्ण कर हमारा मनोबल बढ़ाने का परमार्थ परायण कार्य किया है। इस पुनीत कार्य के लिए सभी युगसैनिक बहुत-बहुत बधाई के पात्र हैं और हम कामना करते हैं और परमपूज्य गुरुदेव की कृपा दृष्टि आप और आप सबके परिवार पर सदैव बनी रहे। वह देवतुल्य युगसैनिक निम्नलिखित हैं :
(1 )डॉ अरुण त्रिखा-29 ,(2 )अरुण कुमार वर्मा -36 ,(3 ) प्रेरणा कुमारी -25 ,(4 ) संध्या कुमारी-26,(5 ) पिंकी पाल-28, (6 ) रेनू श्रीवास्तव-27,(7 ) संजना कुमारी -25,(8 ) सरविन्द कुमार -26
आज के 24 आहुति संकल्प में अरुण वर्मा जी 36 अंक प्राप्त कर विजेता हैं। तीनो बेटियां प्रेरणा, संजना और पिंकी संकल्प पूरा करने के कारण अपनी श्रेणी में 100 % विजेता हैं। हमारी व्यक्तिगत और परिवार की सामूहिक बधाई स्वीकार करें ।